सिसौदिया वंश का नाम खराब कर दिया नकली महाराज ने में भी सिसौदिया (खड़खावद)शाखा से हु लेकिन में आज से आपका बहिष्कार करता हु मेरे महाराज श्री श्री हजूर हुकम विश्वराज सिंह जी है ❤❤❤❤❤
विश्व राज सिंह ने जो किया वह ग़लत दें अपनी मर्यादा से बाहर आकर उन्हो अपने काम के लिए भीड़ को गर्म गुमराह किया और उनको उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाज़े के ऊपर से कूद कर अंदर भेजने की कोशिश की न तो पुलिस कुछ कर पा रही थी तो इसलिए लक्ष्यराज सिंह जी ने अपने बचाव और सिटी पैलेस की सुरक्षा को देखकर पथराव कि ये उसमें उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया
लक्ष्यराज जी जो आपने किया वह बहुत गलत किया पूरे देश के क्षत्रिय तुम्हें इस समय थूक है अभी भी समय है आपसी समझौते से दर्शन तक की बात है दर्शन करने दो तुम्हारा संपत्ति लेने नहीं आ रहे थे जन्म भावनाओं को कदर करो नेहा लाखों करोड़ों कमा के भी धूल ही रह जाओगे
शायद महल में प्रवेश करने की उत्सुकता में हमारे रिपोर्टर भाई सही प्रश्न करना ही भूल गए। मुद्दे की वार्ता यह थी कि जब कलेक्टर साहब के समक्ष रात्रि में माननीय विश्वराज सिंह जी ने ये प्रस्ताव रखा कि उन्हें सिर्फ धूणी पर धोग लगानी है चाहे वह 5 व्यक्तियों के साथ पुलिस प्रशासन की कड़ी व्यवस्था को साथ लिए अंदर प्रवेश करना चाहते है और 5 मिनट में वापस चले आएंगे तो ऐसे में भीड़ के अंदर प्रवेश करने का कोई कारण ही नहीं रह गया था। माननीय लक्ष्यराज सिंह जी की वाकपटुता का मैं हमेशा से ही प्रशंसक रहा हूँ परन्तु आज उसी वाकपटुता से वास्तविक मुद्दे से भिन्न जाया जा रहा है, जैसा कि ट्रस्ट के मालिकाना अधिकारी लक्ष्यराज सिंह जी ने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि भीड़ अंदर घुस जाए और व्यक्ति विशेष को पूर्व में ही अपने कार्यक्रम की जानकारी देनी चाहिए थी तो जब इन्हें जानकारी नहीं थी तो इन्होंने पूर्व में ही सुबह सवेरे पैलेस के दरवाजे बंद कर भारी पुलिस जाप्ता लगवाया जिससे स्पष्ट होता है कि आप उन्हें प्रवेश देना ही नहीं चाहते थे। ऐसे में अगर शहर के ऐसे मुख्य स्थान पर भारी संख्या में लोग पुलिस तैनात देखेंगे तो जनता भीड़ लगाएगी ही। और जिस प्रकार अभी बिना किसी जमावड़े के रिपोर्टर भाई और उनके कैमरामैन अंदर गए इंटरव्यू लेने वैसे ही 5 लोग धूणी दर्शन को जा सकते थे इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी। यदि वो लोग अव्यवस्था फैलाते तो जिस प्रकार पैलेस की सिक्युरिटी रोज हजारों पर्यटकों को कंट्रोल करती है 5-10 व्यक्तियों को संभाला जा सकता था यदि उपद्रव होता तो। साथ ही उन्हें पूर्व में पता था कि अंदर बूढ़े बच्चे और स्त्रियां रहते है इसीलिए उन्होंने पहले से पत्थर और कांच की बोतले जमा करवा रखी थी कि भविष्य में कही काम आ जाए और शायद किसी ने बिना आदेश के ही वो पत्थर पैलेस के गेट से नीचे फेक दिए बिना उच्च स्तर के आदेश के। यह सभी सवाल करना हमारे रिपोर्टर भाई करना भूल गए। मेरे दादाजी मेवाड़ की भूमि से उठे और आज हम जिस क्षेत्र में रहते है वहां आज भी उन्हें लोग गर्व से नाम के पीछे मेवाड़ लगा कर संबोधित करते है। क्योंकि इसमें भूमि का गर्व है उन महाराणा प्रताप की भूमि से जुड़े होने का सौभाग्य दिखाई पड़ता है। आज महाराणा प्रताप जीवित होते तो शायद उन्हें अपने भाई जगमाल को कोई अधिकार देने में तकलीफ न होती और यदि जगमाल भीतर होते और प्रताप अंदर प्रवेश करते तो भी राजसी मर्यादा के अनुसार जगमाल उनका