🕉 श्रावण के शुभ महीने में पढ़ें ‘अद्वैत शैव दर्शन’ 🕉 ✨ Course starts on 29th July 2024 on Shikshanam 🚩 Pre-book today to avail 30% discount and an exclusive live Q&A session ⏰ Use Coupon Code: "PREBOOK30" (offer valid till 29th July) 😇 Enroll, Learn & Get Certified with Shikshanam ! अद्वैत शैव दर्शन कोर्स: shikshanam.in/advaita-shaiva-darshan-course/
सनातन धर्म के मुख्य असली तत्वज्ञान के प्रमाणभुत प्राचीन ग्रंथों है उपनिषदो , 6 दर्शन शास्त्रो ब्रह्मसुत्र , योग दर्शन , न्याय दर्शन , साख्य दर्शन , मीमांसा दर्शन , वैशेषिक दर्शन और गीता है ए ग्रंथों पुर्ण सत्य है और यही सनातन धर्म के असली ग्रंथों है
Namaste Vishal sir 🙏 I am a science student and I like your videos because you explain spirituality in a scientific way, which makes me more curious about spirituality.
Sabhi Dharmo ka lakshya ek hi hai. Mai Sanatan Dharm se hote hue bhi Bible ko adhik padha hai. Christian Ministries Free Bible course run karte hain, jisme Bible aur us par par bhashya ki pustak muft diya jaata hai. Sanatan Dharm mein is prakar ki suvidha kam hi milta hai.
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो। लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं। सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए। यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
Jay Shree Ram *comment id 672* Real hindu accepted this rules are *10* *Ye comment sirf hinduo ke liye he baki log ignore kare.* Will you follow 10 passive rules? *Rule 1* Shantidoot dharm dekh ke logo ko marate he Tum dharm dekh ke sabji etc kharidi karoge? *Rule 2* Kam se kam khud ke family ki raksha kar sako itana mentally physically prepare hona chalu karoge?
Sanatan samiksha ke saath podcast kijiye. Rajesh kushwaha ji aur Natraj nachiketa ji ko bulaiye uss podcast me . Wo history aur archaeology ka kaafi accha knowledge rakhte hai .😊
Read the book "the chronology of india from manu to mahabharat". It contains all the original history of india from scriptures. And relation of various civilizations to indian civilization.
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो। लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं। सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए। यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
In Kahaniyo k maadyam se .. Hum logo ko hi kuch samjhnay ki koshish ki jarhi hai . Jo Awaken log honge ... Unhe samj aayegi In Kahaniyo k pichy ka asli satye .
प्रेषितांचीं कृत्यें 4 : 12 येशू हा एकमेव आहे जो लोकांना तारु शकेल. त्याचे नाव हेच सामर्थ्य फक्त जगामध्ये आहे जे लोकांना तारण्यासाठी दिले आहे, आमचे तारण येशूद्वारे झालेच पाहिजे!”
@@HyperQuest make a video on missing years of Jesus , when he travelled to India and learnt sanatan from rishis and yogis, from 12-30 years of age ( gurukul)
@@MOONEDITZZZ69Bible mein anti concept lekar kaun aiya unke hi followers before that bible was not having such things and he is right Bible mein Jesus khud Rishi ban ne ke liye 32 saal Bharat gaye the waha se Ane ke baad logo ko unki enlightenment Raaz nhi aaiye iseliye thok diya suli pe.
@@abhishekdwivedi1737Bhaut acha cheez poochi hai jis ke karan hi Jesus vivad mein aaiye aur unke upar hamla kiya tha because he knew truth by this enlightenment.
Sir, please take my suggestion on your striking thought show :- 1. Please give simplified summary of full show written in question and answer format by given both guest. 2. Don't hurry to end the class Thanks for your show, keep it up 😊
3:34 - correction - मनु को बताया गया था, कि ब्रह्मा जी का कल्प का अंत हो रहा है। इसलिए प्रलय आने वाली है और देवताओं द्वारा निर्मित नौका इस तट पर आएगी। तब आगामी सप्तऋषि के साथ नौका पर बैठ जाए। (इसके अलावा कोई अन्य जीव-जंतु, बीज, आदि नही लेजाया गया था।) इसका कारण है कि मन्वंतर का अंत हुआ था। इसलिए देवताओं सहित सभी प्राणी ब्रह्मा में लीन होने थे। जब दो या उससे अधिक आकाशगंगा के टकराव के बाद फिर पुनः सृष्टि की शुरुआत हुई। तब वह नौका नए आकाशगंगा में ब्रह्मा द्वारा निर्मित नए लोक में पहुंचा दिया था। जहां से नए सप्तऋषियों ने अपना स्थान ग्रहण कर नई आकाशगंगा को अति वेग गति से चलाना शुरू किया था।
