चरण स्पर्श, आपके मुखारविंद से कथा सुनकर मन आह्लादित हो जाता है। हरेक अध्याय और श्लोक का विवेचन और विश्लेषण सारगर्भित और सरल होता है। आनंद...... अहो बकी यम् स्तनकालकूटम् जिघांसया अपाययत् अपि असाध्वी। लेभे गतिम् धात्री-उचिताम् तत: अन्यम् कम् वा दयालुम् शरणम् व्रजेम्।। (शव्दार्थ- अहो-ओह:,बकी-असुरिनी(पूतना), यम्--जिसको; स्तन-अपने स्तन में,काल-घातक ,कूटम्- विष,जिघांसया-ईर्ष्यावश,अपाययत्-पिलाया,अपि-यद्यपि,असाध्वी-कृतघ्न,लेभे-प्राप्त किया, गतिम्-गन्तव्य,धात्री-उचिताम्--धाई के उपयुक्त,तत:-जिसके आगे, अन्यम्-दूसरा,कम्-अन्य कोई,वा-निश्चय ही,दयालुम्-कृपालु, शरणम्-शरण,व्रजेम्- ग्रहण करूंगा।) (श्री मद्भागवतम् 3.2.23) -ओह! भला मैं उनसे अधिक दयालु किसी और की शरण कैसे ग्रहण करूंगा जिन्होंने उस असुरिनी(पूतना) को माता का पद प्रदान किया, यद्यपि वह कृतध्न थी और उसने अपने स्तन से पिलाए जाने के लिए घातक विष तैयार किया था? यह भगवान् की आश्चर्यमयी लीला है कि वह भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना को जो अपने स्तनों में कालकूट नामक भयंकर विष लगाकर उन्हें दूध पिलाने के बहाने मारने आई थी,लेकिन परम दयालु कन्हैया ने उस पूतना राक्षसी के उस बुरे स्वभाव पर ध्यान नहीं दिए, कितने दयालु है कि इसने काम तो माता जैसा ही किया है, इसीलिए इसको भी माता की गति देनी चाहिए और जो मैया यशोदा को बाद में मिलनी थी ,वह दिव्य गति आज भगवान् श्रीकृष्ण ने पूतना को पहले ही प्रदान कर दी। पूतना पिछले जन्म की राजा बलि की पुत्री रत्नावली थी। भगवान् नारायण जब वामन वेश धारण करके राजा बलि के नगर में गये तो रत्नावली ने छोटे से वामन भगवान को देखा-बटुक ब्राह्मण को देखा तो वात्सल्य भाव उमड़ आया, इच्छा की कि ऐसा ही पुत्र मुझे प्राप्त हो जिसको मैं दुग्ध पान कराऊं। भगवान् अंतर्यामी है उन्होंने उसी क्षण आशीर्वाद दिया कि ऐसा समय आने पर होगा। जब भगवान ने तीन पग भूमि पर तीनों लोक नाप लिए और राजा बलि को नाग पाश में बांध करके पाताल में डाल दिए , तब रत्नावली को क्रोध आया और उसने कहा कि अरे! यह बालक छोटा है लेकिन बहुत खोटा है , इसे तो जहर देकर मार देना चाहिए,तो भगवान् ने रत्नावली की इस बात को भी स्वीकार किया। आज वही रत्नावली पूतना बनी और भगवान श्रीकृष्ण को कालकूट भयंकर विष लगा हुआ स्तनपान करायी, फिर भी उन्होंने पूतना राक्षसी को माता का स्थान देकर दिव्य गति प्रदान की। अपने शत्रु पर भी भगवान् की चरम कृपा का उदाहरण है। भगवान् की दयालुता का वर्णन करना असंभव है। श्रीकृष्ण अकारण करूणा वरूणालय हैं, बिना कारण करुणा करनेवाले हैं-दया करनेवाले वाले हैं,दया वत्सल भगवान् है,तो उस परम दयालु कन्हैया को छोड़कर किसकी शरण ग्रहण करें। हरि शरणम्,हरि शरणम्......
