मेरा आपसे निवेदन है कि आप सभी सनातन वैदिक हिंदू धर्म के धार्मिक संगठनो व सनातन हिंदू धर्म के लोगो को परमपुरूष परमात्मा व उनके सभी पुत्रो व ज्योति निरंजन निरंकारी काल ब्रम्ह की उपासना की संपूर्ण विधि विधान की जानकारी प्रदान करे ताकि इससे सभी लोगो का कल्याण हो सके ।
"" साइंस जर्नी """ यु ट्यूब मोबाइल चैनल और "" हमारा अतीत "" यु ट्यूब मोबाइल चैनल जिसने नही सुना उसको पुरातात्विक ऐतिहासिक भौगोलिक वास्तविक वैज्ञानिक भाषा पाली और उसकी लिपि धम्म लिपि के साक्ष्य सबूत की सच्चाई किसी को नही पता
परम पुरुष है आदि मुरारी। ना जानै ब्रह्मा त्रिपुरारी ।। सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤ अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है ओंकार- ब्रह्म एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
@@VishalVerma-d9c कबीर परमात्मा नहीं मनुष्य है सत्य कड़वा होता है 😂 स्वीकार क्यों नहीं करते कबीर परमात्मा हे तो बुला के लाओ तब मानूंगा किताबी ज्ञान नहीं असली प्रूफ चाहिए आंखों देखी समझे फर्जी किताबी कीड़ा
पढ़ने से या सुननें से कुछ भी समझ नहीं आ सकता है।ये सब लिपि में कैसे आये है।जब तक आप सबको अपनी निज नयना नहीं देख लेंगे सब कहनें और सुननें सब बालक के बकवास के बराबर हो जाता है। श्रीमान जी आपका प्रयास ठीक है।मगर बिन देखे बिन अरस परस के नाम लिए क्या होय धन धन कहे धनी जो होय निर्धन रहे न कोय।
By dalit Yogi from agra very nice video batao sharir kitane tatva se chal Raha hai 5 tatva se sharir nahee chlega Satya ka margdarshan Karo God kripa hogi kal niranjan Divya Jyoti swaroop Shakti hai nirakar hai Prem se bolo Jay bhim Jay samvidhan khuda Hafiz
यह तो मनुष्य के अन्दर ही पाएं जाते हैं यह तो स्वभाव और उनके गुण है सातों शुन्य कहीं इस शरीर के बाहर नही होता तपस्वी अपने शरीर में ही खोजते हैं कहीं बाहर कुछ नहीं है यह एक कवि की कल्पना है
As per upanisadas " sah va esah ,atmanam panchadha vibajya nihita guhayam . That supreme Truth of Consciousness creates fivefold reality from itself and hides itself to be discovered
Ek baat aur main add karunga k Kabir ji k granth anurag sagar me kaha hai k Brahma Vishnu aur Shiv us Niranjan k hi putar hain to granthon me antar ki baat kush vicharniya hai Prantu Kabir ji ne sab se jiada gahiri baaten batai hain
Yah sab anubhav Kiya ja shakata hai. Guru gatan ke abhiyash se aap en sat 7 lok ko.apabe andhar dekh shajate hain. Kebal kebal anubhaw.se.ho shakata hai.
