1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@ShashankSingh-m1h Aaesa nahi hai "Mujhe aaesa lagta hai" Sab religion kisi higher form ko god maante hai Agar tum kisi 1k ko maante ho to sab k liye tum aastik ho jaaoge "Mai galat bhi ho sakta hu"
बिल्कुल नहीं, नास्तिक सिर्फ बातों और कागज के शेर होते हैं। मैने बहुसंख्य ऐसे नास्तिक देखे हैं जो अपने घर के बल्ब नहीं बदल सकते, बेसिक घर के काम नहीं कर पाते जिस साइंस के ज्ञान का दम भरते हैं उसका प्रैक्टिकल लाइफ में s भी नहीं अमल में ला पाते, सिर्फ बौद्धिक कलाबाजियों में माहिर होते हैं। आखिर में सब कामों के लिए उन्हीं धार्मिक लोगों के आसरे रहते हैं जिनको घृणा की भावना से देखते हैं। ऐसे लोगों के लिए मेरे इलाके में कहावत है बिल्ली के g@o...
Kuchh bhi karne ki azadi vahsipan kehlata hai. Nastik bhi apne upar kayi pabandi lagate hai samaj me rehne ke liye, baaki har institutions ke rules to hain hi. Airport pe patakhe phod lijiye agar itne hi azad hain to, duniya hai to pabandiya hogi hi. Aur azadi kya hai? Aap apne hi body aur senses ke andar kaid hain, kahe ki azadi?
Narak banaa denge duniya Ko naastik ka matlab kuchh nahin hota har kisi Ko kisi Na kisi par Vishwas hota Hai naastik matlab zero aur hona Prithvi per sambhav nahin Hai isliye insanon ki tarah jivan jio pathar mat ban jao😂
चाइना में 90% नास्तिक यूरोप और अमेरिका में 50% से ज्यादा नास्तिक हैं लेकिन भारत में रहने वाले 95% आस्तिकों की तुलना में उन नास्तिकों की सोच और उनके देश विकसित हैं 🙏
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी। सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.? विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal. हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं?? क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं। सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने? ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
@@OMAryavart00थोड़ी दुनिया घूमो थोड़ा अध्ययन करो, दिमाग विकसित होगा. फिर ऐसे तर्क नहीं दोगे. दुनिया का हर देश अपने past को महान कहता है. तुम जिसे सोने की चिड़िया कहते हो, वो राजाओं के सही हो सकता है, पर संपूर्ण देश के लिए नहीं...वो समय ही ऐसा था, पूरी दुनिया में राजाओं का ही सिस्टम चलता था और सभी राजाओं के पास भरपूर दौलत होती थी.. इसका मतलब ये नहीं कि जनता भी सोने से लबालब थी
@@Sanjayplay10 तुम निपट चू हो, एक राज्य की खुशहाली और समृद्धि का पैमाना कभी भी राजा महाराजाओं या बादशाहों की दौलत से नहीं होता था, बल्कि वहां की प्रजा या अवाम के लिए बुनियादी सुविधाओं, आर्थिक स्थिति, राज्य की संपदा का एक समान वितरण, taxation या कर का प्रभावी तरीका, चोर उचक्कों , असामाजिक तत्वों में कानून का डर, सामाजिक सुरक्षा इन पैमानों से एक राज्य के अच्छे या बुरे होने, समृद्ध या कंगाल होने का फैसला होता था, और इन्हीं पैरामीटर्स पर देश सोने की चिड़िया कहलाया, तुम्हारे पुरखे भी इसी सिस्टम का हिस्सा रहे होंगे, उन्हें कब्र में से उठाकर पूछ ले।
@@Chiefofilluminatilekin sir aap missionupsc 4681 kyu likhe hain budh koi dharm nhi h ye ek vichar h sir budh ko log bhagwan bna diye hain to mujhe nhi lgata sir dp lga liye to wo aastik hain ya nastik hain agr meri baat glt lgi ho to sry sir
@@Chiefofilluminatiतुम ऐसा इसलिए कह रहे हो क्योंकि धर्म के ठेकेदारों ने बुद्ध को भी अपने द्वारा बनाए गए भगवान(विष्णु) का अवतार बता दिया है।लोग बुद्ध की DP इसलिए लगाते हैं, क्योंकि वो एक गुरु की तरह अपने विचारों से मार्गदर्शन करते हैं। और और बौद्ध धर्म कोई धर्म नहीं है बल्कि यह तो बुद्ध के द्वारा बताये गए विचार हैं जो लोगों को जीवन को अच्छे से जीना सीखते हैं उन्ही सब विचारों को ही सब बौद्ध धर्म के नाम से जानते हैं।
@@NewsContents23 दुनिया के हर धर्म के लोग यही कहते है कि मेरे धर्म मे समस्या नही है बस कुछ पाखंडियों ने पाखंड फैला दिया है बाकी तो धर्म बहुत अच्छा है😂 जैसे हिन्दू कहते है कि हिंदूइस्म तो बस वे ऑफ लाइफ है जीवन जीने का तरीका सिखाता है। बौद्ध धर्म में भी धर्म की सारी मूर्खताएँ है सिवाय ईश्वर के और महायान एक हद तक उसे भी swavikar कर लिया है
@adwaita6663 बिल्कुल गलत मेरे भाई .. नास्तिक किसी को मूर्ख नही समझते .. इसके विपरीत आस्तिक लोग नास्तिक को मूर्ख समझते है की इनको कुछ भी ज्ञान नही है एक बार के लिए तुम्हारा बात मान भी ले तो मूर्ख समझना फिर भी उतना बुरा नही है जितना की नफरत करना तुम भी अपने से किसी छोटे को मूर्ख कह देते हो या समझ लेते हो लेकिन उनसे नफरत तो नही करते ..
Brother check the facts the best countries of the world are where people are least religious. I am not saying being religious is bad but neither is atheism. I know you will not agree but that's fine,don't expect you to be .
@KindlePrime veganism se hi khane ki dikkat ka bhi hal hai Oxford University, FAO, aur PNAS ki studies dikhati hain ki plants-based diets se resources ka effective use hota hai, jo food security badhane aur bhookmari ghatane mein sahayak hoga..
सही है सरपंच जैसे mythology को हकीकत मान लेना क्योंकि मन किया, तो मूर्खता भी एक शौक है , जैसे धर्म एक धंधा है , पाखंड तुम्हारी आस्था है क्योंकि तुम मन को मानते हो।
*एक विकसित राष्ट्र की पहचान धर्म से नहीं बल्कि आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकी और शानदार शिक्षा प्रणाली से होती है।* *"Religion is for Man".,* *"Man is not for Religion".* #We_Belive_In_Humanity👍 *मानवता से बड़ा कोई पद नहीं,* *अहंकार से बड़ा कोई कफ़न नहीं।* *🇮🇳 We are Indian Firstly & Lastly 🇮🇳*
बहुत सही आकलन है। निस्संदेह। नास्तिकता एक शौक है। और आस्तिकता एक संपूर्ण कुशल व्यापार। बेचारे नास्तिक व्यापार करना ही नहीं जानते। वर्ना जो आनंद आस्तिकता के व्यापार में है। वह नास्तिकता में कहां?
