@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
@gurmeetbabli2001 मेरे भाई आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
बहुत बहुत धन्यवाद मेरा मानना है कि ईश्वर जो है हर कार्य में सहयोग करता है उसके बगैर पत्ता भी नहींहिलता है लेकिन उसका परिणाम जो है इंसान को ही भोगना पड़ता है ऐसा ईश्वर का विधान है
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
इस शब्द के माध्यम से नानक साहेब जी ने परमात्मा का आँखो देखा हाल वर्णन किया हैं वाणी में कहा हैं की बागे कापड बोले बैन लंबा नक काले तेरे नैन कबहु साहेब देखा भैन अर्थात् सफेद बगुले जैसा कपडा और बोले बैन वाणी बोलता हैं लंबा नाक और काले नैन हैं क्या किसी आत्मा ने साहिब अर्थात् परमात्मा को देखा हैं इससे स्पष्ट हैं की परमात्मा साकार मानव जैसा हैं जिसके एक रोम कुप (बाल)का प्रकाश करोडो सूर्य और करोडो चंद्रमा जितना हैं @@YehiHaiSuch
लेकिन महोदय ब्रम्हवैवर्त पुराण प्रकृतिखंड---2,अद्द्याय 48 में तो राधा को कृष्ण की मामी बताया गया है।मामी के साथ नाचना और इश्कबाजी करना धर्म और समाज की दृष्टि से कहाँ तक उचित हो सकता है।
श्रीपरीक्षिदुवाच - (अनुष्टुप्) संस्थापनाय धर्मस्य प्रशमायेतरस्य च । अवतीर्णो हि भगवानंन् अंशेन जगदीश्वरः ॥ २७ ॥ राजा परीक्षित्ने पूछा-भगवन् ! भगवान् श्रीकृष्ण सारे जगत्के एकमात्र स्वामी हैं। उन्होंने अपने अंश श्रीबलरामजीके सहित पूर्णरूपमें अवतार ग्रहण किया था। उनके अवतारका उद्देश्य ही यह था कि धर्मकी स्थापना हो और अधर्मका नाश ।। २७।। स कथं धर्मसेतूनां वक्ता कर्ताभिरक्षिता । प्रतीपमाचरद् ब्रह्मन् परदाराभिमर्शनम् ॥ २८ ॥ ब्रह्मन् ! वे धर्ममर्यादाके बनानेवाले, उपदेश करनेवाले और रक्षक थे। फिर उन्होंने स्वयं धर्मके विपरीत परस्त्रियोंका स्पर्श कैसे किया ।। २८ ।।भागवत पुराण ,दसम स्कन्ध, अद्द्याय 33
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Lekin sanatan mtlb abinasi paramatma iska Gyan sadguru hi to krayega fir gurudar kaise chhod de pahle pura Dharm Granth ved Puran Ramayan Geeta ka padho fir bolna
Sansaar mein jo b hota Saab kuchh theek hi hota hai koi galat nahi hota hai hum aapni samajh se galat sahi ka nirnay karte hai hum aapni karni ka fal bhogte hai
Ham Ishwar ki marji se Chali nahin paate hain aur na hi Ishwar Kisi Ko papun Ka Karm ka fal Deta Hai manushya Mein Karm Karta Hai Swayam fal bhokta hai Jab Hamare Punya Karm Hote Hain To Ham Humko purn Karm ka fal Milta Hai Paap Karm Hote To Paap Karm ka fal Milta Hai ismein Ishwar ka koi dosh Nahin manushya Mein Apne Karmon ka Adhikari Hai usi ko Dukh Sukh bhokta rahata Hai aur dudh Deta Hai Kisi Aur Ko Khud Ke Karm Nahin dekhta hai yahi Satya hai yahi Satya hai
हां ईश्वर गलत भी करा देते हैं और गलती का दण्ड भी देते हैं लेकिन ऐसा इसलिए होता है नशीब में लिखा होता है अतः किस्मत या भगवान साथ में रहके करा देते हैं जैसे कि हम बुरा कब कर देते जब हमारे ऊपर कोई ख़राब ग्रह महाराज लगे हो तब हमारे साथ कोई न कोई ग़लती करवा देता है 626
@BanshilalmeenaHarmor संत जी .. बस हमे ये ध्यान में रखना हे की हम सबसे पहले इंसान हैं। जो इंसानियत सरबोसेस्ट धर्म हे हमारे तो , जो भी करे सोच विचार के करे की हम इंसान होके क्या गलत करसकते, या क्या क्या कर्म हमारे जो हमे इंसान कहे लायेंगे वोही काम हम करे । जेसे: करुणा, दया , प्रेम, नम्रता,सहन सिलता.... इसे कई गुण सारे जो हमे मरियादा सीखती हो ये सब अपनाएंगे तो हम इंसान कहलाएंगे । तब जोभी होगी वो करुणा ,प्रेम... जहा पर घृणा,निंदा ,नफरत का बास नही हो सकती तब हमसे भी गतला कार्य नहीं हो सकती । Imp: हमे ये रमा हुआ राम जी के पहचान होना भी बोहुत जरूरी हैं। कोई ग्रह या कुछ भी किसिकी हमारे ऊपर हावी नहीं हो पाएगा । फिर जो होगी हमारे प्रभु की मर्जी से 🙏। 🙏तूही निरंकार जी 🙏
