UP's Teachers Speak On Article 370, Constitution, Ram Mandir, Gutka and Non-veg Food?
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- เผยแพร่เมื่อ 26 ก.ย. 2024
- इन शिक्षकों को सुनिए और सोचिए कि पढ़ते कैसे होंगे। इस वीडियो में उत्तर प्रदेश के दो शिक्षकों से बातचीत दर्ज की गई है। लोकसभा चुनाव चल रहा है तो चुनावी यात्राएं भी की जा रही हैं। इसी यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश की एक चाय की दुकान पर दो शिक्षकों से मुलाकात हुई। एक ने ज्योग्राफी से MA किया है। किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं। और दूसरे किसी इंटर कॉलेज में पढ़ते हैं। इन दोनों शिक्षकों से आर्टिकल 370, आरक्षण, राम मंदिर, संविधान, मांसाहार, गुटखा, नरेंद्र मोदी, भाजपा इन सब पर बात की गई है। तो सुनिए उनका जवाब क्या है?
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ये है असली कारण देश के पिछड़ने की.. ऐसे teacher जब बच्चों को पढ़ाएंगे तो उनका मानसिक विकास कैसे होगा.
Why, the science teacher is not that bad for a provincial Indian context at the intermediate level , given the overall standards of even college education, even in the big cities and towns...
@@regaliaretailfashionmerch4314we do not have province in India.
Teacher ka T nahi pata.paterkar ne iski le leye.
माधर पुर के चौबे
कभी मां के चरण देखे जिन सरकार के जिस विभाग के जिस अधिकारी ने इनका चयन किया
जिन्होंने पूरे देश की दौलत अंबानी अदानी के खजाने में भर दी , उस पर वीडियो नही बनाया जाएगा , देश में से सरकारी संस्थान खत्म कर अंबानी अदानी जैसे लोगों को सुपुर्द करने के लिए सरकारी कर्मचारियो को बदनाम कर निजीकरण के अनुकूल माहौल जरूर बनाया जाएगा ।
मीडिया समाज इतना #ज़हर घोल दिया है..!! कि लोग मुसलमानों से #नफ़रत को ही देश भक्ति समझ बैठे है..!!
Well said
i apreciate your view regarding our indian poltics@@KirandeepKaur-mq7qu
Sahi kaha aapne
Yes बहन
Apki bat ekdm shi h. Jo log murkh hote hn. We hindu mulim k njriy se dekhte hn. Baki jisme insaniyat hoti h we to gun k adhar pe bate krte hn.
मास्टर साहब के ज्ञान से लगता है कि उन्होंने घोष देकर ही नौकरी ली है या उनके परिवार से कोई शिक्षा विभाग मेंहोंगे कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि ऐसे मास्टर हमारे बच्चों कोपढ़ते हैं
Ghos.nahi ghus bol
हम दूसरे धर्म की बात तो नहीं जानते लेकिन जो ब्राह्मण धर्म है यानी हिंदू धर्म है! उसमें देवताओं के द्वारा मांस भक्षण यानी मांस खाने का लेख मिलता है चाहे वह रामचरितमानस ही क्यों ना हो! ब्राह्मणों के द्वारा लिखे गए धर्म शास्त्रों में गाय की बलि घोड़े की बलि बकरे की बलि यहां तक की इंसान की बलि तक का जिक्र आया है! राम खुद मांसाहारी थे बाल्मीकि रामायण में उठाकर जाकर देख लो आप!
ब्राह्मणों के द्वारा शुरू से ही देश के लोगों को गुमराह किया जाता रहा है और उन्हें शिक्षा और उनके इतिहास से दूर रखा गया है! देश में जितने भी बड़े बड़े बूचड़खाने हैं या गौ कत्ल खाने हैं भैंस के कत्ल खाने हैं वह सभी के सभी बड़े 10 बूचड़खाने ब्राह्मणों के द्वारा चलाए और बाहर नंबर प्लेट मुसलमान के नाम पर डाला गया है जैसे कि अल कबीर अल दुआ जैसे बड़े बूचड़खाना के मालिक ब्राह्मण विदेशी ही है!
रही बात आरक्षण की तो वह सामाजिक गैर बराबरी को देख कर दिया गया है क्योंकि देश में जो भी भेदभाव छुआछूत होता है वह गरीबों के नाम पर नहीं बल्कि जाति के नाम पर किया जाता है! लेकिन अफसोस है कि सारे संस्थानों पर आर्य विदेशी ब्राह्मणों का कब्जा है जिनका डीएनए विदेशी है!