Jay ho koti koti naman bhagwan Om namo namo namo namo namo namo namo namo narayan Jay shree Ram radhe Krishna radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe ji
हमारे नेपालमे दिपावली पाँच दिन मनाया जाता है।इसे यम पञ्चक भी कहते हैं। पहला दिन काग,दुसरा दिन कुत्ता,तिसरे दिन गाय और लक्ष्मी,चौथा दिन गोवर्धन और पाँचौदिन भाइका पूजा कियाजाता है(भाइ टिका)।नेवार समुदायमे "किजा पूजा "बोलते हैं और खुदका पूजा भी किया जाता है जिसे "म्ह "पूजा कहते हैं।जय श्रीराधे राधे
ओम नमो भगवते वासुदेवाय❤
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
Radhe Krishna ji ki charno me koti koti 🌹🙏🌿🦚🌿🌹🌿🌹🌿🦚🌿🌹🌿🌹🦚🌿📿🪔🥥🔔🌺🌿🌺🦚🌺🌿🪔🌺
धन्य धन्य महाराज आपको धन्य पिता महतारी सादर दंडवत प्रणाम वंदन
🙏🏻🙏🏻जय जय श्री राधे जय श्री कृष्ण🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Shree Radhe Radhe Radhe Radhe Shyam 🙏🙏🙏🚩🚩🚩🙏🚩🚩🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🙏🙏🚩🙏🙏🚩🙏
राधे राधे गुरुजी दंडवत प्रणाम🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
अपने बेटेको मात्र आत्मज कह सकते हैं जय श्री कृष्ण 🙏राधे राधे
Jai shri radhe🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺👏👏👏
चरण स्पर्श,
आपके मुखारविंद से कथा सुनकर मन आह्लादित हो जाता है। हरेक अध्याय और श्लोक का विवेचन और विश्लेषण सारगर्भित और सरल होता है। आनंद......
अहो बकी यम् स्तनकालकूटम्
जिघांसया अपाययत् अपि असाध्वी।
लेभे गतिम् धात्री-उचिताम् तत: अन्यम्
कम् वा दयालुम् शरणम् व्रजेम्।।
(शव्दार्थ-
अहो-ओह:,बकी-असुरिनी(पूतना), यम्--जिसको; स्तन-अपने स्तन में,काल-घातक ,कूटम्- विष,जिघांसया-ईर्ष्यावश,अपाययत्-पिलाया,अपि-यद्यपि,असाध्वी-कृतघ्न,लेभे-प्राप्त किया, गतिम्-गन्तव्य,धात्री-उचिताम्--धाई के उपयुक्त,तत:-जिसके आगे, अन्यम्-दूसरा,कम्-अन्य कोई,वा-निश्चय ही,दयालुम्-कृपालु, शरणम्-शरण,व्रजेम्- ग्रहण करूंगा।)
(श्री मद्भागवतम् 3.2.23)
-ओह! भला मैं उनसे अधिक दयालु किसी और की शरण कैसे ग्रहण करूंगा जिन्होंने उस असुरिनी(पूतना) को माता का पद प्रदान किया, यद्यपि वह कृतध्न थी और उसने अपने स्तन से पिलाए जाने के लिए घातक विष तैयार किया था?
यह भगवान् की आश्चर्यमयी लीला है कि वह भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना को जो अपने स्तनों में कालकूट नामक भयंकर विष लगाकर उन्हें दूध पिलाने के बहाने मारने आई थी,लेकिन परम दयालु कन्हैया ने उस पूतना राक्षसी के उस बुरे स्वभाव पर ध्यान नहीं दिए, कितने दयालु है कि इसने काम तो माता जैसा ही किया है, इसीलिए इसको भी माता की गति देनी चाहिए और जो मैया यशोदा को बाद में मिलनी थी ,वह दिव्य गति आज भगवान् श्रीकृष्ण ने पूतना को पहले ही प्रदान कर दी।
पूतना पिछले जन्म की राजा बलि की पुत्री रत्नावली थी। भगवान् नारायण जब वामन वेश धारण करके राजा बलि के नगर में गये तो रत्नावली ने छोटे से वामन भगवान को देखा-बटुक ब्राह्मण को देखा तो वात्सल्य भाव उमड़ आया, इच्छा की कि ऐसा ही पुत्र मुझे प्राप्त हो जिसको मैं दुग्ध पान कराऊं। भगवान् अंतर्यामी है उन्होंने उसी क्षण आशीर्वाद दिया कि ऐसा समय आने पर होगा।
जब भगवान ने तीन पग भूमि पर तीनों लोक नाप लिए और राजा बलि को नाग पाश में बांध करके पाताल में डाल दिए , तब रत्नावली को क्रोध आया और उसने कहा कि अरे! यह बालक छोटा है लेकिन बहुत खोटा है , इसे तो जहर देकर मार देना चाहिए,तो भगवान् ने रत्नावली की इस बात को भी स्वीकार किया। आज वही रत्नावली पूतना बनी और भगवान श्रीकृष्ण को कालकूट भयंकर विष लगा हुआ स्तनपान करायी, फिर भी उन्होंने पूतना राक्षसी को माता का स्थान देकर दिव्य गति प्रदान की।
अपने शत्रु पर भी भगवान् की चरम कृपा का उदाहरण है।
भगवान् की दयालुता का वर्णन करना असंभव है। श्रीकृष्ण अकारण करूणा वरूणालय हैं, बिना कारण करुणा करनेवाले हैं-दया करनेवाले वाले हैं,दया वत्सल भगवान् है,तो उस परम दयालु कन्हैया को छोड़कर किसकी शरण ग्रहण करें।
हरि शरणम्,हरि शरणम्......