"आस्तिक से नास्तिक तक की यात्रा" का असली उद्देश्य सांप्रदायिक बंधनों से मुक्त होकर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ना होना चाहिए। आस्तिकता में व्यक्ति बाहरी विश्वासों और परंपराओं में रमा रहता है, जबकि नास्तिकता में वह उन विश्वासों पर विचार करता है और अपनी आंतरिक सत्य की खोज करता है। यह यात्रा सांप्रदायिकता की संकीर्णता को छोड़कर, मानवता और आत्म-बोध की व्यापकता की ओर ले जाती है। आध्यात्मिकता का मार्ग भीतर की शांति, प्रेम और सच्चाई की अनुभूति है, जो सभी धार्मिक सीमाओं से परे, हर जीव के साथ एकता का अनुभव कराता है।
Bhai ye sab bhi to insaan dharm se hi sikhta hai na pet se to leke paida nhi hota jisko tum insaniyat bolte ho actual me ho religionsness hoti hai kyoki insan animal kingdom me ata h vo bhi ek trah ka animal hi h aur animals me human values jesa kuch nhi hota vo sab dharm sikhata h hme
@@Krishanveer333 जो व्यक्ति प्रेम ,दया और करुणा से जीवन जी रहा है वही सच्चा धार्मिक है ।आस्तिक और नास्तिक दोनों धार्मिक हो धार्मिक ही है यदि वो मानवीय मूल्यों को तरजीह देकर जी रहे है
@@mastikipathshala2023 bhai to Jin manviya mulyo ki baat kr raha h vo bhi kahi se ate honge na koi pet se dayavan, karunavan thodi ata h pet se hum sab janwar hi peda hote h jab maaa baap ache sanskar dalte h humme tab hum ese bante h aur vo ache sanskar dharm se hi ate h kahi aur se nhi isliye jisko manavta bolte ho actual me vo religiousness hoti h manavta naam ki koi cheez nhi hoti bhai
@@Krishanveer333Human right धर्म से नही आए, पहले जाके धर्म, नास्तिकता, Human values and Ethics पर थोड़ा ज्ञान अर्जित करो, तब Argument करने मै ठीक भी लगे, ये तुमने जो बात बोली है बो 1200AD se लोग बोलते हुए आ रहे है, तुमने भी बही बात Repeat कर दी
@@AGRIUNNYAN acha bhai to ye btade jab human jungle me tha tab ye human right kaha the ethics kaha thi agar ye natural h to ye human right human values jungle me kyu chlti thi wha ek insaan dusre ko mar mar kyu khata tha
धर्म का मतलब है आस्था, करुणा, विश्वास, दया, ममता। नास्तिक लोग जड़ होते हैं हमेशा denial मोड में रहने वाले, उन्हें किसी का डर नहीं इसलिए किसी भूखे को रोटी नहीं 50 डिग्री गर्मी में किसी प्यासे और सूखे हलक वाले को पानी भी नहीं पूछते।
सौरभ सर! आपका यह वीडियो देखा जिसमें आप वीगन वाद को एक शौक कह रहे हैं। मैं आपकों बहुत सुलझा हुआ पत्रकार और एक सुलझे हुऐ इंसान की तरह देखता हूं। आपकी पत्रकारिता का सम्मान और उसकी प्रशंसा करता हूं। परन्तु वीगनवाद पर आपका यह विचार सुनकर काफी आहत हुआ। आप जैसे जिम्मेदार शख्सियत की ओर से इस तरह की बात आना काफी आश्चर्यजनक लगा। मैं चाहता हूं आप वीगनवाद का और अध्ययन करें और उसके पीछे की विचारधारा को समझने का प्रयास करें। विगनवाद शौक नहीं आवश्यकता है इस समय की। पर्यावरण और जानवरों की आवाज है वीगनवाद। मैं नहीं चाहता की आप जैसे जीवन के विधार्थी इस विचारधारा की महत्ता और आवश्यकता से अछूते रह जाए।
@@mohitsaindane1318 भाईसाब आज पत्रकारिता का स्तर इतना नीचे जा चुका है कि शायद आपको सौरभ जी एक बुद्धिजीवी पत्रकार लगते होंगे..इसीलिए शायद आप उनसे ज्यादा उम्मीद लगा बैठे है..पर ऐसा है नहीं
आस्तिक बन के भी कोई क्या कर लेगा? न बेईमानी, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, चोरी ,लालच खत्म होगा और न गरीबी खतम होगा . कम से कम नास्तिकता धार्मिक शोषण से तो बचाता है
नास्तिकता का मतलब है प्रकृति को वास्तविकता में समझने की सच्चाई । नास्तिक या आस्तिक होने का यह कतई मतलब नहीं होता है कि व्यक्ति नैतिक भी होगा । यही देखा जाता है कि अधिकतर खतरनाक अपराधी धार्मिक और आस्तिक ही होते हैं बल्कि कट्टर आस्तिकहोते हैं ।
मैं एक नास्तिक हूँ और जब नास्तिक हो गया तो यही लगा कि क्या ही बदल जाएगा जीवन में? पर आज जीवन में इसलिए खुश हूँ क्यूंकि चीजे काफी clear दिखती हैं, हर दिन खुद को मजबूत कर रहा हूं यहि महसूस होता है। ये आसपास के बेईमान लोग, ये मीडिया या जाति धर्म पाखंड ब्राह्मणवाद, इस्लाम या क्रिश्चियनिटी भी मुझे ठगा नहीं सकती। 👍🏼
सर कई धर्म ग्रंथों को पढ़ने के बाद और उन्हें समझने के बाद नास्तिक बन जाना शायद आसान नहीं होता और वो शायद समाज के कारण क्युकी धर्म का दूसरा नाम जानना, समझना, और खोजना होना चाहिए था लेकिन सच में ऐसा नहीं है और इसलिए नास्तिकता सही है 😊
Aap Kabhi Osho ko Osho K Nazariye se Nahi Samjhe , Aap hamesha Osho ki Baato mei Vo Chize Dhundhte rahe ho aapki Manyatao se Sambafh Rakhe , Rationality Hume sikhata hai kaise Hume apne Vichaar se Na Jide Rehkr Saamne Wale k Nazariye se bhi Cheeze samjhni chahiye
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
इस दुनिया में नास्तिक सबसे अच्छे लोग हैं क्योंकि नास्तिक सामूहिक हिंसा नहीं करते हैं जबकि धार्मिक लोग सामूहिक हिंसक होते हैं इसलिए नास्तिक ज्यादा मेजोरिटी में हो जाएंगे तो देश बहुत अच्छा हो जाएगा ❤❤❤❤
विज्ञान और संविधान पर विश्वास ही मेरी नास्तिकता है,जिस दिन विज्ञान भगवान सिद्ध कर देंगे तो मानने लगूंगा,वैदिक/ब्राह्मण/हिंदू/सनातन धर्म भी वेद मानने के पर आस्तिक माना है न कि भगवान,अब मेरा वेद विज्ञान की पुस्तक और देवता आविष्कारक जिन्होंने मानव विकास किया
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी। सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.? विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal. हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं?? क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं। सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने? ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
I am an Atheist ⚛️ I do not believe in the existence of God. There is no evidence to support the belief in any gods or supernatural entities. I rely on science, reason, logic, and empirical evidence to form my worldview and have not found compelling evidence or arguments to support the existence of God. The universe is governed by natural laws and forces, rather than moral, spiritual, or supernatural ones. As an atheist, I reject religious dogma, supernaturalism, and superstition as the basis of morality and decision-making. I emphasize the social and empirical nature of inquiry and prioritize scientific solutions to intellectual problems. There is an intrinsic intellectual conflict between faith and science, and that it inevitably leads to hostility. I am engaged in a continually evolving search for truth, primarily through science and philosophy.
Atheist Means a person who prefer rationalism in very field not like a community or Religion ..And I am proud Athiest But I will oppose every point where Athism acts like Religion , Athieism is of Passion not compulsion 😅
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@IceBreaker-yj1qq you are doing dogma, Saurabh is right for sure And yes We must ban Crackers on diwali for our health , Now You are saying killing goats on Eid so to ban Killing of goats you should protest and request to your government that if the govt. have guts so, they ban killing of goats, Every day in India more than 30 000(Thirty thousand) goats are being killed and these meats are being consumed by Hindus .so firstly look at your own religion and own dogma lol . We must ban crackers for 100% so that Our Environment will be clean.
@@PAWANKUMAR-ed3ug Rationality:- the quality of being based one logic, reason, asking question again anything , analysing things with open mind not having any kind if myth or faith (where there is no logic, no reason just accepted the existence without questioning )is Rationality lol
@@Atheist7850bat ye nhi h kon astik h kon nastik batt yeh h ki jo bhi h kya wo ye smjh paya ki tammez ki zindagi kaise jini h nhi na jis dharma ka virodh bhgat singh krte the wo dharm tha bhi nhi or na wo dhram kha jayega kuki logo ne dharam ke nam par apni roti pakayi h smjhe to agar tum nastik ho to kis basis pe kya sirf jhute dharm ke virodh mai kuki asli dharm ko to nastik bhi nhi mana kar skta kuki dhram apne app mai hi ek better word h pure word smjhe ajj Jo dharam apne aass pass dekh rhe ho wo dhram nhi h bhagat singh uske nastik the asli dharm ke nhi jha tammez i zindagi or tameez dar log ho us dharm ke nastik nhi the nastik ka matlb h na asti Abe jo ho phle uska matlb Jan to lo or proud hone wali batt hi nhi h ki mai nastik hu I am proud what to proud in it ha Ambani Roz mandir jata h ammer to h successful to h Lekin ek garib nastik h phir bhi gareeb h to nastik hone ka kya proud it's nothing to be proud of or ajj kal india me nastik or dharm or har chezzz ka level hi gira diya h kuki market Mai ajj kal nastik hona sirf shock ho gya h bina Jane bina smjhe bas social called attitude nastik bas abhi yhi intelligent intellectual ke samne face to face debate karwa do to comment section ke social called nastik Neo atheist sab apne app level pe ajenge had h Ap acharya Prashant Aram se nastik ko smjha skte h dharm ka mtlb lekin whi dharmik insan sirf apni Manyata par chalta h asli dharm pe nhi isiliye nastik log hho jate h smjha Or ajj kal india mai na to dharm smjh paye na nastik ko Bas apni mentality ke gulam phir chae so called atheist ho ya so called Puja krne wale bina mtlb jane festival manna na par koi asli matlb smjhye to bahvna ko tes pahucha rha h are dharm ko jane to or phir aj ate h so called atheist ka trend Means india mai har chezz ka level gir chuka h either Atheism or thesis people are just following mental though and think themselves as well cool.wow.
