मूल प्रतिपाद्य या कथ्य- कवि ने कविता में आशावादी स्वर का संचार किया है। कई उदाहरणों द्वारा मानव जीवन में सुख और दुख को रेखांकित करते हुए कवि कहते हैं कि जब सुख के दिन नहीं रहे तो दुख के दिन भी नहीं रहेंगे। इसलिए मानव को दुख, पीड़ा, कष्ट, पराजय से निराश न होकर उसे स्वीकार करना चाहिए और उसके विरुद्ध संघर्ष करते हुए सुख की ओर बढ़ते रहना चाहिए। यह कविता हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा लिखित एक आशावादी कविता है । उनका मानना है कि जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए । आशावाद ही जीवन का ध्येय होना चाहिए । अँधेरी रात हो तो दीपक जलाकर उजाला कर सकते हैं। अपने जीवन में जो भी रंगीन सपने देखे थे ,जो भी महल बनाये थे ,भले ही आज वह गिर गए ,लेकिन हम एक कुटिया बना कर भी रह सकते हैं। किसी मधुरस का कीमती मधुपात्र टूटने पर व्यक्ति को अपनी प्यास अपने हाथों की अंजुरी बनाकर झरने के पानी से बुझा लेनी चाहिए । कवि का मानना है कि समय परिवर्तनशील है,समय हमेशा एक सा नहीं रहता है । दुःख में रोने के बदले मुस्कारते हुए रहना बेहतर है । कवि के जीवन में किसी अपने के आने से जीवन में परिवर्तन आ गया था ,जीवन खुशहाल हो गया था ,लेकिन साथी के चले जाने से सारे सम्बन्ध टूट गए । अतः ऐसे समय में नए सम्बन्ध बनाकर जीवन को सुखमय जीवन बिताना ही उचित है । जीवन में जब भी समय का तूफ़ान चलता है कि सपनो के महल को चूर - चूर कर देता है। भले ही प्रकृति के आगे किसी की नहीं चलती है ,यदि प्रकृति में नाश करने की शक्ति है ,तो मनुष्य में निर्माण की शक्ति है अतः मनुष्य की अपनी निर्माण शक्ति का प्रयोग करते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए । मनुष्य के अपने जीवन में समस्यों को देखते हुए कभी निराश नहीं होना चाहिए ,बल्कि उसे आशावादी दृष्टिकोण को स्थान में रखते हुए नकारात्मक सोच का त्याग करना चाहिए । सकारात्मक सोच ही उन्नति में सहायक है इसीलिए जीवन में यदि अँधेरी रात हो ,तो दीपक जलाना मना नहीं है। ===============
Thanks a lot mam i have been seeing your video since 11th and i am in 12th and till now also i can't find as good as explanation as you give thanks a lot mam☺️🙏.
