भगवान ऋषभदेव भरत और बहुबली का महान जीवन चरित्र ..Jain Dharm //Religious story //page 53//

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 32

  • @deepakshah2762
    @deepakshah2762 11 หลายเดือนก่อน

    Thank you universe
    Jai Jinendra

  • @rahuljainrahuljain9128
    @rahuljainrahuljain9128 4 ปีที่แล้ว +8

    आदि ब्रह्मा श्री आदिनाथ भगवान की जय श्री भरत भगवान की जय श्री बाहुबली भगवान की जय जय हो

  • @pawanjain1313
    @pawanjain1313 2 ปีที่แล้ว

    Jain dharm ki jai baba rishabh dev ji or 24 tirthnkaron or anhant siddhon ko barambar namskar ho

  • @सनातनसमीक्षा
    @सनातनसमीक्षा 3 ปีที่แล้ว +4

    जय हो भगवान

  • @adiffyt533
    @adiffyt533 3 ปีที่แล้ว +2

    Namostu bhagwan

  • @piyushmodi522
    @piyushmodi522 3 ปีที่แล้ว +2

    जय भगवान ऋषभ देव 👏👏🌷🌷

  • @hiralalkotharihiralal3299
    @hiralalkotharihiralal3299 ปีที่แล้ว

    Jai jinendar sa

  • @shwetasharma5135
    @shwetasharma5135 5 ปีที่แล้ว +3

    Nice story

  • @deepikajain2453
    @deepikajain2453 3 ปีที่แล้ว +1

    Nice

  • @archanajain738
    @archanajain738 4 ปีที่แล้ว +1

    Thanks 😊

  • @yugjhaveri512
    @yugjhaveri512 4 ปีที่แล้ว +3

    Yeh explanation ko ek Baar check Kar dijiye please.shayad Brahmhi aur Sundri unko pratibodh Karne Gaye the.Abhimaan ye ek kashay ke Karan Bahubali ji ko kevalya gyan me rukavat aati thi.
    Aur Rushabhdev bhagvanji ki sansarik patniyo Ke naam Sunanda aur Sumangla tha

    • @NandiniStorybook11021
      @NandiniStorybook11021  4 ปีที่แล้ว

      Sir mujhe jitna pta hai jain dharam me 5 shakhayan nirmit hai to her ek panth me story me or name kuch na kuch difference hai.....isliye is vishay par charcha krna thik nhi..... Thanku

  • @parasjain4017
    @parasjain4017 4 ปีที่แล้ว +1

    Best explanation on TH-cam on this topic 🙏👍 pls make one video on Bhagwan Rishabdevji Tapasya and akshay trithya

  • @dwaitastroguru5187
    @dwaitastroguru5187 3 ปีที่แล้ว +3

    वैदीक धर्म ग्रंथ श्रीमद् भागवत महापुराण के पांचवे स्कंध मे भगवान ऋषभदेव का उल्लेख मीलता है। "येषांखलुभरतश्रेष्ठ" अर्थात श्री भगवान ऋषभदेव के जेष्ठ पुत्र चक्रवर्ती सम्राट राजा भरत के नाम से ही इस देश का नाम भारत पड़ा है। वैदीक धर्म ने भगवान ऋषभदेव को विष्णु का आठवा अवतार बता दिया है लेकीन यह बात उनके ही वचन से झुठ साबीत होती है। श्रीमद् भागवत महापुराण के पाचवे स्कंध मे भगवान ऋषभदेव कहते है मैं ही ब्रम्हा हु।मैं ही नारायण हु। मैं ही विष्णु हु। मैं ही शिव हु। मैं सभी जिवो को मोक्ष देने का सामर्थ्य रखता हु। मेरे से और कौन बड़ा हो सकता है?
    इसे स्पष्ट होता है। भगवान ऋषभदेव विष्णु के आठवें अवतार नहीं थे। श्रमण धर्म में अवतार का कोही उपाय नहीं बल्कि निर्वाण महत्वपूर्ण है। भव्य जिव निर्वाण के बाद तिर्थकर बन जाते है। त्रेसष्ट शलाका पुरुष अवतारीत हो जाते है। देवाधीदेव भगवान ऋषभदेव ही है। ऋषभदेव के पुर्व कोही भगवान की उत्पन्न नहीं हुये है। शिवलिंग श्रमण चैत्यालय की आकृती है। यह भगवान शिव पार्वती का शिश्न अथवा योनी नहीं है। भविष्य मे कैलाश पर्वत के भीतर शिवलिंग सदृष्य श्रमण चैत्यालय मीलना संभव है।
    पुरे धरती पर श्रमणो की विचार धारा अनादी से अहिंसा की रही है।इसलिए अहिंसा सनातन है। इसलिए जैन धर्म सनातन है। जब धरती पैदा हुयी तब से ही बहुतांशी धरती के जिव शाकाहारी ही थे। कालपरीवर्तन बदलाव के कारण कुछ जिव मांसाहारी बन गये लेकीन जब धरती पर जिव पैदा हुये वे सब शाकाहारी पैदा हुये है। क्यों की कोही जिव जन्म से मांसाहारी नहीं होता। भौतीक व्यवस्था के कारण जिव मांसाहारी बन जाता है। जब्मुद्वीप के भरत क्षेत्रों में सभी जिव शाकाहारी ही जन्म लेते थे। भरत क्षेत्रों में सभी मनुष्य जीव शाकारी होते है। इसलिए तो तिर्थकरो का जन्म और त्रेसष्ट शलाखा महापुरुषों का जन्म भरतक्षेत्र मे ही हुआ है।
    त्रेसष्ट शलाखा महापुरुष शाकाहारी होते है।
    अर्थात भरत खंड का प्रथम वंश इक्ष्वाकु वंश है।इस वंश में ही राम पैदा हुये। यह वंश श्रमण परंपरा का वंश था। भगवान कृष्ण यदु वंश में पैदा हुये यह वंश भी श्रमण परंपरा से था। धरती के आदीपुरुष भगवान ऋषभदेव ही है। श्रमण धर्म अर्थात जैन धर्म पुरे धरती पर सनातन ही रहा है। और भविष्य मे भी रहेगा।

