🕉️ 🙏वैदिक धर्म 🙏🕉️. 🕉️ वेद 🕉️बताते हैं कि ईश्वर आकार से रहित निराकार है। वह निराकार होने के साथ सर्वव्यापक व सर्वान्तर्यामी भी है। सर्वान्तर्यामी का अर्थ है कि वह जीवात्मा और प्रकृति के भीतर भी विद्यमान है। 🕉️वैदिक धर्म🕉️🙏🙏🙏🕉️ ईश्वर 🕉️एक है जो निराकार है और हम उसे देख नहीं सकते, किंतु उसका अहसास हमें होता है। जब हम किसी संकट में पड़ जाते हैं या हमें कोई सताता है, तब हम ईश्वर की प्रार्थना करते हैं। यही वो अटूट विश्वास है जो हमें अहसास कराता है, यकीन दिलाता है कि ईश्वर है और ईश्वर के प्रति हमारी आस्था बढ़ती जाती है। 🕉️🕉️ 🙏वैदिक धर्म 🙏🕉️. 🙏 कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥ अर्थ:- तेरा कर्म करने में अधिकार है इनके फलो में नही. तू कर्म के फल प्रति असक्त न हो या कर्म न करने के प्रति प्रेरित न हो.🙏🕉️ 🕉️वैदिक धर्म🕉️-ईश्वर की प्रार्थना🕉️वैदिक धर्म🕉️ 🕉️🕉️🙏🙏🙏 🕉️सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् ॥🕉️ 🕉️ : सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी को शुभ दर्शन हों और कोई दु:ख से ग्रसित न हो.🕉️. 🕉️🙏 गुप्त दान का महत्व 🙏🕉️ 🕉️वैदिक धर्म🕉️दुःख-सुख तो मनुष्य सिर्फ अपने कर्मों के अनुसार ही भोगता है।🕉️ 🙏🕉️🙏🕉️🙏🙏🕉️🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
🕉️श्री कठाडी देवता मंदिर 🕉️. 🕉️श्री श्री पंचबलिया मंदिर🕉️.ओम श्री घटोत्कच देवता नमो नमः🕉️लटोली🌻 चम्पावत🌻🙏पंचवलिया न्यायिक कार्य देवता/ न्यायकारी देवता है🙏चंपावत से लेकर लोहाघाट में इनकी न्यायिक-कारी देवता/न्यायकारी देवता के रूप में की जाती है🙏पांच स्वरूप माने जाते हैं एक रूप सिद्ध स्वरूप है🙏 जिसमें बलि नहीं चढ़ती है🙏🙏भगवान शिव के गणों का कई अलग-अलग तरीके से वर्णन किया गया है. कोई उन्हें शिव का मित्र बताता है तो कोई उनका रक्षक. असलियत में गण महादेव के मित्र भी हैं और रक्षक भी. वे उनके सखा भी है और साथी भी. पुराणों में शिव के प्रमुख गण है-🙏 भैरव, 🙏वीरभद्र, 🙏मणिभद्र, 🙏चंदिस,🙏 नंदी, 🙏जय, 🙏विजय और आदि. ऐसी मान्यता है कि ये गण मनुष्य से अलग थे और किसी दूसरी दुनिया से आए थे. इनके शरीर में हड्डियां नहीं होती थी और आकार विचित्र सा होता था. ये गण भाषा भी इंसानों जैसी नहीं बोलते थे और बस शोर करते थे. इसके चलते सभी लोग उन्हें सनकी कहते थे, लेकिन सिर्फ भोलेनाथ थे जो उनके उस शोर को समझते और उनको अपना हितैषी मानते.🙏🕉️
🕉️ओम श्री घटोत्कच देवता नमो नमः🕉️लटोली🌻 चम्पावत🌻
जय ho
Jai mahaveer ki
जय हो
🙏🙏🙏🙏
Shandar sir ji 🎉❤
जय हो
🙏🙏 Bohut khub sir ji 😊
🌺
Good
Very effective style of speaking
thank you so much
अद्भुत,ऐसी जानकारियाँ केवल इतिहासविद् ही दे सकता है। गर्व है हमें तुम पर।
शुक्रिया मौसा जी
🕉️ 🙏वैदिक धर्म 🙏🕉️. 🕉️ वेद 🕉️बताते हैं कि ईश्वर आकार से रहित निराकार है। वह निराकार होने के साथ सर्वव्यापक व सर्वान्तर्यामी भी है। सर्वान्तर्यामी का अर्थ है कि वह जीवात्मा और प्रकृति के भीतर भी विद्यमान है। 🕉️वैदिक धर्म🕉️🙏🙏🙏🕉️ ईश्वर 🕉️एक है जो निराकार है और हम उसे देख नहीं सकते, किंतु उसका अहसास हमें होता है। जब हम किसी संकट में पड़ जाते हैं या हमें कोई सताता है, तब हम ईश्वर की प्रार्थना करते हैं। यही वो अटूट विश्वास है जो हमें अहसास कराता है, यकीन दिलाता है कि ईश्वर है और ईश्वर के प्रति हमारी आस्था बढ़ती जाती है। 🕉️🕉️ 🙏वैदिक धर्म 🙏🕉️. 🙏 कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥
अर्थ:- तेरा कर्म करने में अधिकार है इनके फलो में नही. तू कर्म के फल प्रति असक्त न हो या कर्म न करने के प्रति प्रेरित न हो.🙏🕉️ 🕉️वैदिक धर्म🕉️-ईश्वर की प्रार्थना🕉️वैदिक धर्म🕉️ 🕉️🕉️🙏🙏🙏 🕉️सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दु:ख भाग्भवेत् ॥🕉️
🕉️ : सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों, सभी को शुभ दर्शन हों और कोई दु:ख से ग्रसित न हो.🕉️. 🕉️🙏 गुप्त दान का महत्व 🙏🕉️ 🕉️वैदिक धर्म🕉️दुःख-सुख तो मनुष्य सिर्फ अपने कर्मों के अनुसार ही भोगता है।🕉️
🙏🕉️🙏🕉️🙏🙏🕉️🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
जय हो
🕉️श्री कठाडी देवता मंदिर 🕉️. 🕉️श्री श्री पंचबलिया मंदिर🕉️.ओम श्री घटोत्कच देवता नमो नमः🕉️लटोली🌻 चम्पावत🌻🙏पंचवलिया न्यायिक कार्य देवता/ न्यायकारी देवता है🙏चंपावत से लेकर लोहाघाट में इनकी न्यायिक-कारी देवता/न्यायकारी देवता के रूप में की जाती है🙏पांच स्वरूप माने जाते हैं एक रूप सिद्ध स्वरूप है🙏 जिसमें बलि नहीं चढ़ती है🙏🙏भगवान शिव के गणों का कई अलग-अलग तरीके से वर्णन किया गया है. कोई उन्हें शिव का मित्र बताता है तो कोई उनका रक्षक. असलियत में गण महादेव के मित्र भी हैं और रक्षक भी. वे उनके सखा भी है और साथी भी. पुराणों में शिव के प्रमुख गण है-🙏 भैरव, 🙏वीरभद्र, 🙏मणिभद्र, 🙏चंदिस,🙏 नंदी, 🙏जय, 🙏विजय और आदि. ऐसी मान्यता है कि ये गण मनुष्य से अलग थे और किसी दूसरी दुनिया से आए थे. इनके शरीर में हड्डियां नहीं होती थी और आकार विचित्र सा होता था. ये गण भाषा भी इंसानों जैसी नहीं बोलते थे और बस शोर करते थे. इसके चलते सभी लोग उन्हें सनकी कहते थे, लेकिन सिर्फ भोलेनाथ थे जो उनके उस शोर को समझते और उनको अपना हितैषी मानते.🙏🕉️
जय हो
Bhut khub👏👏👏👏👏👏
जय हो
अद्भुत , अविश्वसनीय, अकल्पनीय,💞🙏🙏 जय हो 🙏🙏 सर जी नमस्कार 🙏
धन्यवाद
बहुत सुंदर
जय हो
jai veer ghatotkach
Bahut dhnywaad itni acchi jaankari k lie🤗
जय हो
बहुत ही सुंदर कार्य और जिस तरह से आप प्राचीन कालीन मंदिर और नए नए स्थल की जानकारी हम लोगो के समक्ष रखते है सराहनीय कार्य है।।
धन्यवाद बंधु
Bhut Khoob
Jai ho 🙏🙏
जय हो
👍👍👌👌
जय हो
बोल घटकु बाबा की जय
Nice sir
🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो
गुरुदेव
🙏🙏🙏
जय हो
Great work .. ☺️
🙏🙏❤️❤️😊😊
जय हो
प्रसिद्ध घटकू देवी देवता का मंदिर किस पर्वत पर स्तिथ है?
(A) फुगर पहाड़ी
(B) अन्नपूर्णा शिखर
(C) कानदेव पर्वत
(D) इनमे से कोई नही
जी fungar
😍😍😍😍
जय हो
🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️
जय हो
❤❤🙏🙏🙏
धन्यवाद
Sir akhiltarini Mandir b aaiye
जरूर बंधु
@@prashantjoshi5084 🙏🙏
Sir hamara ghr iske bagal mai hi hai.. Thnxx. Sir..
जय हो
Le jata apne ghar fir
Do more of what these dislikers hate🔥👌
yeaah
33 karod nhi 33 koti Devi devta
🙏🙏🙏🙏
जय हो
🙏🙏🙏🙏
जय हो