I am a good Sudra & I first time heard this interpretation of Veda & Geeta and I am fully convinced on this => "Karm se aapka agle Janam mai Varna milta hai and Janam se hi apka Karm decide hota hai"..🙏
Kya baat karte ho aaj bhi parampara ko manne wale sudra hai?? Ab bahut bahut bahut kam sudra bache he jo is science ko samjhte hai Wo sab Vyawaharik politics wala system ko. Hi samajhte hai
आज तो शंकराचार्य🙏🏻🙏🙏🏼 जी का माइक डिवाइस बहुत अच्छा था। इसके लिए मैं प्रबन्धक टीम का बहुत बहुत धन्यवाद ❤️🙏🏻 करता हूं। इससे पूर्व मैंने कई बार पूज्य गुरुदेव जी के प्रवचन सुने हैं परन्तु अवस्था के कारण धीमी आवाज होने के कारण मुश्किल से सुन पाते थे परन्तु आज माइक्रो डिवाइस या तो सही 👍लगा था या सुपीरियर👌 लगा था। मैं पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के चरणों में सिर रखता हूँ। 🌺द्वारका आम्नाय पीठ के सभी सदस्यों के प्रति कृतज्ञता 🙏🏼 प्रकट करता हूंँ 🌷🙏🏼।
मैं रेखा मुखर्जी बड़े गुरुदेव जी के चरणों में कोटी कोटि प्रणाम मेरा गुरुदेव जी के दर्शन की बहुत ज्यादा अभिलाषी थी ,,बहुत समय के बाद मैं धन्य हुईं ,,ॐ गूँ गुरूभ्योय नमः,, जय जय जय गुरुदेव दया करो ,,
लगता है तुम महाराज श्री से भी ज्यादा विद्वान हो शास्त्रो का बहुत अध्ययन है तुम्हारे जीवन में 4 ved 6 शास्त्र 108 उपनिषद 18 पुराण। Sab घोट कर पी गए हो तुम। मनुस्मृति भी पूरी पढ़ ली तुमने।
@@laljisingh1707 तुम्हारे नाम के साथ सिंह लगा है सिंह क्षत्रिय जाति का प्रतीक है लेकिन तुम्हारे भाषा शैली वक्तव्य से नहीं लगता है कि तुम क्षत्रिय हो कि जगतगुरु शंकराचार्य की पीठ हमारे भारत में विशेषता हिंदू धर्म में सर्वमान्य पीट है और उस पर विराजित शंकराचार्य को तुम मूर्ख बता रहे हो मूर्ख हो नहीं मूर्ख तुम हो तुम्हें शास्त्रों के बारे में पता नहीं पहले वेद पुराणों को पढ़िए तब महापुरुषों पर टीका टिप्पणी कीजिए भगवान श्री कृष्ण गीता में बोले हैं की चतुर्वर्ण मैंने बनाया है सतयुग त्रेता द्वापर में कर्म के आधार पर जाती मानी जाती थी कलयुग में जन्म के आधार पर ही जाती मानी जाएगी ऐसा मनु स्मृति में पुराणों में वर्णित है कृपया पुराणों को पढ़िए फिर टीका टिप्पणी महापुरुषों पर करिए नाम के साथ सिंगलगा है अपने नाम को जाति को कलंकित मत करिए
आचार्य महाराज ! " ब्राह्मण कोण है ? " शास्त्र कहता है , ' ब्रह्म जाना ती, सा ब्राह्मणा '. जो ब्रह्म जानता वो ब्राह्मण होता है | ब्राह्मण जातीमे जन्म लेणेसे कीई ब्राह्मण होता नही |
स्वामी जी के श्री चरणों में नमन।स्वामी जी ब्राह्मण परिवारों ने अपने सारे तौर तरीके बदल दिए हैं।आजकल अंडा,मीट,शराब सबका सेवन करने लगे हैं।ढूंढने पर बड़ी मुश्किल से सही लोग मिलते हैं।भूल।गए सब कुछ।
नमः शिवाय आप स्वयं शिव स्वरूप है आपको कोटि कोटि प्रणाम , भारतवर्ष के राजा शंकराचार्य जी ही हैं । सनातन धर्म के मंत्री प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति स्वयं शंकराचार्य जी ही है , प्रभु सनातन धर्म का उत्तथान कीजिए 🙏🔱🚩
भगवान के चरणों मे पुन: कोटी कोटी वंदन भगवन- केवल देहधारी ब्राहमण् ही यदि सन्यास का अधिकारी है तो फिर गीता मे भगवान श्रीकृष्ण मधुसूदन ने यह कैसे कह दिया की सन्यासी वह नही जिसने घर गृहस्थी की त्याग किया हो या जो भगवा वस्त्रधारी हो सन्यासी वह है जिसने कर्मफल का त्याग किया है जिसने संसार के प्रति अपनी आसक्ती का त्याग किया है और जिसने कर्तापन के अभिमान का त्याग किया है क्योकि संकल्पो न त्यागने वाला कोई भी पुरुष सन्यासी नही हो सकता। योगी नही हो सकता।
ईश्वर की क्रपा से आत्मा अपने पूर्व जन्म में किये गये कर्मों के अनुसार ही नव जीवन योनि प्राप्त करती हे। विचार करें कि हमारा जन्म नेहरु मुलायम सिंह यादव मायावती कल्याण सिंह टाटा विरला अदानी अंबानी परिवार में क्यों नहीं हुआ ।कुछ लोग जन्म से ही महान होते हैं, कुछ लोग अपने कर्मो से महान बनते हैं ।यह बहुत ही गूढ रहस्य हे जिसे किसी सच्चे सन्यासी जन से ही जाना जा सकता हे ।
@@krishnadutta7383 लगता है तुम महाराज श्री से भी ज्यादा विद्वान हो शास्त्रो का बहुत अध्ययन है तुम्हारे जीवन में 4 ved 6 शास्त्र 108 उपनिषद 18 पुराण। Sab घोट कर पी गए हो तुम।
@@human9164 moksha is crap. who knows what happens after death. who want moksha in 21 century. everyone wants the good life.i agree brahmin are more intelligent but it not any miracle by god but it is a curse by god because caste barrier created by geeta and manusmurti caused less intelligent DNA passing to sc-st. more intelligent DNA to brahmin cause it is more likely that brahmin kids have intelligent parents than other backward caste. it is injustice in hinduism
हर एक मनुष्य में चारों वर्ण होते हैं , मस्तिष्क - ब्रह्म हाथ - क्षत्रिय उदर - वैश्य पैर - शुद्र और शुद्र कर्म के निंव होते है, इसलिए ब्रह्म, क्षत्रिय और वैश्य सभी शुद्र के आगे (यानी) पांव मे झुकते है..