@@KanchanGupta-z3i भाई, पुराण आदि ग्रंथों को प्रोफेसी की तरह न देखो। पुराण में ये बताया गया है कि मत्सय अवतार चाक्षुष मन्वन्तर के अंत का है। ब्रह्मा के कल्प का अंत हो रहा है अर्थात ब्रह्मा जी का वह अंश निद्रा में जा रहा है। तब उस समय की पृथ्वी का अंत होता है। वह नौका साधारहण नौका नहीं है, अपितु देवताओं द्वारा निर्मित है। पुराण में कही नहीं लिखा है कि वे वापस प्रलय के बाद मृत्युलोक आए थे। सप्तऋषि कभी भी मृत्युलोक से सृष्टि नहीं चलाते है। वे हमेशा ध्रुव लोक की परिक्रमा करते है। जिससे आकाशगंगा चलती है। इसलिए प्रलय के बाद वे मृत्युलोक में नहीं आए थे। मन्वन्तर के अंत में हमेशा दो या उससे अधिक आकशगंगा एक-दूसरे टकराती है और ठीक उसी तरह सभी आकाशगंगा के सूर्य, ग्रह, आदि भी। उन आकाशगंगा की पृथ्वी भी आपस में टकराती है और तब उस विस्फोट से नए आकाशगंगा के सौर्यमंडल का निर्माण होता है और तब उन पृथ्वी में जो आत्मा होती है वह एक हो जाती है और सूर्य के सामान धधकती रहती है। जब लगभग २७,३६,००० मनुष्य वर्षों के बाद वह पृथ्वी, मृत्युलोक बन सृष्टि की शुरआत होती है। इसलिए भी पृथ्वी कभी भी तुरंत तैयार नहीं होती है। तबतक ब्रह्मा के पुत्र सुर-असुर की सृष्टि तथा लोको का निर्माण करते है। जब एक समय पर आकर सृष्टि नहीं बढ़ती। तब ब्रह्मा मनु के द्वारा मृत्युलोक में स्त्री-पुरुष के यंत्रों द्वारा मृत्युलोक में सृष्टि की शुरआत करते है। यह हर मन्वन्तर में ऐसा ही होता है परन्तु गुणों के कारण मन्वनतर के देवता बदलता जाता है। उसी के अनुसार सृष्टि में भी बदलाव आ जाते है। (यहां ध्यान देने वाली बात है आकाशगंगा के मन्वन्तर की आयु ७२ चतुर्युग बनती है, परन्तु पृथ्वी को मृत्युलोक बन सृष्टि की शुरुआत होती है तब मन्वन्तर की आयु ७१ चतुर्युग और ३/४ सतयुग की होती है (जिसका वर्णन पुराणों में मिलता है)। इसलिए गणना के अनुसार १ चतुर्युग में १/४ सतयुग (संध्या काल)+त्रेतायुग+द्वापरयुग+कलियुग की अवधि तक पृथ्वी सूर्य के सामान धधकती रहती है - जिसका मूल होता है लगभग २७,३६,००० मनुष्य वर्ष।) मेरे गुरु नारायण द्वारा प्राप्त ज्ञान हुआ था कि -- विष्णु मत्सय रुप में ब्रह्माण्ड में सदा रहते है और उनकी आयु ब्रह्मा के १०० वर्ष तक ही रहती है। जब भी मन्वन्तर का अंत होता है, तब उनका अंश सभी आकाशगंगा में जाता है और पिछले मन्वनतर के मनु और सप्तऋषि को ले मृत्युलोक से निकाल सभी सप्तऋषि और मनु एक हो जाते है। जबतक आकशगंगा में ब्रह्मा पुनः नहीं जागते, तबतक वे आकशगंगा के समुद्र में विचरते है। उन नए स्वरुप के सप्तऋषि और मनु को वहीं पर वह दिव्य पुराणिक ज्ञान दिया जाता है। जिससे वे नई आकाशगंगा में सृष्टि की शुरुआत में ब्रह्मा की मदद कर सके। इसलिए यह मत्सय अवतार हर मन्वन्तर का प्रथम और आखरी विष्णु का अवतार होता है। ये सृष्टि के अहम् पहलु अर्थात उस जोड़ की रक्षा करते है, जो ब्रह्मा के कल्प का अंत और शुरुआत होता है।
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो। लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं। सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए। यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
There is one more reason. Since Gilgamesh was the first story ever written, it was taken by all following communities into their culture. Story telling become powerful tool for controlling people
@@BapanSaha-ni5uzदेखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो। लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं। सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए। यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो। लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं। सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए। यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
Vishal Bhai ek scientific video please aap banaye on the origin of dinasours aur woh kis Yuga mein they I mean kya Satyuga sey phele exist karte they yaa unki timeline kuch aur thi..?
हमारे पुराणों में तो ये बताया गया है कि युग के अंत में जल प्रलय आता है और पृथ्वी जल मग्न हो जाती है।तो जो भी सभ्यता हैं वो पृथ्वी पर ही तो है। कहानी अलग हो सकती है।पर सत्य सिर्फ़ सनातन है।
सही कहा लेकिन धर्म जो है वो सनातन हो सकता है वो हिंदुत्व तो न है !! वो दशरथ के राम को केंद्र में रख कर न है न ही बांसुरी बजिऐया कृष्ण को केंद्र में रखकर हो सकता है !! वेदान्त ही मात्र सनातन धर्म का केंद्र हो सकता है , वेदान्त बोल दो या वेदों का मर्म !! बाकी सब Time पास है , जो आएंगे और चले जायेंगे ! विशाल जी भी कुछ कुछ अंधविश्वासों के साथ ही है अगर तर्क के साथ सुनो उन्हें !! इसीलिए सिर्फ आचार्य प्रशान्त जी
अपने धमॅ के सिवा अन्य धमॅ फालतू है। एसे ही लोग समाज में नफरत फैलाते है। और वैदिक धमॅ का वास्तविक स्वरूप गवॅ करने योग्य है। पर हमारे धमॅ के ही कुछ धमॅ के ठेकेदारो ने सनातन धमॅ के स्वरूप को बिगाड दिया है। जिनके कारण हर कोई सनातन धमॅ पर उंगली उठाई जाती है। और आज भी कुछ दलित लोग उनके साथ हो रहे अन्यायो से तंग आकर परिवतॅन करते है। तो दूसरो के बारे में बोलने से पहेले अपने गिरेबान में तो झाक लो।
@@pawanseem5695है भाई सही कहा आपने , सनातन कोई धर्म नहीं है सनातन एक सत्य परंपरा है जो जीवन में सत्य की खोज करती है , ओर जब इंसान जीवन में सत्य की खोज पर निकल जाता है तार्किक रूप से वो वास्विक ता में उसकी चेतना ऊपर उठती है , उसका अहंकार खतम होजता है ।
@@pawanseem5695आचार्य प्रशांत जी एक वक्ति है , वो हर बार बोलते है , में जो बोलता हु वो सब वेदांत ओर संतो ही बात है । इसलिए हमे हर बात पे आचार्य जी ने बताया , या आचार्य जी ने असली धर्म दिया येस नहीं बोलना चाहिए , हमे वेदांत ओर संतो की बात करनी चाहिए , आचार्य जी ने हमे मार्ग दिया है । इसलिए अचार्य जी भी पूजनीय है ❤😊 ।
@@semicolon6499 Maine kahaa Sirf Acharya Prashant ji !! मतलब शुरुआत उनसे करो , आज के दौर में । वो आपको खुद से आज़ाद कर देते है , मैं खुद उनके कुछ विचारों से सहमत नही होता हूँ और अपना विरोध दर्ज करवा देता हूँ सवाल करके!
