बहुत आभार एवं प्रणाम । धन्यवाद । मैं भी इस बार नेट परीक्षा देने के प्रयास में हूँ । आप के द्वारा उपन्यास दियेगये सभी विडियो को देख रहा हूँ । इस से मुझे बहुत ही सहायता मिल रहा है ।
ब्रह्मा जी के आयु के बारे में बहुत ही भिन्न भिन्न मत प्रकट हुए हैं । परं तु मैं नें कहीं पढा है कि 43,20,000 मानव वर्ष एक बार बूत जीयें तो उस को महायुग कहते हैं, यदि ऐसे महायुग 71 बार बीत गयें तो इस अवधी को मन्वंतर कहते हैं । ऐसे मन्वंतर यदि 14 बार बीत जायेंगे तो ब्रह्म लोक में एक दिन, पुनः 14 बार बीतेंगे तो रात होती है । इस प्रकार की गणना से यह निर्णय निकलता है.... 43,20,000 × 71 = 306720000 मानव वर्ष तक एक मन्वंतर का समय हो गया । 306720000×14 = 4294080000 मानव वर्ष यदि बीतें तो ब्रह्मा का एक दिन हो गया । ऐसे ही 429408000 वर्ष बीतें तो रात होगी । इस प्रकार ब्रह्मलोक में एक दिन की गणना 8588160000 मानव वर्ष होंगे । इस एक दिन की अवधी को कल्प कहा जाता है । आज कल श्वेतवराहकल्प चल रहा है, तथा ब्रह्मा जी की आयु का आधा भाग भी बीत चुका है जिस को प्रथमपरार्ध कहा जाता है । संध्यावंदन करते समय हम जब संकल्प करते हैं जिस में हम इस शब्द का उच्चारण अवश्य ही करते हैं .... अद्य ब्रह्मणः द्वितीयपरार्धे श्रीश्वेतवराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे, अष्टाविशतितमे कलियुगे, प्रथमचरणे, भरतवर्षे, भरतखण्ड्, जम्बूद्वीपे, दण्डकारण्ये.....
बहुत आभार एवं प्रणाम । धन्यवाद । मैं भी इस बार नेट परीक्षा देने के प्रयास में हूँ । आप के द्वारा उपन्यास दियेगये सभी विडियो को देख रहा हूँ । इस से मुझे बहुत ही सहायता मिल रहा है ।
AP KO KOTI KOTI PRANAM
Thank you guruji 🙏🙏🙏
ब्रह्मा जी के आयु के बारे में बहुत ही भिन्न भिन्न मत प्रकट हुए हैं । परं तु मैं नें कहीं पढा है कि 43,20,000 मानव वर्ष एक बार बूत जीयें तो उस को महायुग कहते हैं, यदि ऐसे महायुग 71 बार बीत गयें तो इस अवधी को मन्वंतर कहते हैं । ऐसे मन्वंतर यदि 14 बार बीत जायेंगे तो ब्रह्म लोक में एक दिन, पुनः 14 बार बीतेंगे तो रात होती है । इस प्रकार की गणना से यह निर्णय निकलता है....
43,20,000 × 71 = 306720000
मानव वर्ष तक एक मन्वंतर का समय हो गया ।
306720000×14 = 4294080000 मानव वर्ष यदि बीतें तो ब्रह्मा का एक दिन हो गया । ऐसे ही 429408000 वर्ष बीतें तो रात होगी ।
इस प्रकार ब्रह्मलोक में एक दिन की गणना 8588160000 मानव वर्ष होंगे । इस एक दिन की अवधी को कल्प कहा जाता है । आज कल श्वेतवराहकल्प चल रहा है, तथा ब्रह्मा जी की आयु का आधा भाग भी बीत चुका है जिस को प्रथमपरार्ध कहा जाता है । संध्यावंदन करते समय हम जब संकल्प करते हैं जिस में हम इस शब्द का उच्चारण अवश्य ही करते हैं ....
अद्य ब्रह्मणः द्वितीयपरार्धे श्रीश्वेतवराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे, अष्टाविशतितमे कलियुगे, प्रथमचरणे, भरतवर्षे, भरतखण्ड्, जम्बूद्वीपे, दण्डकारण्ये.....
Thanks sir
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏
🙏🙏👌👌 supeeb
🙏🙏🙏🙏🙏