बहुत-बहुत बधाइयां शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद बेटा डा० वन्दना! बहुत छोटी थी जब गोपेश्वर में देखा था, परन्तु जब से शुक्ला जी ने श्रीकोट में मकान बनाया तब से तुम सारे बच्चों के साथ मुलाकात नहीं हो पाई! आज तुम्हें वीडीयो में देख कर बहुत अच्छा लगा। तुम्हें कोटि-कोटि शुभाशीष बेटा! बहुत बढ़िया जानकारी दी है तुमने! तुम्हारे पिताजी और मैं वर्ष 1973--74 से लेकर 1975 --76 तक बहुत ही गहरे मित्र और सहपाठी रहे हैं। हमारी मित्रता आज भी बहुत गहरी ही है। परन्तु तुम्हारी योग्यता को देखकर आज अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। सदा सुखी एवंआरोग्य रहो बेटा!
बहुत-बहुत बधाइयां शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद बेटा डा० वन्दना! बहुत छोटी थी जब गोपेश्वर में देखा था, परन्तु जब से शुक्ला जी ने श्रीकोट में मकान बनाया तब से तुम सारे बच्चों के साथ मुलाकात नहीं हो पाई! आज तुम्हें वीडीयो में देख कर बहुत अच्छा लगा। तुम्हें कोटि-कोटि शुभाशीष बेटा! बहुत बढ़िया जानकारी दी है तुमने! तुम्हारे पिताजी और मैं वर्ष 1973--74 से लेकर 1975 --76 तक बहुत ही गहरे मित्र और सहपाठी रहे हैं। हमारी मित्रता आज भी बहुत गहरी ही है। परन्तु तुम्हारी योग्यता को देखकर आज अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। सदा सुखी एवंआरोग्य रहो बेटा!