हम दूसरे धर्म की बात तो नहीं जानते लेकिन जो ब्राह्मण धर्म है यानी हिंदू धर्म है! उसमें देवताओं के द्वारा मांस भक्षण यानी मांस खाने का लेख मिलता है चाहे वह रामचरितमानस ही क्यों ना हो! ब्राह्मणों के द्वारा लिखे गए धर्म शास्त्रों में गाय की बलि घोड़े की बलि बकरे की बलि यहां तक की इंसान की बलि तक का जिक्र आया है! राम खुद मांसाहारी थे बाल्मीकि रामायण में उठाकर जाकर देख लो आप!
ब्राह्मणों के द्वारा शुरू से ही देश के लोगों को गुमराह किया जाता रहा है और उन्हें शिक्षा और उनके इतिहास से दूर रखा गया है! देश में जितने भी बड़े बड़े बूचड़खाने हैं या गौ कत्ल खाने हैं भैंस के कत्ल खाने हैं वह सभी के सभी बड़े 10 बूचड़खाने ब्राह्मणों के द्वारा चलाए और बाहर नंबर प्लेट मुसलमान के नाम पर डाला गया है जैसे कि अल कबीर अल दुआ जैसे बड़े बूचड़खाना के मालिक ब्राह्मण विदेशी ही है!
रही बात आरक्षण की तो वह सामाजिक गैर बराबरी को देख कर दिया गया है क्योंकि देश में जो भी भेदभाव छुआछूत होता है वह गरीबों के नाम पर नहीं बल्कि जाति के नाम पर किया जाता है! लेकिन अफसोस है कि सारे संस्थानों पर आर्य विदेशी ब्राह्मणों का कब्जा है जिनका डीएनए विदेशी है!
हम दूसरे धर्म की बात तो नहीं जानते लेकिन जो ब्राह्मण धर्म है यानी हिंदू धर्म है! उसमें देवताओं के द्वारा मांस भक्षण यानी मांस खाने का लेख मिलता है चाहे वह रामचरितमानस ही क्यों ना हो! ब्राह्मणों के द्वारा लिखे गए धर्म शास्त्रों में गाय की बलि घोड़े की बलि बकरे की बलि यहां तक की इंसान की बलि तक का जिक्र आया है! राम खुद मांसाहारी थे बाल्मीकि रामायण में उठाकर जाकर देख लो आप!
ब्राह्मणों के द्वारा शुरू से ही देश के लोगों को गुमराह किया जाता रहा है और उन्हें शिक्षा और उनके इतिहास से दूर रखा गया है! देश में जितने भी बड़े बड़े बूचड़खाने हैं या गौ कत्ल खाने हैं भैंस के कत्ल खाने हैं वह सभी के सभी बड़े 10 बूचड़खाने ब्राह्मणों के द्वारा चलाए और बाहर नंबर प्लेट मुसलमान के नाम पर डाला गया है जैसे कि अल कबीर अल दुआ जैसे बड़े बूचड़खाना के मालिक ब्राह्मण विदेशी ही है!
रही बात आरक्षण की तो वह सामाजिक गैर बराबरी को देख कर दिया गया है क्योंकि देश में जो भी भेदभाव छुआछूत होता है वह गरीबों के नाम पर नहीं बल्कि जाति के नाम पर किया जाता है! लेकिन अफसोस है कि सारे संस्थानों पर आर्य विदेशी ब्राह्मणों का कब्जा है जिनका डीएनए विदेशी है!
हम दूसरे धर्म की बात तो नहीं जानते लेकिन जो ब्राह्मण धर्म है यानी हिंदू धर्म है! उसमें देवताओं के द्वारा मांस भक्षण यानी मांस खाने का लेख मिलता है चाहे वह रामचरितमानस ही क्यों ना हो! ब्राह्मणों के द्वारा लिखे गए धर्म शास्त्रों में गाय की बलि घोड़े की बलि बकरे की बलि यहां तक की इंसान की बलि तक का जिक्र आया है! राम खुद मांसाहारी थे बाल्मीकि रामायण में उठाकर जाकर देख लो आप!