@@VishambharDayal-q7cपरम पुरुष है आदि मुरारी। ना जानै ब्रह्मा त्रिपुरारी ।। परम पुरुष कौन है सुनो सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤ अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है ओंकार- ब्रह्म एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
स्वयं आपका मस्तिष्क हेलीकॉप्टर बनाने में सक्षम है,अगर है तो यह यह बातें दिमाग में घुस जाएगी जब मस्तिष्क की वहां तक पहुंचे की क्षमता ही नहीं है तो बिना सर , पैर क्या सब भ्रष्ट है।
परम पुरुष कौन के बारे में ----- रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ । सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी । सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचे काढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ । भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या । 👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3) नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।। संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।। 👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥ 👉संत गरीब दास जी कहते हैं ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार। अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास । सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️ हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️ 👉संत दादू जी कहते हैं जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️ 👉 नानक जी कहते हैं हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️ खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर 👉संत मलूक दास जी कहते हैं- जपो रे मन साहेब नाम कबीर। जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।। 👉 संत गरीब दास जी कहते हैं तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार । गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।। बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार । गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार । 👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal ji maharaj😊
Main to neutral hun Sirf Yeh kahunga k Kabir Sahib janmte nahi hain pargat hote hain aur har yug me apna nam batate hain Koi nahi keh sakta k woh aurat pregnant thi Kabir us se paida hue Woh wahid akele aise Satya guru hain
मान या न मान भोले प्राणी कबीर परमेश्वर हैं भाई सब कुछ क्लियर कर दिया है संत रामपाल जी महाराज ने सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤ अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है ओंकार- ब्रह्म(२१ ब्रह्माण्ड का मालिक) एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म/पूर्ण ब्रह्म (अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का मालिक) जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
परम पुरुष कौन के बारे में ----- रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ । सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी । सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचेकाढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ । भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या ।
😂😂😂😂😂😂aise hi tumhare sankho janm ho liya aur khojte hi rahoge ki kaun haii permeshwar 😂😂 Ant me kahoge permeshwar nirakaar haii dikhta nhii haii सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤ अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है ओंकार- ब्रह्म(२१ ब्रह्माण्ड का मालिक) एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म/पूर्ण ब्रह्म (अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का मालिक) जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3) नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।। संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।। 👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥ 👉संत गरीब दास जी कहते हैं ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार। अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास । सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️ हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️ 👉संत दादू जी कहते हैं जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️ 👉 नानक जी कहते हैं हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️ खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर 👉संत मलूक दास जी कहते हैं- जपो रे मन साहेब नाम कबीर। जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।। 👉 संत गरीब दास जी कहते हैं तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार । गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।। बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार । गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार । 👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal
परम पुरुष कौन के बारे में ----- रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ । सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी । सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचेकाढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ । भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या ।
आपने जो पांच तत्वों के बारे में आपने जो पांच तत्व के बारे में बोला है वह जो गलत है पांच तत्वों का सत्य आप जानते ही नहीं हो जानते हो तो फिर सबूत दो एक एक तत्व कैसे कैसे बनाएं और कैसे कैसे है उसका सबूत दो नहीं तो हम करेंगे एक एक को सबूत के साथ पेश करेंगे वह समय आने पर करेंगे अभी नहीं कर सकते हैं
घमंडी और अज्ञानी महामूर्ख तर्क वितर्क करते हैं जो ज्ञानी होता है वह कहीं ना कहीं से कुछ ना कुछ अवश्य सीखते है दत्तात्रेय के अनुसार। आचार्य जी ने प्रमाण के साथ प्रस्तुत किया है आपकी आंखों में विकार है या फिर आपके मस्तिष्क में समझने की क्षमता नहीं है या तो फिर अंधाधुंध कहीं कुछ पढ़ लिया होगा प्रेक्टिकल अनुभव नहीं किया होगा इसी वजह से घमंड है यह ज्ञाननहीं है
Cash dili asti ter kitni ram rangoli book hoti j ki swavidya prakatya app mila kya aapko j ko kab milega s ..ki ti tas 10 che banner 10 chi film pap ya punta
न मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा बालक बन दिखलाया काशी नगर जल कमल पर डेरा तहां जुलाहे ने पाया। परम पुरुष कौन के बारे में ----- रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ । सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी । सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचे काढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ । भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या । 👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3) नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।। संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।। 👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥ 👉संत गरीब दास जी कहते हैं ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार। अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास । सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️ हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️ 👉संत दादू जी कहते हैं जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️ 👉 नानक जी कहते हैं हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️ खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर 👉संत मलूक दास जी कहते हैं- जपो रे मन साहेब नाम कबीर। जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।। 👉 संत गरीब दास जी कहते हैं तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार । गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।। बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार । गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार । 👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal ji maharaj
Mere todne marodane se kuchh nahin hoga jo Satya hai vah Satya hai Satya rahega Satya hi bataya hai kyunki yah sab aam pustakon mein nahin milega aur na hi koi Satya ka ujagar Karega kyunki maloom hi nahin
पांच तत्व् हैं कहाँ पृथ्वी जल वायु एक ही हैं यानी पृथ्वी में ये तीनों। आकाश तो अनंत है यानी पृथ्वी भी आकाश से है। आग भी पृथ्वी की तरह आकाश में पायी जाती है। इसका मतलब सारी चीजें आकाश का हिस्सा हैं। टतो लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करो।
संसार में बेवकूफ को देखा मूर्खों को देखा महा मूर्खो को देखा बेवकुफो का बाजार देखा लेकिन आज बुद्धि हीन परम महा बेवकूफ को भी देखा तो नहीं लेकिन जान जरूरगया हूं
परम पुरुष है आदि मुरारी। ना जानै ब्रह्मा त्रिपुरारी ।। 😊😊सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤ अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है ओंकार- ब्रह्म(२१ ब्रह्माण्ड का मालिक) एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म/पूर्ण ब्रह्म (अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का मालिक) जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
