भरका देवी माताजी ॥मस्सा बावजी मंदिर ॥भरक गाँव ॥

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 ก.พ. 2025
  • ‪@MusafirMukesh‬ भीलवाड़ा जिले के गंगापुर उपखंड में भरक ग्राम पंचायत स्थित भरका माता मंदिर की देश में पहचान है। भरका माता के नाम से प्रदेश के साथ ही गुजरात, मुम्बई व दक्षिण भारत में गंगापुर व सहाड़ा क्षेत्र के सैकड़ों लोग आइसक्रीम व पाव भाजी की लॉरियां संचालित कर परिवार का पालन पोषण करते हैं।
    भरका माता से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। गंगापुर के भीलवाड़ा राजमार्ग स्थित लाखोला चौराहे से करीब 8 किलोमीटर दूर भरक ग्राम में स्थित भारत माता का मंदिर है। मेवाड़ क्षेत्र का यह शक्तिपीठ खासा मशूहर है। देश के कोने-कोने से लोग यहां पर दर्शन को साल भर आते हैं । भरक माता अभ्रक खनन व्यवसायियों की ईष्ट देवी रही है। बताया जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व राजा भर्तहरि ने यहां पर कठोर तपस्या कर माता की मूर्ति की स्थापना की थी। यहां पहाडी पर स्थित गुफा में पुराने जमाने में शेर रहा करते थे। माता की पहाड़ी के नीचे सैकड़ों ठठेरा परिवार निवास करते थे।ठठेरो के बर्तन बनाने की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती थी। यहां से चौरासी नौपत की आवाज एक साथ सुनाई देती थी। माता का भंडारा साल में एक बार खोला जाता है।
    पहले देवी मंदिर तक थी 765 सीढ़ियां, अब दो किमी लंबी घुमावदार पक्की सड़क
    भरकादेवी शक्तिपीठ गंगापुर से 10 किलोमीटर दूर भरक गांव की पहाड़ी पर है। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आसाम, पंजाब, हिमाचल, केरल, तमिलनाड़ु में भरका देवी ब्रांड का नाम है। लाभांश का एक से ढाई% हिस्सा मरीजों की सेवा, स्कूलों में संसाधन, वृद्धाश्रमों में सुविधाएं जुटाने पर खर्च होता है। भरका देवी विकास समिति मंदिर की देखरेख करती है। अब दो किमी लंबी घुमावदार सड़क व ऊपर चौक बना दिया है। पार्किंग भी है।

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