ब्राह्मणों के द्वारा शुरू से ही देश के लोगों को गुमराह किया जाता रहा है और उन्हें शिक्षा और उनके इतिहास से दूर रखा गया है! देश में जितने भी बड़े बड़े बूचड़खाने हैं या गौ कत्ल खाने हैं भैंस के कत्ल खाने हैं वह सभी के सभी बड़े 10 बूचड़खाने ब्राह्मणों के द्वारा चलाए और बाहर नंबर प्लेट मुसलमान के नाम पर डाला गया है जैसे कि अल कबीर अल दुआ जैसे बड़े बूचड़खाना के मालिक ब्राह्मण विदेशी ही है!
रही बात आरक्षण की तो वह सामाजिक गैर बराबरी को देख कर दिया गया है क्योंकि देश में जो भी भेदभाव छुआछूत होता है वह गरीबों के नाम पर नहीं बल्कि जाति के नाम पर किया जाता है! लेकिन अफसोस है कि सारे संस्थानों पर आर्य विदेशी ब्राह्मणों का कब्जा है जिनका डीएनए विदेशी है!
जिसको रवीश Sir की पत्रकारिता पसन्द नहीं उसको जिन्दा नहीं कहा जा सकता, मर गई है उसकी समझ और समझदारी
Exactly
Bilkul sahi
Sambhu Singh national dastak
दारू और गुटके पर तो सरकारें जिन्दा है 😮😮😮
Tiwari ji se poocho jab mandir me pandit ki post sirf Brahman ko milti hai tab inko takleef nahi hoti
Mandir meh aisa kiya jiss kay bina Shudar zinda nehi reh sakthay ?
Dr. Ambedkar tho na Ram ko maanthay thay ,na Krishan ko ore na kissi mandir ko . Wo bina in fazool ke cheezu kay World Fugure kaisay ban gaya ?
Ab tumhare mandir government ka hai kya
जिस दिन जाति बनाया
उस दिन #बहुत_मज़ा आया और आज जातियों की गिनती हों गई
तो बहुत #मिर्ची लग रही है।🎅
Bilkul sahi kaha hai aapne
नीतीश कुमार तिवारी तुम्हें इसीलिए नौकरी नहीं मिली है क्योंकि तुम्हारी मानसिकता ठीक नहीं है क्या मंदिरों में आरक्षण नहीं है पुजारी के नाम पर l
असल में तिवारी को मोदी जी इसलिए नहीं पसंद है क्योंकि उनको लगता है कि मोदी जी ओबीसी जाति के हैं यही मोदी जी अगर ब्राह्मण जाति के होते तो पसंद होते हैं और उन्हें कोई बुराई नहींदिखाई देती
पर मोदी जी को क्या पता वह ब्राह्मणों की गुलामी में इतने मस्त है कि उन्हें लगता है कि मैं आरएसएस मेंआकर अब मैं भी ब्राह्मण ही हो गया हूं।
Jate her dharem mai hota hai ...tumko peroshi nhy bnaya kya??
@@uuiguyfye7gg सभी मित्रों से विनम्र अपील:- राजनीति में आपसी सम्बन्ध खराब न करें...
जिन्हें भाजपा पसंद है भगवान उनके घर नरेंद्र मोदी जैसा लड़का दे और जिन्हें कांग्रेस पसंद है उनके घर राहुल गांधी जैसा ?
!! बात खतम !!
क्यों? मास्टर साहब. मंदिरो का पुजारी आरक्षण नहीँ है क्या ??????
Vo arakjan nhi purva janm ke karma se hota hai
@@akashtripathi7398 भगवत गीता में कहा गया है कि "मनुष्य अपने कर्मो से बड़ा या छोटा होता हैं। " पूर्व जन्म का इससे कुछ लेना देना नही हैं। पंडितो को मंदिरो में आरक्षण मिला हुआ ही, वहा अगर कोई शूद्र या नीचे जात का पंडित बनने चले जाए तो अब पंडित बहिष्कार करेगें।
Bhai sahab aap v dharm granth ko kanthasth kro. M khud aapko mandir ka pujari bnwa dunga. 😂
@@akashtripathi7398 toh yeh bhi bata dijiye Tripathi ji ki purvajanm mein kaun kya tha iska pata kaise lagaya jaata hai?
Shudar ,mandir ko Q maanthay hain ? Mandir meh aisa kaya hai jiss kay bina Shudar zinda nehi reh sakthay ?
