9th House Lord in Horoscope | नवें भाव का स्वामी ग्रह बारह भाव में | E-sanskritam

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  • เผยแพร่เมื่อ 28 เม.ย. 2024
  • 9th House Lord in Horoscope | नवें भाव का स्वामी ग्रह बारह भाव में | E-sanskritam
    इस वीडियो में जातक के भाग्य के विषय मे बताया गया है। जातक का भाग्य उसके पिछले जन्म में या बिते समय में किए गए कर्म के अनुसार हि उदित होता है । जातक के जैसे कर्म होते हैं जातक का वैसा ही भाग्य निर्धारित होता है। जन्म कुंडली में 9वें भाव से भाग्य का विचार किया जाता है। जातक की जन्म कुंडली में नवें भाव का स्वामी जिस भी भाव में स्थित होगा जातक को उसी भाव से संबंधित फल प्राप्त होंगे।
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ความคิดเห็น • 4

  • @GoluSharma-kj3ys
    @GoluSharma-kj3ys หลายเดือนก่อน +1

    मेरा मकर लग्न सिंह राशि है राहु लग्न मे है 5 हाउस रे मंगल 0 डिग्री 7 हाउस मे गुरु शुक्र केतु तथा 8 हाउस मे सूर्य , चन्द बुद्ध है 12 हाउस मे शनि वक्री है . नवमेश बुद्ध 8 हाउस मे है तथा बुद्ध अस्त है💔💔💔🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  • @AmitDas-ts5oz
    @AmitDas-ts5oz หลายเดือนก่อน +1

    Boliwood actor ke pass toh sab kuch hai

  • @somanathpradhan6266
    @somanathpradhan6266 หลายเดือนก่อน +1

    द्वितीयेश और नवमेश शुक्र कन्या लग्न में स्थित हो तो आदमी क्या कर सकते, इसे तो भाग्यहीन कहा जाता, उपर से केतु नवम भाव में होने से आदमी बिलकुल तो नॉर्मल जीवन से भी नीचे जिएंगे,

    • @Esanskritam
      @Esanskritam  หลายเดือนก่อน +1

      कोई भी व्यक्ति भाग्य हीन नहीं होता है। आपक नवमेश अगर लग्न मे स्थित है आप अपने व्यक्तित्व पर कार्य कीजिये अवश्य भाग्य साथ देगा। गुरु और पिता का सम्नान कीजिये ।