कृष्ण का जन्म भूदेव ब्राह्मणों के ब्राह्मणत्व की रक्षा के लिए हुआ था। ब्राह्मणत्व की रक्षा ही वैदिक धर्म कि रक्षा है। रेफ़्रेंस : पेज 14, भगवद्गीता शंकरभाष्य, गीताप्रेस गोरखपुर।औऱ जिस कृष्ण ने गीता 9/32में कहा कि शुद्र, वैश्य और स्त्री ये सभी पाप योनियां है उसी कृष्ण की ये तीनो जनमुतत्सव मना रहे हैं।
चरित्रवान कृष्ण के बारे में पार्वती ने शिव से पूछा जब भगवान का अवतार धर्म की रक्षा के लिए हुआ तो उन्होंने परस्त्री गमन क्यों किया? तो शिव जी ने उत्तर दिया कि भगवान को कोई पाप नही लगता।पद्मपुराण, उत्तराखंड अद्द्याय 245,श्लोक 163--177
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Saiyad ke kabu me sab jeev bechare saiyad kasai ko kahte hai ye sansar kasai ke hath me hai wah apni tarike se sansar chalata hai bahut takat war hai kiski bas nahi chalti
कृष्ण की 16000 से ज़्यादा पत्नी होने के वावजूद राधा के साथ उनकी मूर्ति बनाने या प्रेमिका के रूप में कहानी गढ़ने की परंपरा कब से सुरू हुई ? महाभारत को 3 अलग अलग लोगो ने कम्पाइल किया लेकिन उन्हें कृष्ण की प्रेमिका राधा का पता नहीं चला आख़िर क्यों? 8 हज़ार श्लोक की जय, 24000 श्लोक की भारत से 96000 श्लोक की महाभारत बन गई अब तो 1 लाख से भी ज़्यादा श्लोक हो गये है लेकिन तब भी पूरे महाभारत में राधा को किसी ने कृष्ण की प्रेमिका के रूप में नहीं दिखाया। हालाँकि महाभारत में राधा नाम की एक सुत्त जाति की कन्या का ज़िक्र ज़रूर मिलता है जो कुँवारी कुंती से सूर्य द्वारा उत्पन्न पुत्र कर्ण को नदी में बहते आते देख गोद लेकर पालन पोषण करती है। परन्तु उसका कृष्ण की प्रेमिका के रूप में उसका ज़िक्र तो क़तई नहीं है। मैगस्थनीज़ (310BC), फह्यान (399CA), ह्यूनसुंग (629CA), इसिंग (690CA) के समय भी न कृष्ण का ज़िक्र मिलता है न ही राधा का। पुरातत्व सबूत तो निलबट्टे सन्नाटा है ही ऐसे में मेरा सवाल है कृष्ण की 16000 से ज़्यादा पत्नियों का ज़िक्र जब ऑलरेडी महाभारत में है तो पत्नियों के रहते राधा के साथ कृष्ण को प्रेमिका दिखाने की प्रथा कबसे सुरू हुई और उसकी ज़रूरत क्यों पड़ी? क्या महाभारत के सुरुवाती तीनों लेखकों को इसका आईडिया नहीं था?
महोदय इश्वर गलत काम भी करवाता है।भगवतगीता के अद्द्याय 18/61 में लिखा है कि हे अर्जुन ईस्वर सभी प्राणियों के हृदय में विराजता है।वह अपनी माया से सभी प्राणियों को यंत्र वत घूमता है।
महोदय आप के योगेस्वर कृष्ण गीता 18/78 में कहते है कि जहां योगेस्वर कृष्ण है ,जहां अर्जुन है वही पर श्री,विजय, भूती तथा अचल नीति है लेकिन योगेस्वर कृष्ण महाभारत, सभापर्व,अ 14/67के अनुसार जरासंघ के भय से मथूरा छोड़कर द्वारिका पलायन कर गए।जरासंध वहां भी जा पहुचा तब कृष्ण पर्वत में जा जा छिपे जरासंध वहाँ आग लगाकर लौट आया परंतु कृष्ण जैसे तैसे बच निकले।कृष्ण की 16000 पत्नीयों को पंजाब के डाकुओं ने अर्जुन से लाठियों के बल पर छीन कर अपनी पत्नियां बना लिया था----महाभारत मौसल पर्व,अद्द्याय 7 और 8 ।जो कृष्णा गीता में परमात्मा होने का दावा कर रहे थे तो इससे बढ़कर और मजाक क्या हो सकता है।
देख लीजिए दोस्तो इनके ज्ञान की अज्ञानता इनको ये भी नही पता है की भागती क्यों की जाती है परमात्मा स्वयं अपने शिष्यों बचाने आता है इसके हजारों प्रमाण की वीडियो यूट्यूब है आप सब जाके देख इन नास्तिको के चक्कर में मत बड़ो
आपके जेल में हत्या जैसे जघन्य अपराधों की सजा काट रहे गुरु ने यही सब तो सिखाया है आपको। भक्ति तक लिखना नहीं आता आपको यह आपकी काबिलियत को दिखाता है। भक्ति को भागती लिखते हो।