The stories of Adam and Eve, particularly their creation and expulsion from the Garden of Eden, have similarities with ancient Mesopotamian myths, specifically the Sumerian myth of Enki and Ninhursag and the Akkadian/Babylonian myth of Atrahasis. These myths predate the Abrahamic religions and are believed to have influenced the biblical narratives found in Judaism, Christianity, and Islam. The Sumerian myth of Enki and Ninhursag features a god creating humans out of clay and a sacred garden where they reside until a mistake leads to their expulsion. Similarly, the Akkadian/Babylonian myth of Atrahasis includes a story of a man created from clay by a god and placed in a garden but later expelled due to disobedience. These parallels suggest that elements of the Adam and Eve story in the Abrahamic religions may have been borrowed or adapted from earlier Mesopotamian myths.
असल में सबसे प्रथम संपूर्ण विश्व में एक ही वैदिक धर्म था फिर फिर बिगाड़ आने शुरू हुए और हम अलग-अलग पंथ्यों मतों में विभाजित हो गए इसीलिए हमको वेदों की ओर लौटना होगा
At last someone has found this i was figuring it out from a year now There are many similarities between these civilisations among stories legends, myths etc I would recomend you brother watch *niel oaks sirs podcast by ranveer alahbadia* it is the best podcast on our religion you could find
I am glad you touched this topic sir. I personally believe that this flood must just had came to the coasts of Indian subcontinent and our rishis must have noted this down and this story went out after the Dāśarājñá yuddhá which is also mentioned in the vedas and from there the variants of this story must have being came into existence . No offence this is just my view.
When some Jewish tribesmen living in thatch huts travelled and saw Sumer (Mesopotamia) Civilization and it's monuments & heard their legends, they wrote about this great bustling empire of human from the perspective of a small tribal community man. This is the Old Testament, take the e.g. of legend of the tower or babel or the hanging garden etc. A man living in hut seeing tens of storey of tower that they thought was touching heaven 😂😂😂(The perspective of a tribesmen). Bible (Old test.) is just the rewriting of the legends of that civilization and actual connection is between Sumer (Mesopotamia) Civilization & Sindhu-Sarawati (Indus Valley) civilization. Them and us had similar stories of Seven Sages, Great flood etc.
Spirituality is a thing of experience self experience and science is about proving and justifying the things which can be sensed touched consciously Experience is an different realm. If you tried to explain that relam through scientific means then things will get messed up because the information will be not sufficient or maybe nit corresponding to it
Ancient Mesopotamian myths, such as the Epic of Gilgamesh and the Enuma Elish, contain themes and motifs that are reflected in biblical narratives. These Mesopotamian stories are part of a larger tapestry of ancient Near Eastern storytelling traditions that influenced and interacted with biblical narratives. For example, the Epic of Gilgamesh includes a flood story with notable parallels to the biblical account of Noah's ark, while the Enuma Elish creation myths share elements with the Genesis creation narrative.
कुरान में अध्याय 71 मे नूह की कहानी है जहां पर लोगों को इसलिए डूबो दिया गया क्योंकी वो लोग अनेक खुदाओ की इबादत करते थे, यहीं इनका पाप था, अब आप सोच सकते हो क्या हम इसे कैसे सनातन धर्म से मिला सकते हैं😮😮😮😮
Namaste sir , main puran ko padh rhi hu or mene 1st puran pura padh liya h,ab 2nd padh rhi hu , main sampur 18 puran padhna chahti hu ,lekin ab mujhe darshan or upnishads bhi padhne ka mann ho rha h toh kya puran ko chodkar darshan padh lu ya pehle puran hi complete karu ❤❤ please answer namaste 🙏 to
3:46 doesnt it sound like we were from another planet and that ship was a space rocket and matsya avatar was like a horse pulling the ship like a chariot to earth and settled everything down on here
@@descendantofbharatbharatva7155 yeah bro I knew that someone like you will do this thing but imagination is what lead humans to innovation remeber this Wright brothers imagined plane that's why they were able to invent it
SIR apki videos bhut hi informative hote h mujhe hamesha se ek confusion rhta ki hamara india phle Gondwana, a supercontinent ka part tha phir form hua kya y hone se phle satyug or duapar yug the. please sir i want to know about that .