आदर ही करते। आपके व्यवहार से तय होगा आप प्रताप है या जगमाल राजसी मर्यादा व्यवहार से झलकती है ये वही प्रताप की धरती है जहां दुश्मन भी कुछ मर्यादा में रह कर मांग ले तो दे दिया जाता था परन्तु आज तो भाई भाई को दर्शन से रोक कर उस कुल की मर्यादा को उस राणा के गौरव को मिटा दिया। मेवाड़ की जनता आपके महलों को ठेस पहुंचाने बाहर नहीं खड़ी थी वो खड़ी थीं बाहर क्योंकि उनके मन में संपूर्ण राजपरिवार के लिए आदर सत्कार का भाव है वो किसी एक व्यक्ति के प्रति झुकाव नहीं रखते वो स्नेह देते है क्योंकि आप उस राणा का परिवार हो जिसने इस जनता का कभी उपहास नहीं बनने दिया परन्तु एक रात्रि में परिस्थितियों में बदलाव आ गया। फर्स्ट इंडिया न्यूज se मेरी दरख्वास्त हैं कि रिपोर्टर थोड़े बेबाक चुनिए अन्यथा कैमरा तो आजकल बच्चे बच्चे के हाथ में है। जय एकलिंग नाथ की।
लक्ष्य राज सिंह जी ने सत्य कहा है।ये लोग राजनेता बनकर अपने लिए पो्पटी चाहिए । इतने साल इनको आराध्य याद नहीं आये ।ये सब लक्ष्यराजसिंह जी मेवाड़ के खिलाफ शाजिस रस रहे हैं
सिसौदिया वंश का नाम खराब कर दिया नकली महाराज ने में भी सिसौदिया (खड़खावद)शाखा से हु लेकिन में आज से आपका बहिष्कार करता हु मेरे महाराज श्री श्री हजूर हुकम विश्वराज सिंह जी है ❤❤❤❤❤
😂😂
मुगलों के नाती फिर से एक हो गए, महाराणा फिर से अकेला खड़ा है।😢
घटिया राजनीति करने वालों को सपोर्ट ना करने का परिणाम लक्ष्यराज जी भुगत रहे हैं।
मुद्दे की बात से क्यों भटक रहे हो दरबार😅 क्षत्रिय समाज की भावनाओं का सम्मान करें
Maharana Visvraj Singh Ji Ki Jai ho
Ek.dum.sachi.he
Lakshyaraj is only smart hotelier and double standard man ...who spokes alot but don't viseversa.......
विश्व राज सिंह ने जो किया वह ग़लत दें अपनी मर्यादा से बाहर आकर उन्हो अपने काम के लिए भीड़ को गर्म गुमराह किया और उनको उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाज़े के ऊपर से कूद कर अंदर भेजने की कोशिश की न तो पुलिस कुछ कर पा रही थी तो इसलिए लक्ष्यराज सिंह जी ने अपने बचाव और सिटी पैलेस की सुरक्षा को देखकर पथराव कि ये उसमें उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया
लक्ष्यराज जी जो आपने किया वह बहुत गलत किया पूरे देश के क्षत्रिय तुम्हें इस समय थूक है अभी भी समय है आपसी समझौते से दर्शन तक की बात है दर्शन करने दो तुम्हारा संपत्ति लेने नहीं आ रहे थे जन्म भावनाओं को कदर करो नेहा लाखों करोड़ों कमा के भी धूल ही रह जाओगे
शायद महल में प्रवेश करने की उत्सुकता में हमारे रिपोर्टर भाई सही प्रश्न करना ही भूल गए।
मुद्दे की वार्ता यह थी कि जब कलेक्टर साहब के समक्ष रात्रि में माननीय विश्वराज सिंह जी ने ये प्रस्ताव रखा कि उन्हें सिर्फ धूणी पर धोग लगानी है चाहे वह 5 व्यक्तियों के साथ पुलिस प्रशासन की कड़ी व्यवस्था को साथ लिए अंदर प्रवेश करना चाहते है और 5 मिनट में वापस चले आएंगे तो ऐसे में भीड़ के अंदर प्रवेश करने का कोई कारण ही नहीं रह गया था।
माननीय लक्ष्यराज सिंह जी की वाकपटुता का मैं हमेशा से ही प्रशंसक रहा हूँ परन्तु आज उसी वाकपटुता से वास्तविक मुद्दे से भिन्न जाया जा रहा है,
जैसा कि ट्रस्ट के मालिकाना अधिकारी लक्ष्यराज सिंह जी ने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि भीड़ अंदर घुस जाए और व्यक्ति विशेष को पूर्व में ही अपने कार्यक्रम की जानकारी देनी चाहिए थी
