इस विवाद की जड़ है महाराणा भगवत सिंह जी जिन्होंने बिना कुछ सोचे समझे रीती रिवाज़ से परे जाकर ट्रस्ट निर्माण कर ट्रस्ट का एग्जिक्यूटर अरविन्द सिंह जी साहब को बनाया! वैसे राजा का मनोनयन राव और उमराव ही मिलकर सर्व सम्मती से करते है........... और पूर्व महाराणा श्रीजी हुजूर महेंद्र सिंह जी को सर्व सम्मती से महाराणा घोषित किया गया था........ जो सही था और दिनांक 25/11/24 को गढ़ चित्तोड़ मे राज तिलक भी सही है!
चित्तौड की की गददी पर इतिहास गवाह है हमेशा द्वंद रहा है मगर यह सत्य है कि जेष्ठ पुत्र ही हमेशा गददी का उत्तराधिकारी रहा है और मेवाड की जनता हमेशा उसके साथ रही है ।
इस विवाद की जड़ है महाराणा भगवत सिंह जी
जिन्होंने बिना कुछ सोचे समझे रीती रिवाज़ से परे जाकर ट्रस्ट निर्माण कर ट्रस्ट का एग्जिक्यूटर अरविन्द सिंह जी साहब को बनाया!
वैसे राजा का मनोनयन राव और उमराव ही मिलकर सर्व सम्मती से करते है........... और पूर्व महाराणा श्रीजी हुजूर महेंद्र सिंह जी को सर्व सम्मती से महाराणा घोषित किया गया था........ जो सही था और दिनांक 25/11/24 को गढ़ चित्तोड़ मे राज तिलक भी सही है!
चित्तौड की की गददी पर इतिहास गवाह है हमेशा द्वंद रहा है मगर यह सत्य है कि जेष्ठ पुत्र ही हमेशा गददी का उत्तराधिकारी रहा है और मेवाड की जनता हमेशा उसके साथ रही है ।
Aap hi raja hoge
Vaisyat to lakshya raj ke name h
Isko gaddi ki bhukh hai😅