नास्तिक बोही हे जो हर मुसीबतों को सामना करके जीतनेकी कोशिश मे हमेशा-हमेशा लगता हे जीतके ही मानेगी चमतकार से बिसवास नेही मानता मेहनत से सफल मानते हे। मनको शान्त रकने केलिए किसीकी जिन्दगी बदलाव करके देखो।
Yuppp, i exactly say this kinda of stuff but wo bhi thoda sophisticated tarike se. Saurabh ne saurabh se aaj ek kaavyatmak tarika seekha khud ko bayan karne kaa. Aur haa, rational yaa sirf tark karne waalo ko me unki shaadi ke baad waali pehli raat ko room ke andar jaane se Pehle pakad ke puchunga, saale pyar kaise tarkik tarike se kiye ho. Kaise poetry kare tark lagaa ke aur jab tak jawab naa mile usko jaane nahi dunga. Ab chahe wo kuch bhi kare lekin klpd (khade dot dot pe dhoka) mehsus karega to samjhega ki kyu jaruri hai jeevan jeena uss tarike se ki tum bargad bano taaki logo ko chaav de sako. "Me nahi jaanta, lekin chalo khojte hai yaa dekh ke batata hu" Aise kuch statement hai jinko normalise karna hai. Iss hetu channel chlaata hu, naam nahi bataunga kyuki kisi ki mehnat pe neeche jaake comment karke traffic laana unethical saa lagta hai. baaki sab log samjhdaar hai hi, mujhe dhund lenge kahi naa kahi. 😂
Human with science 😅 I have been exploring religion through prism of atheism, Advaita vedanta,rationalism.And i must say i found resonance in your podcast with chal baat kar that as rationalist we should not be rigid but to accept the complexities of religion and philosophy.Atheism should not be so rigid to become a religion in itself (We know what Mahayana did to Buddha's original philosophy).
जब दो विद्वान अंगुरो के बीच ऐसा लंगूर हो, तो बात जल्दी खतम होती है कृपया ठहरावं हो, उच्चल कुद वाले लंगूर को दुबारा ना बुलाये..... अच्छे व्यक्तित्व कि कमी हो तो ईस सर्कस्टिक व्यक्ती याने हमे बुलाये .......,.❤
नास्तिक अगर बहुसंख्यक हो जाएंगे तो वह जब दुनिया कोदेंगे तो मानवता के आधार पर जो सही होगा उसे ही मानेंगे और वही नियम और कायदे कानून लाएंगे जो मानव को मानव बनाएंगे
@@engineeringexpert5985 तू पूछने की बात कर रहा ? यहाँ हर साल शोभा यात्राओं पर पथराव और बम फोड़ा जाता है एक समुदाय द्वारा तब भी वह देश मे सुरक्षित घूम रहे, तो बच्चो वाले तर्क मत दे
जो नास्तिक हैं ओ जीवन के मार्ग सत्य को जानते हैं और आस्तिक से बेहतर सबका जीवन बेहतर बनाते हैं, जो आस्तिक होते हैं ओ आडंबर के पीछे लोगों से बार बार जीवन के अंधेरे डाले रहते हैं, आस्तिक बार बार पाप करके नदी नला के स्नान करके अपने को समझते हैं पाप धूल गया,
नास्तिक लोग साइंस के आड़ में तर्क देते हैं, लेकिन साइंस को भी अभी सब कुछ पता नहीं होता। इसलिए हम आस्तिक हैं, क्योंकि मेरा विश्वास ईश्वर में है। कभी न कभी साइंस ईश्वर को भी ढूंढ ही लेगा।
Jo daawa karte hain hamrare grantho kitaabo mein saar gyan hai unhe bhi kahan sab kuch pata hai?...jitna pata hai utna sweekar karna aur zyada jaan'ne ka prayaas karna hi sahi raasta hai
चूँकि यहाँ बहुत सारे नास्तिक हैं तो एक सवाल - जीवन के उन लम्हों में जब कुछ भी आपके अनुसार नहीं हो रहा होता , जब आप टूट कर बिखर रहे होते हैं तो आपको कल का सामना करने की शक्ति कहाँ से आती है ? मुझे वो शक्ति इस आस्था se आती है कि ऊपर वाला सम्भाल लेगा , इसलिए मुझे उसकी ज़रूरत महसूस होती है और मैं आस्तिक ( हिंदू) हूँ - हालाँकि कर्मकांड और पुनर्जन्म जैसी चीज़ों में विशेष विश्वास नहीं रखती मैं अपने आप को तार्किक मानती हूँ , मनुष्यता per विश्वास है और सभी को समान सम्मान देने की यथा संभव चेष्टा करती हूँ ! Scientific bend of mind hai ( would like to believe so 😅)
Naastikta koi hobby nhi h, naastikta swaabhimaan ki parakashtha h Vo swaabhimaan jisko dharm ki tarah odha ya pehna nhi jata Balki zindgi ke har anubhav ko baariki or gehraayi se adhyan kiya jata h,or vo bhi bdi imaandari or sacchayi ke sath Swabhimaan kamana padta h tab jaake kisi insaan ki chetna itni upar uthti h ki vo maanytao me chhupe vehm ko jaan jata h or jaag jata h Us jaage huye insaan ko naastik bol dete h kyuki vo vyarth ke aadambar or dhong dhakoslo se khud ko alag kr leta h Jabki asal maayne me vo he asli aastik h Baaki to roj dekh he rhe ho ye jo tathakathit aastik log h jo bolte h jai shree raam, or krte h katleaam
और vegan होना किसी का शौक नहीं है निरीह पशुओं का शोषण उन पर क्रूरता की सारी हदें पार करके भी नास्तिक आस्तिक बने रहना आप का शौक होगा,, क्रूरता मुक्त रहकर ही कोई इंसान सच्चा आस्तिक या नास्तिक बन सकता है। बाकी सब ढोंग है
वेद में आस्तिक और नास्तिक की परिभाषा दी गई है जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी ने कहा है कि जो ब्रह्म सत्य जगत मिथ्या को मानता है वह आस्तिक जो जगत सत्य ब्रह्म मिथ्या मानता है वह नास्तिक ब्रह्म मतलब ब्रह्मांड हमेशा सत्य है और चलता रहेगा जगत का मतलब होता है मानव पशु पक्षी पेड़ पौधे यह हमेशा पैदा होंगे और मृत्यु को प्राप्त होंगे आस्तिक का मतलब होता है अपने अस्तित्व को नकारना यह पांच तत्वों से बना शरीर एक दिन नष्ट हो जाएगा लेकिन आत्मा मतलब ब्रह्मांड चलती रहेगी
VED SE DUNIYA NAHI CHALTI HAI SCIENCE SE CHALTI HAI ,,,KOI BRAHMNICAL PONGA PANTI KO NHI MANTA AB ,,,AUR SHANKRACHARYA K BARE MEIN JANNA HAI TOH SCIENCE JOURNEY NASTIK CHANNEL HAI POL KHOL RAKHI HAI
ये ऐसे ही अपने आप को बड़ा intellectual दिखाने का प्रयास कर रहे हैं वास्तव में यदि इन्हें एक नास्तिक और आस्तिक के बीच में रख दिया जाये और तथ्यों के आधार पर बहस करने बोला जाये तो इनकी बोलती बंद हो जाएगी
सौरभ सर खुद को हर विषय पर एक्सपर्ट मान लेना गलत है आप थोड़ा रिसर्च करिए फेक्चुअल बात करिए शायद अब आपकी उम्र जवानी से प्रौढता की ओर ढल रही है उसी के लिए छाया दिखने लगी है,
"विदेशी लोग ग्रहों पर अपने यानों के मदत से संदेश भेज रहे हैं। हम ब्राह्मणों के माध्यम से अपने मृत पूर्वजों को चावल और अनाज भेज रहे हैं। क्या यह एक बुद्धिमान कार्य है?" -पेरियार
जी नहीं नास्तिकता कोई शौक नहीं। जब अडंबरों और पाखंड से भरोसा उठ जाए तो व्यक्ति स्वयं ही नास्तिक हो जाता है। व्यक्ति जब रटी रटाई बातें बातों की बजाय वैज्ञानिक तर्क करने लगे तो वो नास्तिक हो जाता है।
"मैं नास्तिक इसलिए नहीं हूं की मुझे धर्म से नफरत है, ब्लकि मैं नास्तिक इसलिए हूँ की धर्म को इंसानियत से नफरत है "
Bhagat singh
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
दुनिया में 4000 से अधिक धर्म हैं यदि कोई किसी एक धर्म का अनुसरण करता है तो वह स्वतः ही दूसरे धर्म का नास्तिक बन जाता है
Chill bro...@@IceBreaker-yj1qq
Tum pakka Islam Christian ki baat kr rheho agr hindu ki h to tum unme se ho jo diwali mnate hn pr kyun nhi pta
@@ShashankSingh-m1h
Aaesa nahi hai "Mujhe aaesa lagta hai"
Sab religion kisi higher form ko god maante hai
Agar tum kisi 1k ko maante ho to sab k liye tum aastik ho jaaoge
"Mai galat bhi ho sakta hu"
नास्तिक बहुसंख्यक भी हो गए तो आज कल के धार्मिकों से बेहतर जीवन जीयेंगे और जीने देंगे।।
Ye aap nahin keh sakte ! Koi evidence nahin hai !