आप बोल रहे है कि भगवान अच्छा बुरा फल देता है लेकिन आप का भगवान गीता 5/14 में बोल रहा है कि ईस्वर न तो संसार के कर्ता का रचयिता है और न संसार के कर्मों का रचयिता है और न ही वह कर्मो तथा फल के संयोग का रचयिता है।प्रकृति का स्वभाव मात्र प्रवर्तित होता है।
Sat saheb ji aap gal at bol rahe aapko gyan nahi hai har sabad do hai jaise ki ak shaitan aatma galat karwata hai jise Jyoti nirjanjan kal kaha gaya hai dusara pram atama yani sarest atama jise pramatma kahate hai a kisi ke galat nahi karwata jaise ak man kahta hai chori karo shaitan dusara man kahta chori nahi Karo a pramatma
आप जो सोच रहे हैं कि आस्तिक का अर्थ ईश्वर में विश्वास करना और नास्तिक का अर्थ ईश्वर में विश्वास नहीं करना है तो आप भ्रम में हैं। हिंदू दर्शन में जो वेदों पर विश्वास करे, वह आस्तिक है और जो वेदों पर विश्वास नहीं करे, वह नास्तिक है। मीमांसा और साख्य दर्शन ईश्वर में विश्वास नहीं करते हैं, मगर वे वेदों में करते हैं। इसीलिए उन्हें आस्तिक दर्शन माना गया है। वेदों में विश्वास का मतलब क्या ? वही वर्णाश्रम में विश्वास। इसीलिए जो वर्णाश्रम में विश्वास करे, वह आस्तिक है और जो वर्णाश्रम में विश्वास नहीं करे, वह नास्तिक है।
मैं भी बौद्ध और जैन धर्म को स्टडी किया है। दोनों धर्म में कहीं नहीं कहा गया कि ईश्वर नहीं है। यह बात अलग है कि यह भी नहीं कहा गया कि ईश्वर है। आप कौन सी दुनिया से आए हो भाई ? जो धर्म की बात तो करते हैं परंतु मुझे लगता है कि आपने उन्हें स्टडी नहीं किया है केवल सुना है। आप तो ना आस्तिक होना नास्तिक। मुझे तो ऐसा ही लगता है कि आप किसी और लोक के प्राणी हो।
महोदय क्या आप के भगवान को मालूम नही था कि यज्ञ से बादल नही बन सकते।गीता 3/14 में आप के भगवान कहते है कि सारे प्राणी अन्न पर आश्रित है जो वर्सा से उत्तपन्न होता है ।वर्षा यज्ञ करने से होती है और यज्ञ नियत कर्मो से उत्तपन्न होता है।गीताकार को भूगोल पढ़ना चाहिए था जिसमे पढ़ाया जाता है कि पानी सूर्य की गर्मी से भाप बनकर उपर जाता है और वही धीरे धीरे बादलो का रूप धारण कर लेता है।यज्ञ से बादल बनते हैं ऐसा कहकर गीताकार ने अवैज्ञानिक बात तो कहि है भारतीयों को गलत शिक्षा दी है।
यज्ञ अनेक प्रकार के होते हैं महोदय। केवल आहुति डालने वाले ही अगर नहीं होते। भगवान कौन से यज्ञ की बात कर रहे हैं इस तथ्य को कोई ऐरा गैरा नत्थू खैरा नहीं समझ सकता।
@@YehiHaiSuch यज्ञ अनेक प्रकार के होते है ठीक है लेकिन वर्षा कैसे करेंगे।यदि यज्ञ से वर्षा होती तो भारत के कई राज्य बिना वर्सा के सूखा नही रहते,यज्ञ करवाकर वर्षा कर दी जाती।
महोदय आप कहते हैं कि कृष्ण भगवान थे,अवतारी महापुरुष थे क्यों कि उन्होने काम,क्रोध,मोह लोभ और द्वेष नाश कर दिया था।वे शीलवान और चारित्रवान थे।लेकिन ये योगेस्वर कृष्ण कितने शीलवान और चारित्रवान थे इसका उदाहरण भागवत के( 10वें स्कन्ध अद्द्याय 48 के श्लोक 1 से 10) तक मे लिखा गया है जिसमे कृष्ण द्वारा कुब्जा स्त्री(राजा कंस की सेविका कुबड़ी) के साथ व्यभिचार का वर्णन है और ब्राम्हवैवर्त पुराण (अद्द्याय 72,श्लोक 59 से 69 तक) में भी कृष्ण के द्वरा कुब्जा स्त्री के रातिविलास का वर्णन है जिसे पढ़कर आँखों को शर्म आ जाये।ब्राम्हवैवर्त पुराण ,जन्म खंड 4,अद्द्याय 15 श्लोक 1 से 178 में तो राधा के साथ कृष्ण का महारसलिला का वर्णन है जिसमे कृष्ण ने सारी मर्यादा तोड़ दी।इसी पुराण में कृष्ण के साथ बिरजा गोपी की अंतरंग सम्बन्धों का राधा को पता चलने पर राधा कृष्ण को चोर और लम्पट तक कहा 3/59.इसी प्रकार प्रकृति खंड के अद्द्याय 4 श्लोक 45 में भी कृष्ण को गंगा के साथ प्रेम ब्यवहार देखकर राधा फटकार लगाती है।