इस शिक्षक को तुरत सेवा से बर्खास्त कर देना चाहिए।
क्या गलत बोला है मास्टर जी ने
जो शूद्र आज #मंदिरो में भगवान ढूंढ रहे हैं!! अगर बाबा🇮🇳साहब न होते तो
कूड़े के ढेर में #खाना ढूंढ रहे होते..🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Correct
Chalo itni to samajh shudron me ayi
Smjh nhi ata shudra mandir me kyu marne ja rhe
Baba saheb ko sanvidhan bhavan bhijwa kar galti ki thi Shayad musalmano ne isliye Aaj jitna dalit hai sab musalmanon ke khilaf hai kuchh percent chhodkar
@@MDSaddam-cz2qy बात सिक्छा की है, और इन लोगों को इस से दूर रखा जाता, ताकि मुस्लिम दुश्मनी बनी रहे
जन मानस में बैठी बातें हैं। उन्हे गलत😮 या सही कहकर कुछ नहीं होगा। जरूरत इस बात कि ढोंगियों का शासन खत्म हो और हर सहनागरिक को अपने सहनागरिक को भान हो।
ये शिक्षक ,शिक्षक नहीं
तिवारी नरेगा में मजदूरी करने वाले 99% दलित और पिछड़े समाज के है। समाज में आज भी भेदभाव जाति के आधार पर होता है।
SC st kanun sbse jada obc par hi lagaya jata hai
तिवारी जी बाबा साहब तुमसे हज़ारों गुना बड़े ज्ञानी थे
जिस अध्यापक के मन में संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं है, वो छात्रों को शिक्षा क्या सिखायेंगे।
Hm dekhe h savarn teacher aise hi h😢😢
पत्रकारिता की सही राह पर आप चल रहे है, यह बहुत मुश्किल है।
आपके बुलंद हौसलों के लिए शुभकामनाएं 🎉🎉
Aise bewakuf log adhyapak bane bathe hain. Ye bachchon ko kaisi shiksha denge?
Thanks The Wire. Thanks Ajay bhai. Sachchi patrakarita ko Salam. Jai bhim, jai sambidhan, Namo Buddhaye..
Thanks wire
Aise teacher जिस समाज मे रहेगे समाज कभी नहीं सुधार sakta
gullu ka fan mil geya, 😂😂😂
कभी-कभी मूर्खों से भी इंटरव्यू करते रहना चाहिए ।
तिवारी जी भी गंजेड़ी दीमक चौरसिया, गुल्लू अमीश देवगन के फैन निकले 😅😮
इनके बौद्धिक क्षमता को देखकर पता चलता है की तिवारी कितने श्रेष्ठ है😂😂😂
See the frustration anger and and fear in his face while speaking openly
This is the freedom of speech that ambedkar gave us to speak openly
Higher caste discriminated the lower caste for hundred & hundred years.. now the government is giving reservation in order to stabilize the society .. now upper caste are feeling the pinch.. If you want to see the reality go to rural areas.. the upper caste still discriminate the lower caste..
Not hundreds years , it has been so since 4000 years . Still it is not finished .
अगर #ताड़ना का अर्थ शिक्षा है तो शुद्र का मतलब #जीजा जी होता है.. !! #शुद्र_स्मृति !!💦😃
😮😮😊😊
😂😂😂
😂😂😂 sahi bola. Sirf shudra jija nahi hain, dalit aur adivasi bhi jija hain manuvadi ke.
Nice behan
आपको बधाई हो,कमसे कम विज्ञान को तो उजागर कर दिया ।
आपकी रिपोर्टिंग से मजा आ गया वायर जैसे न्यूज़ चैनल बढ़ते रहनाचाहिए
Raise your voice against Inflation Injustice Unemployment and Hate. Save Your Democracy and Constitution. Jai Hind 🇮🇳🤝
Raise your voice against dmk mp son on sanatan hate comments😂
लास्ट में पता चला बेचारा गोदी मीडिया का भक्त हैं 😂😂
Ha ha
इससे खुद बोला उनलोगों का नाम लो vedio me cut laga kar , wire झोलाछाप news संस्थान है
अच्छा उल्लू बनाया है इन लोगों को दो गुजरातियों ने मिलकर!
