Our judiciary is confused between feminism and patriarchy. On one side, it is extremely feminist and on another side, they are using patriarchal idea of women being responsibility of men if there is question of financial maintenance. But they completely ignore the fact that if maintenance is right of women, then 1st to protect mentally and morally husband and his family is the primary responsibility of wife. If she is not performing that responsibility, hurting husband and his family, then she automatically loses the right of financial maintenance. Courts are not extortion fraud approving centres in the name of maintenance and alimony. The litigants and also the judges themselves should keep this thing in their minds while dealing in matrimonial cases. Courts are there for justice and not to give maintenance to all litigants in General. Courts must not promote narcissistic tendencies and paracytic attitude of women in that way. Today’s society is different from earlier times. Today there are more employment opportunities for women than men, and men Women are considered equal. So Courts must change their habit of giving maintenance in general to women just because they are women. Neither the language nor the spirit of the law says that maintenance should be based on the lifestyle of the spouse. But it has been made so by the pseudo-feminists so-called legal experts crept in the law ministry and Courts. Because if lifestyle is made base of maintenance, then the marriage institution will be started to be seen as source of wealth mine only by the greedy people. How can the legal system of a benevolent enlightened democracy can promote the fraudulent tendency of the greedy people? So only and only the reasonable basic need should be granted to the spouse for maintenance of life or leave the relation with adjustment or start earning on her own. Equal status, equal status, equal status is nothing but illegitimate fraudulent greed of the greedy people. In today’s society, the self centricity or narcissistic tendency or love to live independently in full comfort zone has increased enormously. In this situation, female tendency to leave the partner and leave independently in her own comfort zone without any adjustment upon exploited income from husband is also increasing. Courts and lawmakers/legal system and women commission must not promote these tendencies among women. Courts must get read of the jurisprudence. Which says wife is the responsibility of husband. For young ladies, there is no dearth of job in modern time. If at all any maintenance is to be given to unemployed spouse, it should be based on the primary reasonable need of the spouse and not greed of the spouse. Long story cut. Lopsided law or lopsided approach of legal system kills the justice and environment of trust in the society. This has to be understood and stopped by Courts and lawmakers. Bahot ho gaya ek tarfa kanun. Bahot ho gaya. Enough is enough now we want justice for men.. Women, please stop missuse of law, courts, please stop cruelty by adopting one sided false jurisprudence
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
सुप्रीम कोर्ट चेतावनी देता रहेगा होगा कुछ भी नही जिन कानून का दुरुपयोग हो रहा है उसे या तो खत्म करो या फिर उसका दुरुपियोग् करने वाले मुविकल और वकील दोनो पर सख्त से सख्त कार्यवाही का प्रावधान हो ।
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
सही कहा आपने अगर पत्नी को गुजारा भत्ता और एलिमोनी चाहिए तो पत्नी जो काम और जिम्मेदारी पति के साथ रहते हुए निभा रही थी वो अब भी उसे निभानी चाहिए| पत्नी में कामचोरी और लालच ये दो गुण होते है जिससे पति पर फर्जी केस किए जाते है अलग होने के बाद पति तो अपना कर्तव्य पत्नी का खर्च उठाकर पूरा करता है लेकिन पत्नी अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्य पूरे नही करती है, इस कानून के कारण पति को दोगुना ठगा जाता है उसके काम नहीं करने लेकिन उसके पैसे की भीख चाहिए गुजरा भत्ता और एलिमोनी का कानून बंद होना चाहिए ये कामचोरी को बढ़ावा देता है
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
वाह, एक खुबसूरत न्यायिक फैसला, भारतीय परिवेश में दहेज को लेकर उत्पीड़न का झुठा आरोप अक्सर किसी परिवार के बिखराव का कारण बनता ही जा रहा था, माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय वैवाहिक कानुनों के दुरुपयोग को रोकने में मील का पत्थर साबित होगा ❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉, जय महाकाल।
Supprm cort ka hi ik judgment h pati cori Kara per mantanace dana hoga y ik judgment Aaj Tak k sabi jujment per bhari padta h .... Supreem cort is nothing
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