    • @sajjankumar2103
      @sajjankumar2103 2 ปีที่แล้ว

      जब तक ऋषभ देव के उपदेशानूसार हम चलते हैं तब तक सनातन परम्परा के हिन्दू या जैनी में कोई भेद नहीं या ये कहे की जब तक ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती तब तक हम सनातनी हिन्दू ही है,तथा ज्ञान प्राप्त होने के बाद शब्दों के बन्धन स्वरुप हम जीन या जैन कहलाते हैं।
      जैन होना तब कोई धर्म नहीं बल्कि हमारी विशेषण सूचक शब्द है।

    • @esotericwanderer6473
      @esotericwanderer6473 2 ปีที่แล้ว

      @@sajjankumar2103 satya sanatan dharm sirf ek hi hai aur woh hai shraman jain dharm. Jain dharm se ada koi nahi, bhraman cult pakhanda hai.

    • @niragjain1896
      @niragjain1896 9 หลายเดือนก่อน

      Rishabdev ne khud avtar vaad ka virodh kia ,veh kisi ke avatar nhi the ye sab parikalpnae hain

  • @gsunny5688
    @gsunny5688 3 ปีที่แล้ว +2

    jain dharm kitni purani hai

    • @NandiniStorybook11021
      @NandiniStorybook11021  3 ปีที่แล้ว

      Vese to Anadi se hai
      Leken mahaveer bhgvan ko 2500 saal approx ho gye..

    • @bhuminshah6434
      @bhuminshah6434 2 ปีที่แล้ว

      jabse kudrat he tabse....pr samay samay par ye badhta or gat ta rehra he .21000saal aur chalega ...fir ghot kalyug me sabhi dharmo ka nash ho gayega....or aisa paap 100000 lagbhag chalega or fir dharma ki sthapna hogi

  • @drrahuljainaaradhyhomoeoca9658
    @drrahuljainaaradhyhomoeoca9658 2 ปีที่แล้ว +1

    आपने अपने शुरुवाती उद्बोधन में कहा है कि ईश्वर की बनाई श्रृष्टि, जिन आगम के अनुसार ये सृष्टि अनादि काल से है, इसका न कोई कर्ता है न कोई रचीयता, इसलिए कृपया संशोधन करें

    • @NandiniStorybook11021
      @NandiniStorybook11021  2 ปีที่แล้ว

      Thanku Sir
      जैन धर्म के अनुसार इस सृष्टि का कोई रचीयता नहीं है लेकिन फिर भी इस ब्रह्मांड को जिसने संभाल रखा है वह परमात्मा ही है हमारे जीवन का आधार ईश्वर है इस सृष्टि का भी आधार ईश्वर ही है...
      Ishwar nahin to kuchh bhi nahin...

  • @n.s.sm.g.p.gcollegeroorkee1946
    @n.s.sm.g.p.gcollegeroorkee1946 4 ปีที่แล้ว +1

    Please suggest me about the book

    • @NandiniStorybook11021
      @NandiniStorybook11021  4 ปีที่แล้ว

      Bhut purnai ek book rekhi the mere pass
      Like ptrika type .....

  • @AnitaPatil-n2p
    @AnitaPatil-n2p 3 หลายเดือนก่อน

    Bharat aani Bahubali Moksh thikan kaun the

  • @Indiakisan1
    @Indiakisan1 3 ปีที่แล้ว

    Hi

  • @sudhirjain2585
    @sudhirjain2585 3 ปีที่แล้ว

    Didi agar apko pata ho to sirf jinvani granth mai hi saach likha hai aur baki to satya nahi hai

  • @aradhanatawar97
    @aradhanatawar97 ปีที่แล้ว +1

    Kya rishabh dev ne apni behen se shadi ki thi ??

  • @dineshsheth6847
    @dineshsheth6847 ปีที่แล้ว

    Your story is wrong, his two sister going & telling " VEERA MORA GAJ THAKI UTRO NICH"
    ie leave ego
    Bahubali doing to " MUKKA MARNE " to Bharat
    & That Hand turning to his Head & doing Loch"