It's nice and very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very much interesting story
अब कभी मैं यह कहानी नहीं सुनूंगा एक ही बात को 10 10 बार कह रहते हैं आज के समय में कितनी फिजूल बातें सुनने का किसी के पास टाइम नहीं है सुधार कीजिए कहानियां अच्छी है परंतु आपके बिस्तर के कारण वह बेकार हो जाती है
This is not the story of a single girl, in our country it happens still in many villages. The girl is not a burden rather an asset for the family. Parents make her a liability and burden. From v.begining of a girl's parents try to understand her capabilities then she can make a whole in the sky.. She can become an example in society. Not only parents but girls themselves can see ,how girls r capable, and everybody will learn from that family. Not only education but some skill should be n then , so they can earn for themselves an make some money. If they can stand on their feet then they don't have to spend their lifel according to others.
निशा पर केन्द्रित इस कहानी में अच्छा-कथानक हे,पर पूरी कहानी में पुनरावृत्ति बहुत है।शुरू में बाद का कुछ प्रसंग आया है,फिर ये कहानी को लेखक ने घिसे-पिटे और चलताऊ ढंग से बढा़ करके निशा को वेश्यावृति के दलदल में ढकेल दिया और जिस तरह निशा वापस घर;अपनी सौतेली माँ के पास पहुँचाया दिया,वह अत्यन्त बनावटी है। इस कहानी की प्रमुख-चरित्र निशा की सौतेली माँ को दादी,चाचा और चाची कुछ नहीं कहती।पिता भी यथावत् ही रह गया ।चाचा-चाची के बेटे का भी उल्लेख मात्र ही है। सौतेली माँ पढी-लिखी है या नहीं,लेखक इसका भी कोई उल्लेख नहीं किया। गुज़र गयी माँ की इकलौती बेटी को भी कथाकार ने उसकी माँ के स्वभाववाला ही चरित्र बना दिया हैॉ जा़हिर है कथाकार कहानी की ठीक बुनावट नहीं कर पाया है! ऐसा दिशाविहीन कथालेखन विक्षुब्ध करता है!
Very nice story
Bhut achai
It's nice and very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very very much interesting story
Good Ram Ram😊
Very impressive,painful and bitterly true story of the struggling people in society !
L
.
@@AshokKohli-ps7jeu छत भी दल
@@pushpagangwal6042l❤
Aik achi kahani ko dohrana baat baar bore karta hai😮
Pull
एक ही बात बार बार कहने से बोरियत होती है और चरित्र से लगता है जबरदस्ती की गई है कुछ बात बनी नही अशुद्धियां भी बहुत हैं
❤ मेरे जीवन साथी ❤
Amazing story 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
अब कभी मैं यह कहानी नहीं सुनूंगा एक ही बात को 10 10 बार कह रहते हैं आज के समय में कितनी फिजूल बातें सुनने का किसी के पास टाइम नहीं है सुधार कीजिए कहानियां अच्छी है परंतु आपके बिस्तर के कारण वह बेकार हो जाती है
Smaajki kurtiian aur betiyon ke prati durvyvhar par vyang ka pradarsha karti prernadayek kahani
स हीकहाआपने एक ही बात को बार-बार दोहराते दोहराते कहानी बहुत लम्बी खींचकर बोर कर देती है
😅😅😅
बहुत ही घटिया कहानी है। औरत का मजाक ऐसे नहीं उडाना चाहिए
This is not the story of a single girl, in our country it happens still in many villages.
The girl is not a burden rather an asset for the family.
Parents make her a liability and burden.
From v.begining of a girl's parents try to understand her capabilities then she can make a whole in the sky..
She can become an example in society. Not only parents but girls themselves can see ,how girls r capable, and everybody will learn from that family.
Not only education but some skill should be n then , so they can earn for themselves an make some money.
If they can stand on their feet then they don't have to spend their lifel according to others.
Qeetqqètweeeeeeeeeeeeeeeeeqqqwqqtqqqtaààaàsáa
😊1
समाज को अच्छी शिक्षा मिलेगी
बहुत दर्द भरी दास्तां बयां करती है किसी के साथ ऐसा नहीं हो
इस कहानी का कोई उद्देश्य भी है क्या ?
एक बात को वार बार दोहराती है कहानी, न दुहराये तो कहानी अच्छी है।
😮
Mam मैं स्टोरी खरीदना चाहती हूं,, कितने पैसे में बेचेंगी आप मुझे reply dena agar aap story bechna chaahe
Reply please
Story free me milta hai
@@Bguyui kha se
Hii
@@somdattsharma3678 hlo
निशा पर केन्द्रित इस कहानी में अच्छा-कथानक हे,पर पूरी कहानी में पुनरावृत्ति बहुत है।शुरू में बाद का कुछ प्रसंग आया है,फिर ये कहानी को लेखक ने घिसे-पिटे और चलताऊ ढंग से बढा़ करके निशा को वेश्यावृति के दलदल में ढकेल दिया और जिस तरह निशा वापस घर;अपनी सौतेली माँ के पास पहुँचाया दिया,वह अत्यन्त बनावटी है।
इस कहानी की प्रमुख-चरित्र निशा की सौतेली माँ को दादी,चाचा और चाची कुछ नहीं कहती।पिता भी यथावत् ही रह गया ।चाचा-चाची के बेटे का भी उल्लेख मात्र ही है। सौतेली माँ पढी-लिखी है या नहीं,लेखक इसका भी कोई उल्लेख नहीं किया। गुज़र गयी माँ की इकलौती बेटी को भी कथाकार ने उसकी माँ के स्वभाववाला ही चरित्र बना दिया हैॉ जा़हिर है कथाकार कहानी की ठीक बुनावट नहीं कर पाया है!
ऐसा दिशाविहीन कथालेखन विक्षुब्ध करता है!
आधे घंटे की कहानी को तूने 52 मिनट्स लगा diy isiliy Teri कहानियां pdne को मन dil nhi krta
Bas bhee karo, repeat n repeat
Dimag chat gaya ek hi bat bar bar duhra rahi hai
Kahani bahut achieve Hai par kahani multi kaha se
Does the story have a name.
एल एम
@@RamPrakash-dj5ks
0%^@@
Khati thi hotithi a thi kia hay
😢
बड़ी बोर कहानी है
Joda time laga diya bahen. Thoda short karo
घुमा फिरा के एक ही बात बार बार repeat होता हैं, बिल्कुल बेकार कहानी है
बकवास कहानी सौतेली माँ की 10 साल की बेटी किसी के साथ भाग गई झूठ
ಬ
Bilkul acchi kahani nahi hai