@@laljisingh1707 tum jaa ke Maulana ya paadri se gyan lo. woh tumhare liye jyada gyani honge. Hum toh Brahmin se hi ved ka gyan samjhenge. And the good thing is we are allowed to ask any question untill our doubts are cleared with full satisfaction.
बाबा जी प्रभु प्राप्ति के लिए भक्ति करते हैं बही असली ब्राह्मण हैं। जो फौज पुलिस में चले जाते हैं वह ही असली छत्री हैं। जो व्यापार बैंक का काम करते है वह वैश्य हैं। जो हाथ पांव का काम करते हैं शूद्र हैं। प्रवृत्ति तथा स्वभाव से । जन्म से जाति नहीं होती।
Dhurt logo ne jati pati banai taki iski dukan chal sake. Abhi ke samay me jisko ye baba brahman keh raha hai wo sabse bra abhi papi ho gya hai isiliye karma se brahman brahman means-gyani. Pandit means pavitra aatma. Aaj kitne brahmno ki aatma pavitra hai sab chhaliya, dhurt, thug hokar,meat madira aur sansarik sukh ko bhogne me lipt hai isiliye aise log brahman nhi kaha jaa sakta hai.
Toh fir janm se jo shudra hai usko reservation kyu milti hai? Karm se jo Brahman nahi woh bhi toh shudra hua. Usko kyu reservation nahi milegi? Janm ke aadhaar par hi kyu government cast certificate issue karti hi? Karm ke aadhaar par kyu nahi?
ब्राह्मण कोई जाति नहीं वरन एक वर्ण हैं, जो ब्रह्म का ज्ञान रखता है सत्विक्त जीवन जीता हैं और काम क्रोध मद लोभ मोह धन से विरक्त होकर भिक्षावृत्ति से जीवन जीता हैं वहीं ब्राह्मण हैं बाकी सब ढोंग।
मैं नीमा आप जो मेरे सदगुरु भगवान हैं के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन कोटि-कोटि वंदन कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं 🙏🙏 बड़े महाराज जी के श्री चरणों में आपके माध्यम से नतमस्तक हो कर प्रणाम करती हूं 🙏🙏
दिलेले उपदेश प्रथम ब्राह्मणांनी कठोर आचरणात आणावेत व आदर्श समाजासमोर ठेवावा हिंदु धर्म कडे कोणीही वाकडे नजरेने पाहणार नाही जगत गुरू आपले वाणी मुळे माझे कल्याण झाले मी ब्राह्मण नसताना मी क्षत्रीय आहे पण मी आपले शतशः रूनी आहे आपण आपण अगदी प्रखर पणे मांडता पण समाज तेचा अर्थ वेगळा काढतो पण सत्य असते तेच उपदेश असतात जगतगुरू साष्टांग दंडवत
Insano nai banaya hai to bhgvan nai jin logo ko adhikar samjh ke gyaan diya jo ki hamare rishi muni rahe hai vo bhgvan ke adesh se hi chale hai or unke dwara hi samast sastra ved nirmit hue bhgvan ke adesh anusar to use bhgvan ka na maankar insan ka kahna badi choti or giri soch ka parichay dete hai esa kahne vale jo sastro or dhram par or unke niyamo pe saval uthate hai Shree SitaRam❤
किसी इश्वर की कृपा से कोई ब्राह्मण नहीं हो जाता ! महाभारत में ब्राह्मण की परिभाषा में बहुत बढ़िया कहा है- जितेंद्रिय धर्मपर: स्वाध्याय निर्त:। काम क्रोधो वसो यस्य तम देव: ब्राह्मणम् विद।। अर्थात् : जिसने इंद्रियों को जीत लिया है, धर्म परायण है, स्वाध्याय निरत है उसे सज्जन लोग ब्राह्मण कहते हैं।
Brahman se puja bhi karwaate ho fir thagne kaa aarop bhi lagaate ho . Kyon pujaa karwaate ho rar rarpani batiyaate ho rar. Brahman pariwaar me janm lene waalo me paariwaarik sanskaar hota hai.. Jo iis pariwaar me janm letaa hai usmewaisaa hi sanskaar hotaa hai.ISILIYE JAATI JANM SE HOTAA HAI.
@@ajayjha8153 वैदिक वर्ण व्यवस्था कर्म को लेकर है ना कि जन्म से कोई ऊंचा नीचा होता है चारों वेदों वेदांगों, सूत्र ग्रंथ एवं उपनिषद आदि किसी भी ग्रंथ में यह नहीं लिखा है कि कोई जन्म से ब्राह्मण होता है। सभी मनुष्य समान हैं किंतु गुणों की पूजा सब जगह होती हैं आदमी का आचरण श्रेष्ठ होना चाहिए यही सार है। क्योंकि नारद, व्यास, वशिष्ठ, विश्वामित्र इत्यादि 50 से भी अधिक ऋषि हुए हैं जो पूज्य हैं किंतु यह सभी जन्म से ब्राह्मण नहीं थे।
Bina bhgwan ki kripa k indriyon ko nhi jita jata, brahman jeet leta hai kyonki uspe bhgwan ki kripa hoti hai, bhgwan ki kripa us atma pe hoti hai jise brhaman yoni mai bhejte hai
@@gyaan123 अपने मुंह मियां मिट्ठू कहने से मन इन्द्रियां स्वश नहीं हो जातीं! तिवारी जी! इसके लिए जीवन को साधनामय बनाना पड़ता है। यदि भगवान की कृपा से सब होने लगे तो साधना और तपस्या का कोई महत्व ही नहीं रह जाएगा। रही बात भगवान ब्राह्मणों पर ही कृपा करता है तब तो उस पर भी उंगली उठती है कि वह पक्षपाती हैं। इस तरह भगवान भरोसे बैठने से जीवन नहीं चलता है इतिहास साक्षी है, कितने मंदिरों को लूटा गया और उन में स्थापित मूर्तियां तोड़ी गई किंतु भगवान ने आज तक कोई सुध नहीं ली.....