बिल्कुल नहीं, नास्तिक सिर्फ बातों और कागज के शेर होते हैं। मैने बहुसंख्य ऐसे नास्तिक देखे हैं जो अपने घर के बल्ब नहीं बदल सकते, बेसिक घर के काम नहीं कर पाते जिस साइंस के ज्ञान का दम भरते हैं उसका प्रैक्टिकल लाइफ में s भी नहीं अमल में ला पाते, सिर्फ बौद्धिक कलाबाजियों में माहिर होते हैं। आखिर में सब कामों के लिए उन्हीं धार्मिक लोगों के आसरे रहते हैं जिनको घृणा की भावना से देखते हैं। ऐसे लोगों के लिए मेरे इलाके में कहावत है बिल्ली के g@o...
बौद्ध स्तुपो को तोड़ दे फिर .?
मस्जिदों को गिरा दे फिर .?
चर्चो को जला दे .?
france dekhlo jeevan kitna sahi hua.
😂
नास्तिकता कोई शौक नहीं है। नास्तिकता का दूसरा नाम विज्ञान और आजादी है
इसमें एक वाक्य और जोड़ूंगा।
नास्तिकता का मतलब होता है दिमाग का खुल जाना
Yes
From मान्यता
@@VivekSoni-kv8sn बिल्कुल सही, अवधारणा जो किसी वर्ग विशेष द्वारा व्यवसायिक उद्देश्यो के लिए बनाई गई है उन से मुक्ति
Dam h bat mein
Kuchh bhi karne ki azadi vahsipan kehlata hai. Nastik bhi apne upar kayi pabandi lagate hai samaj me rehne ke liye, baaki har institutions ke rules to hain hi. Airport pe patakhe phod lijiye agar itne hi azad hain to, duniya hai to pabandiya hogi hi. Aur azadi kya hai? Aap apne hi body aur senses ke andar kaid hain, kahe ki azadi?
और ये अपने aap mai ek cult hai???
जो धर्म का आडंबर समझ जाते है वो नास्तिक बन जाते है ।
धर्म क्या है और उसका आडंबर क्या है मान्यवर
@@AnmolAbhishek-x6t Pooja path karm kand pap dhone wala concept
@@Sea_turtle_rzzjo puja nahi karte o nastik ho jate hai ?
Dharm ke naam pe hone wale 90 percent kaam @@AnmolAbhishek-x6t
Good
नास्तिकता शौक नहीं एक स्थिति है,समझ है,तर्क है।
नास्तिक अगर ज्यादा हो जाए तो आस्थावानों ,धार्मिकों से बढ़िया जगह बना सकते है दुनिया को।
Ye in pandit ji ko kaun samjhaye...jinn ki pushte dharam k naam par pali badhi hain..🙏🙏
Narak banaa denge duniya Ko naastik ka matlab kuchh nahin hota har kisi Ko kisi Na kisi par Vishwas hota Hai naastik matlab zero aur hona Prithvi per sambhav nahin Hai isliye insanon ki tarah jivan jio pathar mat ban jao😂
China me sabse jayada atheist hai
@@Deep22563नास्तिक नहीं, अज्ञेयवादी हैं आपको अभी बहुत ज्यादा जानने की जरूरत है मेरे भाई
China ussr Albania dekh liya chod do 😅😅😅😅
चाइना में 90% नास्तिक यूरोप और अमेरिका में 50% से ज्यादा नास्तिक हैं लेकिन भारत में रहने वाले 95% आस्तिकों की तुलना में उन नास्तिकों की सोच और उनके देश विकसित हैं 🙏
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी।
सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.?
विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal.
हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं??
क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं।
सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने?
ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
और जब सोने की चिड़ियाँ था तब कहाँ थे ? 😂🤣
Kaha pade ho bhai ghr m bethe bethe Jaan gye europe or America m christian hn
@@OMAryavart00थोड़ी दुनिया घूमो थोड़ा अध्ययन करो, दिमाग विकसित होगा. फिर ऐसे तर्क नहीं दोगे.
दुनिया का हर देश अपने past को महान कहता है. तुम जिसे सोने की चिड़िया कहते हो, वो राजाओं के सही हो सकता है, पर संपूर्ण देश के लिए नहीं...वो समय ही ऐसा था, पूरी दुनिया में राजाओं का ही सिस्टम चलता था और सभी राजाओं के पास भरपूर दौलत होती थी.. इसका मतलब ये नहीं कि जनता भी सोने से लबालब थी
@@Sanjayplay10 तुम निपट चू हो, एक राज्य की खुशहाली और समृद्धि का पैमाना कभी भी राजा महाराजाओं या बादशाहों की दौलत से नहीं होता था, बल्कि वहां की प्रजा या अवाम के लिए बुनियादी सुविधाओं, आर्थिक स्थिति, राज्य की संपदा का एक समान वितरण, taxation या कर का प्रभावी तरीका, चोर उचक्कों , असामाजिक तत्वों में कानून का डर, सामाजिक सुरक्षा इन पैमानों से एक राज्य के अच्छे या बुरे होने, समृद्ध या कंगाल होने का फैसला होता था, और इन्हीं पैरामीटर्स पर देश सोने की चिड़िया कहलाया, तुम्हारे पुरखे भी इसी सिस्टम का हिस्सा रहे होंगे, उन्हें कब्र में से उठाकर पूछ ले।
मैं नास्तिक होने पर गर्व करता हूँ मैं वास्तविक से जुड़ा हुआ हूं।❤
भाई साहब वैसे क्या है वास्तविकता?
नास्तिक से बड़ा कोई सच्चा इंसान नहीं होता ❤❤
पर DP बुद्ध की लगाए हो ये कैसी नास्तिकता😂😂
@@Chiefofilluminatilekin sir aap missionupsc 4681 kyu likhe hain budh koi dharm nhi h ye ek vichar h sir budh ko log bhagwan bna diye hain to mujhe nhi lgata sir dp lga liye to wo aastik hain ya nastik hain agr meri baat glt lgi ho to sry sir
@@Chiefofilluminatiwo khud naastik the bhai
@@Chiefofilluminatiतुम ऐसा इसलिए कह रहे हो क्योंकि धर्म के ठेकेदारों ने बुद्ध को भी अपने द्वारा बनाए गए भगवान(विष्णु) का अवतार बता दिया है।लोग बुद्ध की DP इसलिए लगाते हैं, क्योंकि वो एक गुरु की तरह अपने विचारों से मार्गदर्शन करते हैं। और और बौद्ध धर्म कोई धर्म नहीं है बल्कि यह तो बुद्ध के द्वारा बताये गए विचार हैं जो लोगों को जीवन को अच्छे से जीना सीखते हैं उन्ही सब विचारों को ही सब बौद्ध धर्म के नाम से जानते हैं।
@@NewsContents23 दुनिया के हर धर्म के लोग यही कहते है कि मेरे धर्म मे समस्या नही है बस कुछ पाखंडियों ने पाखंड फैला दिया है बाकी तो धर्म बहुत अच्छा है😂
जैसे हिन्दू कहते है कि हिंदूइस्म तो बस वे ऑफ लाइफ है जीवन जीने का तरीका सिखाता है।
बौद्ध धर्म में भी धर्म की सारी मूर्खताएँ है सिवाय ईश्वर के
और महायान एक हद तक उसे भी swavikar कर लिया है
नास्तिकों ने हमेशा मानव हितेषी काम किए हैं और धार्मिकों ने हमेशा मानवता का शोषण किया है ।
सबसे ज्यादा खून पूरी दुनिया में धर्म की वजह से ही बहा है
नास्तिकता सत्य को स्वीकारना है
एक आस्तिक दूसरे धर्म के आस्तिक लोगो से नफरत करता है
वही नास्तिक किसी धर्म के लोगो से कोई नफरत नही करता..