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Kindly invite nilesh oak and anylise his theories
Aapko nastik dharan ko nahi padama chaheye ye hinduo ke liye khatra hai
Dharsan
सनातन धर्म के मुख्य असली तत्वज्ञान के प्रमाणभुत प्राचीन ग्रंथों है उपनिषदो , 6 दर्शन शास्त्रो ब्रह्मसुत्र , योग दर्शन , न्याय दर्शन , साख्य दर्शन , मीमांसा दर्शन , वैशेषिक दर्शन और गीता है ए ग्रंथों पुर्ण सत्य है और यही सनातन धर्म के असली ग्रंथों है
ये बताओ सच क्या है
I am a Pure Sanatani,,,,,
And Sanatan is eternal truth...
Pls Give me Love......😢😢
Love you From Bangladesh 🇧🇩🇧🇩🇧🇩
Premanand maharaj ji ko suno
@@Krishna11064ye bhi brahmachari ban jayega issi tarah hindu population ghat rha h😂😂
BHARAT se bohot sara pyar
Bangladesh bhalo ache muslim der ottachar thekhe
@@Krishna11064iskon wale??
Namaste Vishal sir 🙏
I am a science student and I like your videos because you explain spirituality in a scientific way, which makes me more curious about spirituality.
Then learn about atomic level u will reveal yourself
He is IITian
Sabhi Dharmo ka lakshya ek hi hai. Mai Sanatan Dharm se hote hue bhi Bible ko adhik padha hai. Christian Ministries Free Bible course run karte hain, jisme Bible aur us par par bhashya ki pustak muft diya jaata hai. Sanatan Dharm mein is prakar ki suvidha kam hi milta hai.
@@SuperAshok100so whatever he is saying that must be correct😂😂😂😂
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो।
लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं।
सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए।
यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
हर हर महादेव ❤
Har Har Mahadev❤❤❤❤❤
Har Har mahadev ❤❤❤❤
হর হর মহাদেব ❤❤❤❤❤❤
Jay Shree Ram *comment id 672*
Real hindu accepted this rules are *10*
*Ye comment sirf hinduo ke liye he baki log ignore kare.*
Will you follow 10 passive rules?
*Rule 1*
Shantidoot dharm dekh ke logo ko marate he
Tum dharm dekh ke sabji etc kharidi karoge?
*Rule 2*
Kam se kam khud ke family ki raksha kar sako itana mentally physically prepare hona chalu karoge?
NCERT ne hadappa civilisation ka naam change karke sindhu - sarswati civilisation kar diya 😊.
Sach me?
@@utkarshninawe97 हां।
@@utkarshninawe97 News articles padh sakte ho . Usme chapa hai .
@@NishantKumar-ry9rp ok achchhi baat hai 🚩
Nishant kumar bro sanatan samiksha ko jante ho aaj kal ate kyo nahi live chat mai
🕉️ हर हर हर शिव महादेव
बहोतही अर्थपूर्ण जानकारी आपसे समजने मे आई है, इस विषय पर आपका अभ्यास बिलकुल प्रशांशनीय है,मेरी तरफसे मै आपका धन्यवाद करता हूं.👌🙏
🙏🏻 जी धन्यवाद
Om Namah shivay!!🙏❤️❤️❤️🙏
हर हर महादेव 🙏
হর হর মহাদেব 🙏🏾🕉
This video can be enjoyed by every religion together🙌🙌
Aap jaise knowledge full you tuber se bahut kuch sikhne ko milta hai
जय श्री राम 🙏🚩 अच्छी जानकारी हमेशा की भांति।🙏🚩
Sanatan samiksha ke saath podcast kijiye. Rajesh kushwaha ji aur Natraj nachiketa ji ko bulaiye uss podcast me . Wo history aur archaeology ka kaafi accha knowledge rakhte hai .😊
हर हर शिव शम्भू ❤🙏
Read the book "the chronology of india from manu to mahabharat". It contains all the original history of india from scriptures. And relation of various civilizations to indian civilization.
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो।
लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं।
सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए।
यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
Sir aapko national creator award me nhi bulaya gya iska khed hai
Aap jese log ko samman hona jaruri hai 😌❤🙏
🌿
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे |
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
🌺🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🌺
In Kahaniyo k maadyam se ..
Hum logo ko hi kuch samjhnay ki koshish ki jarhi hai .
Jo Awaken log honge ...
Unhe samj aayegi
In Kahaniyo k pichy ka asli satye .
Har Har Mahadev, Bandhu 🙏
धन्यवाद आभार ब्रह्मांड का आभारी हूं 🙏🙏🌈
🌹 JAY SHREE RAM 🌹
জয় শ্রী রাম 🚩🚩🙏🏾🕉
हमारे पुराणों में मानव,वानर, राक्षस की तरह और कितनी जातीया है 🙏
प्रेषितांचीं कृत्यें 4 : 12 येशू हा एकमेव आहे जो लोकांना तारु शकेल. त्याचे नाव हेच सामर्थ्य फक्त जगामध्ये आहे जे लोकांना तारण्यासाठी दिले आहे, आमचे तारण येशूद्वारे झालेच पाहिजे!”
Rajiv ranjan Prasad have excellent knowledge about date of mahabharat ,ramayan ,arya ,indus ,Vegas, puran with scientific proof
Har Har Mahadev 🚩
Nahi yugo main baar baar pralay hota hain
🙏🏻🙏🏻
@@HyperQuest make a video on missing years of Jesus , when he travelled to India and learnt sanatan from rishis and yogis, from 12-30 years of age ( gurukul)
@@abhishekdwivedi1737Bakloli Mat kro.
