हैरान हूँ इस चमचमाते कारवां को देखकर ख्वाब जैसे दमदमाते आसमां को देखकर जो बेखबर उस रात से जिस पर घनघोर अँधेरा है अनजान है उस रात से जिसका ना कोई सवेरा है
आज फिर से सूरज निकला है, सूरज सिंकदर बनकर निकला है, सात घोड़ों पर नहीं एक रथ में बैठा है, सिर पर सात रंगों की कलगी नहीं फगवा रंग पहना है ।। इस बार जीत सुनिश्चित करने निकला है, मरे हुओं को मारकर महान बनने निकला है, हाथों में तलवार नहीं सूरज का एक रंग लेकर निकला है, कुंठित, गुलाम मानसिकता को जीतने निकला है ।।
गणतंत्र से देश के नियम पता चले, कैसा देश की दिशा, दशा बनाना है। अच्छी बात है इसे हर तरह से, मजबूत और सुरक्षित बनाना है।। इसे कैसे और कब शुरू करें? मन में जरूर एक प्रश्न उठता है? कहते है जब जागो तभी सबेरा, इस बात मे जरूर दम लगता है।। मुकाम हासिल करने हेतु, दृढ़ निश्चयी हमें होना होगा। श्रम, उद्योग, साहस के साथ, हमें आगे तो बढ़ना ही होगा।। लेकिन यही इसी नियम को, अपने उपर भी लागू करना होगा। अपने इस लचर हो रहे शरीरतंत्र को, एक मजबूत आधार तंत्र देना होगा।। हम चले, देश भी चले, मजबूती दोनों में मिले। गणतंत्र और शरीरतंत्र में, उचित तालमेल बिठाना होगा।।
Buldozar Ek Biphrey huwey Haathi se bhi Ziyadah Sub Farham Burham aur Tahes Nahes kardeta hai. Pahla klaam ( kavita ) Andhera aur Roushni ki Haqeeqat k batey mein thaa.
प्रतिरोध की कविताओं का शानदार आयोजन के लिए आभार।
बहुत आवश्यक पत्रिका और कवि सम्मेलन
बहुत सुन्दर काव्य गोष्ठी के लिए सत्य हिन्दी डॉट कॉम को साधुवाद
खूबसूरत कार्यक्रम!!
बहुत बढ़िया आयोजन
बहुत शानदार.... नमन है आप सब लोगों को..... 🙏
अद्भुत आयोजन
हैरान हूँ इस चमचमाते कारवां को देखकर
ख्वाब जैसे दमदमाते आसमां को देखकर
जो बेखबर उस रात से जिस पर घनघोर अँधेरा है
अनजान है उस रात से जिसका ना कोई सवेरा है
शानदार काव्य गोष्ठी के लिए सत्य हिंदी को धन्यवाद। अगली गोष्ठी का इंतजार रहेगा।
आज फिर से सूरज निकला है,
सूरज सिंकदर बनकर निकला है,
सात घोड़ों पर नहीं एक रथ में बैठा है,
सिर पर सात रंगों की कलगी नहीं फगवा रंग पहना है ।।
इस बार जीत सुनिश्चित करने निकला है,
मरे हुओं को मारकर महान बनने निकला है,
हाथों में तलवार नहीं सूरज का एक रंग लेकर निकला है,
कुंठित, गुलाम मानसिकता को जीतने निकला है ।।
Very nice, it is very sensitivity enhancing.
समसामयिक और महत्वपूर्ण
कटु सत्य का सजीव चित्रण
Great❤
Thanks Mukesh sir !! बहुत ही शानदार session था 🙏🏼
Thanks!
सभी वरिष्ठ कवियों को प्रणाम🙏
Nagar sir this is fact of our country very well said
Mukesh sir this is best episode please continue
Arun sir very important topic as on date in our country
Maja Aya Kavi Se Kavita Path Sunte Mukeshjii
It is humble request to everyone RAGA is only person who can save n build our people in the country he is real fighter
🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Mukesh sir this facasim is main culprit who r dividing our country
कोटिश: आभार इस अंक के लिए।❤
Thanks मुकेश जी
गणतंत्र से देश के नियम पता चले,
कैसा देश की दिशा, दशा बनाना है।
अच्छी बात है इसे हर तरह से,
मजबूत और सुरक्षित बनाना है।।
इसे कैसे और कब शुरू करें?
मन में जरूर एक प्रश्न उठता है?
कहते है जब जागो तभी सबेरा,
इस बात मे जरूर दम लगता है।।
मुकाम हासिल करने हेतु,
दृढ़ निश्चयी हमें होना होगा।
श्रम, उद्योग, साहस के साथ,
हमें आगे तो बढ़ना ही होगा।।
लेकिन यही इसी नियम को,
अपने उपर भी लागू करना होगा।
अपने इस लचर हो रहे शरीरतंत्र को,
एक मजबूत आधार तंत्र देना होगा।।
हम चले, देश भी चले,
मजबूती दोनों में मिले।
गणतंत्र और शरीरतंत्र में,
उचित तालमेल बिठाना होगा।।
❤❤❤❤❤
Madan sir sur pharoshi ki tamanna ab hamare dil mein hai dekhna hai jor kitna bajuye katil mein hai
Rajesh sir u r absolutely right
ताना-बाना के कवि सम्मेलन में सभी का स्वागत है अभिनंदन सादर नमस्कार डा मुकेश कुमार जी 🎉🎉🎉🎉🎉
Thank you so much
आपको भी गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं❤
Sanjay sir is taking about Sonia Gandhi ji but she is best person for our country
75वां या 76वां गणतंत्र दिवस
Farid sir very beautiful what u said but everyone should understand how to make our people understand what is right what is wrong
Poonam mam who is responsible BJP RSS giving all the rights to our states they can do whatever they want
Buldozar Ek Biphrey huwey Haathi se bhi Ziyadah Sub Farham Burham aur Tahes Nahes kardeta hai.
Pahla klaam ( kavita ) Andhera aur Roushni ki Haqeeqat k batey mein thaa.
Arun ji ki kavita ka alag se ek poshan Banakar isko prakashit kiya jaaye bahut Meherbani Hogi
Pahley Shaer ( kavi ) Saheb ki Nasri ( ptose like ) kaveeta hai.
गणतंत्र-दिवस पर राजपथ पर संविधान की झांकी निकालना और संविधान के उसूलों-सिद्धांतों को नज़रंदाज़ करना..ये पब्लिक है सब जानती है 😳🤷♂️🤔
Ojhal Ya Bojhal,
Pahley Mehmaan ( Guest ) Saheb ney kaha.
Saaf SunaaeevNaheen Diya?!!?
चड्डी तुम्हारी फटी थी भैया हवा उसमें से जा रही थी इसमें मोदी का क्या दोष कृपया चड्डी का कुछ करले
विविधवर्णी स्वरूप? वरेण्य है?
76 वां न?
Arin sir sab bhagwan BJP ki bapauti ho gayi hai hum log toh mante hi nahi hai
Ab yah nai nautanki shuru kar di😂
Mukesh sir this facasim is main culprit who r dividing our country
Poonam mam who is responsible BJP RSS giving all the rights to our states they can do whatever they want