क्या मुकेश जी के मौत के ज़िम्मेदार होटल का मैनजमेंट था ?
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- เผยแพร่เมื่อ 10 พ.ย. 2024
- हिंदी सिनेमा के महान गायक मुकेश ने अपनी गायकी से देश और दुनिया के फैंस के दिलों में खास जगह बनाई। राज कपूर की आवाज कहे जाने वाले मुकेश आज भी संगीत प्रेमियों के दिल पर राज करते हैं। मुकेश ने राजकपूर के लिए 'दोस्त-दोस्त न रहा', 'जीना यहां मरना यहां', 'कहता है जोकर', 'दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई', 'आवारा हूं' और 'मेरा जूता है जापानी' जैसे मशहूर गाने गाए थे। मुकेश भारत ही नहीं विदेश में भी काफी मशहूर थे। भले ही मुकेश आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाने आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े रहते हैं और हर पल फैंस उन्हें गुनगुनाते हैं। मुकेश को संगीत के प्रति इतना प्रेम था कि अपना पसंदीदा गाना गाते हुए ही उन्होंने दम तोड़ा था। भारत में जन्मे मुकेश की मौत विदेश में हुई थी। ऐसा माना जाता है की अगर होटल के मैनेजमेंट ने उन्हें लिफ्ट से निचे लाते वक़्त ऑक्सीजन का सिलिंडर न निकाला होता तो शायद मुकेश जी जान बच सकती थी , लेकिन ऐसा नहीं हुआ , होटल के प्रबंधन ने ऑक्सीजन सिलिंडर निकलवा के की मुकेश जी को लिफ्ट से निचे उतरा , तब तक मुकेश जी का हालत और गंभीर हो गई थी और अंतः उनका
मुकेश का जन्म 2देहांत हो गया 2 जुलाई 1923 में दिल्ली में हुआ था। उनका पूरा नाम मुकेश चंद्र माथुर था। उनके पिता जोरावर चंद्र माथुर पेशे से इंजीनियर थे। मुकेश के 10 भाई-बहन थे और वह छठे नंबर के थे। बचपन से ही मुकेश को गाने का शौक था। वह अपने स्कूल में भी गाना गाते रहते थे और अपने दोस्तों को गाकर सुनाते थे। मुकेश ने 10वीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी और पीडब्ल्यूडी में नौकरी करने लगे थे। मुकेश फिल्मों में भी काम करना चाहते थे, जिसके बाद एक पल ऐसा आया कि उन्हें इंडस्ट्री में गाने का ब्रेक मिला।दरअसल, एक बार मुकेश अपने रिश्तेदार मोतीलाल की बहन की शादी में गाना गा रहे थे। मोतीलाल को मुकेश की आवाज इतनी पसंद आ गई कि वह उन्हें अपने साथ मुंबई लेकर आ गए। मुंबई में मुकेश को उन्होंने गाने की ट्रेनिंग दिलवाई। इसके बाद मुकेश ने 1941 में फिल्म 'निर्दोष' से अपने अभिनय और गायकी की शुरुआत की। अभिनय में साथ इस फिल्म के सभी गाने भी मुकेश ने खुद ही गाए थे। हालांकि, दर्शकों को मुकेश के अभिनय से ज्यादा उनकी आवाज पसंद आई और उन्होंने पहले ही गाने से फैंस का दिल जीत लिया था। इसके बाद उन्होंने 'माशूका', 'आह', 'अनुराग' और 'दुल्हन' जैसी फिल्मों में भी बतौर अभिनेता काम किया।मुकेश ने अपने करियर में सबसे पहला गाना 'दिल ही बुझा हुआ हो तो' गाया था। फिल्म-उद्योग में उनका शुरुआती दौर काफी मुश्किलों भरा था, लेकिन एक दिन उनकी आवाज का जादू के.एल. सहगल पर चल गया। मुकेश का गाना सुनकर सहगल दंग रह गए और उन्होंने मुकेश को गाने का मौका दिया। राज कपूर के लिए एक-दो गाने गाने के बाद ही उन्हें 50 के दशक में 'शोमैन की आवाज' कहा जाने लगा। मुकेश ने कई सुपरहिट फिल्मों में गाने गाए और मशहूर अभिनेता राज कपूर की आवाज बने, जिसमें 'आवारा', 'मेरा नाम जोकर', 'संगम', 'श्री 420' जैसी फिल्में शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने मनोज कुमार, फिरोज गांधी, सुनील दत्त आदि के लिए भी गाने गाए और लोगों को भी उनकी आवाज खूब पसंद आती थी।
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Once again a priceless presentation by you dear Vijay ji, it made us more knowledgeable regarding one of the all time great singers Mukesh sahab, your presentations are incredible, stay blessed always.
