जब गम नहीं था तेरा तो गम में पड़ा हुआ था..!! भजन !!

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ก.ย. 2024
  • प्रश्न - अहंकार किसे होता है ?
    उत्तर - अहंकार किसी को भी कहीं भी, किसी भी रूप में हो सकता है, लेकिन होता उसे ही है , जो दूरदर्शी नहीं है, कर्मनिष्ठ नहीं है, जिनकी इंसानियत मर चुकी है, जो सामाजिक एवं आध्यात्मिक मर्यादा खो चुके हैं। अहंकार को पोषित करने का वाहक ( साधन ) कुछ भी हो सकता है।
    प्रश्न - अहंकार से बच्चे कैसे ?
    उत्तर -
    1 :- अपना स्थान देखें। हम कौन हैं?कहां हैं? अगले के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है?मर्यादित, प्रेमपूर्ण, संस्कार पूर्ण, विवेकपूर्ण व्यवहार से इस विकार से बचा जा सकता है।
    2 :- एक नाम जप हो, सानिध्य रहे गुरुचरण की।
    मैं मेरा पन दूर रहे, फिर राह नही है अहम की ।।
    #ram
    #bhajan
    #adhyatma
    #peace
    #ramananad ji
    संसारी और संन्यासी दोनों में क्या अंतर है ?
    दोनों से एक ही सवाल पूछा गया कि एक ओवर में कितनी गेंदे होती है।
    संसारी वाले ने कहा कि छह गेंदे होती है
    सन्यासी ने कहा कि एक ही गेंद है जिसे छह बार फेका जाता है।
    यही अंतर है कि संसारी अलग-अलग दृष्टि से अलग-अलग रूप देखता है ।
    किंतु एक संन्यासी सबके अंदर एक ही आत्मा और (परमात्मा) को देखता है।

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