Bible padhle Waha bohot anti vedic concepts hai
@@MOONEDITZZZ69Bible mein anti concept lekar kaun aiya unke hi followers before that bible was not having such things and he is right Bible mein Jesus khud Rishi ban ne ke liye 32 saal Bharat gaye the waha se Ane ke baad logo ko unki enlightenment Raaz nhi aaiye iseliye thok diya suli pe.
@@abhishekdwivedi1737Bhaut acha cheez poochi hai jis ke karan hi Jesus vivad mein aaiye aur unke upar hamla kiya tha because he knew truth by this enlightenment.
हर हर महादेव 🙏🙏🚩
Sir, please take my suggestion on your striking thought show :-
1. Please give simplified summary of full show written in question and answer format by given both guest.
2. Don't hurry to end the class
Thanks for your show, keep it up 😊
बहुत अच्छे ढंग से समझाया इसके लिए आप को मेरा प्रणाम🙏💕
आपके समझने का तरीका बहुत ही सुंदर है सब कुछ बहुत सरलता है समझ जाती है आप बहुत अच्छे शिक्षक हैं 👍👍👍
Aapko bhi Shrawan maas ki shubhkamnaye!!
3:34 - correction - मनु को बताया गया था, कि ब्रह्मा जी का कल्प का अंत हो रहा है। इसलिए प्रलय आने वाली है और देवताओं द्वारा निर्मित नौका इस तट पर आएगी। तब आगामी सप्तऋषि के साथ नौका पर बैठ जाए। (इसके अलावा कोई अन्य जीव-जंतु, बीज, आदि नही लेजाया गया था।)
इसका कारण है कि मन्वंतर का अंत हुआ था। इसलिए देवताओं सहित सभी प्राणी ब्रह्मा में लीन होने थे। जब दो या उससे अधिक आकाशगंगा के टकराव के बाद फिर पुनः सृष्टि की शुरुआत हुई। तब वह नौका नए आकाशगंगा में ब्रह्मा द्वारा निर्मित नए लोक में पहुंचा दिया था। जहां से नए सप्तऋषियों ने अपना स्थान ग्रहण कर नई आकाशगंगा को अति वेग गति से चलाना शुरू किया था।
Bai ap ne to space se planets sift par aa gye waise ye kha lika hai hame bhi bata dijiye
मत्स्य पुराण पढ़ लो @@KanchanGupta-z3i
@@KanchanGupta-z3i भाई, पुराण आदि ग्रंथों को प्रोफेसी की तरह न देखो।
पुराण में ये बताया गया है कि मत्सय अवतार चाक्षुष मन्वन्तर के अंत का है। ब्रह्मा के कल्प का अंत हो रहा है अर्थात ब्रह्मा जी का वह अंश निद्रा में जा रहा है। तब उस समय की पृथ्वी का अंत होता है। वह नौका साधारहण नौका नहीं है, अपितु देवताओं द्वारा निर्मित है। पुराण में कही नहीं लिखा है कि वे वापस प्रलय के बाद मृत्युलोक आए थे।
सप्तऋषि कभी भी मृत्युलोक से सृष्टि नहीं चलाते है। वे हमेशा ध्रुव लोक की परिक्रमा करते है। जिससे आकाशगंगा चलती है। इसलिए प्रलय के बाद वे मृत्युलोक में नहीं आए थे।
मन्वन्तर के अंत में हमेशा दो या उससे अधिक आकशगंगा एक-दूसरे टकराती है और ठीक उसी तरह सभी आकाशगंगा के सूर्य, ग्रह, आदि भी। उन आकाशगंगा की पृथ्वी भी आपस में टकराती है और तब उस विस्फोट से नए आकाशगंगा के सौर्यमंडल का निर्माण होता है और तब उन पृथ्वी में जो आत्मा होती है वह एक हो जाती है और सूर्य के सामान धधकती रहती है। जब लगभग २७,३६,००० मनुष्य वर्षों के बाद वह पृथ्वी, मृत्युलोक बन सृष्टि की शुरआत होती है। इसलिए भी पृथ्वी कभी भी तुरंत तैयार नहीं होती है। तबतक ब्रह्मा के पुत्र सुर-असुर की सृष्टि तथा लोको का निर्माण करते है। जब एक समय पर आकर सृष्टि नहीं बढ़ती। तब ब्रह्मा मनु के द्वारा मृत्युलोक में स्त्री-पुरुष के यंत्रों द्वारा मृत्युलोक में सृष्टि की शुरआत करते है। यह हर मन्वन्तर में ऐसा ही होता है परन्तु गुणों के कारण मन्वनतर के देवता बदलता जाता है। उसी के अनुसार सृष्टि में भी बदलाव आ जाते है।
(यहां ध्यान देने वाली बात है आकाशगंगा के मन्वन्तर की आयु ७२ चतुर्युग बनती है, परन्तु पृथ्वी को मृत्युलोक बन सृष्टि की शुरुआत होती है तब मन्वन्तर की आयु ७१ चतुर्युग और ३/४ सतयुग की होती है (जिसका वर्णन पुराणों में मिलता है)। इसलिए गणना के अनुसार १ चतुर्युग में १/४ सतयुग (संध्या काल)+त्रेतायुग+द्वापरयुग+कलियुग की अवधि तक पृथ्वी सूर्य के सामान धधकती रहती है - जिसका मूल होता है लगभग २७,३६,००० मनुष्य वर्ष।)
मेरे गुरु नारायण द्वारा प्राप्त ज्ञान हुआ था कि -- विष्णु मत्सय रुप में ब्रह्माण्ड में सदा रहते है और उनकी आयु ब्रह्मा के १०० वर्ष तक ही रहती है। जब भी मन्वन्तर का अंत होता है, तब उनका अंश सभी आकाशगंगा में जाता है और पिछले मन्वनतर के मनु और सप्तऋषि को ले मृत्युलोक से निकाल सभी सप्तऋषि और मनु एक हो जाते है। जबतक आकशगंगा में ब्रह्मा पुनः नहीं जागते, तबतक वे आकशगंगा के समुद्र में विचरते है। उन नए स्वरुप के सप्तऋषि और मनु को वहीं पर वह दिव्य पुराणिक ज्ञान दिया जाता है। जिससे वे नई आकाशगंगा में सृष्टि की शुरुआत में ब्रह्मा की मदद कर सके।
