लोकैषणा - तीन एषणायें।अध्यात्म व‌ साधना के प्रशास्ता - महर्षि दयानन्द - ५८ मुनि सत्यजित्

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  • เผยแพร่เมื่อ 12 พ.ค. 2024
  • सादर नमस्ते,
    वानप्रस्थ साधक आश्रम, वैदिक ज्ञान, सिद्धांत, ध्यान, साधना और अध्यात्म को समर्पित संस्थान है।
    हम, वानप्रस्थी साधक- साधिकाओं को शुद्ध शान्त प्राकृतिक वातावरण में आध्यात्मिक चेतना व साधना अनुकूल अवसर प्रदान करने के लिए,
    आदर्श वैदिक आर्ष गुरुकुल का संचालन करने के लिए,
    महाभाष्य तक सम्पूर्ण व्याकरण, निरुक्त, छन्द-शास्त्र, धर्मसूत्र, गृह्यसूत्र, श्रौतसूत्र, मीमांसा सहित छह दर्शन, 11 उपनिषद्, आदि आर्ष ग्रन्थों के अध्ययन का अवसर प्रदान करने के लिए,
    योग शिविर, ध्यान शिविर, ध्यान प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर, संध्या शिविर, क्रियात्मक योगाभ्यास शिविर, आत्ममंथन शिविर, यज्ञ प्रशिक्षण शिविर, यज्ञ मन्त्रार्थ शिविर, दम्पती शिविर, महिला जागृति शिविर, किशोर निर्माण शिविर, किशोरी निर्माण शिविर, संस्कृत सम्भाषण शिविर, सूचना तकनीक शिविर, वैदिक दर्शनों के अध्ययन के लिए स्वाध्याय शिविर, संस्कृत भाषा व व्याकरण के लिए अध्ययन शिविर आदि शिविरों का आयोजन करने के लिए,
    वैदिक ग्रन्थों का प्रकाशन और वितरण करने के लिए,
    धर्मार्थ चिकित्सालय का संचालन करने के लिए,
    वर्ष भर सातों दिन, १२ घण्टें अनवरत यज्ञ करने के लिए,
    और अग्निहोत्र का जन सामान्य में प्रचार प्रसार करने के लिए कृतसंकल्प हैं ।
    भवदीय
    वैदिक ज्ञान सिद्धान्त ध्यान साधना और अध्यात्म को समर्पित संस्थान
    वानप्रस्थ साधक आश्रम, आर्यवन, रोजड़, त.-तलोद, साबरकांठा, गुजरात-383307
    vaanaprastharojad@gmail.com
    दूरभाष - 9427059550

ความคิดเห็น • 1

  • @JaiSagar7
    @JaiSagar7 หลายเดือนก่อน

    नमस्ते आचार्य जी 🙏