मेरा यह विचार रहता है कि वर्तमान वीडियो के 200 व्यूज हो जाने पर ही नया वीडियो प्रेषित करता हूं। प्रयास करें की वर्तमान वीडियो राम कथा में कुछ लाइक और व्यूज़ बढ़ जाए। आपका नाम रणवीर है, आप कहां के रहने वाले हैं।
गद्य का पाठ कैसे एक वीडियो में समा सकता है। उस पाठ में लगभग 10 पैराग्राफ ऐसे हैं जो व्याख्या के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिरीष का फूल ऐसा होता है जो भीषण गर्मी में भी खिला रहता है। लेखक ने उसे एक संत की संज्ञा दी है जो दुख और सुख से परे होता है। जीवन दर्शन की भांति वह अधिक संघर्ष झेलता है। उसके फूलों को कोमल और फलों को कठोर बताया गया है। कवि ने उसमें फलों से नेताओं की तुलना की है जिस प्रकार नेता बूढ़े हो जाने पर भी पद नहीं छोड़ना चाहते इस प्रकार इसके फल भी हैं जब उन्हें नया जाकर धक्का देता है तभी वह हटते हैं। जीवन क्षणभंगुर है काल का भयहमेशा रहता है। कोई भी बच नहीं सकता वही बच सकता है जो सतत गतिशील रहता है। अंत में कवि ने गांधी को याद किया है।
गुरुजी को प्रणाम 🙏
आप क्या पढ़ाते हैं ये शब्दों में व्यक्त करना बड़ा ही कठीन हैं।
आप क्या कहना चाहते हैं यह समझना भी कठिन है।
हार्दिक धन्यवाद। कृपया लाइक तो कर दीजिए।❤️
Pranam guru ji 🙏🏻🙏🏻 आप का व्याख्या कराने का तरीका अद्भुत है।
सराहना के लिए हृदय से आभार।🌹🌹
Guruji video kb aa rhi hai??
Kavita me jo bhi vishesh nihit hai pr bhi baat kijiyega Or uske shirshak pr bhi 🙏🙏🙏
मेरा यह विचार रहता है कि वर्तमान वीडियो के 200 व्यूज हो जाने पर ही नया वीडियो प्रेषित करता हूं।
प्रयास करें की वर्तमान वीडियो राम कथा में कुछ लाइक और व्यूज़ बढ़ जाए।
आपका नाम रणवीर है, आप कहां के रहने वाले हैं।
प्रणाम🎉
जी अभिवादन।🙏
Pranam gurudev bisheshan aur bhavachk sangya pr video bna dijiye bhut confusion hota h..mai competition ki taiyari kr rhi hu
विशेषण पर वीडियो उपलब्ध है कृपया सर्च कर लीजिए।
@@RiddhiSiddhiPravah bhav vachak sangya shabd aur bisheshan shabdon mein antar karne mein kathinai hoti hai
शब्दों के कई वीडियो है, भेद सहित।
कृपया देखें।,🙏
Sir main kaksha 12 ka Vidyarthi hun sar series ke phool ka paath plz padha do kuch bhi samaj nahi aa raha hai school me
Sir aap plz na mat kahiyega
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गद्य का पाठ कैसे एक वीडियो में समा सकता है।
उस पाठ में लगभग 10 पैराग्राफ ऐसे हैं जो व्याख्या के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
शिरीष का फूल ऐसा होता है जो भीषण गर्मी में भी खिला रहता है। लेखक ने उसे एक संत की संज्ञा दी है जो दुख और सुख से परे होता है। जीवन दर्शन की भांति वह अधिक संघर्ष झेलता है।
उसके फूलों को कोमल और फलों को कठोर बताया गया है। कवि ने उसमें फलों से नेताओं की तुलना की है जिस प्रकार नेता बूढ़े हो जाने पर भी पद नहीं छोड़ना चाहते इस प्रकार इसके फल भी हैं जब उन्हें नया जाकर धक्का देता है तभी वह हटते हैं।
जीवन क्षणभंगुर है काल का भयहमेशा रहता है। कोई भी बच नहीं सकता वही बच सकता है जो सतत गतिशील रहता है।
अंत में कवि ने गांधी को याद किया है।
@@RiddhiSiddhiPravah आपका बहुत बहुत धन्यवाद मुझे एक पैराग्राफ में पूर्ण अर्थ समझने के लिए मैं आपका अभिवादनकैसे करूं 🙏🙏🙏
@ShreyanVyas मेरा व्हाट्सएप नंबर 9457 16 6 089है यदि कोई बात कठिन लगती है तो आप आप पूछ सकते हैं।।