इसी तरह श्रीमदभागवत दसम स्कन्द के अद्द्याय 29,33,48 में विषयभोगका वर्णन है जिसे परिवार के साथ बैठकर नही पढ़ा जा सकता है।😮😮इसी चरित्रवान भगवान श्रीकृष्ण के बारे में पार्वती ने शिव से पूछा जब भगवान का अवतार धर्म की रक्षा के लिए हुए तो उन्होनें परस्त्री गमन क्यों किया?तो शिव ने उत्तर दिया की भगवान को कोई पाप नही लगता है---पद्मपुराण, उत्तराखंड,अद्द्याय 245,श्लोक 163 से 177 तक ।😮😮😮श्रीमदभागवत के प्रथम श्रोता राजा परीक्षित को भी श्रीकृष्ण के इस ब्यभिचार आचरण के विषय मे शंका हुई तो महर्षि सुकदेव से पूछा कि धर्म की संस्थापना और अधर्म के नाश के लिए भगवान का कृष्णअवतर हुआ था तो उन्होनें धर्म के विपरीत जाकर परस्त्रीयों का स्पर्श कैसे किया तो शुकदेव ऋषि ने की तेजस्वी लोगो को कोई दोष नही लगता ।
Dhan Nirankar ji ❤
Dhan nirankar ji mahapurushon aap aise hi vichar sunaya karo aap ji ke charanon mein Das ka koti koti dhan nirankar ji❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Dhan nirankar ji mahraj ji 🙏🙏🙏🙏❤❤
Dhan nirankar ji mahapuruso ji ❤❤
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Dhan nirankar ji
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Dhan Nirankar ji 🌹🙏
Bahut sundar vichar santo 🙏❤️dhan nirankar ji santo ❤❤❤🎉🎉
🙏🌷 Dhan Nirankar Ji 🌷🙏
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Dhan nirankar ji mahapurushon ji
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Dhan Nirankar santo ji 🙏bhout sundar vichar ji
भैय्या ऐसें हरदीन हमको समजावते रहे
@gurmeetbabli2001 मेरे भाई आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Dhan Nirankar ji.Bahut shukriya.Das besahara he.Aap ji ese kripa baksna.Ye jiwan sirf karma he
Jay guru dev
Dhan Nirankar ji
Bilkul sahi batayen hai mahatma ji
Dhan nirankar ji mahapuruso 👏👏
बहुत बहुत धन्यवाद मेरा मानना है कि ईश्वर जो है हर कार्य में सहयोग करता है उसके बगैर पत्ता भी नहींहिलता है लेकिन उसका परिणाम जो है इंसान को ही भोगना पड़ता है ऐसा ईश्वर का विधान है
आपकी बात से मैं पूरी तरह से सहमत हूं।
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Dhanyvad mujhe aise hi sabko samjhate raho
Dhan nirankar ji Mahatma ji 🙏🙏🙏
Mahapurso aapjiko bilkul Sahi hai mithya Nahi dhan nirankarji parmatma
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Dhan Nirankar ji 🙏
Dhani nirankar ji
धन निरंकार जी महापुरुषों 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
श्री गुरु ग्रंथ साहेब जी पष्ठ 1257 (साकार परमात्मा) मलार महला 1 घरू 2
मलार महला 1 ।। बागे कापड़ बोले बैण।। लम्मा नकु काले तेरे नैण।। कबहूं साहिबु देखिआ भैण।।1।। ऊडाँ ऊडि चड़ाँ असमानि।। साहिब सम्मथ तेरै ताणि।। जलि थलि डूंगरि देखाँ तीर।। थान थनंतरि साहिबु बीर।।2।। जिनि तनु साजि दीए नालि खम्भ।। अति तसना उडणै की डंझ।। नदरि करे ताँ बंधाँ धीर।। जिउ वेखाले तिउ वेखाँ बीर।।3।। न इहु तनु जाइगा न जाहिगे खम्भ।। पउणै पाणी अगनी का सनबंध।। नानक करमु होवै जपीऐ करि गुरु पीरू।। सचि समावै एहु सरीरू।।4।।4।।9।।
इस शब्द के माध्यम से कहना क्या चाहते हो।
इस शब्द के माध्यम से नानक साहेब जी ने परमात्मा का आँखो देखा हाल वर्णन किया हैं वाणी में कहा हैं की बागे कापड बोले बैन लंबा नक काले तेरे नैन कबहु साहेब देखा भैन अर्थात् सफेद बगुले जैसा कपडा और बोले बैन वाणी बोलता हैं लंबा नाक और काले नैन हैं क्या किसी आत्मा ने साहिब अर्थात् परमात्मा को देखा हैं इससे स्पष्ट हैं की परमात्मा साकार मानव जैसा हैं जिसके एक रोम कुप (बाल)का प्रकाश करोडो सूर्य और करोडो चंद्रमा जितना हैं @@YehiHaiSuch