दलित पिछड़े ओ बी सी मूलनिवासियों और आदिवासियों को सजग और सचेत हो जाना चाहिए वरना अगर ऐसा नहीं हुआ तो भारत से लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता और बाबा साहेब का संविधान और आरक्षण ख़त्म हो कर रह जायेगा 👏👏
That's why GUJARATI ruled on them 😂😂😂
टीचर है तो संविधान इन्होंने पढ़ना चाहिए।
मे भी ब्राह्मण हू ओर आरक्षण का समर्थक हूं जब तक जातिगत छुआछूत रहेगा आरक्षण रहना चाहिए!! ये देश सबका है तो सबको बराबर की भागीदारी हर फील्ड मे मिलनी चाहिए!! पर निचले तबके को आगे बढाने के लिए शिक्षा पर जोर देना चाहिए क्योंकि दलित पिछडी जातियों मे भी जो सक्षम है वही आगे बढ रहे है इसलिए निचले पायदान के दलित पिछडों को भी आगे बढने का मौका मिलना चाहिए!! आरक्षण खत्म नही होना चाहिए पर आरक्षण के अंदर सबसे दलित पिछडे को फ्री शिक्षा ओर नौकरी मिले इसके लिए आर्थिक आधार उनके आरक्षण मे ही इनके समाज की सहमति से तय कर दो नही तो सिर्फ मुलायम का परिवार की छरह चंद परिवार ही फलते फूलते रहेगे ओर हर जगह कब्जा करके संसाधनो की लूट मचाते रहेगे ओर हम वोट बैंक बनकर रह जायेगे दिहाडी मजदूरी के साथ
Congratulations The Wire 🎉
भेदभाव जाति के आधार पर और आरक्षण आर्थिक आधार पर गजब का तर्क है ।
बा मास्टर साहब जिधर का पर्दा भारी देखते हैं माहौल के हिसाब से उधर ही झुक जाते हैं
तिवारीजी धूर्तता पूर्वक उत्तर दे रहे हैं।
तिवारी सर नेम जाति सूचक शब्द है कि नहीं यहीं जातिवादी मानसिकता श्रेष्ठता वाद है।
मैं पिछडी जाति का हूँ ये शब्द माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी बोलते हैं
शिक्षकों के ज्ञान पर भाषण तो चलिए ठीक है, पत्रकारों के ज्ञान की पड़ताल भी तो करिए हुजूर। उनके ज्ञान भण्डार ने एक अलग टर्मिनोलॉजी निकल गई है- गोदी मीडिया।
What kind of teachers these are🙄
Shame on them
कभी हमरा बीहार के शिक्षक का भी एगो इंटरव्यू ले लिजीए। मजा आ जाएगा।
ये भी अंधभक्त है l मेरे देश का यारों क्या होगा???
आज भी सरकारी नौकरी 15 से 20 लाख में मिल जाती है सभी एग्जाम के पेपर आउट होते है जिसकी जुगाड़ बैठ जाये उसको काम बन जाता है
बढिया लगा अजय कुमार जी ऐ एरिया जाना पहचाना है गोरखपुर के सटे है लेकिन दीपक अमीस के जैसा बात नही ए है
पत्रकार तो इसके सुपर डुपर है😀😀😀😀
ये लोग टीचर से पहले व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं इस लिए इनकी सोच है
BJP ki Harkat aur BJP ki Gundagardi batati hai ki BJP Har rahi hai
Mashallah
@@DigitUnni4 june ko jab modi ji jeetenge toh tum insallahhhhh bhe bolna😂😊
@@gamingff5808 Mashallah
@@DigitUnni 400 par
@@gamingff5808jab 4 June ko bjp nahi ayegi tab bolenge insha Allah 😂😂😂😂
लाजवाब रिपोर्ट श्रीमान जी। आपको दिल से आभार।
,एक टीचर को आजाद ख्याल का होना चाहिए ,सर्वधर्म समभाव की शिक्षा देने वाला होता है
तिवारी जी आरक्षण वैदिक काल से समाप्त करे तो क्या होगा???साइंस जर्नी देखे
जो। सवीधान। अपना। हक मागने। इजाजत। देता है आज। कुछ लोग उसी। कुचलने पिरीयास कर। रहे हैं जब सवीधान नहीं रहेगा। तो। केसे। आवाज उठाओ। गये ये किसने नहीं सोचा
दारू पी भी रख्खी हुई है इसने और है टीचर वाह योगी जी वाह मजा आ गया 😂😂😂😂😂
The need for proper education for teachers is so important. Science students must read history so that they dont destroy the country.