Thank you
thanks
हृदय से हृदय की कहने वाले, रहेंगे हृदय में विशेष। हृदय हीन जग में एक अपने, भावुक भव्य मुकेश।।
Very nice mukesh kumar g
Great singer, great voice, great personality. Borns in gaps of centuries. Salute to legendary
One of the golden men of Indian music. Salute to the legend. 🙏😔💐
" कल खेल मे हम हो ना हो, गर्दीश मे तारे रहेंगे सदा.... भारतीय फिल्म जगत के महान गायक मुकेश चंद्र माथुर साहाब आज इस दुनियामे नही है ,27 th August 1976 को इस महान गायक ने इस दुनियाको अलविदा कह दिया. विजय जी, इस महान गायक की पुण्यतिथी पर आपने ये शो प्रस्तुत करके उन्हे श्रद्धांजली दी और विनम्र अभिवादन किया. शुक्रिया.इन्सान अपने जीवन मे जो चीज हासील करना चाहता अगर उसे वो नही मिली , तो हमेशा वो एक दर्द लेके जिंदगी भर चलता है , वो दर्द उसे हमेशा चुभता रहता. इसलिये मुकेश जी कहते थे की मै पहले दर्द भरे गीत का चयन करुंगा. मुकेश जी आवाज की एक विशेषता थी की जब भी वो गाते थे ,उस गीत मे हर सर्वसामान्य इन्सान अपनेको आपको देखता था, इसीलिये मुकेश जी की आवाज को " A voice of common man " कहा गया. और येही कारण था की राजकपूर साहाबकी फिल्मो मे राजकपूर साहाब की मुकेश जी पहली पसंद थी. मुकेश जी का जब निधन हुवा था, तो राजकपूर साहाब ने कहा था " मेरी आवाज चली गयी " विजय जी आपने अच्छी स्क्रिप्ट और मुकेश जी ने गाये मशहूर गितो की लाईने ( Both sad and philosophical songs ) सुनाकर सुंदर प्रस्तुती की. रघुवंशी साहाब ने बहोत अच्छा कार्य किया, उन्हे प्रणाम. विजय जी इस सुंदर प्रस्तुती के लिए आपका बहोत बहोत शुक्रिया.". एक दिन बिक जायेगा माटी के मोल, जगमे रह जायेंगे प्यारे तेरे बोल " येही तो जिंदगी की सच्च्याई है, मुकेश साहाब आज भी उनके गीत और उनकी आवाज के माध्यम से जिंदा है , फनकार कभी मरते नही.👍🌹🙏.
बहुत बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने जारी रखें विजय पांडे जी सादर नमस्ते 🙏🙏 लेकिन शायद इस जानकारी को सुन कर मुकेश जी के प्रसंसको को होटल मैनेजमेंट पर बहुत गुस्सा आराह होगा मुझे भी नितिन मुकेश को भी बहुत आया हो गा ग्रेट सिंगर मुकेश जी को कोटि कोटि नमन 💐🌼💐🌼💐 नितिन मुकेश जी को भी सम्मान सहित नमस्ते 🙏🙏 मेरे मन पसंद सिंगर 🧡👍
Great mukesh