संसार मे सारे लड़ाई धर्म को लेकर ही है..
नास्तिक सारे आस्तिकों को मूर्ख समझते हैं नफरत करना और दूसरों को मूर्ख समझने मे बहुत भेद नहीं है
@adwaita6663 बिल्कुल गलत मेरे भाई .. नास्तिक किसी को मूर्ख नही समझते .. इसके विपरीत आस्तिक लोग नास्तिक को मूर्ख समझते है की इनको कुछ भी ज्ञान नही है
एक बार के लिए तुम्हारा बात मान भी ले तो मूर्ख समझना फिर भी उतना बुरा नही है जितना की नफरत करना
तुम भी अपने से किसी छोटे को मूर्ख कह देते हो या समझ लेते हो लेकिन उनसे नफरत तो नही करते ..
@@adwaita6663to esme galat kya h aastik murkh hi to hote h
@@abhinavchand8030😂😂
एक वामपंथी नास्तिक, एक नास्तिक कैपिटलिस्ट से नफरत ही करता है😂😂😂
नास्तिकता ही वास्तविकता है।
jise tum vaastvikta kehte ho vo tumhara bhram hain
वाह
Aastik hi zyaada safal hai vishwa bhar mein …. Unki lineage hi lambi hai
धार्मिक लोग कभी नास्तिक ज्ञान को नहीं समझ सकते😂😂
जो दूसरे को गुलाम बनाना चाहता हे वो धर्म का सहारा लेता हे।
नास्तिकता एक शौक है और धर्म अफीम है .?
वाह रे चमनो "!
Brother check the facts the best countries of the world are where people are least religious.
I am not saying being religious is bad but neither is atheism.
I know you will not agree but that's fine,don't expect you to be .
धर्म हमेशा से अपने अपने हिसाब से चला हैं। जिसके पास जैसी ताकत उसने धर्म को उसी हिसाब से चलाया
First u tell me what is the definition of religion बकलोल@@MithileshJha-tn3ks
@@MithileshJha-tn3ks Dont get confused between Dharm and Religion.They both are completely different terms.
NAASTIK ZINDABAD ,,,BRAHMAN AUR MOLVIO TYPE LOGO KI POL KHUL CHUKI HAI
@0:45 विगन होना कोई शोख की बात नहीं होती सौरभ! विगन ना होने के करण ही ये जलवायु परिवर्तन हम देख रहे हैं।
Aacharya Prashant ❤
Exactly, but Veganism agar sahi kendra se nhi aara hai to wo hmare Ahnakar ki Bhet chad jayega !
तापरहित बसयुद्ध हो❤
This dallantop guy is gluttony and to justify his vices he goes raging against anything and everything.
@@Ecatasy Haa bhaiya
I'm student of AP too❤️
@@Ecatasy Haa bhaiya
I'm student of AP too❤️
@KindlePrime veganism se hi khane ki dikkat ka bhi hal hai Oxford University, FAO, aur PNAS ki studies dikhati hain ki plants-based diets se resources ka effective use hota hai, jo food security badhane aur bhookmari ghatane mein sahayak hoga..
सही है सरपंच जैसे mythology को हकीकत मान लेना क्योंकि मन किया, तो मूर्खता भी एक शौक है , जैसे धर्म एक धंधा है , पाखंड तुम्हारी आस्था है क्योंकि तुम मन को मानते हो।
*ब्राह्मणों को मूर्तियां बनानी नहीं आती थी, पर उनको झूठी, चटपटी कहानियां बनानी आती थी।*
*गलती तो आपकी हैं कि आपने उन झूठी कहानियों को सच मान लिया।*
जो बड़े नास्तिक है वही सही आस्तिक है😊
Aisa Osho kahe chuke hain
*एक विकसित राष्ट्र की पहचान धर्म से नहीं बल्कि आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकी और शानदार शिक्षा प्रणाली से होती है।*
*"Religion is for Man".,*
*"Man is not for Religion".*
#We_Belive_In_Humanity👍
*मानवता से बड़ा कोई पद नहीं,*
*अहंकार से बड़ा कोई कफ़न नहीं।*
*🇮🇳 We are Indian Firstly & Lastly 🇮🇳*
मुगलो और ब्रिटिशो ने जब गुलाम।बनाया तब आस्तिको के इश्वर किधर थे !धर्म का बिजनेस और काल्पनिक उपर वाले का डर किस बात का
केवल ज्ञानी आदमी ही हो सकते. जिनके पास तर्क है
बहुत सही आकलन है। निस्संदेह। नास्तिकता एक शौक है। और आस्तिकता एक संपूर्ण कुशल व्यापार। बेचारे नास्तिक व्यापार करना ही नहीं जानते। वर्ना जो आनंद आस्तिकता के व्यापार में है। वह नास्तिकता में कहां?
💯
😅
तर्क और धर्म साथ नहीं रह सकते। नास्तिक लोग किसी के लिए कोई खतरा नहीं हैं पर आस्तिक हैं क्योंकि वो यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उसकी सोच सीमित हैं
"आस्तिक से नास्तिक तक की यात्रा" का असली उद्देश्य सांप्रदायिक बंधनों से मुक्त होकर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ना होना चाहिए। आस्तिकता में व्यक्ति बाहरी विश्वासों और परंपराओं में रमा रहता है, जबकि नास्तिकता में वह उन विश्वासों पर विचार करता है और अपनी आंतरिक सत्य की खोज करता है। यह यात्रा सांप्रदायिकता की संकीर्णता को छोड़कर, मानवता और आत्म-बोध की व्यापकता की ओर ले जाती है। आध्यात्मिकता का मार्ग भीतर की शांति, प्रेम और सच्चाई की अनुभूति है, जो सभी धार्मिक सीमाओं से परे, हर जीव के साथ एकता का अनुभव कराता है।
कोई कुछ भी हो उसमें मानवता होनीं चाहिए ,संवेदनशीलता होनी चाहिए ।प्रेम ,दया ,करुणा होनी चाहिए ।
Bhai ye sab bhi to insaan dharm se hi sikhta hai na pet se to leke paida nhi hota jisko tum insaniyat bolte ho actual me ho religionsness hoti hai kyoki insan animal kingdom me ata h vo bhi ek trah ka animal hi h aur animals me human values jesa kuch nhi hota vo sab dharm sikhata h hme
@@Krishanveer333 जो व्यक्ति प्रेम ,दया और करुणा से जीवन जी रहा है वही सच्चा धार्मिक है ।आस्तिक और नास्तिक दोनों धार्मिक हो धार्मिक ही है यदि वो मानवीय मूल्यों को तरजीह देकर जी रहे है
@@mastikipathshala2023 bhai to Jin manviya mulyo ki baat kr raha h vo bhi kahi se ate honge na koi pet se dayavan, karunavan thodi ata h pet se hum sab janwar hi peda hote h jab maaa baap ache sanskar dalte h humme tab hum ese bante h aur vo ache sanskar dharm se hi ate h kahi aur se nhi isliye jisko manavta bolte ho actual me vo religiousness hoti h manavta naam ki koi cheez nhi hoti bhai
@@Krishanveer333Human right धर्म से नही आए, पहले जाके धर्म, नास्तिकता, Human values and Ethics पर थोड़ा ज्ञान अर्जित करो, तब Argument करने मै ठीक भी लगे, ये तुमने जो बात बोली है बो 1200AD se लोग बोलते हुए आ रहे है, तुमने भी बही बात Repeat कर दी
@@AGRIUNNYAN acha bhai to ye btade jab human jungle me tha tab ye human right kaha the ethics kaha thi agar ye natural h to ye human right human values jungle me kyu chlti thi wha ek insaan dusre ko mar mar kyu khata tha
नास्तिक का शौक नहीं है नास्तिक का सच्चाई है शौक है आस्तिकता । आस्तिकता का सॉन्ग इंसान दूसरों की देखा देखा करता है ।
Poore comment me nastik bhre pde hai... Proud feel ho rh❤🎉👏
सौरभ द्विवेदी जी नास्तिकता ही मानवता का असली मार्ग है
नास्तिकता एक शौक है तो क्या धर्म एक धंधा नहीं है।
Yes....
