(जय) राधा माधव (जय) कुंजबिहारी। (जय) गोपीजन वल्लभ (जय) गिरिवरधारी॥ (जय) यशोदा नंदन (जय) ब्रजजनरंजन। (जय) यमुनातीर वनचारी॥ Meaning वृन्दावन की कुंजों में क्रीड़ा करने वाले राधामाधव की जय! कृष्ण गोपियों के प्रियतम हैं तथा गोवर्धन गिरि को धारण करने वाले हैं। कृष्ण यशोदा के पुत्र तथा समस्त व्रजवासियों के प्रिय हैं और वे यमुना तट पर स्थित वनों में विचरण करते हैं।
(जय) राधा माधव (जय) कुंजबिहारी।
(जय) गोपीजन वल्लभ (जय) गिरिवरधारी॥
(जय) यशोदा नंदन (जय) ब्रजजनरंजन।
(जय) यमुनातीर वनचारी॥
Meaning
वृन्दावन की कुंजों में क्रीड़ा करने वाले राधामाधव की जय! कृष्ण गोपियों के प्रियतम हैं तथा गोवर्धन गिरि को धारण करने वाले हैं। कृष्ण यशोदा के पुत्र तथा समस्त व्रजवासियों के प्रिय हैं और वे यमुना तट पर स्थित वनों में विचरण करते हैं।