Shareer chahe brahman ka ho ya shudra ka aatma pavitra honi chaiye😊 agar koi brahman hone k baad bhi bure karm paap krta h to wo sirf aur sirf paapi hua..❤Jai mata di❤🙏🏻
Ager koyi Gaay laat mare to kya gaay ko maar doge ???? Bs vaise hi brahmin bhi pujyniy hai, agr koi brahmin bura karm kare to use bhagwan kayi guna saza dega lekin hame uska apman krne se paap to pad hi jayega.
Bhai... Brahmano se itna dwesh achhi baat nahi. Usse mahatma brahmano ki koi haani nahi hogi par aapke karma kharab ho rahe hain... matt girao swayam ko patan ke gartt me. Apne upar kripa karo
@@at-jp6pv mai b wahi kah ra hu ki gyaani manushya ki koi "Jati ya Varn" nahi hota.Brahman ka matlab hi (Braah=vistar_ aur Mann=mann ka matlab gyan) aur brahnan ka real meaning yahi h ki jinhe bramha(ishwar) ka gyan ho aur jo ishwar ka prachar kare..Sanatan dharm me vedo me kevel 4 Varn hote h jati ka to koi jikar hi nahi h.Jati aj ke insan bnae h..Ant me itna hi kahunga ki har acha pavitra atma aur ache karm wala gyani manushya samman ke layak h chahe wo Brahman ho ya sudra.uska achi atma aur ache kul me janam lena hi saubhagya ki baat hogi..I think jb ishwar bhed nahi krte to hum sbko bhi nahi krni chae..Jai shri ram🚩🙏🏻❤sanatan dharm ki jai❤🙏🏻
शंकराचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन।स्वामी जी अपना शुभ आशीर्वाद दें।ब्राह्मण कुल में जन्म लिया,पर उसके सभी नियम इस कालिकाल में नहीं हो सकते।आप आशीष दें,हम पर प्रभु कृपा बनी रहे।
सर्वपुजनीय शंकराचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम। ब्राह्मण शरीर में जन्म मिलने का अनन्य महत्व है। अत्यंत पवित्र,निर्मल,सदाचारी,पुण्यवान आत्मा ही ब्राह्मण का शरीर पाता है। इस शरीर का उपयोग भक्ति,ज्ञान,कर्म योग में लगाकर ब्राह्मण देवता का स्थान पा जाता है।
तुम खुद को क्या समझा हैँ की तुम एक शंकराचार्य का अपमान कर रहे हो तुम ब्राह्मण का भी अपमान कर रहे हो जाति व्यवस्था पूर्ण सत्य हैँ जो अपने कर्मानुसार ही प्राप्त होते हैँ क्योंकि जिन्हे उच्च जाति मे जन्म नहीं मिला इसीलिये वे जलते हैँ उच्च जातिवाले से क्योंकि उनके कर्म पर निचले स्तर के जाति वालो को खीज होती हैँ खुजली होती हैँ जो ब्राह्मण जाति और ब्राह्मण जो ब्रह्म को जनता हैँ उसे भी ब्राह्मण कहते हैँ स्वयं ढोंगी कहे दूसरे को ढोंगी तुम्हारी जीवात्मा को हो रही खीज ब्राह्मणो की निंदा करके महापाप कमाओ कमाओ तुम्हारी मर्जी निंदा से बड़ा पाप नहीं
@@govindsinghbisht4494 तुम खुद को क्या समझा हैँ की तुम एक शंकराचार्य का अपमान कर रहे हो तुम ब्राह्मण का भी अपमान कर रहे हो जाति व्यवस्था पूर्ण सत्य हैँ जो अपने कर्मानुसार ही प्राप्त होते हैँ क्योंकि जिन्हे उच्च जाति मे जन्म नहीं मिला इसीलिये वे जलते हैँ उच्च जातिवाले से क्योंकि उनके कर्म पर निचले स्तर के जाति वालो को खीज होती हैँ खुजली होती हैँ जो ब्राह्मण जाति और ब्राह्मण जो ब्रह्म को जनता हैँ उसे भी ब्राह्मण कहते हैँ स्वयं ढोंगी कहे दूसरे को ढोंगी तुम्हारी जीवात्मा को हो रही खीज ब्राह्मणो की निंदा करके महापाप कमाओ कमाओ तुम्हारी मर्जी निंदा से बड़ा पाप नहीं
लगता है तुम महाराज श्री से भी ज्यादा विद्वान हो शास्त्रो का बहुत अध्ययन है तुम्हारे जीवन में 4 ved 6 शास्त्र 108 उपनिषद 18 पुराण। Sab घोट कर पी गए हो तुम। मनुस्मृति भी पूरी पढ़ ली तुमने।
भगवन के श्रीचरणो मे अनंत कोटी प्रणाम भगवन- इस घोर कलीकाल मे सर्वथा योग्य गुरु के अभाव में क्या हमारे सनातन धर्मशास्त्र पुरुष के गुरु बन सकते है ? भगवान श्री कृष्ण को भी जगतगुरु कहा गया है। श्रीमद् भागवत गीता के ज्ञानामृत को गृहण कर, भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव को गुरु मानने के पश्चात क्या और किसी को गुरु बनाने की आवश्यकता शेष रह जाती है ? कृपया मार्गदर्शन करें प्रभु।
@@AshwaniKumar-kr4qo मुझे भी कुछ ऐसा ज्ञान है,लेकिन बड़े पदों पर आसीन होने के कारण आदर करते हैं।राम जन्म भूमि पर इनको शामिल इसी कारण से नहीं किया गया है।
अभिमान करो की हमारे माता पिता गुरू परम पूज्य है स्वयं का अभिमान नहीं करना है जैसे हमें अभिमान है की हम सब भारत जैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं 🙏🙏
श्री महाराज जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन। इस अवस्था में भी हम जैसे अज्ञानी जीवों का मार्गदर्शन कर रहे हैं इसके लिए हम उनके बहुत बहुत आभारी हैं।
🙏
🙏
I am a good Sudra & I first time heard this interpretation of Veda & Geeta and I am fully convinced on this =>
"Karm se aapka agle Janam mai Varna milta hai and Janam se hi apka Karm decide hota hai"..🙏
Sri sadguru charan kamlon me sadar pranam ...