परम पुरुष कौन के बारे में ----- रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ । सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी । सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचे काढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ । भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या । 👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3) नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।। संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।। 👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥ 👉संत गरीब दास जी कहते हैं ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार। अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास । सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️ हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️ 👉संत दादू जी कहते हैं जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️ 👉 नानक जी कहते हैं हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️ खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर 👉संत मलूक दास जी कहते हैं- जपो रे मन साहेब नाम कबीर। जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।। 👉 संत गरीब दास जी कहते हैं तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार । गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।। बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार । गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार । 👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal ji maharaj
असलियत बडी विचित्र है! ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र ईश्वर और सदाशिव ---- तत्वों के ही दूसरे नाम है ं । यह नाम पौराणिक नाम है पांच तत्वों के। इसलिये अध्यात्म ज्ञान इतना सीधा नहीं है भाई।
वह ज्ञानी, ज्ञानी बनाना चाह रहे हैं वीडियो देखकर कभी जीवन में नहीं बन पाओगे, यह वह कपोल कल्पित है कि जहां तुम करोड़ों जन्मों में ऐसी कल्पना भी नहीं कर पाओगे ज्ञान प्राप्त करने की तो बात अलग है तो प्रेक्टिकल अनुभव क्या कर पाओगे।
कृपा करके अपना समय बर्बाद ना करें आपका समय बहुत कीमती है आपके समझ के बाहर है वहां तक बुद्धि दिमाग मस्तिष्क भावनाएं सोच नहीं पहुंच सकती है क्योंकि यह सिर्फ महा ज्ञानी समझ सकते है।
Thanks for sharing
Very super g
हर हर महादेव
Sat saheb ji ❤
धन्यवाद, गुरु✡️🕉️✡️🙏
om namah shivya❤
Har har mahadev ❤
Har har Mahadev har har Mahadev har har Mahadev har har Mahadev har har Mahadev
Har Har Maha dev
जय माँ उमा माहेश्वर.😊❤
Shukriya baba Shukriya
Har har mhadev sat guru siv sakr bhole nath ji ko koti koti prnam ho dil se❤❤❤❤❤❤
The best presentation
पुस्तकी ज्ञान और स्व अनुभूति ज्ञान में अंतर होता है
Saheb bandagi🚩🚩🚩 SATNAM 🚩🚩🚩
Hi
Sat Saheb
जय परम् पिता परमात्मा को कोटि-कोटि नमन
VERY VERY NICE THANKS ❤
मेरा आपसे निवेदन है कि आप सभी सनातन वैदिक हिंदू धर्म के धार्मिक संगठनो व सनातन हिंदू धर्म के लोगो को परमपुरूष परमात्मा व उनके सभी पुत्रो व ज्योति निरंजन निरंकारी काल ब्रम्ह की उपासना की संपूर्ण विधि विधान की जानकारी प्रदान करे ताकि इससे सभी लोगो का कल्याण हो सके ।
श्रीमान, आवश्य ।
"" साइंस जर्नी """ यु ट्यूब मोबाइल चैनल और "" हमारा अतीत "" यु ट्यूब मोबाइल चैनल जिसने नही सुना उसको पुरातात्विक ऐतिहासिक भौगोलिक वास्तविक वैज्ञानिक भाषा पाली और उसकी लिपि धम्म लिपि के साक्ष्य सबूत की सच्चाई किसी को नही पता
🙏🏼🌹🙏🏼
हर हर महादेव
ओम नमः शिवाय
ओम शांति
❤
❤
Om namah sivay
Jay hari mauli ji maroti maharaj chintale khatgaonkar yanche kirtan and sadguru che gayan he geet yaka and sabskribe kara ji mauli 😊
पांच तत्व तीन गुण और आत्मा की उत्पत्ति कबीर साहब ने अपने वचन से सतलोक में की थी 18 अध्याय के 62 में गीता जी मेंप्रमाण है
જય શ્રી ગુરુ દેવ
Super
Thanks for the information
Jay shree ram 🚩🚩
Sahib bandagi
Kumkum Bhagya Jay Gurudev
Bhai sahab bahut acchi Gyan Ki Baat bataiye aapane
परम पुरुष है आदि मुरारी। ना जानै ब्रह्मा त्रिपुरारी ।।
सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤
अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है
ओंकार- ब्रह्म
एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म
जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर
एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
कबीर परमात्मा कैसे हो सकता है
झूठ बोलते हो
@Rudra-c9v6p satya kadwa hota Haii 🙄👀
