वचन 43,भोग भोगने मे हर्ष पैदा होने से जड खान में उतर जाता है और फिर पत्थर बन जाता है, (SD)
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- เผยแพร่เมื่อ 9 ก.ย. 2024
- वचन बाबूजी महाराज भाग 4,वचन 43,
भोग भोगने मे हर्ष पैदा होने से जड खान में उतर जाता है और फिर पत्थर बन जाता है, अब पत्थर से चैतन्य को निकालना सम्भव नहीं है, हालांकि चैतन्य प़डा तो नहीं रहेगा लौटेगा पर कितना समय लगेगा लगभग हमेशा के लिए जितना.
वचन सुनिए
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Saprem Radhasoami
सप्रेम राधास्वामी राधास्वामी भैया
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Radhasoami ❤🙏🙏🌺🌹
सप्रेम राधास्वामी राधास्वामी भैया
शुभ रात्रि
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Radhasoami 🙏🙏🙏🙏
सप्रेम राधास्वामी राधास्वामी बहन
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Radhaswami ji radhaswami ji भाई आपकी सेवा से बहुत खुश हूं me रोज आपका सत्संग के वचन सुनता हूं और आनंद आगया मेरे सारे सवाल हल कर दिया आपकी सेवा का कर्ज़ दार हूं मालिक ही आपको सुख मुक्ति चेतना ओर ज्ञान दे परम सुख santi de radhaswami ji,,,,❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😊😊😊😊😊😊😊😊😊
सप्रेम राधास्वामी राधास्वामी भैया
बहुत बहुत धन्यवाद भाई, मेरा कोई रोल नहीं है आप पर मालिक की विशेष दया कह सकते हैं
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Radhaswami 🙏 ji bhut ucchi seva kr rehay hey ji
@@satoshrani7856
सप्रेम राधास्वामी राधास्वामी बहन
शुभ रात्रि
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