Aapke pavitra Pawan charno me das ka dhan nirankar ji maharaj 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
धन निरंकार जी 🙏🌹
🙏🙏
लेकिन महोदय ब्रम्हवैवर्त पुराण प्रकृतिखंड---2,अद्द्याय 48 में तो राधा को कृष्ण की मामी बताया गया है।मामी के साथ नाचना और इश्कबाजी करना धर्म और समाज की दृष्टि से कहाँ तक उचित हो सकता है।
वह किस परिपेक्ष में कहा है इस बात का मुझे पता नहीं है।
@@YehiHaiSuch वृषभानु की पुत्री राधा,राधा का विवाह सायण नाम का पुरूष से हुआ था जो यशोदा का भाई था, इस नाते राधा कृष्ण की मामी थी---ब्रह्मवैवर्त पुराण
चोरी हत्या डकैती जो गलत काम है वह ईश्वर के द्वारा नहीं होता
🙏🌺एक तूही निरंकार🌺🙏 आप जी के पावन पवित्र चरणों में प्यार भरी धन निरंकार जी संतो महापुरुषों जी 🥀👣🌼🌷🌹🙏
Jese Mene bhi Iswar ko prapt kar liya hai, gyan ko Jarur sune
संन्त जी आपके कुछ बातें समझ से परे है फिर ये कहना छोड दे ईश्वर की मर्जी के बिना पत्ता नही हिलता ।
श्रीपरीक्षिदुवाच - (अनुष्टुप्)
संस्थापनाय धर्मस्य प्रशमायेतरस्य च । अवतीर्णो हि भगवानंन् अंशेन जगदीश्वरः ॥ २७ ॥
राजा परीक्षित्ने पूछा-भगवन् ! भगवान् श्रीकृष्ण सारे जगत्के एकमात्र स्वामी हैं। उन्होंने अपने अंश श्रीबलरामजीके सहित पूर्णरूपमें अवतार ग्रहण किया था। उनके अवतारका उद्देश्य ही यह था कि धर्मकी स्थापना हो और अधर्मका नाश ।। २७।।
स कथं धर्मसेतूनां वक्ता कर्ताभिरक्षिता । प्रतीपमाचरद् ब्रह्मन् परदाराभिमर्शनम् ॥ २८ ॥
ब्रह्मन् ! वे धर्ममर्यादाके बनानेवाले, उपदेश करनेवाले और रक्षक थे। फिर उन्होंने स्वयं धर्मके विपरीत परस्त्रियोंका स्पर्श कैसे किया ।। २८ ।।भागवत पुराण ,दसम स्कन्ध, अद्द्याय 33
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
मिशन पंथ को छोड़कर
वेद और सनातन धर्म को मानो।
Lekin sanatan mtlb abinasi paramatma iska Gyan sadguru hi to krayega fir gurudar kaise chhod de pahle pura Dharm Granth ved Puran Ramayan Geeta ka padho fir bolna
Dhan nirankar ji mahapursho das ko apne shwal ka jwab mil gaya parmatma seb per rehm or kruna brshaye
सनातनी ही हूं और वह भी पक्का वाला।
Sansaar mein jo b hota Saab kuchh theek hi hota hai koi galat nahi hota hai hum aapni samajh se galat sahi ka nirnay karte hai hum aapni karni ka fal bhogte hai
Ham Ishwar ki marji se Chali nahin paate hain aur na hi Ishwar Kisi Ko papun Ka Karm ka fal Deta Hai manushya Mein Karm Karta Hai Swayam fal bhokta hai Jab Hamare Punya Karm Hote Hain To Ham Humko purn Karm ka fal Milta Hai Paap Karm Hote To Paap Karm ka fal Milta Hai ismein Ishwar ka koi dosh Nahin manushya Mein Apne Karmon ka Adhikari Hai usi ko Dukh Sukh bhokta rahata Hai aur dudh Deta Hai Kisi Aur Ko Khud Ke Karm Nahin dekhta hai yahi Satya hai yahi Satya hai
हां ईश्वर गलत भी करा देते हैं और गलती का दण्ड भी देते हैं लेकिन ऐसा इसलिए होता है नशीब में लिखा होता है अतः किस्मत या भगवान साथ में रहके करा देते हैं जैसे कि हम बुरा कब कर देते जब हमारे ऊपर कोई ख़राब ग्रह महाराज लगे हो तब हमारे साथ कोई न कोई ग़लती करवा देता है 626
@BanshilalmeenaHarmor
संत जी .. बस हमे ये ध्यान में रखना हे की हम सबसे पहले इंसान हैं। जो इंसानियत सरबोसेस्ट धर्म हे हमारे तो , जो भी करे सोच विचार के करे की हम इंसान होके क्या गलत करसकते, या क्या क्या कर्म हमारे जो हमे इंसान कहे लायेंगे वोही काम हम करे । जेसे: करुणा, दया , प्रेम, नम्रता,सहन सिलता.... इसे कई गुण सारे जो हमे मरियादा सीखती हो ये सब अपनाएंगे तो हम इंसान कहलाएंगे । तब जोभी होगी वो करुणा ,प्रेम... जहा पर घृणा,निंदा ,नफरत का बास नही हो सकती तब हमसे भी गतला कार्य नहीं हो सकती ।