पहले पुलिस फिर वकील और कोर्ट्स पूरा सिस्टम लूटने बैठा है । मैंने कोर्ट में सुना है कि सब बिज़नेस है वो भी एक जज के मुँह से । सब मिलकर फेमिनिस्ट के हक़ में फ़ैसला सुनाते हैं ।
उनका बलिदान व्यर्थ ना हो मेरी यही गुजारिश है जो हम 498 का उपयोग एक हथियार की तरह कर रही है उसमें पाबंदी किया जाए और सबसे पहले रिपोर्ट के पहले उनकी निष्पक्ष जांच कराई जाए कि क्या यह सही है या गलत है
Agreement banawa Lo shadi se pahle Bharat me valid nahi hai Lekin 90% Tak aapko help milegi usme likhwa lo maintenance/alimony nahi dege Ladki agar berojgar hai to likha lo coaching se aur part time me silayi se apna kharch chalati hai Yadi naukri wali hai to likha lo ladki ki job hai khud alag hone par apna kharch chala legi Sabhi ladke banwane lago jab bahut case court me jayege to ise legally vaidhya mil jayegi Court aise agreement ko nahi manega ye dharna na banao
सरकार को एक आसान सा कानून बनना चाहिए। जब मियां बीवी की नहीं बनती, आपस में नहीं रहना चाहते। उनको एक सैंपल सी डाइवोर्स की कॉपी दी जाए। उसमें कोई लेनदेन कोई पैसे का भी नहीं होना चाहिए।
एक तरफ महिला को पुरूष के बराबर हक़ दिया गया है वहीं 498 में महिला के पास एकतरफा हक दे कर संविधान का मज़ाक बनाया है। इसे बंद करो या झूठे केस करने पर सख़्त सज़ा का प्रावधान करो।
एक नया कानून बने कोई औरत दहेज प्राताडना आरोप लगाये उसमे जाच बैठे जो झूठा हो लडका हो या लड़की उस पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाय और १ लाख रुपये १ साल कारावास तो कोई झूठा केस नहीं करेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी दहेज प्रथा कानून पर संशोधन होना चाहिए एक कानून कांग्रेस पार्टी के बने हुए हैं सिर्फ हिंदुओं पर ही लागू होता है यह कानून दहेज प्रथा झूठ कैसे लगाए जाते हैं
अगर पत्नी को गुजारा भत्ता और एलिमोनी चाहिए तो पत्नी जो काम और जिम्मेदारी पति के साथ रहते हुए निभा रही थी वो अब भी उसे निभानी चाहिए| पत्नी में कामचोरी और लालच ये दो गुण होते है जिससे पति पर फर्जी केस किए जाते है अलग होने के बाद पति तो अपना कर्तव्य पत्नी का खर्च उठाकर पूरा करता है लेकिन पत्नी अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्य पूरे नही करती है, इस कानून के कारण पति को दोगुना ठगा जाता है उसके काम नहीं करने लेकिन उसके पैसे की भीख चाहिए गुजरा भत्ता और एलिमोनी का कानून बंद होना चाहिए ये कामचोरी को बढ़ावा देता है
धारा 498 महिला पीड़ित है तो महिला की सुनवाई हो और पुरुष पीड़ित पुरुष की सुनवाई हो डिसीजन एकदम दो या तीन जज की बेंच फैसला सुनाया पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट भी जाए पक्ष दोनों का सुनना चाहिए पीड़ित पक्ष जो भी हो उस न्यायमिलना चाहिए
Parwarik mamale bahut hi senstiv hote h ,rishte nibhana asan nahi hota , ye sanskar hume beti aur beta dono ko dena chahiye tabhi rishte chal sakate , hai
अगर पत्नी को गुजारा भत्ता और एलिमोनी चाहिए तो पत्नी जो काम और जिम्मेदारी पति के साथ रहते हुए निभा रही थी वो अब भी उसे निभानी चाहिए| पत्नी में कामचोरी और लालच ये दो गुण होते है जिससे पति पर फर्जी केस किए जाते है अलग होने के बाद पति तो अपना कर्तव्य पत्नी का खर्च उठाकर पूरा करता है लेकिन पत्नी अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्य पूरे नही करती है, इस कानून के कारण पति को दोगुना ठगा जाता है उसके काम नहीं करने लेकिन उसके पैसे की भीख चाहिए गुजरा भत्ता और एलिमोनी का कानून बंद होना चाहिए ये कामचोरी को बढ़ावा देता है
पुलिस वाले जांच पड़ताल नहीं करते हैं सिर्फ महिला को देखकर उनका रिपोर्ट दर्ज कर लेते हैं उनके बदले में पुलिस वाले मजे भी लेते हैं घुमाते फिराते है क्योंकि पुलिस वाले को पता रहता है कि झुठा रिपोर्ट दर्ज करना है
Pure misuse kr rhi h female, every sector kuch ho to case me fsa de isse ki log ki life brbaad ho rhi h isliye kanoon le changing ho pehle investigation ache se ho fir glt paye jane krwae isliye Supreme court ko action Lena chahiye
सबसे पाहिले फॅमिली कोर्ट बंद होणे चाहिये. और जादा पैसे वाले मत चार पाच अभेअर अरे. माँ बाप कै सेवा कै लिये नर्स रखे.बॅचचे शेरोगाशी पैदा करे. पर शादी ना करे. क्यू कि ये सब मामले अपर मिडील क्लास और अमिरो मे जादा होते है. गरिबो कै पास खुच होताही नाही तो बीबी मागेगी क्या. घंटा 😅
यह मामला अभी तक सोशल मीडिया पर ही दिखाया जा रहा है। नैशनल टीवी चैनल्स अभी तक चुप है, जो कि एक दुर्भाग्यपूर्ण है l सभी को मिल कर इस व्यवस्था के विरुद्ध सड़कों पर उतरना होगा।
भारत में पुरुष आयोग की जरूरत है.
Our judiciary is confused between feminism and patriarchy. On one side, it is extremely feminist and on another side, they are using patriarchal idea of women being responsibility of men if there is question of financial maintenance. But they completely ignore the fact that if maintenance is right of women, then 1st to protect mentally and morally husband and his family is the primary responsibility of wife. If she is not performing that responsibility, hurting husband and his family, then she automatically loses the right of financial maintenance.