धर्म का मतलब है आस्था, करुणा, विश्वास, दया, ममता। नास्तिक लोग जड़ होते हैं हमेशा denial मोड में रहने वाले, उन्हें किसी का डर नहीं इसलिए किसी भूखे को रोटी नहीं 50 डिग्री गर्मी में किसी प्यासे और सूखे हलक वाले को पानी भी नहीं पूछते।
@@vishalbhatnagar4305Kon bola hai nastik log jadd buddhi ke hote hai
To tumne nastik ho kar apne jivan me aaccha kya keya ??
Astha me charan wandana karwalo😂@@vishalbhatnagar4305
नास्तिकता एक शौक नहीं है बल्कि एक कंक्लुजन है l
Naastikta hi jeevan ka satya hai💯💯⚛️⚛️
सौरभ सर! आपका यह वीडियो देखा जिसमें आप वीगन वाद को एक शौक कह रहे हैं। मैं आपकों बहुत सुलझा हुआ पत्रकार और एक सुलझे हुऐ इंसान की तरह देखता हूं। आपकी पत्रकारिता का सम्मान और उसकी प्रशंसा करता हूं। परन्तु वीगनवाद पर आपका यह विचार सुनकर काफी आहत हुआ। आप जैसे जिम्मेदार शख्सियत की ओर से इस तरह की बात आना काफी आश्चर्यजनक लगा। मैं चाहता हूं आप वीगनवाद का और अध्ययन करें और उसके पीछे की विचारधारा को समझने का प्रयास करें। विगनवाद शौक नहीं आवश्यकता है इस समय की। पर्यावरण और जानवरों की आवाज है वीगनवाद। मैं नहीं चाहता की आप जैसे जीवन के विधार्थी इस विचारधारा की महत्ता और आवश्यकता से अछूते रह जाए।
सौरभ द्विवेदी को कुछ ज्यादा ही नंबर दिए बैठे हो गुरु..तुम क्या चाहते हो कि एक पत्रकार/बिजनेसमैन सब चीजों का जानकार हो??
@Sanjayplay10 सब चीजों का नहीं..पर वो चीजें जरूर जिनपर आप बात कर रहे हैं। या अपनी राय दें रहे हैं।
@@mohitsaindane1318 sabka apna mat ho sakta hai
@@mohitsaindane1318 भाईसाब आज पत्रकारिता का स्तर इतना नीचे जा चुका है कि शायद आपको सौरभ जी एक बुद्धिजीवी पत्रकार लगते होंगे..इसीलिए शायद आप उनसे ज्यादा उम्मीद लगा बैठे है..पर ऐसा है नहीं
@@Sanjayplay10 शायद!
मैं भी नास्तिक हूं मुझे पूरा यकीन है कि एक दिन हम बहुसंख्यक को जाएंगे
मैं सौरभ द्विवेदी की बात से सहमत नहीं हु
Correct bro.
@@mohammadsaif25 are you atheist??
Lekin Osho ne kaha hai naastik tha hi Aastha ko janm deti hai
Mai bhi nastik hu
आस्तिक बन के भी कोई क्या कर लेगा?
न बेईमानी, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, चोरी ,लालच खत्म होगा और न गरीबी खतम होगा .
कम से कम नास्तिकता धार्मिक शोषण से तो बचाता है
ਧਰਮ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿਚ ਤਾ ਲਾਭਦਾਇਕ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਪਰ ਅਸਲ ਵਿਚ ਇਹ ਸ਼ੋਸ਼ਣ, ਅੰਧ-ਵਿਸ਼ਵਾਸ, ਪਾਖੰਡ ਅਤੇ ਮਨੁੱਖਤਾ ਅਤੇ ਨੈਤਿਕਤਾ ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਲੇ ਜਾਂਦਾ।
मैं नास्तिक हूँ, क्योकि वास्तविक स्थिति को जानता हूँ l मुझे गर्व है नास्तिक पर।
Proud to be an Athiest 🕺🕺🕺🕺
सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है, जिनकी रोजी रोटी धर्म से चल रही है 😂😂
ExM Sahil ka message failao
नास्तिकता का मतलब है प्रकृति को वास्तविकता में समझने की सच्चाई । नास्तिक या आस्तिक होने का यह कतई मतलब नहीं होता है कि व्यक्ति नैतिक भी होगा । यही देखा जाता है कि अधिकतर खतरनाक अपराधी धार्मिक और आस्तिक ही होते हैं बल्कि कट्टर आस्तिकहोते हैं ।
नास्तिकता कोई मान्यता या शौक नहीं है। नास्तिक कहता है आप प्रमाण दिखा दो मैं मान लूंगा। जैसे आत्मा।काल्पनिक है।मान्यता है।कोई प्रमाण नहीं।
sahi kaha...
दुनिया में 4000 से अधिक धर्म हैं यदि कोई किसी एक धर्म का अनुसरण करता है तो वह स्वतः ही दूसरे धर्म का नास्तिक बन जाता है
@@HKS-m7w atom, Quark दिखा दो विश्वास मान जाऊँगा ? 🤣😂
तु गोबर को मान बेटा😂जाग😂😂😂😂
@hks। - कभी ध्यान किया है?
मैं एक नास्तिक हूँ और जब नास्तिक हो गया तो यही लगा कि क्या ही बदल जाएगा जीवन में?
पर आज जीवन में इसलिए खुश हूँ क्यूंकि चीजे काफी clear दिखती हैं, हर दिन खुद को मजबूत कर रहा हूं यहि महसूस होता है। ये आसपास के बेईमान लोग, ये मीडिया या जाति धर्म पाखंड ब्राह्मणवाद, इस्लाम या क्रिश्चियनिटी भी मुझे ठगा नहीं सकती। 👍🏼
Science journey sir se debate kijie
Hao. Hao
सर कई धर्म ग्रंथों को पढ़ने के बाद और उन्हें समझने के बाद नास्तिक बन जाना शायद आसान नहीं होता और वो शायद समाज के कारण क्युकी धर्म का दूसरा नाम जानना, समझना, और खोजना होना चाहिए था लेकिन सच में ऐसा नहीं है और इसलिए नास्तिकता सही है 😊
Na me Nastik Hu..OR Nahi Aastik..
Me Sirf Vastvik Hu..
Jay Bhim..Namo Buddhay..🛞
Atheism is top stage of humanity ❤
Nastik hona Astik hone ki pahli seedi hai
Osho
Aap Kabhi Osho ko Osho K Nazariye se Nahi Samjhe , Aap hamesha Osho ki Baato mei Vo Chize Dhundhte rahe ho aapki Manyatao se Sambafh Rakhe , Rationality Hume sikhata hai kaise Hume apne Vichaar se Na Jide Rehkr Saamne Wale k Nazariye se bhi Cheeze samjhni chahiye
Ye ek theist kha raha h😂😂
Osho ke upar Ek lekh likha gaya tha torch bechne wale harishankar persai
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@arpitmishra8173 usme jealous ke siva kuchh nhi h
Kon sa episode h ye ?
आस्तिक व्यक्ति से आज नास्तिक अच्छा अंधविश्वास को नहीं बढ़ावा देता
और फिर आते है आसमानी किताब वाले...😂
इस दुनिया में नास्तिक सबसे अच्छे लोग हैं क्योंकि नास्तिक सामूहिक हिंसा नहीं करते हैं जबकि धार्मिक लोग सामूहिक हिंसक होते हैं इसलिए नास्तिक ज्यादा मेजोरिटी में हो जाएंगे तो देश बहुत अच्छा हो जाएगा ❤❤❤❤
विज्ञान और संविधान पर विश्वास ही मेरी नास्तिकता है,जिस दिन विज्ञान भगवान सिद्ध कर देंगे तो मानने लगूंगा,वैदिक/ब्राह्मण/हिंदू/सनातन धर्म भी वेद मानने के पर आस्तिक माना है न कि भगवान,अब मेरा वेद विज्ञान की पुस्तक और देवता आविष्कारक जिन्होंने मानव विकास किया
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी।
सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.?
विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal.
हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं??
क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं।
सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने?
ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
धर्म ने दुनिया को पाखण्डी बना दिया और विज्ञान ने सारी दुनिया को बारूद के ढेर पर लाकर खड़ा कर दिया!
आपने एक बीमारी छोड़कर दूसरी पकड ली
I am an Atheist ⚛️
I do not believe in the existence of God. There is no evidence to support the belief in any gods or supernatural entities. I rely on science, reason, logic, and empirical evidence to form my worldview and have not found compelling evidence or arguments to support the existence of God. The universe is governed by natural laws and forces, rather than moral, spiritual, or supernatural ones. As an atheist, I reject religious dogma, supernaturalism, and superstition as the basis of morality and decision-making. I emphasize the social and empirical nature of inquiry and prioritize scientific solutions to intellectual problems. There is an intrinsic intellectual conflict between faith and science, and that it inevitably leads to hostility. I am engaged in a continually evolving search for truth, primarily through science and philosophy.