Imp: हमे ये रमा हुआ राम जी के पहचान होना भी बोहुत जरूरी हैं।
कोई ग्रह या कुछ भी किसिकी हमारे ऊपर हावी नहीं हो पाएगा । फिर जो होगी हमारे प्रभु की मर्जी से 🙏।
🙏तूही निरंकार जी 🙏
कृष्ण का जन्म भूदेव ब्राह्मणों के ब्राह्मणत्व की रक्षा के लिए हुआ था। ब्राह्मणत्व की रक्षा ही वैदिक धर्म कि रक्षा है।
रेफ़्रेंस : पेज 14, भगवद्गीता शंकरभाष्य, गीताप्रेस गोरखपुर।औऱ जिस कृष्ण ने गीता 9/32में कहा कि शुद्र, वैश्य और स्त्री ये सभी पाप योनियां है उसी कृष्ण की ये तीनो जनमुतत्सव मना रहे हैं।
Nirankai bhagto, me ek Hindu hu. Our apko batana cahta hu ki yh bram gyan hai, is gyan marg se app Iswar ko pa Lange
सर एक बार आप साइंस जर्नी से बात करके वह वीडियो आप अपने चैनल पर डालिए
योगेस्वर श्री कृष्ण की श्रीमद्भभागवत पुराण के दसम स्कन्ध के अद्द्याय 90 के अनुसार 16108 पत्नियां थी और प्रत्येक पत्नी के 10-10 पुत्र हुए।
इस तरह तो सारी दुनिया श्री कृष्ण जी की ही वंशज है।
@@YehiHaiSuch सारी दुनिया नही केवल भारत मे,भारत मे कूछ लोग ओ भी अज्ञानता के कारण।
चरित्रवान कृष्ण के बारे में पार्वती ने शिव से पूछा जब भगवान का अवतार धर्म की रक्षा के लिए हुआ तो उन्होंने परस्त्री गमन क्यों किया? तो शिव जी ने उत्तर दिया कि भगवान को कोई पाप नही लगता।पद्मपुराण, उत्तराखंड अद्द्याय 245,श्लोक 163--177
@gurmeetbabli2001 मेरी बहन आप एक बार जरूर इस श्लोक का जाप करना प्लीज़ बहन एक बार बस
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
जो भी खुशियों को आप तरस रही हो देखना सब हस्ते खेलते आपके पास वापस आ जायेंगे
राधे राधे 🙏 बोलिए आपका जीवन सफल हो जायेगा
Saiyad ke kabu me sab jeev bechare saiyad kasai ko kahte hai ye sansar kasai ke hath me hai wah apni tarike se sansar chalata hai bahut takat war hai kiski bas nahi chalti
Mahtma ji, aap kabir sahib dawra sunyi gyi sarishti rachna ko sach kyun nhi mante
Esa maine kab kaha ? Lekin jo log kabir sahab ki Vani ko ulta pulta karke bol rahe hain unki baat nahin manta.
कृष्ण की 16000 से ज़्यादा पत्नी होने के वावजूद राधा के साथ उनकी मूर्ति बनाने या प्रेमिका के रूप में कहानी गढ़ने की परंपरा कब से सुरू हुई ?
महाभारत को 3 अलग अलग लोगो ने कम्पाइल किया लेकिन उन्हें कृष्ण की प्रेमिका राधा का पता नहीं चला आख़िर क्यों?
8 हज़ार श्लोक की जय, 24000 श्लोक की भारत से 96000 श्लोक की महाभारत बन गई अब तो 1 लाख से भी ज़्यादा श्लोक हो गये है लेकिन तब भी पूरे महाभारत में राधा को किसी ने कृष्ण की प्रेमिका के रूप में नहीं दिखाया।
हालाँकि महाभारत में राधा नाम की एक सुत्त जाति की कन्या का ज़िक्र ज़रूर मिलता है जो कुँवारी कुंती से सूर्य द्वारा उत्पन्न पुत्र कर्ण को नदी में बहते आते देख गोद लेकर पालन पोषण करती है। परन्तु उसका कृष्ण की प्रेमिका के रूप में उसका ज़िक्र तो क़तई नहीं है। मैगस्थनीज़ (310BC), फह्यान (399CA), ह्यूनसुंग (629CA), इसिंग (690CA) के समय भी न कृष्ण का ज़िक्र मिलता है न ही राधा का। पुरातत्व सबूत तो निलबट्टे सन्नाटा है ही ऐसे में
मेरा सवाल है कृष्ण की 16000 से ज़्यादा पत्नियों का ज़िक्र जब ऑलरेडी महाभारत में है तो पत्नियों के रहते राधा के साथ कृष्ण को प्रेमिका दिखाने की प्रथा कबसे सुरू हुई और उसकी ज़रूरत क्यों पड़ी?
क्या महाभारत के सुरुवाती तीनों लेखकों को इसका आईडिया नहीं था?
Sant Rampal is Real GOD
🥵🥵🥵
रामपाल शैतान ही है
राम और कृष्ण तो काल्पनिक है।
Sant Rampal is real God.
