"Shastrarth" (शास्त्रार्थ) Vedic Gurukulam : Swami Ramdev | 27 Feb 2015 (Part 1)
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- เผยแพร่เมื่อ 26 ก.พ. 2015
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धन्य हो! कैसा-कैसा शास्त्रार्थ होता है इस दुनिया में |। 🙏।।
समवायीभाव अपृथककारणं
बहुत ही सुंदर पर विशेषता होते हुए भी समता होती है, जैसे कोई आचार्य है, कोई शिष्य है उन सब के बैठने के स्थान अपना अपना है, यह विशेषता होते हुए भी समता है, पर सब समान है,
atma rup se sab saman h
Good effort by swami ramdev ji,,he is trying his best to restore the Bharatiya heritage and culture,,
Dhanya ho patanjali Yogpeeth...vedic kal ke sasthrath ke darshan karane ke liye
शास्त्रार्थ परम्परा का प्रदर्शन आनन्ददायी है किन्तु विषय भ्रान्ति मूलक कर दिया गया दोनों ही दल शब्दपरिवर्तन कर रहे हैं परन्तु वैचारिकभाव समान हैं लुप्तविधा के पुनर्जीवन के लिये धन्यवाद
🙏🙏🙏आदरणीय आचार्य जी सादर प्रणाम 🙏🙏🙏
World best struggle study in Patanjali,❤l see only first time..l want to just like all bharat ❤ jai maa bharti
Bhut hi sundar
ओम जी आप धन्य है
विशेषता मे समाधान है.
उदाहरण- किसी परिवार मे तीन पुत्री हैं..
एक ने पुस्तकीय ज्ञान के साथ विशेष ज्ञान अर्जित किया .जैसे- मेहेन्दी लगाने की कला ..
रसोई कार्य की कला ..
वाहन चलाने की कला..
अन्य सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान रखते हो..
हम ये कहें सभी एक साथ मेहेंदी सीखें .
सभी रसोई कार्य सीखें .
सभी वाहन चलाना सीखें .
जिन्होने सीख लिया विशेषता है ।
ॐ 🙏🚩🕉️
superb
bahot hi Accha shastrath he
Bharatiya parampara se sikxa milti he uska best example he
the great work
समता का मतलब समानता नहीं होती है, समता का अर्थ व्यापक है। मन में चित में राग द्वेष, सुख दुख, हानि लाभ के प्रसंगों में सम रहना। न दुख में दुखी न सुख में सुखी। जैसे 4 लोग है और 4आम है यदि 1 सो जाए और कोई मेहमान आ जाए और आपके हिस्से का आम वो खा जाए। अब आप सोकर उठ गए तो मेरा आम कहा है पूछने से पता चले की मेहमान आया खा गया अब यदि आप कोई बात नही खा गया तो क्या करके संतुष्ट हैं तो आप समता में है, यदि दुखी होते है तो आप समता में नही हैं।इसी को समता कहते है।
बहुत ही सुंदर
सामान्यं विशेषकारणं
I sport samta
उत्तम व रोचक । कृप्या ओर अधिक ऐसे शास्त्रार्थ करवाइये ।
जाति व्यवस्था कर्म से न होकर जन्म के अनुरूप होने के कारण संपूर्ण बुराईयां पैदा होती है
Vyakarnacarya ji ko koti koti parnam.