ईश्वर किसी को आस्तिक बना कर नहीं भेजता,आज कल लोग यदि धर्म के नाम तलवार उठा कर घूम रहे हैं तो नास्तिक होना उनसे बेहतर है
मनुष्य पैदा नास्तिक ही होता है आस्तिक तो उसे लोग बनाते हैं
आस्तिक काल्पनिक कहानी को धर्म आस्था कहता है..
नास्तिक धर्म और आस्था को काल्पनिक कहानी ही मानता है
जो बुद्धिस्ट होते हैं वो बहुसंख्यक हें और बहुजन हिताय bahujan सुखाय के सिद्धांत पर चलते हैं. इस हिंदुत्व की बाईनरी से परे हैं.
आस्तिकता एक सुविधाजनक आदत।
नास्तिकता सहज है, मूलरूप है, स्वाभाविक है . आस्तिक होना बाद में आया है और इसे किसी ना किसी ने फैलाया है.
Atheist Means a person who prefer rationalism in very field not like a community or Religion ..And I am proud Athiest But I will oppose every point where Athism acts like Religion , Athieism is of Passion not compulsion 😅
Rationality ko kese define karoge
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@IceBreaker-yj1qq you are doing dogma, Saurabh is right for sure And yes We must ban Crackers on diwali for our health , Now You are saying killing goats on Eid so to ban Killing of goats you should protest and request to your government that if the govt. have guts so, they ban killing of goats, Every day in India more than 30 000(Thirty thousand) goats are being killed and these meats are being consumed by Hindus .so firstly look at your own religion and own dogma lol . We must ban crackers for 100% so that Our Environment will be clean.
@@PAWANKUMAR-ed3ug Rationality:- the quality of being based one logic, reason, asking question again anything , analysing things with open mind not having any kind if myth or faith (where there is no logic, no reason just accepted the existence without questioning )is Rationality lol
@@Atheist7850bat ye nhi h kon astik h kon nastik batt yeh h ki jo bhi h kya wo ye smjh paya ki tammez ki zindagi kaise jini h nhi na jis dharma ka virodh bhgat singh krte the wo dharm tha bhi nhi or na wo dhram kha jayega kuki logo ne dharam ke nam par apni roti pakayi h smjhe to agar tum nastik ho to kis basis pe kya sirf jhute dharm ke virodh mai kuki asli dharm ko to nastik bhi nhi mana kar skta kuki dhram apne app mai hi ek better word h pure word smjhe ajj Jo dharam apne aass pass dekh rhe ho wo dhram nhi h bhagat singh uske nastik the asli dharm ke nhi jha tammez i zindagi or tameez dar log ho us dharm ke nastik nhi the nastik ka matlb h na asti
Abe jo ho phle uska matlb Jan to lo or proud hone wali batt hi nhi h ki mai nastik hu I am proud what to proud in it ha
Ambani Roz mandir jata h ammer to h successful to h
Lekin ek garib nastik h phir bhi gareeb h to nastik hone ka kya proud it's nothing to be proud of or ajj kal india me nastik or dharm or har chezzz ka level hi gira diya h kuki market Mai ajj kal nastik hona sirf shock ho gya h bina Jane bina smjhe bas social called attitude nastik bas abhi yhi intelligent intellectual ke samne face to face debate karwa do to comment section ke social called nastik Neo atheist sab apne app level pe ajenge had h
Ap acharya Prashant Aram se nastik ko smjha skte h dharm ka mtlb lekin whi dharmik insan sirf apni Manyata par chalta h asli dharm pe nhi isiliye nastik log hho jate h smjha
Or ajj kal india mai na to dharm smjh paye na nastik ko
Bas apni mentality ke gulam phir chae so called atheist ho ya so called Puja krne wale bina mtlb jane festival manna na par koi asli matlb smjhye to bahvna ko tes pahucha rha h are dharm ko jane to or phir aj ate h so called atheist ka trend
Means india mai har chezz ka level gir chuka h either Atheism or thesis people are just following mental though and think themselves as well cool.wow.
नास्तिक आस्तिक धार्मिक से ज़्यादा मानवता वादी सहनशील होते हैं
मै तो तर्कवादी विचारधारा को ज्यादा बेहतर समझाता हु।
That's the point man " में चाहता हु की लोग जितने आस्तिक रहे वो rational हो जाये ".
I'm thinking there for i am ( मैं सोचता हूं इस लिए मैं हूँ) by western philosopher Rene Descate ❤
नास्तिक बोही हे जो हर मुसीबतों को सामना करके जीतनेकी कोशिश मे हमेशा-हमेशा लगता हे जीतके ही मानेगी चमतकार से बिसवास नेही मानता मेहनत से सफल मानते हे। मनको शान्त रकने केलिए किसीकी जिन्दगी बदलाव करके देखो।
जो नास्तिक नहीं है वो कभी भी सच्चा आस्तिक नहीं बन सकता....
खुद को विशेष मानो यह ठीक है किंतु दूसरे को साधारण मानना मूर्खता है।
Yuppp, i exactly say this kinda of stuff but wo bhi thoda sophisticated tarike se.
Saurabh ne saurabh se aaj ek kaavyatmak tarika seekha khud ko bayan karne kaa.
Aur haa, rational yaa sirf tark karne waalo ko me unki shaadi ke baad waali pehli raat ko room ke andar jaane se Pehle pakad ke puchunga, saale pyar kaise tarkik tarike se kiye ho. Kaise poetry kare tark lagaa ke aur jab tak jawab naa mile usko jaane nahi dunga.
Ab chahe wo kuch bhi kare lekin klpd (khade dot dot pe dhoka) mehsus karega to samjhega ki kyu jaruri hai jeevan jeena uss tarike se ki tum bargad bano taaki logo ko chaav de sako.
"Me nahi jaanta, lekin chalo khojte hai yaa dekh ke batata hu" Aise kuch statement hai jinko normalise karna hai.
Iss hetu channel chlaata hu, naam nahi bataunga kyuki kisi ki mehnat pe neeche jaake comment karke traffic laana unethical saa lagta hai. baaki sab log samjhdaar hai hi, mujhe dhund lenge kahi naa kahi. 😂
Human with science 😅
I have been exploring religion through prism of atheism, Advaita vedanta,rationalism.And i must say i found resonance in your podcast with chal baat kar that as rationalist we should not be rigid but to accept the complexities of religion and philosophy.Atheism should not be so rigid to become a religion in itself (We know what Mahayana did to Buddha's original philosophy).
@@Ut-yi4githank u so much sir. This means a lot. ❤
@@SaurabhMotalkar haa sir aapse bahut kuch seekhne ko milta hai..
@@AnalysisLegend 😄 I think me aapse seekha hu, your comments and suggestions are helpful to me thanks to you too.
@@SaurabhMotalkar 😂 kuch bhi bolte ho yaar aap. Batao kitne to comment kar liye maine..
नास्तिकता जानो तब मानो आस्तिकता सिर्फ मानो सवाल करना मना है
"Shreecastic" was subtle! Tau Ji's humour quotient have my respect.
मुझे और मेरे पत्नी को छोड़कर पूरा गांव आस्तिक है और हम दोनों नास्तिक हैं
जब दो विद्वान अंगुरो के बीच
ऐसा लंगूर हो, तो बात जल्दी खतम होती है
कृपया ठहरावं हो, उच्चल कुद वाले लंगूर को
दुबारा ना बुलाये.....