Proof- harr jagah Haii every books
@@Rudra-c9v6p sant Namdev ji Jaisi drishti se dekhoge tab ptaa chalega Kabir ji kaun haii
@VishalVerma-d9c 🤣 वो सब मनुष्य थे
और कबीर भी
समझो
@@VishalVerma-d9c
कबीर परमात्मा नहीं मनुष्य है
सत्य कड़वा होता है 😂
स्वीकार क्यों नहीं करते
कबीर परमात्मा हे तो बुला के लाओ
तब मानूंगा
किताबी ज्ञान नहीं
असली प्रूफ चाहिए
आंखों देखी समझे फर्जी किताबी कीड़ा
हर-हर महादेव जी की जय हो 🌹🙏🌹
Pranam Jai ho
Jai ma Jagat Janani
जयमाता दी ऊं सब जीवों की ओर से जारी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पढ़ने से या सुननें से कुछ भी समझ नहीं आ सकता है।ये सब लिपि में कैसे आये है।जब तक आप सबको अपनी निज नयना नहीं देख लेंगे सब कहनें और सुननें सब बालक के बकवास के बराबर हो जाता है। श्रीमान जी आपका प्रयास ठीक है।मगर बिन देखे बिन अरस परस के नाम लिए क्या होय धन धन कहे धनी जो होय निर्धन रहे न कोय।
मानव जीवन की हर श्वास बहुत कीमती है समय को बिना गंवाएं जीवन सार्थक करने के लिए परमात्मा का गहन चिंतन साधना करना चाहिए।
By dalit Yogi from agra very nice video batao sharir kitane tatva se chal Raha hai 5 tatva se sharir nahee chlega Satya ka margdarshan Karo God kripa hogi kal niranjan Divya Jyoti swaroop Shakti hai nirakar hai Prem se bolo Jay bhim Jay samvidhan khuda Hafiz
यह तो मनुष्य के अन्दर ही पाएं जाते हैं यह तो स्वभाव और उनके गुण है सातों शुन्य कहीं इस शरीर के बाहर नही होता तपस्वी अपने शरीर में ही खोजते हैं कहीं बाहर कुछ नहीं है यह एक कवि की कल्पना है
You are wright
Sat saheb bandagi saheb
परमपिता परात्मा परमेश्वर निरंकारी परमब्रम्ह ओमकार महासदाशिव स्वयम्भू परमब्रम्ह नटराज ज्योति निरंजन निरंकारी काल ब्रम्ह महाकाल महाकालभैरव
જય માતાજી
koorm ji ko soochhm punch tatv ka masala khna se mila? kya ye anadi hai
Hava hi sarv prtham prdhan hae jo sab vaayu se hi utapan hi hae
As per upanisadas " sah va esah ,atmanam panchadha vibajya nihita guhayam . That supreme Truth of Consciousness creates fivefold reality from itself and hides itself to be discovered
What kind of gods son are they. They have kaam krodh lobh moh ahankar. Moreover can three heads can be cut by one son ?they are all imaginations
❤❤❤❤❤
Earth से 0गुणा जल hai जल सेअग्नि6:13 6:15 100गुणा वायु और वायु से 1000गुणा उग
Gagan se shareer kaise banta hai
🌹🙏
akhash kaha hai vo bateye
antrix hai jo mehsoos hota hai asal me rikt sathan hai
मानिष का तत्व मात्र नहि, 24 तत्व से वने हुयहै,🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har Har Mahadev Parvati pataye
Ek baat aur main add karunga k Kabir ji k granth anurag sagar me kaha hai k Brahma Vishnu aur Shiv us Niranjan k hi putar hain to granthon me antar ki baat kush vicharniya hai Prantu Kabir ji ne sab se jiada gahiri baaten batai hain
Yah sab anubhav Kiya ja shakata hai. Guru gatan ke abhiyash se aap en sat 7 lok ko.apabe andhar dekh shajate hain. Kebal kebal anubhaw.se.ho shakata hai.
अभी तक १०५ तत्व मनुष्य शरीर में पाया जा चुका है और अभी खोज करना बाकी है
ye kabir ki baani main aata hai.
परम पुरुष क्या कोई आदमी है?
परम पुरुष उसे कहते हैं जो परमात्मा से मिल चुके होते हैं
@@VishambharDayal-q7cपरम पुरुष है आदि मुरारी। ना जानै ब्रह्मा त्रिपुरारी ।।
परम पुरुष कौन है सुनो
सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤
अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है
ओंकार- ब्रह्म
एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म
जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर
एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
@@VishambharDayal-q7cसतगुण विष्णु रजगुण ब्रह्मा तमगुण शंकर कहावे रे चौथे पद का भेद न्यारा कोई बिरला साधु पावे रे 👀
@@VishambharDayal-q7c गगन मंडल में गुमट है रंग होरी हो श्वेत ध्वजा फराय रहा रंग होरी हो
वहां रहता है वो
@@VishambharDayal-q7c हाड चाम न लहू मेरे जानू ग्यान अपारा तारण तरण अभय पद दाता मैं हूं कबीर अविनाशी ❤️
Aag tatva hai yamatter ka byproduct
ऐ पांच तत्व किसने किससे प्राप्त किये,ओर मनुष्य मे प्रवेश किये है,इसका जवाब कोई भी पुण्य आत्मा दे सकते है
आप क्या पापी आत्मा है अगर हैं तो पुण्य कर्म करो साधना करो फिर सब समझ में आसानी से आ जाएगा।
यह संसार पांच तत्वो से नही बना बल्की सात तत्वो से बना है। जिव अजीव आस्त्रव बंध संवर निर्जरा और अंतीम मोक्ष तत्व।
बिना सिर पैर की बातें लगती हैं क्या नहीं लगती हैं ?