इसलिए यह मत्सय अवतार हर मन्वन्तर का प्रथम और आखरी विष्णु का अवतार होता है। ये सृष्टि के अहम् पहलु अर्थात उस जोड़ की रक्षा करते है, जो ब्रह्मा के कल्प का अंत और शुरुआत होता है।
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो।
लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं।
सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए।
यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
जय शिवशक्ति ❤🙏
There is one more reason. Since Gilgamesh was the first story ever written, it was taken by all following communities into their culture. Story telling become powerful tool for controlling people
Gilgamesh Story Us Given In Class 11th History Book In Mesopotamia Chapter
भाई, तुम निलेश ओक और प्रवीण मोहन, या फिर विनीत अग्रवाल को अपनी podcast पर invite करो
Haan praveen mohan 😊
All 3
Satya sanatan vaidik dharm ki jay ho 🙏 🙏 🚩 🚩
Jay jay shree ram 🙏 🙏
Har Har Mahadev Har 🙏 🙏
Jay Hindu Rashtra 🚩 🚩 🚩
হর হর মহাদেব ❤🕉🙏🏾
Thank you VISHAL 👍❤️
हर हर महादेव🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har har mahadev ❤🎉
Janak ji aur sulbha ji ka shastrarth❤
जी गुरु देव जी🙏🙏🙏 आप सही कह रहे हैं 🙏🙏🙏
God is One❤️🧘🏻♂️ & has different names. According to different regions and languages.💯
Not bro God only one not allah not jesus, 1400 sal purana kalpanik islam 2000 sal purana kalpanik christan
Bhagwaan ke sibha koi God nehi hai
Yes, I said God is just translation of "Bhagawān" in Sanskrit/Hindi or "Lāi" in Meiteilon.
@@BapanSaha-ni5uzदेखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो।
लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं।
सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए।
यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
देखिए भाई जितने भी धर्म या मजहब में जल प्रलय की कहानियां हैं वो सिर्फ़ मिथक है इसका कोई प्रूफ नहीं दे सकता, की वो जहाज जिसमें जो लोग बचे थे वो जहाज कहां हैं? और उसका आकार कैसा था ? और किस कारण से जल प्रलय आया? इस प्रश्न का उत्तर कोई भी नहीं दे सकता,चाहे वो सनातन धर्म वाले ही क्यों ना हो।
लेकीन इस प्रश्न का उत्तर सिर्फ़ पवित्र बाइबल ही दे सकता है क्योंकी इस घटना का विवरण उत्पत्ति 6,7, और 8 अध्याय (The book of Genesis chapter 6,7,&8) में विस्तार से वर्णन किया गया है। और इस घटना का वैज्ञानिक प्रमाण भी है। बीसवीं सदी में सन् 1952 में फ्रांसीसी अन्वेषक फर्नाण्ड नेवारा ने अरारात पहाड़ पर टिका हुआ नूह का जहाज ढूंढ निकाला जो (Turkey(तुर्की) में है। जहाज बर्फ के नीचे अभी भी सुरक्षित था। उन्होंने जहाज का फ़ोटो खींचा था और सन् 1955 और सन् 1969 में जाकर जहाज की लकड़ी भी निकाल लाए थे। इसके पश्चात एंजेलो पलेगो नामक अन्वेषक ने सन् 1989 जुलाई में इस जहाज को पाया। उन्होंने इस विषय पर एक पुस्तक भी प्रकाशित की जिसका शीर्षक है "मैने नूह के जहाज को खोज निकाला" ("I walked over Noah's ark") इस पुस्तक का अनुवाद 5 भाषाओं में हो चुका है। उन्होंने इसका एक विडियो कैसेट भी बनाया है। उन्होंने जहाज को नाप के देखा तो जैसे उत्पत्ति 6:15 (Genesis 6:15) में लिखा गया है वैसे ही पाया। बाइबल के इतिहास की यथार्थता न केवल शब्दों से वरण अंकों से भी प्रमाणित होती है। जो इस बात को प्रमाणित करता है कि पवित्र बाइबल परमेश्वर के जीवित वचन हैं।
सभी धर्मों ने इसे कॉपी तो किया लेकीन उसका सबूत नहीं दे पाए।
यीशु मसीह आप सभी से प्यार करते हैं और हम सभी पापी मनुष्य को बचाने के लिए क्रूस पर अपनी जान को दिया और मुर्दों में से तीसरे दिन जी उठा और वो बदलो पर फिर से आने वाला है जो कोई अपने पाप को स्वीकार करता है और यीशु मसीह पर विश्वास लाता है वह अनंत जीवन पाएगा।
आप सभी को श्रावण मास की बहुत बहुत शुभकामनाएं 🕉️🙏😊🚩
You motivate me to pursue archaeology further . Thankyou Vishal bhaiya ❤
🙏🏼
@@HyperQuestमहात्मा गांधी रामायण और महाभारत को काल्पनिक कहते है माया के कारण इसको एक्सप्लेन करना वंदनीय बापू में पड़ा था मैने
bhai video on what is universe, what is life, what is god, and eveeryhting? and what is our purpose?
