महाराणा प्रताप सबसे बड़े व योग्य पुत्र होने के बाद भी मेवाड़ का शासक क्यों नहीं बन पाए@The History

แชร์
ฝัง

ความคิดเห็น • 26

  • @Official_History_369
    @Official_History_369  ปีที่แล้ว +16

    कृष्णदास ब्राह्मण नही थे वो चुंडावत राजपूत थे और राणा शक्ति सिंह उदय सिंह की एक अन्य रानी सज्जा बाई सोलंकी के पुत्र थे और महाराणा प्रताप के छोटे भाई थे वीडियो मे आपको गलती से जैवंता बाई सोनगरा का पुत्र बता दिया गया है

    • @user-eu1nj6c2r
      @user-eu1nj6c2r ปีที่แล้ว +1

      Yes hamara bhi hai hisvalthha

  • @KushalSisodiya-tz1tk
    @KushalSisodiya-tz1tk 8 วันที่ผ่านมา

    Maharana Pratap ki Jay ho

  • @sajaljha8244
    @sajaljha8244 ปีที่แล้ว +5

    Acchai hai

  • @MrchuranOg
    @MrchuranOg 4 หลายเดือนก่อน +4

    Jay shree ram

    • @Official_History_369
      @Official_History_369  4 หลายเดือนก่อน

      Jai shree Ram Jai bajrang bali 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @malmsinghd8950
    @malmsinghd8950 8 หลายเดือนก่อน +3

    अच्छा

  • @MrchuranOg
    @MrchuranOg 4 หลายเดือนก่อน +1

    Shree ram

  • @TeenaJaat-z7v
    @TeenaJaat-z7v 2 หลายเดือนก่อน

    😮

  • @Riyaan-d8d
    @Riyaan-d8d 6 หลายเดือนก่อน +3

    Haldighati yuddh mein Akbar ke dar se Maharana Pratap maidan chhodkar bhaga tha Gaddar tha Gaddar tha 🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶🦶

    • @nidhijain2548
      @nidhijain2548 6 หลายเดือนก่อน

      तभी तो अकबर ने कभी महाराणा जी से आमने सामने का युद्ध नही किया। हल्दीघाटी के युद्ध मे भी अकबर की 2 लाख की मुगल सेना को महाराणा की 20000 की राजपूत सेना ने धूल चटा दी थी।मुग़ल सेना के सबसे शक्तिशाली कहे जाने वाले बहलोल खान को घोड़े समेत बीच मे से काट दिया था, ये देखकर किसी मुग़ल की हिम्मत नही हुई उनसे लड़ने की। तब भी वो कायर अकबर सामने नहीं आया बल्कि साज़िश करके मान सिंह और शक्ति सिंह को राजपूत सेना के साथ युद्ध के लिए भेजा। यही नहीं.... जगमाल को मुग़ल सेना के साथ महल पर कब्ज़ा करने के लिए भेज दिया क्योकि वो जानता था उस समय महल में महिलाये और बच्चे ही है।उन पर तो मुग़ल अपनी मर्दानगी दिखाकर महल पर कब्ज़ा कर ही लेंगे। जब महाराणा जी को ये पता लगा तो उन्हे बचाने के लिए उन्हे युद्ध के बीच मे जाना पड़ा, जिस कारण युद्ध का परिणाम उनके पक्ष मे नही रहा। फिर भी उन्होंने फिर से अकबर की सेना को खदेड कर् मेवाड पर अपना अधिकार कर लिया.........
      .ये सब नही सुना क्या तुमने।
      अकबर की औकात राजपुतों से लड़ने की नहीं थी। वो तो राजपूतानियो ( दुर्गवती ) से भी कई युद्ध हारा।यदि राजपूतो मे अपने शत्रु को भी क्षमा करने की शक्ति ना होती या यूँ कहूँ कि सामने शत्रु से उसी की भांति व्यवहार करते तो हमारे भारत का इतिहास कुछ और ही होता। तुम्हारे कमजोर पुरखो को धर्म परिवर्तन् की आवयकता ही ना पड़ती। कल के कायर डरे हुए परिवर्तित मुस्लिम अपने ही वीर पुरखो को गद्दार और कायर कहने मे अपनी शान समझते है।अगर कांग्रेस ने सच्चा इतिहास पढ़ाया होता तो तुम सबकी कब की वापसी हो चुकी होती। कम से कम अब तो अपने देश के गौरवशाली सच्चे इतिहास को जानने की कोशिश करो।😢😢😢

    • @monikagupta2131
      @monikagupta2131 6 หลายเดือนก่อน +1

      Ap jo likh rahe hain , kya wo sach hai ?

    • @anojkumar5215
      @anojkumar5215 5 หลายเดือนก่อน +3

      Akbar kabbhi Haldighati yudh me maharana pratap ke samne gaya hi nahi kyonki o Partap se darta tha.

    • @VirSingh-gn6tj
      @VirSingh-gn6tj 5 หลายเดือนก่อน +5

      आपका जो यह कमेंट है ना वह बहुत गलत है महाराणा प्रताप बहुत वीर शूरवीर थे

    • @SunitaKandari
      @SunitaKandari 5 หลายเดือนก่อน +2

      Vo akbar darta tha maharana pratap se kabhi unke samne tak nahi Aya vo daar se kayaar tha akbar kayaar

  • @MrchuranOg
    @MrchuranOg 4 หลายเดือนก่อน +2

    Shree ram

  • @MrchuranOg
    @MrchuranOg 4 หลายเดือนก่อน +1

    Jay shree ram