😂😂😂
रामपाल ही असली शैतान है 😅😅😅😅
महोदय इश्वर गलत काम भी करवाता है।भगवतगीता के अद्द्याय 18/61 में लिखा है कि हे अर्जुन ईस्वर सभी प्राणियों के हृदय में विराजता है।वह अपनी माया से सभी प्राणियों को यंत्र वत घूमता है।
महोदय आप के योगेस्वर कृष्ण गीता 18/78 में कहते है कि जहां योगेस्वर कृष्ण है ,जहां अर्जुन है वही पर श्री,विजय, भूती तथा अचल नीति है लेकिन योगेस्वर कृष्ण महाभारत, सभापर्व,अ 14/67के अनुसार जरासंघ के भय से मथूरा छोड़कर द्वारिका पलायन कर गए।जरासंध वहां भी जा पहुचा तब कृष्ण पर्वत में जा जा छिपे जरासंध वहाँ आग लगाकर लौट आया परंतु कृष्ण जैसे तैसे बच निकले।कृष्ण की 16000 पत्नीयों को पंजाब के डाकुओं ने अर्जुन से लाठियों के बल पर छीन कर अपनी पत्नियां बना लिया था----महाभारत मौसल पर्व,अद्द्याय 7 और 8 ।जो कृष्णा गीता में परमात्मा होने का दावा कर रहे थे तो इससे बढ़कर और मजाक क्या हो सकता है।
आप गहराई में नहीं जाते। थोथी बातें करते हैं। इसी कारण आपकी सोच ऐसी हो गई है। आधी अधूरी सच बात कहते हैं।
प्लीज आप मेरी इस बात पर ध्यान दीजिएगा जरूर एक बार साइंस जर्नी जिसे आप बात करिए और उनसे आप जानकारी प्राप्त करके अपने वीडियो पर डालिए
In murkho ko ghyan na hone ke karan ye parmatma ko nirakar mante hai ya kahte hai rigved mandal9sukt82kamantra1kopadloyeband ankhe kul jaye
Darling Kali Mata Bhajan ko samjhate raho
Nirgun? Achha aur bura kiun karta hai, Insaan.
देख लीजिए दोस्तो इनके ज्ञान की अज्ञानता इनको ये भी नही पता है की भागती क्यों की जाती है परमात्मा स्वयं अपने शिष्यों बचाने आता है इसके हजारों प्रमाण की वीडियो यूट्यूब है आप सब जाके देख इन नास्तिको के चक्कर में मत बड़ो
आपके जेल में हत्या जैसे जघन्य अपराधों की सजा काट रहे गुरु ने यही सब तो सिखाया है आपको। भक्ति तक लिखना नहीं आता आपको यह आपकी काबिलियत को दिखाता है। भक्ति को भागती लिखते हो।
रामपाल जी महाराज में ब्रह्मा विष्णु महेश से भी ज्यादा शक्तिया है
दो कौड़ी का रामपाल। अपने आप को जेल से निकल नहीं पा रहा। उसके चेले निहायत ही घटिया बातें करते हैं। तुम लोगों की बातें सुनकर हंसी आती है।
रामपाल ने इस दुनिया को छः दिन में सृष्टि रच कर अभी जेल में विश्राम कर रहा है। हा हा हा 😅😅😅
आप बोल रहे है कि भगवान अच्छा बुरा फल देता है लेकिन आप का भगवान गीता 5/14 में बोल रहा है कि ईस्वर न तो संसार के कर्ता का रचयिता है और न संसार के कर्मों का रचयिता है और न ही वह कर्मो तथा फल के संयोग का रचयिता है।प्रकृति का स्वभाव मात्र प्रवर्तित होता है।
इस्बर के लिए अच्छा बुरा किया सुख दुख किया ज्ञान अज्ञान किया
Sat saheb ji aap gal at bol rahe aapko gyan nahi hai har sabad do hai jaise ki ak shaitan aatma galat karwata hai jise Jyoti nirjanjan kal kaha gaya hai dusara pram atama yani sarest atama jise pramatma kahate hai a kisi ke galat nahi karwata jaise ak man kahta hai chori karo shaitan dusara man kahta chori nahi Karo a pramatma
Chonch band rakhkho duniya ko murkh banate ho. Shastron se ulto bat karte ho.