Kya baat karte ho aaj bhi parampara ko manne wale sudra hai??
Ab bahut bahut bahut kam sudra bache he jo is science ko samjhte hai
Wo sab Vyawaharik politics wala system ko. Hi samajhte hai
😂😂 garranty dega
To is hisab se ye agle jam me kya paida hoga
Mere bhai tu chaaaaa gyaa .
आज तो शंकराचार्य🙏🏻🙏🙏🏼 जी का माइक डिवाइस बहुत अच्छा था। इसके लिए मैं प्रबन्धक टीम का बहुत बहुत धन्यवाद ❤️🙏🏻 करता हूं। इससे पूर्व मैंने कई बार पूज्य गुरुदेव जी के प्रवचन सुने हैं परन्तु अवस्था के कारण धीमी आवाज होने के कारण मुश्किल से सुन पाते थे परन्तु आज माइक्रो डिवाइस या तो सही 👍लगा था या सुपीरियर👌 लगा था। मैं पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के चरणों में सिर रखता हूँ। 🌺द्वारका आम्नाय पीठ के सभी सदस्यों के प्रति कृतज्ञता 🙏🏼 प्रकट करता हूंँ 🌷🙏🏼।
ईश्वर कृपा से मानव शरीर मिलता है ईश्वर भक्ति और सद्बुद्धि मिलती है बामणो से ऊपर निकलो आप तो संत बन गए हो
ये कार्यक्रम ब्राह्मणो के लिए हो रहा है | ब्राह्मण भी आपके ही है और आपके लिए है इसलिए द्वेष बुद्धि छोड़कर ऊपर उठो |
आप सभी लोगो को मान लेना चाहिये की हमारे धर्म में ब्राम्हण पूज्यनीय है तो है सत्य को स्वीकार करना चाहिये |
ब्राह्मण एक योनि है महा बकवास
मुझे तो नहीं लगता कि शंकराचार्य जी इतने ज्ञानी है जो मनुष्य का अज्ञान हर सके
@@subhashchandrayadav8802 yadav ji badey gyani ho
@@subhashchandrayadav8802 tum logo ke karan hi sanatan dharm badanam hota hai .
Shankracharya sirf hindustan me jatiya vaimansyata faila rhe hai.
@@subhashchandrayadav8802 तो तु हरेगा अब मनुष्य का अज्ञान सनातन धर्म में पैदा होकार ऐसी बाते करना अपने धर्म पर कलंक है |
मैं रेखा मुखर्जी बड़े गुरुदेव जी के चरणों में कोटी कोटि प्रणाम मेरा
गुरुदेव जी के दर्शन की बहुत ज्यादा
अभिलाषी थी ,,बहुत समय के बाद
मैं धन्य हुईं ,,ॐ गूँ गुरूभ्योय नमः,,
जय जय जय गुरुदेव दया करो ,,
Jai Ho❤️❤️
श्री गुरूदेवाय नमः
श्री गुरूदेव जी के श्री चरणो मे सादर प्रणाम है आपका बताया मार्ग ही सर्वोपरि है कोटी कोटी प्रणाम
आत्मा परमात्मा का रूप होती हैं शरीर दिमाग तो माया है .....आसुरिक शक्ति ही सिर्फ दूसरो को नीच समझती हैं और अपने को सर्वश्रेष्ठ
लगता है तुम महाराज श्री से भी ज्यादा विद्वान हो शास्त्रो का बहुत अध्ययन है तुम्हारे जीवन में 4 ved 6 शास्त्र 108 उपनिषद 18 पुराण। Sab घोट कर पी गए हो तुम। मनुस्मृति भी पूरी पढ़ ली तुमने।
@@laljisingh1707 तुम्हारे नाम के साथ सिंह लगा है सिंह क्षत्रिय जाति का प्रतीक है लेकिन तुम्हारे भाषा शैली वक्तव्य से नहीं लगता है कि तुम क्षत्रिय हो कि जगतगुरु शंकराचार्य की पीठ हमारे भारत में विशेषता हिंदू धर्म में सर्वमान्य पीट है और उस पर विराजित शंकराचार्य को तुम मूर्ख बता रहे हो मूर्ख हो नहीं मूर्ख तुम हो तुम्हें शास्त्रों के बारे में पता नहीं पहले वेद पुराणों को पढ़िए तब महापुरुषों पर टीका टिप्पणी कीजिए भगवान श्री कृष्ण गीता में बोले हैं की चतुर्वर्ण मैंने बनाया है सतयुग त्रेता द्वापर में कर्म के आधार पर जाती मानी जाती थी कलयुग में जन्म के आधार पर ही जाती मानी जाएगी ऐसा मनु स्मृति में पुराणों में वर्णित है कृपया पुराणों को पढ़िए फिर टीका टिप्पणी महापुरुषों पर करिए नाम के साथ सिंगलगा है अपने नाम को जाति को कलंकित मत करिए
आचार्य महाराज ! " ब्राह्मण कोण है ? " शास्त्र कहता है , ' ब्रह्म जाना ती, सा ब्राह्मणा '. जो ब्रह्म जानता वो ब्राह्मण होता है | ब्राह्मण जातीमे जन्म लेणेसे कीई ब्राह्मण होता नही |
आपके वीच्यारो से सहमत है | धन्यवाद.
