दर्द भरी शायरी के साथ गज़ल सुनकर सामने बैठी मोहतरमा कव्वाल भी मिलने आ पहुची माजिद साहब से

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 4 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 65