@@YehiHaiSuch sat saheb ji agar aapke panth sahi hota to apke panth se bhagat bhai sat lok aashram se kyon jud rahe hai
आप जो सोच रहे हैं कि आस्तिक का अर्थ ईश्वर में विश्वास करना और नास्तिक का अर्थ ईश्वर में विश्वास नहीं करना है तो आप भ्रम में हैं।
हिंदू दर्शन में जो वेदों पर विश्वास करे, वह आस्तिक है और जो वेदों पर विश्वास नहीं करे, वह नास्तिक है।
मीमांसा और साख्य दर्शन ईश्वर में विश्वास नहीं करते हैं, मगर वे वेदों में करते हैं। इसीलिए उन्हें आस्तिक दर्शन माना गया है।
वेदों में विश्वास का मतलब क्या ? वही वर्णाश्रम में विश्वास। इसीलिए जो वर्णाश्रम में विश्वास करे, वह आस्तिक है और जो वर्णाश्रम में विश्वास नहीं करे, वह नास्तिक है।
बिल्कुल सही कहा। बौद्ध और जैन दोनो ही धर्म ईश्वर की सत्ता में विश्वास नही करते है फिर भी उनका नैतिक जीवन बहुत ही उच्च स्तर का होता है।
मैं भी बौद्ध और जैन धर्म को स्टडी किया है। दोनों धर्म में कहीं नहीं कहा गया कि ईश्वर नहीं है। यह बात अलग है कि यह भी नहीं कहा गया कि ईश्वर है।
आप कौन सी दुनिया से आए हो भाई ? जो धर्म की बात तो करते हैं परंतु मुझे लगता है कि आपने उन्हें स्टडी नहीं किया है केवल सुना है। आप तो ना आस्तिक होना नास्तिक। मुझे तो ऐसा ही लगता है कि आप किसी और लोक के प्राणी हो।
पीछे के नकली लोकेशन की जगह हरे पूते कमरे में ही वीडियो बना लो
परमात्मा ना निराकार है। ना साकार है।परमात्मा निराकार साकार से परे है।
महोदय क्या आप के भगवान को मालूम नही था कि यज्ञ से बादल नही बन सकते।गीता 3/14 में आप के भगवान कहते है कि सारे प्राणी अन्न पर आश्रित है जो वर्सा से उत्तपन्न होता है ।वर्षा यज्ञ करने से होती है और यज्ञ नियत कर्मो से उत्तपन्न होता है।गीताकार को भूगोल पढ़ना चाहिए था जिसमे पढ़ाया जाता है कि पानी सूर्य की गर्मी से भाप बनकर उपर जाता है और वही धीरे धीरे बादलो का रूप धारण कर लेता है।यज्ञ से बादल बनते हैं ऐसा कहकर गीताकार ने अवैज्ञानिक बात तो कहि है भारतीयों को गलत शिक्षा दी है।
यज्ञ अनेक प्रकार के होते हैं महोदय। केवल आहुति डालने वाले ही अगर नहीं होते। भगवान कौन से यज्ञ की बात कर रहे हैं इस तथ्य को कोई ऐरा गैरा नत्थू खैरा नहीं समझ सकता।
@@YehiHaiSuch यज्ञ अनेक प्रकार के होते है ठीक है लेकिन वर्षा कैसे करेंगे।यदि यज्ञ से वर्षा होती तो भारत के कई राज्य बिना वर्सा के सूखा नही रहते,यज्ञ करवाकर वर्षा कर दी जाती।
महोदय आप कहते हैं कि कृष्ण भगवान थे,अवतारी महापुरुष थे क्यों कि उन्होने काम,क्रोध,मोह लोभ और द्वेष नाश कर दिया था।वे शीलवान और चारित्रवान थे।लेकिन ये योगेस्वर कृष्ण कितने शीलवान और चारित्रवान थे इसका उदाहरण भागवत के( 10वें स्कन्ध अद्द्याय 48 के श्लोक 1 से 10) तक मे लिखा गया है जिसमे कृष्ण द्वारा कुब्जा स्त्री(राजा कंस की सेविका कुबड़ी) के साथ व्यभिचार का वर्णन है और ब्राम्हवैवर्त पुराण (अद्द्याय 72,श्लोक 59 से 69 तक) में भी कृष्ण के द्वरा कुब्जा स्त्री के रातिविलास का वर्णन है जिसे पढ़कर आँखों को शर्म आ जाये।ब्राम्हवैवर्त पुराण ,जन्म खंड 4,अद्द्याय 15 श्लोक 1 से 178 में तो राधा के साथ कृष्ण का महारसलिला का वर्णन है जिसमे कृष्ण ने सारी मर्यादा तोड़ दी।इसी पुराण में कृष्ण के साथ बिरजा गोपी की अंतरंग सम्बन्धों का राधा को पता चलने पर राधा कृष्ण को चोर और लम्पट तक कहा 3/59.इसी प्रकार प्रकृति खंड के अद्द्याय 4 श्लोक 45 में भी कृष्ण को गंगा के साथ प्रेम ब्यवहार देखकर राधा फटकार लगाती है।इसी तरह श्रीमदभागवत दसम स्कन्द के अद्द्याय 29,33,48 में विषयभोगका वर्णन है जिसे परिवार के साथ बैठकर नही पढ़ा जा सकता है।😮😮इसी चरित्रवान भगवान श्रीकृष्ण के बारे में पार्वती ने शिव से पूछा जब भगवान का अवतार धर्म की रक्षा के लिए हुए तो उन्होनें परस्त्री गमन क्यों किया?तो शिव ने उत्तर दिया की भगवान को कोई पाप नही लगता है---पद्मपुराण, उत्तराखंड,अद्द्याय 245,श्लोक 163 से 177 तक ।😮😮😮श्रीमदभागवत के प्रथम श्रोता राजा परीक्षित को भी श्रीकृष्ण के इस ब्यभिचार आचरण के विषय मे शंका हुई तो महर्षि सुकदेव से पूछा कि धर्म की संस्थापना और अधर्म के नाश के लिए भगवान का कृष्णअवतर हुआ था तो उन्होनें धर्म के विपरीत जाकर परस्त्रीयों का स्पर्श कैसे किया तो शुकदेव ऋषि ने की तेजस्वी लोगो को कोई दोष नही लगता ।
Dhan Nirankar Ji🙏🙏🙏
Dhan nirankar ji🙏🙏