भाई मेरे नकलची का कुछ ना कुछ अधूरा छूट जाता है यह बोल रहा है सुनने समाधि में ज्योति दिखाई देती है यह बिल्कुल गलत बोल रहा है आने वाले समय में मैं कबीर साहब की वाणी दिखाऊंगा जब इसी बिंदु पर मैं बात करूंगा
शून्य समाधि के बारे में यह बिल्कुल झूठ बोल रहा है कि वहां पर ज्योति दिखाई देती है यह बिल्कुल झूठ बोल रहा है इसका प्रमाण में कबीर साहब की वाणी से जरूर दूंगा
तुमको कुछ नहीं आता है इंद्रीतीत मार्ग क्या होता है रामायण में लिखा है बिन पग चले सुने बिन काना वाणी रामायण की पदलेना बिना कानों के सुन रहा है बिना हाथ के सब कुछ कर रहा है बिना पैर के चल रहा है बिना आंख के देख रहा है,,,, फिर एक कबीर साहब की वाणी है सुरत से देख ले वह देश देखत देखत देखन लगे मिट जा सब संदेह
Saheb bandagi satnaam guruvar 😊😊❤❤❤❤😊😊😊❤❤❤❤😊😊😊❤❤❤❤ satnaam
Saheb ji bandagi
❤❤❤❤❤❤
साहेब बंदगी सतनाम गुरु जी आपके चरणों में साष्टांग प्रणाम करता हूं परमपिता परमात्मा तेरी सदा ही जय जय मैं उन्नाव से हूं ❤❤❤
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Yash Maharaj ji
Ha
Jay satnam saheb bandagi ji
🙏 सतनाम साहेब बंदगी 🙏
ओशो जी की नकल मार दिया आपने ओशो जी कहते हैं पूर्ण होश में रहो
@@शब्दोंकामायाजाल क्या पता जो ज्ञान ओशो के पास है वो इनके पास भी हो इसमे नकल मारने की क्या बात है आप ज्ञान आधार पर सत्संग सुने
भाई मेरे नकलची का कुछ ना कुछ अधूरा छूट जाता है यह बोल रहा है सुनने समाधि में ज्योति दिखाई देती है यह बिल्कुल गलत बोल रहा है आने वाले समय में मैं कबीर साहब की वाणी दिखाऊंगा जब इसी बिंदु पर मैं बात करूंगा
@शब्दोंकामायाजाल जैसे मालिक की मौज
जिस दिन काल का पता चल जाएगा उस दिन गुरु पद छोड़ देगा क्योंकि नकली गुरु को नरक जाना पड़ेगा
इसको खुद को ये पता नहीं है कि काल कौन हैं और दयाल कोन है बकवास कर रहा हैं
तेरे को पता है क्या ज्योत निरंजन क्या हैं
शून्य समाधि के बारे में यह बिल्कुल झूठ बोल रहा है कि वहां पर ज्योति दिखाई देती है यह बिल्कुल झूठ बोल रहा है इसका प्रमाण में कबीर साहब की वाणी से जरूर दूंगा
आप का गुरु कोन है आप किस पंथ से जुड़े हुए हैं आप ज्ञान केसे हुआ है
बिलकुल बकबास
तुमको कुछ नहीं आता है इंद्रीतीत मार्ग क्या होता है रामायण में लिखा है बिन पग चले सुने बिन काना वाणी रामायण की पदलेना बिना कानों के सुन रहा है बिना हाथ के सब कुछ कर रहा है बिना पैर के चल रहा है बिना आंख के देख रहा है,,,, फिर एक कबीर साहब की वाणी है सुरत से देख ले वह देश देखत देखत देखन लगे मिट जा सब संदेह