पत्रकार महोदय ने कुरेद कुरेद कर इनकी मानसिक चेतना, ज्ञान, समाज के प्रति नज़रिया और नेता के प्रति विचार, जनता तक लाने का अथक प्रयास किया है, जो काफ़िले तारीफ़ है। ये अध्यापक बच्चों को क्या पढ़ा रहे होंगे और किस प्रकार आने वाली पीढ़ी तैयार कर रहे हैं ! ये इनकी बातों से समझा जा सकता है। खैर मैं तो अभिवावकों से अपील करूंगा कि अपने बच्चों को इन जैसों के भरोसे बिल्कुल ना छोड़े। सामाजिक ज्ञान अपने बच्चों को खुद दें।
ए शिक्षक है ऐसी सोच और ज्ञान के शिक्षक पूरी दुनियां में हो जाएं तो जग का कल्याण ही हो जाएगा। बाल्मीकि की बात इन्होंने जाति बाद के विषय में बोला कि उस समय जातिवाद नहीं था यदि होता तो बाल्मीकि महर्षि नहीं होते।वाह रे ज्ञानी शिक्षक ,जिस समय की बात कर रहे हो उस समय ब्राह्मण के अलावा शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार किसी अन्य जाति को नहीं था तो संस्कृत भाषा बाल्मीकि शूद्र होते हुए कैसे पढ़ लिए यह लोगों को भ्रमित करने के लिए किया गया है बाल्मीकि ब्राह्मण थे कर्म से वह चांडाल थे न कि शूद्र।अब कहोगे कि श्रष्टि ब्रम्हा से है,खीर खाने से,प्रसाद खाने से, सूर्य से ,गंगा से बच्चे पैदा होते थे, लेकिन आज नहीं हो रहे क्यों ॽ इसी लिए ग्रंथों की काल्पनिक बातों की दुहाई देना बंद करें और अपना बुद्धि विवेक स्तेमाल करें तभी शिक्षक बनने की सफलता है,पढ़िए ज्ञान पैदा होगा पर बहिए नहीं चिंतन कर सच्चाई निकालें।
शिक्षको का इन्टरव्यू बहुत अच्छा लगा बिना लाग-लपेट के मन की बात कही बहुत बहुत धन्यवाद।
Basically , Tiwari ji doesnt understand the struggles of SC and SC and other economically backward OBC and tells that untouchability doesnt exist must visit all the villages in the country and see where dailts live. What their lives are. Shame. One thing we can understand is they will never understand or dont want to accept but will ask for more reservations for themselves.
Bilkul sahi kaha master sahab. I totally agree with you.
Bharat ka flag kasmeer me fahraya jata tha ..
Balki RSS me nahi fahraya jata tha inko ban karna chahiye na
Journalist ki tarif....bohot achche tarike se sawal puche and smartly maintained ...
BJP nai kashmir sai 370 hataya, aur kashmiri reyo nai kashmir sai BJP ko hataya😂
देश को धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए
ये तिवारी कहता हुआ तो बहुत ही गर्व महसूस करता है और सवर्ण समाज का है इसलिए इस को जाति-पाति से नफ़रत नहीं है लेकिन जिनको ये हज़ारों सालों से दलित बना कर उनके हक़ अधिकारों से वंचित रखा वो इसे कोई ध्यान नहीं है।इसकी बातों से क्या ज्ञान झलक रहा है ऐसे अध्यापक क्या पढ़ाई कराते होंगे ऐसे अज्ञानी लोग।शर्म आती है ऐसे लोगों को अध्यापक कहने में भी। लानत है ऐसे लोगों पर।
He's actually quite self - conscious and moderate. See him relative to proud casteists. The problem with dalit - bahujan people sometimes is you find one wrong statement and hold on to it. What about the fact that he admitted that social injustice exists? He's also critical of many BJP policies. The only thing that leaped out of this recording is THE WIRE'S OWN CONDESCENDING, PATRONISING ATTITUDE FOR OTHER VIEWS THAT ARE IN FACT NOT SO EXTREME GIVEN BJP'S TOTAL AGENDAS
ये मेरे देश के शिक्षक ह इस से अंदाजा लगाया जा सकता है की देश की ओर जा रहा है जय हिन्द
Last question me poori debate ka Mooladhaar hai bhaiyo..Dhanywaad The Wire🙏
Good report 😂
Great journalism ❤
Teacher sir is very right, salute.