तो जब इन्हें जानकारी नहीं थी तो इन्होंने पूर्व में ही सुबह सवेरे पैलेस के दरवाजे बंद कर भारी पुलिस जाप्ता लगवाया जिससे स्पष्ट होता है कि आप उन्हें प्रवेश देना ही नहीं चाहते थे। ऐसे में अगर शहर के ऐसे मुख्य स्थान पर भारी संख्या में लोग पुलिस तैनात देखेंगे तो जनता भीड़ लगाएगी ही।
और जिस प्रकार अभी बिना किसी जमावड़े के रिपोर्टर भाई और उनके कैमरामैन अंदर गए इंटरव्यू लेने वैसे ही 5 लोग धूणी दर्शन को जा सकते थे इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी।
यदि वो लोग अव्यवस्था फैलाते तो जिस प्रकार पैलेस की सिक्युरिटी रोज हजारों पर्यटकों को कंट्रोल करती है 5-10 व्यक्तियों को संभाला जा सकता था यदि उपद्रव होता तो।
साथ ही उन्हें पूर्व में पता था कि अंदर बूढ़े बच्चे और स्त्रियां रहते है इसीलिए उन्होंने पहले से पत्थर और कांच की बोतले जमा करवा रखी थी कि भविष्य में कही काम आ जाए और शायद किसी ने बिना आदेश के ही वो पत्थर पैलेस के गेट से नीचे फेक दिए बिना उच्च स्तर के आदेश के।
यह सभी सवाल करना हमारे रिपोर्टर भाई करना भूल गए।
मेरे दादाजी मेवाड़ की भूमि से उठे और आज हम जिस क्षेत्र में रहते है वहां आज भी उन्हें लोग गर्व से नाम के पीछे मेवाड़ लगा कर संबोधित करते है। क्योंकि इसमें भूमि का गर्व है उन महाराणा प्रताप की भूमि से जुड़े होने का सौभाग्य दिखाई पड़ता है।
आज महाराणा प्रताप जीवित होते तो शायद उन्हें अपने भाई जगमाल को कोई अधिकार देने में तकलीफ न होती और यदि जगमाल भीतर होते और प्रताप अंदर प्रवेश करते तो भी राजसी मर्यादा के अनुसार जगमाल उनका आदर ही करते।
आपके व्यवहार से तय होगा आप प्रताप है या जगमाल
राजसी मर्यादा व्यवहार से झलकती है ये वही प्रताप की धरती है जहां दुश्मन भी कुछ मर्यादा में रह कर मांग ले तो दे दिया जाता था परन्तु आज तो भाई भाई को दर्शन से रोक कर उस कुल की मर्यादा को उस राणा के गौरव को मिटा दिया।
मेवाड़ की जनता आपके महलों को ठेस पहुंचाने बाहर नहीं खड़ी थी वो खड़ी थीं बाहर क्योंकि उनके मन में संपूर्ण राजपरिवार के लिए आदर सत्कार का भाव है वो किसी एक व्यक्ति के प्रति झुकाव नहीं रखते वो स्नेह देते है क्योंकि आप उस राणा का परिवार हो जिसने इस जनता का कभी उपहास नहीं बनने दिया परन्तु एक रात्रि में परिस्थितियों में बदलाव आ गया।
फर्स्ट इंडिया न्यूज se मेरी दरख्वास्त हैं कि रिपोर्टर थोड़े बेबाक चुनिए अन्यथा कैमरा तो आजकल बच्चे बच्चे के हाथ में है। जय एकलिंग नाथ की।
मेरे को ये बताओ कि विश्व राज सिंह को 40 साल बाद ही यह सब याद क्यों आया पहले वो कहाँ गए थे
लक्ष्य राज सिंह जी ने सत्य कहा है।ये लोग राजनेता बनकर अपने लिए पो्पटी चाहिए । इतने साल इनको आराध्य याद नहीं आये ।ये सब लक्ष्यराजसिंह जी मेवाड़ के खिलाफ शाजिस रस रहे हैं
❤ right
Kitne paise mile comment karne ke 5 rupiye mein bikne walle dalle
😊🙏🏽🪷♥️exactly
@@vaghsinghrajpurohit9410 mera comment kyu delete kar diya purohit ji dimag ghutno mein hai kya
Chokidaar kei din ktm ab asli malik aah gye hai
Kitna paisa liye ho
@Bhaibhai-gs9ni aapki aukad nhi hai jitna
Samadan nikalna shi
Tum logo me mhel ke andr se parhar mare aam logo ke pass pathar nhi thay
Wo aam log nahi the eek vidhayak ke chamche the
पत्थरबाजी करने वाले ज्ञान ना दे
Dok sahab 😂😂😂😂
Media biki he
King of Heart ❤️
M.l.a.aur.m.p.bangye.ab.rajneta.bangaye.husband.wife.poltical.kar.rahe.dev.darsan.etanw.salo.bad.yadd.aye
लक्ष्य राज ने अपनी इज्जत गू में मिला दी