गहरा है अंधियारा, दीया जलाना है हमको तुमको सबको आगे आना है जो डूबे, उसे बचाना है जो रुके, उसे चलाना है हमको तुमको सबको आगे आना है। मौत तो कायरों का बहाना है, हंसते हुए मंजिल को पाना है जो रूठे, उसे मनाना है हमको तुमको सबको आगे आना है। जिंदगी भी एक ऐसा फसाना है जिसे छोड़ कर सबको एक दिन जाना है यूं हंसते मुस्कुराते जीते रहो, मौत तो बस एक बहाना है हमको तुमको सबको आगे आना है। नई राह, नया जमाना है रोते हुए को हंसना सिखाना है अब तो अपना जमाना है हमको तुमको सबको आगे आना है हमको तुमको सबको आगे आना है।।
मूल प्रतिपाद्य या कथ्य-
कवि ने कविता में आशावादी स्वर का संचार किया है। कई उदाहरणों द्वारा मानव जीवन में सुख और दुख को रेखांकित करते हुए कवि कहते हैं कि जब सुख के दिन नहीं रहे तो दुख के दिन भी नहीं रहेंगे। इसलिए मानव को दुख, पीड़ा, कष्ट, पराजय से निराश न होकर उसे स्वीकार करना चाहिए और उसके विरुद्ध संघर्ष करते हुए सुख की ओर बढ़ते रहना चाहिए।
यह कविता हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा लिखित एक आशावादी कविता है । उनका मानना है कि जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए । आशावाद ही जीवन का ध्येय होना चाहिए । अँधेरी रात हो तो दीपक जलाकर उजाला कर सकते हैं। अपने जीवन में जो भी रंगीन सपने देखे थे ,जो भी महल बनाये थे ,भले ही आज वह गिर गए ,लेकिन हम एक कुटिया बना कर भी रह सकते हैं। किसी मधुरस का कीमती मधुपात्र टूटने पर व्यक्ति को अपनी प्यास अपने हाथों की अंजुरी बनाकर झरने के पानी से बुझा लेनी चाहिए । कवि का मानना है कि समय परिवर्तनशील है,समय हमेशा एक सा नहीं रहता है । दुःख में रोने के बदले मुस्कारते हुए रहना बेहतर है । कवि के जीवन में किसी अपने के आने से जीवन में परिवर्तन आ गया था ,जीवन खुशहाल हो गया था ,लेकिन साथी के चले जाने से सारे सम्बन्ध टूट गए । अतः ऐसे समय में नए सम्बन्ध बनाकर जीवन को सुखमय जीवन बिताना ही उचित है ।
जीवन में जब भी समय का तूफ़ान चलता है कि सपनो के महल को चूर - चूर कर देता है। भले ही प्रकृति के आगे किसी की नहीं चलती है ,यदि प्रकृति में नाश करने की शक्ति है ,तो मनुष्य में निर्माण की शक्ति है अतः मनुष्य की अपनी निर्माण शक्ति का प्रयोग करते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए । मनुष्य के अपने जीवन में समस्यों को देखते हुए कभी निराश नहीं होना चाहिए ,बल्कि उसे आशावादी दृष्टिकोण को स्थान में रखते हुए नकारात्मक सोच का त्याग करना चाहिए । सकारात्मक सोच ही उन्नति में सहायक है इसीलिए जीवन में यदि अँधेरी रात हो ,तो दीपक जलाना मना नहीं है।
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Shukriya ma'am 😊
Best explanation 😊❤️You teach in detail and it helps us to understand the chpater in the best way✨️
Thank you so much ma,am 😊
Ma'am paper was too easy just because of you , our all credit goes to you , thankuuuuu so much Ma'am
Well done!Happy to know about it But It is all your hard work too.
Stay blessed!Stay happy !
गहरा है अंधियारा, दीया जलाना है
हमको तुमको सबको आगे आना है
जो डूबे, उसे बचाना है
जो रुके, उसे चलाना है
हमको तुमको सबको आगे आना है।
मौत तो कायरों का बहाना है,
हंसते हुए मंजिल को पाना है
जो रूठे, उसे मनाना है
हमको तुमको सबको आगे आना है।
जिंदगी भी एक ऐसा फसाना है
जिसे छोड़ कर सबको एक दिन जाना है
यूं हंसते मुस्कुराते जीते रहो,
मौत तो बस एक बहाना है
हमको तुमको सबको आगे आना है।
नई राह, नया जमाना है
रोते हुए को हंसना सिखाना है
अब तो अपना जमाना है
हमको तुमको सबको आगे आना है
हमको तुमको सबको आगे आना है।।
बहुत सुंदर कविता। शुभाशीष।
Bohot aacha laga kabita ka bhawa.
Mam can u please discuss the paper for today's exam
I did not see it,how it was?
If possible,Please send me Qp(pics of it) through Email
alpver2017@ gmail.com
@@AlpanaVerma mam paper was very easy ..i really thank to you for all your summary vedios ..your vedios really helped me a lot ...80/80 🙏🙏🙏
Glad to hear that. Best wishes!