bahut sundar
संसार के महान वैज्ञानिक
ओउम।।
जिसमें मौलिकता नहीं है, वह न तो समानता के अर्थ को समझ सकता है, न विशेषता के अर्थ को । न्याय किसी बनाये हुए कानून के अन्तर्गत सम्भव नहीं है। न्याय देश काल और परिस्थिति के अनुसार होता है। क्योंकि प्रत्येक पाप और पुण्य की परिस्थितियां भिन्न भिन्न होती हैं। न्याय बहन जी का कहने का जो तात्पर्य है,वह अति ही संवेदनशील है। क्योंकि यह उनकी अनुभूत पीडा़ है उनका सही उत्तर न देने के बजाय अमानवीय प्रमाण देते हुए ठठाकर हँसके उपहास किया गया।
समानता का अर्थ ये नहीं बनता कि कुत्ता हाथी, गाय, ब्राह्मण, चाण्डाल एक साथ बैठकर एक ही थाल में भोजन करें। जिनका जो आहार, व्यवहार है, विवेक शील प्राणी सबको ऐसे सन्तुष्ट कर देगा कि इनमें से कोई भी यह अनुभव नहीं कर सकेगा कि मेरे साथ दूसरे की अपेक्षा अच्छा अथवा बुरा व्यवहार किया गया। इसमें विशेषता और समानता दोनों एक साथ सिद्ध हो जाती है।
जैसे गाय सुन्दर चारा से, कुत्ता, टुकड़े से, हाथी पीपल बरगद के पत्ते से, ब्राह्मण सुन्दर आसन और स्वादिष्ट भोजन से, चाण्डाल चौके के बाहर आसन और उच्छिष्ट से।यहाँ समवर्तन सम्भव नहीं है। इसलिए कि सबके गुण धर्म समान नहीं है। सम दर्शन सम्भव है ,इसलिए कि तत्व की दृष्टि से सभी परमात्मा के चिदंश होने से समान हैं ।
भ्रूण हत्या कोई सामान्य बात है। भ्रूण हत्या करने वाला आततायी 🌱है, जो हत्या के ही योग्य है ।यह अमानवीय व्यवहार है । अपनी बहन, बेटी की हत्या दहेज के कारण कोई कर देता है तो बड़ी पीड़ा होती है। वही दूसरे की बेटी आपके घर बहू बनके आती है, तो पराई दीखती है। यह जगत व्यवहार है, जो व्यवहार कुशल नहीं है वह न्याय नहीं कर सकता है।
मारने का अधिकार उसी को है जो जिला भी सके । उत्पत्ति ,प्रलय , पालन की सामर्थ्य परमात्मा के सिवा किसी में हो ही नहीं सकती।।तुम जीव हो जीव की मर्यादा में रहो। जीव कभी भी ईस के समान नहीं हो सकता है।
कर्म को भी जाने, विकर्म को भी जाने , अकर्म को भी जाने तो भी कर्म की गति गहन है।
अतः इतना सूक्ष्म विचार महाराज विक्रमादित्य जैसे कोई विशिष्ट भगवदंश ही कर सकता है।
न्याय करने वाले तो पशु पक्षियों की भी भाषा समझते हैं ,और न्याय करते हैं ।नासमझ , जंगली और निर्दयी लोग तो मनुष्यों की भी भाषा नहीं समझते ।
हित अनहित पसु पंछिउ जाना।
मानुष तन गुन ज्ञान निधाना।।
अस्तु -
।।जय श्री सीता राम जी।।
मुझे गुरुकुल कि पढाई करनी है। मे महाराष्ट्र राज्य मे रहता हुं। मेरा जिल्हा जालना है।
Om Swami ji
Imm
Sat Saheb
Very nice
Ati sundar
Nice debate . please continue more
Nice debate superb
गजब
सियाराम यादव जी का जो कमेंट है यह पूर्ण रूप से सही जवाब है
Very good
Nice
आप लोगों से नम्र निवेदन यह है कि अगर कोई शास्त्रार्थ किया जाता है तो उसका एक ही सीरीज में पूरा वीडियो होना चाहिए दूसरी बात यहां पर स्वामी जी जो हैं शास्त्र ka प्रमाण मांगते हैं तो यहां जो बहन g की कह रही हैं प्रत्यक्ष प्रमाण प्रत्यक्ष प्रमाण तो यह बात कहां से आती है और मेरा यह कहना है जब भी ऐसा कोई शास्त्रार्थ होता है या उसकी वीडियो क्लिप बनाई जाती है सोशल मीडिया में डालने के लिए जो उसे ऑनलाइन होना जरूरी है क्योंकि हम लोग भी अपने मत रख सके यह नम्र निवेदन है अगर शास्त्रार्थ शास्त्र के अनुसार किया जाता है तो उसका प्रमाण शास्त्र से ही लेना चाहिए जयतु भारतम् जयतु संस्कृतम्
Ye khud apne aap me debate hai ki param pramaan kya hoga...shabd pramaan ya prataksya pramaan...aur aisi debates hoti rhni chahiye....debate me koi harz ni hai...
