ऐसा ही एक बार हमने एक कार्यक्रम में महेंद्रगढ़ में भी सुना था। उसने दादा नंदलाल की दौड़ में बाबा महोर सिंह जी के सारे काफिये उठाकर लगा रखे थे। जिसका हमने विरोध किया तो उसने तुरंत क्षमा याचना की और कहा कि मुझे इसका ज्ञान नहीं था। ऐसे लोग केवल छाप ही नहीं काटते हैं, बल्कि जिस आदमी की छाप लगाते हैं उसका भी नाम खराब करते हैं।
ये पुराने कवियों का नाम खराब करने का ठेका ले लिया क्या आजकल के गायकों ने । इसको तुरंत हटाया जाए और सही छाप से डालें । गायक और चैनल ऑफिशियल्स अपना परिचय दें ।
मेरा नाम सलीम हरियाणवी है । गांव साल्हावास से हु । एक लोक कलाकर हु । आप अच्छा गा रहे हो लेकिन क्या ये आपको शोभा देता आप इतने बड़े कवि पंडित महोर सिंह जी लेखनी को काट कर अपना नाम दे रहे हो ।शर्म आनी चाहिए आप लगते हो कलाकार लेकिन ये बहुत बहुत बड़ा गलत काम है । शर्म आनी चाहिए । आपसे विनती है आप बताए कि ये आपकी लेखनी नही है जय दादा महोर सिंह। .........
Eji eji aajkal kaisi samay ab aai bhai chaal savdesi chhod dei pardesi chaal man bhai jagat me kaisi samay ab aai .Dharm gaya karm gya deen or imaan gaya laaj gai sharm gai gun or ehsaan gya mer apnesh gya mel ka milaan gya.Rah gai dalilbaji verbhav katfaas pakshpaty ne kiya satya dharmo ka vinaas murkho ne bharst kiya ved shastr itihas nai nai pothi banaai.
जय हो दादा महोर सिंह जी महाराज की
बहुत सुंदर और सत्य पर आधारित रागिनी है।👍👍👍
ऐसा ही एक बार हमने एक कार्यक्रम में महेंद्रगढ़ में भी सुना था। उसने दादा नंदलाल की दौड़ में बाबा महोर सिंह जी के सारे काफिये उठाकर लगा रखे थे। जिसका हमने विरोध किया तो उसने तुरंत क्षमा याचना की और कहा कि मुझे इसका ज्ञान नहीं था। ऐसे लोग केवल छाप ही नहीं काटते हैं, बल्कि जिस आदमी की छाप लगाते हैं उसका भी नाम खराब करते हैं।
ये बाबा महोर सिंह जी का भजन हैं।। छाप काटना ठीक नहीं होता है ।
ये पुराने कवियों का नाम खराब करने का ठेका ले लिया क्या आजकल के गायकों ने ।
इसको तुरंत हटाया जाए और सही छाप से डालें । गायक और चैनल ऑफिशियल्स अपना परिचय दें ।
मेरा नाम सलीम हरियाणवी है । गांव साल्हावास से हु । एक लोक कलाकर हु । आप अच्छा गा रहे हो लेकिन क्या ये आपको शोभा देता आप इतने बड़े कवि पंडित महोर सिंह जी लेखनी को काट कर अपना नाम दे रहे हो ।शर्म आनी चाहिए आप लगते हो कलाकार लेकिन ये बहुत बहुत बड़ा गलत काम है । शर्म आनी चाहिए । आपसे विनती है आप बताए कि ये आपकी लेखनी नही है जय दादा महोर सिंह। .........
Dor gaane ke leeye aatm gyan karna hoga dupliket ki koi okat nahi hoti
Puri ragni muje yaad h yadi pandit ji aapko chahiye to muje ph kar lijiye ye jagannath ki ragni nhi h
Eji eji aajkal kaisi samay ab aai bhai chaal savdesi chhod dei pardesi chaal man bhai jagat me kaisi samay ab aai .Dharm gaya karm gya deen or imaan gaya laaj gai sharm gai gun or ehsaan gya mer apnesh gya mel ka milaan gya.Rah gai dalilbaji verbhav katfaas pakshpaty ne kiya satya dharmo ka vinaas murkho ne bharst kiya ved shastr itihas nai nai pothi banaai.
Pt mahorsingh ji salawas ki h
सत्य वचन ❤
Ye ragni Mohar singh ki h is se pahle maine kahi nhi suni thi isko mere father sunaate h ya maine gai h kuchh change ki h pt ji aapko sadhuwad h
बजरंग जी आप तो जानते है।ये दादा महोर सिंह की है।इन छाप चोरों ने अपनी पूंछ जोड़ ली।
bilkul sahi kh rahe ho bhai ji
नंदलाल की दौड़ कहां है इस रागनी में । न तो यह दादा नंदलाल की रचना है और न ही दौड़ है इसमें ।
ये रचना पंडित महोर सिंह जी है ।
Bhai ji ye dhod koni kali h
Bhai ji jaganath ki chaap h
Ye bhajan pt mahorsingh salawas ka h
सत्य वचन ❤
बिल्कुल सत्य बात