स्वामी जी के श्री चरणों में नमन।स्वामी जी ब्राह्मण परिवारों ने अपने सारे तौर तरीके बदल दिए हैं।आजकल अंडा,मीट,शराब सबका सेवन करने लगे हैं।ढूंढने पर बड़ी मुश्किल से सही लोग मिलते हैं।भूल।गए सब कुछ।
जय गुरुदेव
नमः शिवाय आप स्वयं शिव स्वरूप है आपको कोटि कोटि प्रणाम , भारतवर्ष के राजा शंकराचार्य जी ही हैं । सनातन धर्म के मंत्री प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति स्वयं शंकराचार्य जी ही है , प्रभु सनातन धर्म का उत्तथान कीजिए 🙏🔱🚩
Maharaj ji jab tak bhedbhav hai to sanatan ka udhar kahan ho sakata
Guruji pranaam Jai shree krishna Om namah Shivay ❤
श्री शंकराचार्य भगवान जी के श्री चरणों में शत कोटि कोटि नमन
श्री शंकराचार्य भगवान जी के चरणों मे कोटि कोटि वंदन 🙏🙏
भगवान के चरणों मे पुन: कोटी कोटी वंदन
भगवन-
केवल देहधारी ब्राहमण् ही यदि सन्यास का अधिकारी है
तो फिर गीता मे भगवान श्रीकृष्ण मधुसूदन ने यह कैसे कह दिया की
सन्यासी वह नही
जिसने घर गृहस्थी की त्याग किया हो
या जो भगवा वस्त्रधारी हो
सन्यासी वह है
जिसने कर्मफल का त्याग किया है
जिसने संसार के प्रति अपनी आसक्ती का त्याग किया है
और
जिसने कर्तापन के अभिमान का त्याग किया है
क्योकि
संकल्पो न त्यागने वाला कोई भी पुरुष सन्यासी नही हो सकता।
योगी नही हो सकता।
Guru ji Maharaj ji ke Jai ho har har mahadev
महाराज जीवन मे पहली बार ब्राहमण के बारे मे बताया आप को कोटी कोटी प्रणाम
ईश्वर की क्रपा से आत्मा अपने पूर्व जन्म में किये गये कर्मों के अनुसार ही नव जीवन योनि प्राप्त करती हे।
विचार करें कि हमारा जन्म नेहरु मुलायम सिंह यादव मायावती कल्याण सिंह टाटा विरला अदानी अंबानी परिवार में क्यों नहीं हुआ ।कुछ लोग जन्म से ही महान होते हैं, कुछ लोग अपने कर्मो से महान बनते हैं ।यह बहुत ही गूढ रहस्य हे जिसे किसी सच्चे सन्यासी जन से ही जाना जा सकता हे ।
Ishwar ki bahut kripa see manav tan miltti hai
Very true words
Jisko bramh gyan ho jaaye wohi Brahmin hei
Janam ki baat nehi , karam ki baat hai ,
@@krishnadutta7383 लगता है तुम महाराज श्री से भी ज्यादा विद्वान हो शास्त्रो का बहुत अध्ययन है तुम्हारे जीवन में 4 ved 6 शास्त्र 108 उपनिषद 18 पुराण। Sab घोट कर पी गए हो तुम।
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Ishwer ne kripa se brahman sharir diya he ab hm wese karm kare taki hm ise safal banaye, hare Krishna
5:00 thank you
जो व्यक्ति अभी अपने हिंदू और हिंदू होने की धारणा से मुक्त नहीं हुआ है। वो अभी धार्मिक और धार्मिकता के ज्ञान से कोसों दूर है।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
परम पूज्यपाद भगवन श्री शँकराचार्य जी के श्री चरणों में साष्टांग दण्डवत प्रणाम
मुझे गर्व था कि मैं हिन्दू हूँ। परन्तु हिन्दू धर्म के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति के विचार सुनकर मेरी धारणा बदल गई।
i have same experience bro. i can understand your feelings. those are playing with Hinduism and using it. 95% of them are fake sadhus.
@@harimakani2316 bro but its fact bhramans are more close to knowledge of moksha but no one can get moksha simply by birth
@@human9164 moksha is crap. who knows what happens after death. who want moksha in 21 century. everyone wants the good life.i agree brahmin are more intelligent but it not any miracle by god but it is a curse by god because caste barrier created by geeta and manusmurti caused less intelligent DNA passing to sc-st. more intelligent DNA to brahmin cause it is more likely that brahmin kids have intelligent parents than other backward caste. it is injustice in hinduism
@@alsingh648 हिंदू हो क्या
Neta aur sadhu ki koi degree nhi nirdhaarit bs ye log fakna achchha jante hain
मानव जन्म ही ईश्वर की कृपा से मिलता है फिर ब्राह्मण हो या कोई अन्य हो आदमी की पहचान उसके कर्म से होनी चाहिए कुल और जन्म से नहीं
हर हर महादेव
Dhanyabad.🙏🚩
नारायण स्वरूप जगद्गुरू शंकराचार्य जी के श्री चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम
जगत गुरु महाराज श्री के में दंडवत प्रणाम निवेदित है 🙏🙏
ईश्वर की कृपा से नहीं, " सिर्फ अच्छे कर्म मिलती है" ....
Jai Ho Maharaj ji ki
हर एक मनुष्य में चारों वर्ण होते हैं ,
मस्तिष्क - ब्रह्म
हाथ - क्षत्रिय
उदर - वैश्य
पैर - शुद्र
और शुद्र कर्म के निंव होते है, इसलिए ब्रह्म, क्षत्रिय
और वैश्य सभी शुद्र के आगे (यानी) पांव मे झुकते है..
Aap ko sehi baat samjh mei aa geya ,
Ved mei yehi lines kaha geya
Aur Bhagwat Geeta ke Chaar Adhya mei bhi
Bataya geya hai ,
Pranaam
@@krishnadutta7383 can you please provide the reference. I want to read it from the ved to know more.
यदि मस्तिष्क में में कोई बिकार आजायेगा तो शरीर का कोई भी अंग कार्य नहीं कर सकता...
@@laljisingh1707 tum jaa ke Maulana ya paadri se gyan lo. woh tumhare liye jyada gyani honge. Hum toh Brahmin se hi ved ka gyan samjhenge. And the good thing is we are allowed to ask any question untill our doubts are cleared with full satisfaction.
गुरुदेव के चरणो में कोटि नमन🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏 ( अजीत गायकवाड )
शाश्टांग,,परम पूज्य गुरुदेव कोटि कोटि नमन
Miss you guru ji 🙏🏻
6🌹🐦नमः परमकल्याण नमः परममंगल।वासुदेवाय शान्ताय यदूनां पतये नमः।।संग संग 🌹🐦पूज्य श्री गुरुदेव/संत चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम 🌹🐦🌹10*10*36*194*यमलार्जुन स्तुत🐦🌹 (इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦
Jagadguru Shankaracharya Swami Swaroopananda Saraswati ji Maharaj ki Jai
Jaya Shree Shree Shree 1008 Shankaracharya Swami Maharaj Kee Jaya Hoo Jaya Hoo Jaya Hoo.