जय श्री राम राधे राधे प्रणाम प्रभु जी 🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
Namah parbati patye har har har har mahadev jay jay shree radhe krishna
पूज्य महाराज श्री को सादर प्रणाम जय श्री राम जय श्री राधे
महराज जी को चरण स्पर्श जय जय श्री कृष्णा जय जय श्री राधे
sukdev maharaj ka ansh apme hai Maharaj 🙏❤️🚩
Radhe Krishna
कुंज बिहारी श्री हरिदास ❤❤😊
करनानी परिवार को गोवर्धन पूजा की बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏❤️🙏🌹🌹
जय श्री हित हरिवंश 🙏🙏🙏🙏🙏
राम कृष्ण हरी माऊली
जय जय श्री राधे गोविंद ❤❤❤🎉🎉
জয় শ্রী রাধেশ্যাম । জয় শ্রী গুরুদেব কি জয়
Hey Maharaj ji aap jo b slok bolte apko sabi kanthasth h ap dhanya h Maharaj 🙏🙏
Màharaj ji aapko kotish pranam Radhe Radhe ji
Radhe Radhe 🎉🎉😮
Jay ho koti koti naman bhagwan Om namo namo namo namo namo namo namo namo narayan Jay shree Ram radhe Krishna radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe ji
Guruji🙏🙏
Om nama bhagabate basudebaya
Joy Guru Maharaj Aapko chorono me pranam
जय गोवर्धन नाथ
Radhe radhe guru ji
1 pal ke lie mai sbkuch bhul hi gya tha aur ye pratit hua ki sukdev bhagwan khud mujhe ye Katha suna rhe hai ❤
जय जय. ...
Jai shri ram
Jay Shree Radhe Radhe.
Jai Shree man narayana guru ji 🌼🌼🙏🙏
गोवर्धन बाबाकी जय
बोलिये रामलला सरकार की 🙌
हरे कृष्णा, जय श्री कृष्ण, जय गुरुदेव.
बोलो गोपाल भगवानकी जय
🙏🌸📿jaishriradhakrishan 📿 🌹🙏
Radhe Radhe🙏🏻🙏🏻
बोलो बंशीवालेकी जय जय जय
राम राम जी महाराज जी
राधे-राधे जी
Jai Ho GuruDev
राधे राधे❤🎉
jay gurudev
Jai shree Krishna 🙏🙏
सादर नमस्कार प्रणाम ।।इस एपीसोड के 2,,50 पर हुए बयान पर मैं अतिरेक रुप से आलाहादि हो गया हूं ।। धन्यवाद कोटिश धन्यवाद ।।
जय श्री राधे कृष्ण।।
Govind pitaji🙋😇radhe radhe🙏❤🙈
राधे राधे महाराज
हमारे नेपालमे दिपावली पाँच दिन मनाया जाता है।इसे यम पञ्चक भी कहते हैं। पहला दिन काग,दुसरा दिन कुत्ता,तिसरे दिन गाय और लक्ष्मी,चौथा दिन गोवर्धन और पाँचौदिन भाइका पूजा कियाजाता है(भाइ टिका)।नेवार समुदायमे "किजा पूजा "बोलते हैं और खुदका पूजा भी किया जाता है जिसे "म्ह "पूजा कहते हैं।जय श्रीराधे राधे
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Radhey Radhey
❤
Ati sundar
👏
👏👏👏👏👏
,🙏🏽🙏🏽🕉️🙏🏽🙏🏽 जैय श्री कृष्ण जी
🌹🙏🌷
2:22:00
BHARAT MATA KI JAI, GAYNI LOGE ONLY APKA PROBOCHAN SAMJEGA. KALIA NAG DAMAN KA ACHA UDAHARA DIA .PRONAM MAHARAJ JI . RADHE RADHESH
पूज्य महाराज श्री को सादर प्रणाम जय श्री राम जय श्री राधे
Maharaj ji aapke charno me pranam
Jai shree Krishna ji
जय श्री राधा कृष्ण 🙏🏻❤❤
Radhe radhe guruji
राधे-राधे जी
Jai shree krishna
Radhe Radhe ji. Guru dev ji
Jai shree Krishna ji
जयश्री राधे राधे🙏🌹