भाई साहब आपके सवाल का जबाव मैं देता हूं आपने कहा है कि ईसाई लोग कर्म पूजा नहीं करते हैं फिर भी नाचते हैं इस प्रश्न का सीधा सा जबाव है कि कर्म पेड़ की पूजा नहीं करते हैं क्योंकि परमेश्वर के सिवा कोई दूसरा भगवान या ईश्वर नहीं है ।यह तो एक पेड़ है ईश्वर नहीं। नाचना और गाना अपना एक कल्चर है । क्योंकि आदिवासी चाहे वह ईसाई हो या गैरईसाई अपना कल्चर को नहीं भूल सकता है।
आपलोगो को मै बता दूं गांवो में ईसाई या मुसलमान या फिर हिंदू सभी लोग अपने अपने तौर तरीके से नाचते हैं गांवो के लोग आदिवासी की परंपरा को बचा के रखा है। आगे बढ़े जाति से नही बल्कि अपने झारखंड,अपने देश को आगे ले ।।।। जाति से भेद भाव न के गांवो की परंपरा को शहरो और बिदेसो में फैलाए ।। धन्यवाद।।
भाई साहब आपके सवाल का जबाव मैं देता हूं आपने कहा है कि ईसाई लोग कर्म पूजा नहीं करते हैं फिर भी नाचते हैं इस प्रश्न का सीधा सा जबाव है कि कर्म पेड़ की पूजा नहीं करते हैं क्योंकि परमेश्वर के सिवा कोई दूसरा भगवान या ईश्वर नहीं है ।यह तो एक पेड़ है ईश्वर नहीं। नाचना और गाना अपना एक कल्चर है । क्योंकि आदिवासी चाहे वह ईसाई हो या गैरईसाई अपना कल्चर को नहीं भूल सकता है।
Nice dance , congratulations to all for dancing,👍👍🕯️💗
Thank you so much
आपलोगो को मै बता दूं गांवो में ईसाई या मुसलमान या फिर हिंदू सभी लोग अपने अपने तौर तरीके से नाचते हैं
गांवो के लोग आदिवासी की परंपरा को बचा के रखा है। आगे बढ़े जाति से नही बल्कि अपने झारखंड,अपने देश को आगे ले ।।।। जाति से भेद भाव न के गांवो की परंपरा को शहरो और बिदेसो में फैलाए
।। धन्यवाद।।
Ajam daw
Thank you