गंगा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरूस्तथा़ पापं तापं च दैन्य्ंच हरे: श्री गुरु: दर्शन्म्
हम धन्य हैं जो साक्षात शिव स्वरूप शंकराचार्य के दर्शन कर सकते है। उनके चरणों में प्रणाम कर सकते हैं।शंकराचार्य भगवान की जय।
बाबा जी प्रभु प्राप्ति के लिए भक्ति करते हैं बही असली ब्राह्मण हैं। जो फौज पुलिस में चले जाते हैं वह ही असली छत्री हैं। जो व्यापार बैंक का काम करते है वह वैश्य हैं। जो हाथ पांव का काम करते हैं शूद्र हैं। प्रवृत्ति तथा स्वभाव से । जन्म से जाति नहीं होती।
Dhurt logo ne jati pati banai taki iski dukan chal sake. Abhi ke samay me jisko ye baba brahman keh raha hai wo sabse bra abhi papi ho gya hai isiliye karma se brahman brahman means-gyani. Pandit means pavitra aatma. Aaj kitne brahmno ki aatma pavitra hai sab chhaliya, dhurt, thug hokar,meat madira aur sansarik sukh ko bhogne me lipt hai isiliye aise log brahman nhi kaha jaa sakta hai.
Toh fir janm se jo shudra hai usko reservation kyu milti hai? Karm se jo Brahman nahi woh bhi toh shudra hua. Usko kyu reservation nahi milegi? Janm ke aadhaar par hi kyu government cast certificate issue karti hi? Karm ke aadhaar par kyu nahi?
परम पूज्यपाद भगवन श्री शँकराचार्य जी के श्री चरणों में साष्टांग दण्डवत प्रणाम, कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि वंदन...!
जय माँ भगवती जय श्री महाकाल
पूज्य भगवान पूज्या गुरु देव शंकराचार्य स्वरूपानंद जी के श्री चरणो मे कोटि कोटि प्रणाम
ब्राह्मण का अर्थ जो अपना जीवन व्यसनों से दूर, ज्ञान ध्यान और उसके प्रसार में लगाए।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 नमो नमः साक्षात भगवान के दर्शन
गुरुदेव के चरणों मे अनंत कोटि नमन दण्डवत जन्म जन्म मे मिले आप के चरणों में शरण
सतगुरु के चरणकमलो में शत शत नमन 🙏
ब्राह्मण कोई जाति नहीं वरन एक वर्ण हैं, जो ब्रह्म का ज्ञान रखता है सत्विक्त जीवन जीता हैं और काम क्रोध मद लोभ मोह धन से विरक्त होकर भिक्षावृत्ति से जीवन जीता हैं वहीं ब्राह्मण हैं बाकी सब ढोंग।
परम पूज्य गुरुदेव के श्रीचरणों में दंडवत प्रणाम 🙏🏻💐💐💐💐💐💐🙏🏻
Jai sri Sadguruye namah
मैं नीमा आप जो मेरे सदगुरु भगवान हैं के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन कोटि-कोटि वंदन कोटि-कोटि प्रणाम करती हूं 🙏🙏 बड़े महाराज जी के श्री चरणों में आपके माध्यम से नतमस्तक हो कर प्रणाम करती हूं 🙏🙏
Jai ho Bagwan
दिलेले उपदेश प्रथम ब्राह्मणांनी कठोर आचरणात आणावेत व आदर्श समाजासमोर ठेवावा हिंदु धर्म कडे कोणीही वाकडे नजरेने पाहणार नाही जगत गुरू आपले वाणी मुळे माझे कल्याण झाले मी ब्राह्मण नसताना मी क्षत्रीय आहे पण मी आपले शतशः रूनी आहे आपण आपण अगदी प्रखर पणे मांडता पण समाज तेचा अर्थ वेगळा काढतो पण सत्य असते तेच उपदेश असतात जगतगुरू साष्टांग दंडवत
Bhagwan ke ghar koe jati nhi hai
Asta chiakr ne Raja jank ki sabha me kha tha koe brahma bhi hai ya sare chmar hi bethe hau
श्री महाराजजी के चरनोंमे साष्टांग नमस्कार. राधाकृष्ण राधाकृष्ण राधे राधे
जय जय राधा वल्लभ श्री हरिवंश जय जय राधा वल्लभ श्री हरिवंश जय जय राधा वल्लभ श्री हरिवंश
Radhe radhe👍👍
बहुत सुन्दर गुरु जी आपके चरणों में दास का कोटि कोटि नमन गुरु जी
Bhagwaan ne sirf Insaan bnaya h.....baki sab smaaj ne bnaya h...Jai Ganpati maharaj
aap rona band kriye
Lekin kuch logon ki buddhi bhi bakiyon ki tulna me jyda hoti hai, jaise einstein. Use bhi brahman hi kaheinge
Insano nai banaya hai to bhgvan nai jin logo ko adhikar samjh ke gyaan diya jo ki hamare rishi muni rahe hai vo bhgvan ke adesh se hi chale hai or unke dwara hi samast sastra ved nirmit hue bhgvan ke adesh anusar to use bhgvan ka na maankar insan ka kahna badi choti or giri soch ka parichay dete hai esa kahne vale jo sastro or dhram par or unke niyamo pe saval uthate hai
Shree SitaRam❤
Pranaam guru dev Sant dev sankar dev
जय जगदगुरु शंकराचार्य जी भगवान की जय , बहुत सही कहा जय ब्राह्मण जी
आप के चरणावर कोटी कोटी प्णाम
6🌹🐦जय श्रीमन्नारायण. जय श्री कृष्ण राम राम जय श्री हनुमान ॐ नमः शिवाय.🐦🌹(इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦।
किसी इश्वर की कृपा से कोई ब्राह्मण नहीं हो जाता ! महाभारत में ब्राह्मण की परिभाषा में बहुत बढ़िया कहा है-
जितेंद्रिय धर्मपर: स्वाध्याय निर्त:।
काम क्रोधो वसो यस्य तम देव:
ब्राह्मणम् विद।।
अर्थात् : जिसने इंद्रियों को जीत लिया है, धर्म परायण है, स्वाध्याय निरत है उसे सज्जन लोग ब्राह्मण कहते हैं।
100% sahi hai 🙏🙏👍👍
Brahman se puja bhi karwaate ho fir thagne kaa aarop bhi lagaate ho . Kyon pujaa karwaate ho rar rarpani batiyaate ho rar. Brahman pariwaar me janm lene waalo me paariwaarik sanskaar hota hai.. Jo iis pariwaar me janm letaa hai usmewaisaa hi sanskaar hotaa hai.ISILIYE JAATI JANM SE HOTAA HAI.