अच्छे व्यक्तित्व कि कमी हो
तो ईस सर्कस्टिक व्यक्ती याने हमे बुलाये
.......,.❤
नास्तिक अगर बहुसंख्यक हो जाएंगे तो वह जब दुनिया कोदेंगे तो मानवता के आधार पर जो सही होगा उसे ही मानेंगे और वही नियम और कायदे कानून लाएंगे जो मानव को मानव बनाएंगे
आस्तिकों से अधिक नास्तिको में कट्टरता देखी है , कभी कोई आस्तिक नास्तिक का मजाक नही उड़ाता, लेकिन दुनिया के नास्तिक आस्तिकों का मजाक उड़ाते मिलते है
Lekin galiyan jarur de dete h
@@TheVigyanPodcast बिल्कुल नास्तिक बहुत गालियां देते और मजाक उड़ाते है, अभी इसरो चीफ मन्दिर क्या चले गए , सबके बवासीर का दर्द उठ गया था
@@shivam00668 उल्टा बोल दिया भाई 😂😂
तू उल्टा बोल रहा है 😂...तुम पब्लिक मे जाके धार्मिक को ये पूछना की इंसान के शरीर पे हाथी का सर कैसे लगाओगे.. फिर देखना असली कट्टर कौन है.....😂😂😂
@@engineeringexpert5985 तू पूछने की बात कर रहा ? यहाँ हर साल शोभा यात्राओं पर पथराव और बम फोड़ा जाता है एक समुदाय द्वारा तब भी वह देश मे सुरक्षित घूम रहे, तो बच्चो वाले तर्क मत दे
नास्तिक मतलब पाखंड का त्याग तर्कसील ज्ञान विज्ञान को मानना होता है मानवता ही धर्म है
03:04 अच्छा बेटा तू जनता है कि ईश्वर नहीं है😂😂😂😂
मैं तो ये जनता हूं कि अल्लाह नहीं है गारंटी से जानता हूं कि अल्लाह सिर्फ हल्ला है😂😂😂
😂😂
Mujhe bhi pata h allah , bhagwaan, bhoot ye sab kuch nahi h
जो नास्तिक हैं ओ जीवन के मार्ग सत्य को जानते हैं और आस्तिक से बेहतर सबका जीवन बेहतर बनाते हैं, जो आस्तिक होते हैं ओ आडंबर के पीछे लोगों से बार बार जीवन के अंधेरे डाले रहते हैं, आस्तिक बार बार पाप करके नदी नला के स्नान करके अपने को समझते हैं पाप धूल गया,
नास्तिक लोग साइंस के आड़ में तर्क देते हैं, लेकिन साइंस को भी अभी सब कुछ पता नहीं होता। इसलिए हम आस्तिक हैं, क्योंकि मेरा विश्वास ईश्वर में है। कभी न कभी साइंस ईश्वर को भी ढूंढ ही लेगा।
Bhai pta to religion ko bhi sab kuch nahi hai
Jab dundh legi tab man lenge 😂😂😂
Why religion vs Science
@@dharamarya2892 because religion makes people believe in superstition and dogma and also kills open mindedness
Jo daawa karte hain hamrare grantho kitaabo mein saar gyan hai unhe bhi kahan sab kuch pata hai?...jitna pata hai utna sweekar karna aur zyada jaan'ne ka prayaas karna hi sahi raasta hai
चूँकि यहाँ बहुत सारे नास्तिक हैं तो एक सवाल -
जीवन के उन लम्हों में जब कुछ भी आपके अनुसार नहीं हो रहा होता , जब आप टूट कर बिखर रहे होते हैं तो आपको कल का सामना करने की शक्ति कहाँ से आती है ? मुझे वो शक्ति इस आस्था se आती है कि ऊपर वाला सम्भाल लेगा , इसलिए मुझे उसकी ज़रूरत महसूस होती है और मैं आस्तिक ( हिंदू) हूँ - हालाँकि कर्मकांड और पुनर्जन्म जैसी चीज़ों में विशेष विश्वास नहीं रखती
मैं अपने आप को तार्किक मानती हूँ , मनुष्यता per विश्वास है और सभी को समान सम्मान देने की यथा संभव चेष्टा करती हूँ ! Scientific bend of mind hai ( would like to believe so 😅)
Sabse zyada per capita GDP aur happiest Nordic countries ke majority log nastik hai.
Kese us country me mental health problem jayada hota hai
Naastikta koi hobby nhi h, naastikta swaabhimaan ki parakashtha h
Vo swaabhimaan jisko dharm ki tarah odha ya pehna nhi jata
Balki zindgi ke har anubhav ko baariki or gehraayi se adhyan kiya jata h,or vo bhi bdi imaandari or sacchayi ke sath
Swabhimaan kamana padta h tab jaake kisi insaan ki chetna itni upar uthti h ki vo maanytao me chhupe vehm ko jaan jata h or jaag jata h
Us jaage huye insaan ko naastik bol dete h kyuki vo vyarth ke aadambar or dhong dhakoslo se khud ko alag kr leta h
Jabki asal maayne me vo he asli aastik h
Baaki to roj dekh he rhe ho ye jo tathakathit aastik log h jo bolte h jai shree raam, or krte h katleaam
नास्तिकता ऐरों गैरों के वश की बात नही है। जोश-जोश में वीर बनने वाले और उनके वंशजों के वश का तो बिल्कुल भी नही है।
और vegan होना किसी का शौक नहीं है निरीह पशुओं का शोषण उन पर क्रूरता की सारी हदें पार करके भी नास्तिक आस्तिक बने रहना आप का शौक होगा,, क्रूरता मुक्त रहकर ही कोई इंसान सच्चा आस्तिक या नास्तिक बन सकता है। बाकी सब ढोंग है
jo khet me pescicide chidakte ho usse hinsa nahi hoti kya?
@@astee.007 वो मजबूरी है, लेकिन बकरे को काटना मजबूरी नहीं है!
मैं भी एक नास्तिक हूं पर वास्तविक हु वैज्ञानिक तरीके से जीता हूं
वेद में आस्तिक और नास्तिक की परिभाषा दी गई है जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी ने कहा है कि
जो ब्रह्म सत्य जगत मिथ्या को मानता है वह आस्तिक
जो जगत सत्य ब्रह्म मिथ्या मानता है वह नास्तिक
ब्रह्म मतलब ब्रह्मांड हमेशा सत्य है और चलता रहेगा
जगत का मतलब होता है मानव पशु पक्षी पेड़ पौधे यह हमेशा पैदा होंगे और मृत्यु को प्राप्त होंगे
आस्तिक का मतलब होता है अपने अस्तित्व को नकारना
यह पांच तत्वों से बना शरीर एक दिन नष्ट हो जाएगा लेकिन आत्मा मतलब ब्रह्मांड चलती रहेगी
VED SE DUNIYA NAHI CHALTI HAI SCIENCE SE CHALTI HAI ,,,KOI BRAHMNICAL PONGA PANTI KO NHI MANTA AB ,,,AUR SHANKRACHARYA K BARE MEIN JANNA HAI TOH SCIENCE JOURNEY NASTIK CHANNEL HAI POL KHOL RAKHI HAI
Brhama matlab aatma hota
Ved se ghatiya book aaj tk nhi bani
SCIENCE JOURNEY
मैं ज्यादा न कह कर इतना कहूंगा कि कल्ट आस्तिकता का ठेका है नास्तिकता में अगर कल्ट है तो वो निसंदेह नास्तिकता नहीं है
*लोग “धार्मिक अंधविश्वास” की “परवरिश” में पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रहे हैं और नई “पीढ़ियों” को भी “वैज्ञानिक दृष्टिकोण” से दूर रख रहे हैं...!!*
नास्तिक और आस्तिक दोनों अपने आप को सिद्ध नहीं कर पाएंगे सबकी अपनी अपनी विचारधारा है और ओ अपनी विचारधारा को ही सत्य मानते हैं।
नास्तिकता तार्किकता की उच्चतम शिखर है।
ये ऐसे ही अपने आप को बड़ा intellectual दिखाने का प्रयास कर रहे हैं
वास्तव में यदि इन्हें एक नास्तिक और आस्तिक के बीच में रख दिया जाये और तथ्यों के आधार पर बहस करने बोला जाये तो इनकी बोलती बंद हो जाएगी
Bhagvat gita book is my god because its changed my life❤❤❤❤❤❤
सौरभ सर खुद को हर विषय पर एक्सपर्ट मान लेना गलत है आप थोड़ा रिसर्च करिए फेक्चुअल बात करिए शायद अब आपकी उम्र जवानी से प्रौढता की ओर ढल रही है उसी के लिए छाया दिखने लगी है,
Jo bhrmh: nirakar hokr bhi kan Kan mai sakaar hai...wahi omkaar hai...om namah shivay...Satya sanatan vedic dharm ki jai ❤
नास्तिकता वो स्तिथी हैं जब आपको पता चले की सब nafrat का मूल religion' hai.
Great!!
"विदेशी लोग ग्रहों पर अपने यानों के मदत से संदेश भेज रहे हैं। हम ब्राह्मणों के माध्यम से अपने मृत पूर्वजों को चावल और अनाज भेज रहे हैं। क्या यह एक बुद्धिमान कार्य है?"
-पेरियार
यहां धर्म नहीं यह धंधा है यहां पढ़ा लिखा भी अंधा है🎉 तार्किक बानो यही मानव का सर्वोच्च विकास है
जी नहीं नास्तिकता कोई शौक नहीं। जब अडंबरों और पाखंड से भरोसा उठ जाए तो व्यक्ति स्वयं ही नास्तिक हो जाता है। व्यक्ति जब रटी रटाई बातें बातों की बजाय वैज्ञानिक तर्क करने लगे तो वो नास्तिक हो जाता है।
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