स्वयं आपका मस्तिष्क हेलीकॉप्टर बनाने में सक्षम है,अगर है तो यह यह बातें दिमाग में घुस जाएगी जब मस्तिष्क की वहां तक पहुंचे की क्षमता ही नहीं है तो बिना सर , पैर क्या सब भ्रष्ट है।
परम पुरुष कौन के बारे में -----
रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में
मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ ।
सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी ।
सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचे
काढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ ।
भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या ।
👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3)
नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।।
संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।।
👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥
👉संत गरीब दास जी कहते हैं
ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान
इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान
गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार।
अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार
गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास ।
सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार
सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️
👉संत दादू जी कहते हैं
जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️
👉 नानक जी कहते हैं
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️
खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर
👉संत मलूक दास जी कहते हैं-
जपो रे मन साहेब नाम कबीर।
जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर
चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर
दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।।
👉 संत गरीब दास जी कहते हैं
तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार ।
गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।।
बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार ।
गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार ।
👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें
अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal ji maharaj😊
Sakusl rho
Main to neutral hun Sirf Yeh kahunga k Kabir Sahib janmte nahi hain pargat hote hain aur har yug me apna nam batate hain Koi nahi keh sakta k woh aurat pregnant thi Kabir us se paida hue Woh wahid akele aise Satya guru hain
Allah Akbar ki Jay
😂😂😂😂
Kya.kabir.ji.ke.baad.hiisis.duniya.ka.parardubhav.hua.hain
मान या न मान भोले प्राणी
कबीर परमेश्वर हैं भाई
सब कुछ क्लियर कर दिया है संत रामपाल जी महाराज ने
सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤
अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है
ओंकार- ब्रह्म(२१ ब्रह्माण्ड का मालिक)
एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म/पूर्ण ब्रह्म (अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का मालिक)
जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर
एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
परम पुरुष कौन के बारे में -----
रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में
मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ ।
सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी ।
सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचेकाढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ ।
भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या ।
ye shareer agar paap karta hai to satye kaam kon karta hai
परम पुरुष है आदि मुरारी। ना जानै ब्रह्मा त्रिपुरारी ।।
Is sirsty.ke.bare.mein.koinahijanta.ye.sab.apni.sonchhain.
😂😂😂😂😂😂aise hi tumhare sankho janm ho liya aur khojte hi rahoge ki kaun haii permeshwar 😂😂
Ant me kahoge permeshwar nirakaar haii dikhta nhii haii
सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤
अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है
ओंकार- ब्रह्म(२१ ब्रह्माण्ड का मालिक)
एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म/पूर्ण ब्रह्म (अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का मालिक)
जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर
एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3)
नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।।
संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।।
👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥
👉संत गरीब दास जी कहते हैं
ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान
इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान
गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार।
अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार
गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास ।
सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार
सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️
👉संत दादू जी कहते हैं
जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️
👉 नानक जी कहते हैं
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️
खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर
👉संत मलूक दास जी कहते हैं-
जपो रे मन साहेब नाम कबीर।
जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर
चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर
दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।।
👉 संत गरीब दास जी कहते हैं
तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार ।
गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।।
बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार ।
गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार ।
👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें
अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal
परम पुरुष कौन के बारे में -----
रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में
मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ ।
सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी ।
सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचेकाढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ ।
भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या ।
कबीर परमेश्वर हैं भाई 😊
j
m
k
आपने जो पांच तत्वों के बारे में आपने जो पांच तत्व के बारे में बोला है वह जो गलत है पांच तत्वों का सत्य आप जानते ही नहीं हो जानते हो तो फिर सबूत दो एक एक तत्व कैसे कैसे बनाएं और कैसे कैसे है उसका सबूत दो नहीं तो हम करेंगे एक एक को सबूत के साथ पेश करेंगे वह समय आने पर करेंगे अभी नहीं कर सकते हैं
घमंडी और अज्ञानी महामूर्ख तर्क वितर्क करते हैं जो ज्ञानी होता है वह कहीं ना कहीं से कुछ ना कुछ अवश्य सीखते है दत्तात्रेय के अनुसार।
आचार्य जी ने प्रमाण के साथ प्रस्तुत किया है आपकी आंखों में विकार है या फिर आपके मस्तिष्क में समझने की क्षमता नहीं है या तो फिर अंधाधुंध कहीं कुछ पढ़ लिया होगा प्रेक्टिकल अनुभव नहीं किया होगा इसी वजह से घमंड है यह ज्ञाननहीं है
Bhutkal deleted j ki x cash ki practice kidher peraveten kashache
Cash dili asti ter kitni ram rangoli book hoti j ki swavidya prakatya app mila kya aapko j ko kab milega s ..ki ti tas 10 che banner 10 chi film pap ya punta
kabir ka apna janam kese hua ye to kabir ko bhi malam. bate sari duniya ki karta hai kese kuon. kab
न मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा बालक बन दिखलाया काशी नगर जल कमल पर डेरा तहां जुलाहे ने पाया।
परम पुरुष कौन के बारे में -----
रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में
मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ ।
सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी ।
सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचे
काढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ ।
भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या ।
👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3)
नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।।
संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।।
👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥
👉संत गरीब दास जी कहते हैं
ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान
इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान
गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार।
अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार
गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास ।
सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार
सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️
👉संत दादू जी कहते हैं
जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️
👉 नानक जी कहते हैं
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️
खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर
👉संत मलूक दास जी कहते हैं-
जपो रे मन साहेब नाम कबीर।
जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर
चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर
दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।।