@@ajayjha8153 वैदिक वर्ण व्यवस्था कर्म को लेकर है ना कि जन्म से कोई ऊंचा नीचा होता है चारों वेदों वेदांगों, सूत्र ग्रंथ एवं उपनिषद आदि किसी भी ग्रंथ में यह नहीं लिखा है कि कोई जन्म से ब्राह्मण होता है। सभी मनुष्य समान हैं किंतु गुणों की पूजा सब जगह होती हैं आदमी का आचरण श्रेष्ठ होना चाहिए यही सार है। क्योंकि नारद, व्यास, वशिष्ठ, विश्वामित्र इत्यादि 50 से भी अधिक ऋषि हुए हैं जो पूज्य हैं किंतु यह सभी जन्म से ब्राह्मण नहीं थे।
Bina bhgwan ki kripa k indriyon ko nhi jita jata, brahman jeet leta hai kyonki uspe bhgwan ki kripa hoti hai, bhgwan ki kripa us atma pe hoti hai jise brhaman yoni mai bhejte hai
@@gyaan123 अपने मुंह मियां मिट्ठू कहने से मन इन्द्रियां स्वश नहीं हो जातीं! तिवारी जी! इसके लिए जीवन को साधनामय बनाना पड़ता है। यदि भगवान की कृपा से सब होने लगे तो साधना और तपस्या का कोई महत्व ही नहीं रह जाएगा।
रही बात भगवान ब्राह्मणों पर ही कृपा करता है तब तो उस पर भी उंगली उठती है कि वह पक्षपाती हैं। इस तरह भगवान भरोसे बैठने से जीवन नहीं चलता है इतिहास साक्षी है, कितने मंदिरों को लूटा गया और उन में स्थापित मूर्तियां तोड़ी गई किंतु भगवान ने आज तक कोई सुध नहीं ली.....
जय गुरुदेव भगवान 🙏🙏🙏🙏🙏
गुरु जी का आशीर्वाद हमें आगे भी मिलता रहे ,ऐसी प्रार्थना है
परमपूज्य श्री गुरुदेव जी के कमलचरण में शत शत नमन🙏🙏🌻🌼🥀🌷🌺🌹
परमपूजनीय द्वीपीठाधीश्वर जगत् गुरू शंकराचार्य भगवान के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙌🙌🙌🌻🌻🌻🌻🌻🌻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय हो महाराज श्री
Jai ho gurugi aapki Sri charnoma das ki koti koti dandonat pronam.
Ji guru ji ya sab mahadev ji ka aasirvad ha jo hme brahman ka yoni me janm mila 🙏🙏😊
Koti Pranamat your lotus feet from kerala...
सदगुरु देव कि जय
Jai jai gurudev 🙏 Pramod Jain
Shareer chahe brahman ka ho ya shudra ka aatma pavitra honi chaiye😊 agar koi brahman hone k baad bhi bure karm paap krta h to wo sirf aur sirf paapi hua..❤Jai mata di❤🙏🏻
Yes.
Ager koyi Gaay laat mare to kya gaay ko maar doge ???? Bs vaise hi brahmin bhi pujyniy hai, agr koi brahmin bura karm kare to use bhagwan kayi guna saza dega lekin hame uska apman krne se paap to pad hi jayega.
@@at-jp6pvsadhu sadhu... aap dhanya hain bhai.
Bhai... Brahmano se itna dwesh achhi baat nahi. Usse mahatma brahmano ki koi haani nahi hogi par aapke karma kharab ho rahe hain... matt girao swayam ko patan ke gartt me. Apne upar kripa karo
@@at-jp6pv mai b wahi kah ra hu ki gyaani manushya ki koi "Jati ya Varn" nahi hota.Brahman ka matlab hi (Braah=vistar_ aur Mann=mann ka matlab gyan) aur brahnan ka real meaning yahi h ki jinhe bramha(ishwar) ka gyan ho aur jo ishwar ka prachar kare..Sanatan dharm me vedo me kevel 4 Varn hote h jati ka to koi jikar hi nahi h.Jati aj ke insan bnae h..Ant me itna hi kahunga ki har acha pavitra atma aur ache karm wala gyani manushya samman ke layak h chahe wo Brahman ho ya sudra.uska achi atma aur ache kul me janam lena hi saubhagya ki baat hogi..I think jb ishwar bhed nahi krte to hum sbko bhi nahi krni chae..Jai shri ram🚩🙏🏻❤sanatan dharm ki jai❤🙏🏻
गुरुदेव भगवान के श्री चरणों में कोटि-कोटि वंदन, चरणस्पर्श।🙏
બામણનાગુ રુદેવનેનમસકાર
शंकराचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन।स्वामी जी अपना शुभ आशीर्वाद दें।ब्राह्मण कुल में जन्म लिया,पर उसके सभी नियम इस कालिकाल में नहीं हो सकते।आप आशीष दें,हम पर प्रभु कृपा बनी रहे।
जगद्गुरु शंकराचारु भगवान की जय हो
जगद्गुरु शंकराचार्य भगवान की जय
Jai gurudev 🙏🌹🙏
परम पूज्य गुरुदेव महाराज को कोटि कोटि प्रणाम💐🙏
🙏🙏
सद्गुरु देव की जय हो गुरु चरनो मे दंडवत प्रणाम
महाराज जी के चरणों में दण्डवत प्रणाम-अभिषेक पाराशर पुत्र श्री सन्तोष पाराशर
Sat sat naman charno me
Jai.gurdev
सर्वपुजनीय शंकराचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम। ब्राह्मण शरीर में जन्म मिलने का अनन्य महत्व है। अत्यंत पवित्र,निर्मल,सदाचारी,पुण्यवान आत्मा ही ब्राह्मण का शरीर पाता है। इस शरीर का उपयोग भक्ति,ज्ञान,कर्म योग में लगाकर ब्राह्मण देवता का स्थान पा जाता है।
सही कहा आपने 👍👍
@ravi singh gaay ko mata mante ho to kyon mante ho ?? Janm se gaay hai isliye, theek vaise hi janm se jo brahmin hai uska samman krne me kya dikkat ??