प्रथ्वी पर एक मात्र धर्म सनातन है बाकि सब पंथ, मत, संप्रदाय, मजहब, कबीले हैं...
Jai Hind Jai Bharat 🇮🇳
Sanatana Dharma sarvochatam 🙏💯🔥
सीताराम 🚩❤️🩹 हरे कृष्ण 🍀💗
Hare Krishna ❤❤❤
Ask Nilesh Oak, he has explained this phenomenon in his talk.
Har har Mahadev 🙏🚩🚩
Vishal Bhai ek scientific video please aap banaye on the origin of dinasours aur woh kis Yuga mein they I mean kya Satyuga sey phele exist karte they yaa unki timeline kuch aur thi..?
Great research ❤❤❤❤
अहं ब्रह्मास्मि
केवल बोलने से नहीं होता है
@@YASH_741_41 Fir kaise hoga???
Jai shree ram🙏🙏🙏
@@BapanSaha-ni5uz Jay Shree Ram 🙏
श्री सीताराम
Jai Shree Ram🚩🚩
H Om. HAR 2 MAHADEV G KO PRANAM KOTI 2.❤AAPKE KATHA IS SUPERB.......❤
Namaste Vishal Bhai Jai Shri Ram ❤❤❤❤❤❤ please make a video on spiritual teachings of various rishis in ramayana 🙏🙏🙏🙏❤️♥️❤️❤️❤️❤️
हमारे पुराणों में तो ये बताया गया है कि युग के अंत में जल प्रलय आता है और पृथ्वी जल मग्न हो जाती है।तो जो भी सभ्यता हैं वो पृथ्वी पर ही तो है। कहानी अलग हो सकती है।पर सत्य सिर्फ़ सनातन है।
😂
🪷 श्री सीताराम 🪷
🪷 हरि: शरणम्। 🪷
🪷 श्री राम जय राम जय जय राम 🪷
I am proud of sanatan dharm ❤❤❤❤
Holy Bible is tell a true story
❤❤❤
Sanatan Dharma is truth only rest copied versions.
Kriya Yog .... Yam, Niyam, Karma
Radhe Radhe 😇🦚🌸
We cant even imagine how old our sanatan is , i think its vishnus 1 st avatar , so minimum 50000 years history is attached to this
धर्म केवल एक है सनातन ।😡😡
बाकी फालतू मजहब पंथ है ।
धर्म का कोई पर्यावाची नहीं है ।
धर्म सब्द को बदनाम न करें
सही कहा लेकिन धर्म जो है वो सनातन हो सकता है वो हिंदुत्व तो न है !!
वो दशरथ के राम को केंद्र में रख कर न है
न ही बांसुरी बजिऐया कृष्ण को केंद्र में रखकर हो सकता है !!
वेदान्त ही मात्र सनातन धर्म का केंद्र हो सकता है , वेदान्त बोल दो या वेदों का मर्म !!
बाकी सब Time पास है , जो आएंगे और चले जायेंगे !
विशाल जी भी कुछ कुछ अंधविश्वासों के साथ ही है अगर तर्क के साथ सुनो उन्हें !!
इसीलिए सिर्फ आचार्य प्रशान्त जी
अपने धमॅ के सिवा अन्य धमॅ फालतू है। एसे ही लोग समाज में नफरत फैलाते है। और वैदिक धमॅ का वास्तविक स्वरूप गवॅ करने योग्य है। पर हमारे धमॅ के ही कुछ धमॅ के ठेकेदारो ने सनातन धमॅ के स्वरूप को बिगाड दिया है। जिनके कारण हर कोई सनातन धमॅ पर उंगली उठाई जाती है। और आज भी कुछ दलित लोग उनके साथ हो रहे अन्यायो से तंग आकर परिवतॅन करते है। तो दूसरो के बारे में बोलने से पहेले अपने गिरेबान में तो झाक लो।
@@pawanseem5695है भाई सही कहा आपने , सनातन कोई धर्म नहीं है सनातन एक सत्य परंपरा है जो जीवन में सत्य की खोज करती है , ओर जब इंसान जीवन में सत्य की खोज पर निकल जाता है तार्किक रूप से वो वास्विक ता में उसकी चेतना ऊपर उठती है , उसका अहंकार खतम होजता है ।
@@pawanseem5695आचार्य प्रशांत जी एक वक्ति है , वो हर बार बोलते है , में जो बोलता हु वो सब वेदांत ओर संतो ही बात है । इसलिए हमे हर बात पे आचार्य जी ने बताया , या आचार्य जी ने असली धर्म दिया येस नहीं बोलना चाहिए , हमे वेदांत ओर संतो की बात करनी चाहिए , आचार्य जी ने हमे मार्ग दिया है । इसलिए अचार्य जी भी पूजनीय है ❤😊 ।
@@semicolon6499
Maine kahaa Sirf Acharya Prashant ji !!
मतलब शुरुआत उनसे करो , आज के दौर में ।
वो आपको खुद से आज़ाद कर देते है , मैं खुद उनके कुछ विचारों से सहमत नही होता हूँ और अपना विरोध दर्ज करवा देता हूँ सवाल करके!
The stories of Adam and Eve, particularly their creation and expulsion from the Garden of Eden, have similarities with ancient Mesopotamian myths, specifically the Sumerian myth of Enki and Ninhursag and the Akkadian/Babylonian myth of Atrahasis. These myths predate the Abrahamic religions and are believed to have influenced the biblical narratives found in Judaism, Christianity, and Islam. The Sumerian myth of Enki and Ninhursag features a god creating humans out of clay and a sacred garden where they reside until a mistake leads to their expulsion. Similarly, the Akkadian/Babylonian myth of Atrahasis includes a story of a man created from clay by a god and placed in a garden but later expelled due to disobedience. These parallels suggest that elements of the Adam and Eve story in the Abrahamic religions may have been borrowed or adapted from earlier Mesopotamian myths.