Nitish tiwari ko dhanyawad. Ki aarthik adhar par Aarakshan par baat kiye .. dhanyawad....
Brilliant line of questioning 👍
हरि टिड्डी दल से भी सवाल पूछ लिया करो।😂😂😂
Pehle Bhaagwa Kaakroch Dal se to sawal karle 😂😂😂
Tewari ji Ka kehna sahi hai
पिछड़ापन जाति नहीं है सामाजिक और आर्थिक स्थिति है।पर ब्राह्मणवादियों ने उसै भी जात का नाम दे दिया है।
Potrokar ji dil se sukriya, jatibadi brahmon ke dil ki bat ugolbaya apne... 🙏
इसका दीमाग तो पूरा का पूरा धूल गया.... बर से.
Reporter mahoday ko bahut bahut dhanyawad.
Bahot sahi sahi iss master ke dil ki baat ko zuban pe laya hai apne 👌Ajay sir
तिवारी जी जिस विद्यालय में पढाते हैं उस विद्यालय के जितने भी SC ST के स्टूडेंट है उन सभी को biology subject में प्रैक्टिकल में ये कास्ट देखकर मार्क्स देते होंगे , यह मैं दावे के साथ कर सकता हूं | आप लोगों की क्या राय है
तिवारी जी आरक्षण का विरोध करे, बात समझ में आती हैं, परन्तु ओबीसी, एससी, एसटी के लोग भी स्वयं आरक्षण का विरोध करे बात समझ से परे हैं । वी.पी. सिंह अमर रहे ।
अमिश देवगों इसे यही पता चलता है की इस शिक्षक की मानशिकता सही कैसे हो सकता है |
अल्प ज्ञानी गुरु है,यह दुर्भाग्यपूर्ण,जब हमारा समाज (हिन्दु) इन अल्प ज्ञानियों के कारण ही विघटन के कगार पर,और कमजोर समुदाय में,यदि ज्ञान बांटने वाले सशक्त होते तो पराधीन भारत अपवाद था, बेहयाई से दूध मलाई खाने वालों का देश और धर्म भारत जैसा ही।
Janab in Kerala within the same campus temple, mosque and church are there.
Hindustan mein aise hi teacher har school mein hona chahie taki bacche America se bhi aage nikal jaenge
Sir, इस तिवारी से पूछिए कोई अमीर है पर चमार जाति से है तो क्या ये अपने घर में उसे खाना साथ में बैठ कर खिलाए गा।
मांस खाने के वारे मे केवल पूर्णतः विरोध जैन धर्म ने किया है अन्य सभी धर्मो के लोगों को मांस खाने का विरोध नही किया वल्कि मांसाहार किया है।
Aapko aarakshan ka kaaran janne ke liye constitution padhna hoga
U R Right bro
Good job💯👍 good survey
Tiwari mahraj teacher to hai lekin apani tiwaripana dhekha gaye yahi pata chal gaya enke baate ka sacchai ye khaya padate honge.up bihar me aap teacher yahi hisab jati badi milenge.
थैंक्स
Sir mujhe bhi aisa teacher, dilade please, mujhe bhi Andh Bhakt Banna hai please, please 🙉
इन शिक्षको से क्या बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा
शुक्र है कि यह बंदा पंडित है संभवता इसने आरएसएस की विष शाला में शिक्षा प्राप्त नहीं की होगी।
भाई जातियां हैं तो चर्चा भी होगी, पिछड़ापन है तो दूर करने के प्रयास भी होगा, जातिगत भेदभाव होगा तो भेद-भाव दूर करने के प्रयास भी होगा और वह प्रयास आरक्षण या यों कहें कि भागीदारी का मामला है जो सब को आगे बढ़ने का प्रयास किए जा रहे हैं।
भाई इंटरव्यू देखकर मज़ा आ गया।😂😂
Pura godi media bhakt
WhatsApp ka gyaan Wale teachers
अगर आप प्राइमरी के शिक्षक से इतने गहरे सवाल पूछेंगे तो ऐसे ही जवाब मिलेंगे न
Shame on thise type of teachers.what they teach there child's.
Super patrkarita sir
Barhaman dalit birodhi
ये शिक्षक बिल्कुल ठीक बोल रहे हैं।
Yeh bhi ek andhvakt hai