😂😂 ब्रह्मण देवता 💩💩
@@memerlove7080 tere muh mein 💩💩💩💩
Amrit Sagar Tripathi and @@memerlove7080
सदगुरुदेव जी के चरणों में प्रणाम
🌹🙏
दुर्भाग्य ऐसे लोग जिन्हें ये नही पता की केवल आत्मा और परमात्मा महत्वपूर्ण हैं ईस्वर ने किसी को ब्रहमण नही बनाया ये शब्द गलत है
तुम खुद को क्या समझा हैँ की तुम एक शंकराचार्य का अपमान कर रहे हो
तुम ब्राह्मण का भी अपमान कर रहे हो जाति व्यवस्था पूर्ण सत्य हैँ जो अपने कर्मानुसार ही प्राप्त होते हैँ क्योंकि जिन्हे उच्च जाति मे जन्म नहीं मिला इसीलिये वे जलते हैँ उच्च जातिवाले से क्योंकि उनके कर्म पर निचले स्तर के जाति वालो को खीज होती हैँ खुजली होती हैँ जो ब्राह्मण जाति और ब्राह्मण जो ब्रह्म को जनता हैँ उसे भी ब्राह्मण कहते हैँ स्वयं ढोंगी कहे दूसरे को ढोंगी तुम्हारी जीवात्मा को हो रही खीज ब्राह्मणो की निंदा करके महापाप कमाओ कमाओ तुम्हारी मर्जी निंदा से बड़ा पाप नहीं
@@govindsinghbisht4494 तुम खुद को क्या समझा हैँ की तुम एक शंकराचार्य का अपमान कर रहे हो
तुम ब्राह्मण का भी अपमान कर रहे हो जाति व्यवस्था पूर्ण सत्य हैँ जो अपने कर्मानुसार ही प्राप्त होते हैँ क्योंकि जिन्हे उच्च जाति मे जन्म नहीं मिला इसीलिये वे जलते हैँ उच्च जातिवाले से क्योंकि उनके कर्म पर निचले स्तर के जाति वालो को खीज होती हैँ खुजली होती हैँ जो ब्राह्मण जाति और ब्राह्मण जो ब्रह्म को जनता हैँ उसे भी ब्राह्मण कहते हैँ स्वयं ढोंगी कहे दूसरे को ढोंगी तुम्हारी जीवात्मा को हो रही खीज ब्राह्मणो की निंदा करके महापाप कमाओ कमाओ तुम्हारी मर्जी निंदा से बड़ा पाप नहीं
लगता है तुम महाराज श्री से भी ज्यादा विद्वान हो शास्त्रो का बहुत अध्ययन है तुम्हारे जीवन में 4 ved 6 शास्त्र 108 उपनिषद 18 पुराण। Sab घोट कर पी गए हो तुम। मनुस्मृति भी पूरी पढ़ ली तुमने।
Mahoday aap vishwakarma hai yani hinduo ke Engineer, thoda vichar kar ke he post Kare. Humare yaha janam se jivika aarkshit hoti hai. Seeta ram
Pujaya ke sri charno me pranam
Jai Ho 🙏🙏
आप के मुख से जो भी निकलत ता है वो साकछात शिव के समान होता है
Shat shat naman
सत सत नमन आदरणीय संतों को जो समाज के दर्पण है।
Jay shree ram jai hanuman ki jai ho baba bhole nath ki jai ho
🙏🙏 Pronam gurudev 🙏🙏
भगवन के श्रीचरणो मे
अनंत कोटी प्रणाम
भगवन-
इस घोर कलीकाल मे सर्वथा
योग्य गुरु के अभाव में
क्या हमारे सनातन धर्मशास्त्र
पुरुष के गुरु बन सकते है ?
भगवान श्री कृष्ण को भी
जगतगुरु कहा गया है।
श्रीमद् भागवत गीता के
ज्ञानामृत को गृहण कर,
भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव को
गुरु मानने के पश्चात क्या
और किसी को गुरु बनाने की
आवश्यकता शेष रह जाती है ?
कृपया मार्गदर्शन करें प्रभु।
आपने जो कहा कि बड़े भाग्य से ब्राम्हण कुल मिला करता है।बिल्कुल सत्य है,लेकिन आज ब्राम्हणों के विरोधी खेमे ज्यादा हैं।दुख होता है।प्रणाम।
जिसे आप पूज्यनीय समझते हैं वो ही ब्राह्मणों के जयचन्दों के गुरु हैं।यह प्राणी ही ब्राह्मणों का सबसे बड़ा शत्रु है। सच्चाई को समझो ।
@@AshwaniKumar-kr4qo मुझे भी कुछ ऐसा ज्ञान है,लेकिन बड़े पदों पर आसीन होने के कारण आदर करते हैं।राम जन्म भूमि पर इनको शामिल इसी कारण से नहीं किया गया है।
Bhagvan ke charno me koti koti naman
Pratha smarinya gurudevji ko Jay ho
Bagvan sankracharyji ke charnome Ko koti koti vandan 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अभिमान करो की हमारे माता पिता गुरू परम पूज्य है स्वयं का अभिमान नहीं करना है जैसे हमें अभिमान है की हम सब भारत जैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं 🙏🙏
Koti koti Naman Guru Dev ji
Guruve Sharanam. Jaya Jaya Shankara Hara Hara Shankara.
हे मेरे भगवन आपके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏🌹🌹
Awesome 👌 good
Pranam gurudev!👏 aap brahmano ko jagao. Brahmanoko jagne ki jarurat hai. Ham apke sath hai. Apka ashirvad banaye rakhana.
वैरागी संतगुरुको कोटि कोटि प्रणाम करते हैं ।
धन्यवाद गुरुजी