Jati vyavastha janm par aadharit hoti hai
Varn vyavastha karm par aadharit hoti hai
🕉️🚩🚩🚩🕉️
Shankracharya ji ko sune
Govind math
Wonderful 👌👌
Prvato vahnimaan dhoomaat, iti prasiddhaanumaane vahnidhoomayooh saamaanaadhikaranyam drashyate
परमेश्वर का विधान योगयता अनुसार कार्यो का वर्गीकरण है। समता परमेश्वर की नयाय व्यावस्था के विरुध होने से गलत है। कयोकि जीवों के विभिन्न कर्मो के अनुसार परमेश्वर ने जीवों को विभिन्न योनिया दी है। भूरन हत्या अज्ञान और न्याय व्यवस्था का दोष है। समता के नियम से अयोग्य को भी उच् पद मिलने से व्यवस्था को हानि होती है। इसलिए समता का नियम वेद विरुद् होने से गलत है।
कृपया कर इस चैनल पर रोजाना संस्कृत भाषा में संवाद करे तो हमे संस्कृत भाषा बोलने में आसान होगी (किसी सब्जेक्ट पर
samanta ka biheviar sirf mahansanto ke dauara aur bhagwan ke dauara hi sambhaw h
जो इस संस्था का संपूर्ण सारांश नहीं निकला है जहां तक छात्राओं ने बात को बहुत अच्छी तरह का और छात्र भी कोशिश कर रहे हैं ऐसे होता था सब बढ़िया
पूरा शास्त्रार्थ कहा है ?
Mend your thumbnail, it's not गुरूकुल but गुरुकुल.
Sadhvi lok bhari padrahi hai...
sare manusya visesh hai nahi to sabke karm aur vichar ek jaise hote
Yah sabdathr nihe vabvivadhe ? ?
Saadhyahetvooh saamaanaadhikaranyam apaekshate tadatra anumaanadvayepi naasti
Bhram chetan sabake andar 1 hai (atama sabhika 1 had)
hinsa karna girna karna pap he to a bivedha kya he
30:00 😂 maza aa gya
दूसरी बात यह कैसा शास्त्रार्थ है यह सिद्ध करने की कृपा करें
mere vichar se koi bhi saman nahi h.koi bhi apni kisi bhi viseshta se aalag ho sakta h
Ye bhrun hatya Hoti kyo hai nyay or anyay kisne kari galti kishne nhi Kari ye bhrun hatya hoti kyo hai eske mool mai kya es pr shashtratth karayiye
Debate aaa thu, shastrath sadar pranam
Ek side purush aur ek side mahila ..ye samta hai ki visheta..
महिलाओं से शास्त्रार्थ करना समता को बल देना ही है। अलबत्ता यहां पर गार्गी - याज्ञवल्क्य की परंपरा को आगे बढ़ाया जा रहा है । महिला विशेषता से जुड़ी है और जिस आधार पर पुरुषों ने उन्हें विशेष कहा - वह इसलिए कि वह वह उन्हें विशेषता से समता के स्तर पर लाना चाहता है ।
Rajiv ji ke bali dan ko yad karo
3:25😂😂😂😂
Yatra2 visheshatvam Tarra 2 nyaayamoolakatvam ityatra vyaapteh upasamhaarasthalaabhaavaat
मुझे भी गुरुकुल की पढ़ाई पढ़नी हैं
Asha Tailor तो जाओ पढ़ने
Aanand Dixit kaise jaya jaye
आप debate कर रहे है ।
इसमे अपनी अपनी बात को विशेष दिखाना भी विशेषता को support करना ।
bhrun hatya bahut bara pap h
Bhai kuch smjh nahin aa rha hai...what is this...gyan itna complex nahin hota hai...they r actually wasting time...prashn saare vishw ka hai chnd logon ke liye nahin hai?
यह वादविवाद है , शास्त्रार्थ नहीँ
Mataji is great. Boys trap into the words. Boys try to debate and Mataji tries to discuss.
Guruji aap ko online padhai to hamare liye baccho ko sikhane Mein sahayata Milegi Mujhe Apne bache ko bhi Dhyan Dene Ka bahut hi main hi main chahti Hoon aap online with Ki Shiksha Shuru Karen
बकवास
😂murkh arya samajio ka avaidik pakhand ka shastrarth
आर्य समाजी गुरुकुल है इनके चक्कर मत पड़ो
Ha bhai faud gurukul ha Oreo samazi ka
Are gurukul to hai...tumhare yahan to stree ko padhne ka hi adhikaar ni hai...neech kahin k...
Kya paglapan hai ye yaha se to pagal hi niklenge
Oreo samaji pagal ho hota ha bhai