Absolutely right ✅ sir thank you 😊
Quality & knowledgeable content...keep it up
जयश्री राम 🙏🚩
Mujhe abhi pta chala comment par double click karne par comment like hota hai 😂😅
Thank you Bhai tumhari wajah se mujhe bhi pta chal gya
Ab sab pr double tap karunga
Thanks iss Gyan ke liye
Mujhe bhi abhi pata chala bro, thanks 😅🤣
Mujhe vi abhi pata chala😂😅😅
❤
असल में सबसे प्रथम संपूर्ण विश्व में एक ही वैदिक धर्म था फिर फिर बिगाड़ आने शुरू हुए और हम अलग-अलग पंथ्यों मतों में विभाजित हो गए इसीलिए हमको वेदों की ओर लौटना होगा
Bhai aap ki knowledge ka fan hu
Taansen ke upar video banao
Bahut suna h unke bare mai
Ki wo jab gaate to barish ho jaati thi
विशाल भाई, मेरी बहुत दिनों से इच्छा थी कि आप comparative religion पर एक वीडियो बनायें। हमें अन्य धर्मों को भी समझना चाहिए।
यह वीडियो बहुत अच्छा लगा।
भाई कृपया एक विडियो मनुस्मृति पर बनाए 🙏
Jai shree ram......❤❤❤
बहुत सुंदर 🎉
At last someone has found this i was figuring it out from a year now
There are many similarities between these civilisations among stories legends, myths etc
I would recomend you brother watch *niel oaks sirs podcast by ranveer alahbadia* it is the best podcast on our religion you could find
1:02 / 21:09
Ayodhya-Lanka-Ayodhya [14 years of Rama's travel during Vanavasa] MR NILESH OAK CHEAK IT
आपको बहुत ज्ञान है।
I am glad you touched this topic sir. I personally believe that this flood must just had came to the coasts of Indian subcontinent and our rishis must have noted this down and this story went out after the Dāśarājñá yuddhá which is also mentioned in the vedas and from there the variants of this story must have being came into existence . No offence this is just my view.
सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम हनुमान सीताराम
When some Jewish tribesmen living in thatch huts travelled and saw Sumer (Mesopotamia) Civilization and it's monuments & heard their legends, they wrote about this great bustling empire of human from the perspective of a small tribal community man. This is the Old Testament, take the e.g. of legend of the tower or babel or the hanging garden etc. A man living in hut seeing tens of storey of tower that they thought was touching heaven 😂😂😂(The perspective of a tribesmen).
Bible (Old test.) is just the rewriting of the legends of that civilization and actual connection is between Sumer (Mesopotamia) Civilization & Sindhu-Sarawati (Indus Valley) civilization. Them and us had similar stories of Seven Sages, Great flood etc.
You are making such informative videos
Spirituality is a thing of experience self experience and science is about proving and justifying the things which can be sensed touched consciously
Experience is an different realm. If you tried to explain that relam through scientific means then things will get messed up because the information will be not sufficient or maybe nit corresponding to it
Ancient Mesopotamian myths, such as the Epic of Gilgamesh and the Enuma Elish, contain themes and motifs that are reflected in biblical narratives. These Mesopotamian stories are part of a larger tapestry of ancient Near Eastern storytelling traditions that influenced and interacted with biblical narratives. For example, the Epic of Gilgamesh includes a flood story with notable parallels to the biblical account of Noah's ark, while the Enuma Elish creation myths share elements with the Genesis creation narrative.
Salute to your Research !!!!
🙏🏻🙏🏻
🎉
कुरान में अध्याय 71 मे नूह की कहानी है जहां पर लोगों को इसलिए डूबो दिया गया क्योंकी वो लोग अनेक खुदाओ की इबादत करते थे, यहीं इनका पाप था, अब आप सोच सकते हो क्या हम इसे कैसे सनातन धर्म से मिला सकते हैं😮😮😮😮
Judaism me bhi same chiz lekin tum tabbhi jews apna baap banake rakhoge hindus support jews saar
सब कॉपी पेस्ट है इनको आए जुमा जुमा हुआ है😂😂सत्य सनातन की जय🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Nice information
Nice and good information DADA
Namaste sir , main puran ko padh rhi hu or mene 1st puran pura padh liya h,ab 2nd padh rhi hu , main sampur 18 puran padhna chahti hu ,lekin ab mujhe darshan or upnishads bhi padhne ka mann ho rha h toh kya puran ko chodkar darshan padh lu ya pehle puran hi complete karu ❤❤ please answer namaste 🙏 to
Interstellar is also based on similar concept, they were trying to build biggest ship to save humans from nature catastrophe.
❤❤❤❤❤
🙏🏻❤️❤️
Har Har mahadev Jai laxmi narayan
3:46 doesnt it sound like we were from another planet and that ship was a space rocket and matsya avatar was like a horse pulling the ship like a chariot to earth and settled everything down on here
😂😂😂😂
@@descendantofbharatbharatva7155 yeah bro I knew that someone like you will do this thing but imagination is what lead humans to innovation remeber this
Wright brothers imagined plane that's why they were able to invent it
SIR apki videos bhut hi informative hote h mujhe hamesha se ek confusion rhta ki hamara india phle Gondwana, a supercontinent ka part tha phir form hua kya y hone se phle satyug or duapar yug the. please sir i want to know about that .
A great collection . Hatts off.