👉 संत गरीब दास जी कहते हैं
तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार ।
गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।।
बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार ।
गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार ।
👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें
अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal ji maharaj
He bhai space seair aur air se fire aise aise bana hai. Todo marofo nahi chhezon ko
Mere todne marodane se kuchh nahin hoga jo Satya hai vah Satya hai Satya rahega Satya hi bataya hai kyunki yah sab aam pustakon mein nahin milega aur na hi koi Satya ka ujagar Karega kyunki maloom hi nahin
@aatmyogSadhana phir to marne tak wait karte hain. Satya sabko pata chal jaega bhai. Brahm hai to hai.
पांच तत्व् हैं कहाँ पृथ्वी जल वायु एक ही हैं यानी पृथ्वी में ये तीनों। आकाश तो अनंत है यानी पृथ्वी भी आकाश से है। आग भी पृथ्वी की तरह आकाश में पायी जाती है। इसका मतलब सारी चीजें आकाश का हिस्सा हैं। टतो लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करो।
संसार में बेवकूफ को देखा मूर्खों को देखा महा मूर्खो को देखा बेवकुफो का बाजार देखा लेकिन आज बुद्धि हीन परम महा बेवकूफ को भी देखा तो नहीं लेकिन जान जरूरगया हूं
🙏
Nhi samjh me aaya
परम पुरुष है आदि मुरारी। ना जानै ब्रह्मा त्रिपुरारी ।।
😊😊सत्पुरुष समरथ ओंकारा अदली पुरुष कबीर हमारा ❤
अर्थात निर्विकार परमेश्वर कबीर सत्पुरुष समरथ न्यायकारी है
ओंकार- ब्रह्म(२१ ब्रह्माण्ड का मालिक)
एक ओंकार - परम अक्षर ब्रह्म/पूर्ण ब्रह्म (अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का मालिक)
जल थल प्रथ्वी गगन में बाहर भीतर
एक पूर्ण ब्रह्म कबीर हैं अविगत पुरुष अलेख
परम पुरुष कौन के बारे में -----
रामदेव जी (राजस्थान) कहते हैं २४ प्रमाण में
मैं इक्कीसवे ब्रह्माण्ड जाऊं, अलख मुकुट की खबर्या लाऊं । ४८ ।
सुनो ब्रह्मा जी बात हमारी, आगे बैठा अनन्त अवतारी ।
सात क्रोड़ों शम्भू ध्यान लगावे, नो क्रोड़ दुर्गा आरती गावे । ४९ । क्रोड़ों ब्रह्मा, वेद बांचे, कोई न पूगा अलख के ढांचे
काढ़ खड़ग भड़ माल कोपिया, थाली में बाग अजब सज्या । ४ ।
भाव भक्ति कबीर जी कमाई, निरगुण तीर शरीर लग्या ।
👉तुलसी दास जी कहते हैं(बालकाण्ड दोहा 143, चौपाई 3)
नेति नेति जेहि बेद निरूपा। निजानंद निरुपाधि अनूपा।।
संभु बिरंचि बिष्नु भगवाना। उपजहिं जासु अंस तें नाना।।
👉 जिन्हें वेद 'नेति-नेति' (यह भी नहीं, यह भी नहीं) कहकर निरूपण करते हैं। जो आनन्दस्वरूप, उपाधिरहित और अनुपम है, एवं जिनके अंश से अनेकों शिव, ब्रह्मा और विष्णु भगवान् प्रकट होते हैं ॥
👉संत गरीब दास जी कहते हैं
ब्रह्मा विष्णु महेश रटत हैं,शेष सहंस मुख ध्यान
इन्द्र कुबेर वरूण धर्मराया,गावें तुम्हारा ज्ञान
गरीब, बंदी छोड कबीर हैं, सकल सिरोमणि सार।
अगह अगम अगाध के, पाये हम दीदार
गरीब, झिलमिल जोती जगमगै, नैंन बैंन विलास ।
सतपुरुष सिर चौर हैं, तखत कबीर खवासा
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार
सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤️
👉संत दादू जी कहते हैं
जिन मोकू निज नाम दिया सोई सतगुरु हमार दादू दूसरा कोई नहीं कबीर सृजन हार ❤️
👉 नानक जी कहते हैं
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ❤️
खालक आदम सृजिया आलम बड़ा कबीर
👉संत मलूक दास जी कहते हैं-
जपो रे मन साहेब नाम कबीर।
जपो रे मन परमेश्वर नाम कबीर
चार दाग से सतगुरू न्यारा अजरो-अमर शरीर
दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर।।
👉 संत गरीब दास जी कहते हैं
तहां वहां चित चक्रित भया, देखि फजल दरबार ।
गरीबदास सिजदा किया, हम पाये दीदार ।।
बोलत रामानन्द जी सुन, कबीर करतार ।
गरीब दास सब रूप में, तुम हीं बोलन हार ।
👉संत रामपाल जी महाराज के सत्संग अवश्य देखें
अध्यात्म का सही मार्ग दिखा रहे हैं sant rampal ji maharaj
असलियत बडी विचित्र है! ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र ईश्वर और सदाशिव ---- तत्वों के ही दूसरे नाम है ं । यह नाम पौराणिक नाम है पांच तत्वों के। इसलिये अध्यात्म ज्ञान इतना सीधा नहीं है भाई।
Misguided
बोगस ,बकवास ,इससे कूछ बोध नही होता ,बंद करो यह बकवास ,सब कपोलकल्पीत है !
वह ज्ञानी, ज्ञानी बनाना चाह रहे हैं वीडियो देखकर कभी जीवन में नहीं बन पाओगे, यह वह कपोल कल्पित है कि जहां तुम करोड़ों जन्मों में ऐसी कल्पना भी नहीं कर पाओगे ज्ञान प्राप्त करने की तो बात अलग है तो प्रेक्टिकल अनुभव क्या कर पाओगे।
Bakwas ke alava koi kam nah hae l kya
Bakbas
बकबास कर रहा है.
कृपा करके अपना समय बर्बाद ना करें आपका समय बहुत कीमती है आपके समझ के बाहर है वहां तक बुद्धि दिमाग मस्तिष्क भावनाएं सोच नहीं पहुंच सकती है क्योंकि यह सिर्फ महा ज्ञानी समझ सकते है।