Courts are not extortion fraud approving centres in the name of maintenance and alimony. The litigants and also the judges themselves should keep this thing in their minds while dealing in matrimonial cases. Courts are there for justice and not to give maintenance to all litigants in General. Courts must not promote narcissistic tendencies and paracytic attitude of women in that way. Today’s society is different from earlier times. Today there are more employment opportunities for women than men, and men Women are considered equal. So Courts must change their habit of giving maintenance in general to women just because they are women. Neither the language nor the spirit of the law says that maintenance should be based on the lifestyle of the spouse. But it has been made so by the pseudo-feminists so-called legal experts crept in the law ministry and Courts. Because if lifestyle is made base of maintenance, then the marriage institution will be started to be seen as source of wealth mine only by the greedy people. How can the legal system of a benevolent enlightened democracy can promote the fraudulent tendency of the greedy people? So only and only the reasonable basic need should be granted to the spouse for maintenance of life or leave the relation with adjustment or start earning on her own. Equal status, equal status, equal status is nothing but illegitimate fraudulent greed of the greedy people. In today’s society, the self centricity or narcissistic tendency or love to live independently in full comfort zone has increased enormously. In this situation, female tendency to leave the partner and leave independently in her own comfort zone without any adjustment upon exploited income from husband is also increasing. Courts and lawmakers/legal system and women commission must not promote these tendencies among women. Courts must get read of the jurisprudence. Which says wife is the responsibility of husband. For young ladies, there is no dearth of job in modern time. If at all any maintenance is to be given to unemployed spouse, it should be based on the primary reasonable need of the spouse and not greed of the spouse. Long story cut. Lopsided law or lopsided approach of legal system kills the justice and environment of trust in the society. This has to be understood and stopped by Courts and lawmakers.
Bahot ho gaya ek tarfa kanun. Bahot ho gaya. Enough is enough now we want justice for men.. Women, please stop missuse of law, courts, please stop cruelty by adopting one sided false jurisprudence
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो
डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा
सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो
सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए
पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
केवल चेतावनी से कुछ नही होगा कानून को खत्म करो जिस कानून का दुरुपियोग रोकने में असमर्थ है सुप्रीम कोर्ट।
बड़े बड़े न्यायाधीश, नेता और अमीर व्यक्ति तो बच जाएंगे सामान्य पुरुषों का क्या होगा।
बेंगलुरु का सभी पुरुष समाज बाहर आयें अतुल सुभाष को न्याय दिलायें।
सुप्रीम कोर्ट चेतावनी देता रहेगा होगा कुछ भी नही जिन कानून का दुरुपयोग हो रहा है उसे या तो खत्म करो या फिर उसका दुरुपियोग् करने वाले मुविकल और वकील दोनो पर सख्त से सख्त कार्यवाही का प्रावधान हो ।
Justice For Atul🙏🙏🙏🙏
उनका बलिदान व्यर्थ न हो..
नहीं तो,,आज भी उनके जैसे केसेस पुरे भारत मे चल रहे है..
कडक कानून लगना जरुरी है 🙏🙏
टिप्पणी करने से काम नहीं चलने वाला है अब।
Common citizen ke khilaaf 3 crore + 80,000 per month ka punishment & judge ke khilaaf sirf TIPPANI. Judiciary is the biggest Mockery in this country
@@im_voldemort ऐसे जज तो टोल नाके पे ही रखणे लायक है
😅@@rajeshkulkarni759
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो
डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा
सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो
सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए
पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
चेतावनी नही बदलाव जरूरी है
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो
डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा
सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो
सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए
पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
टिप्पणी करने से कुछ नहीं होगा सुप्रीम कोर्ट को लॉयर कोर्ट ही है सुप्रीम कोर्ट। पुरुष आयोग बनाना बहुत जरूरी है सरकार को
देशके सब कानून पुरुष के खिलाफ है. पुरे देशभर आंदोलन होना चाहिए. पुरुष आयोग की बहोत जरुरत है.
चेतावनी से क्या होगा ये धारा रद्द कर देनी चाहिए😢
❤ 100 % Correct
सही कहा आपने
अगर पत्नी को गुजारा भत्ता और एलिमोनी चाहिए तो पत्नी जो काम और जिम्मेदारी पति के साथ रहते हुए निभा रही थी वो अब भी उसे निभानी चाहिए| पत्नी में कामचोरी और लालच ये दो गुण होते है जिससे पति पर फर्जी केस किए जाते है
अलग होने के बाद पति तो अपना कर्तव्य पत्नी का खर्च उठाकर पूरा करता है लेकिन पत्नी अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्य पूरे नही करती है, इस कानून के कारण पति को दोगुना ठगा जाता है उसके काम नहीं करने लेकिन उसके पैसे की भीख चाहिए
गुजरा भत्ता और एलिमोनी का कानून बंद होना चाहिए ये कामचोरी को बढ़ावा देता है
केवल टिप्पणी!
क़ानून में बदलाव की ज़रूरत हैं
इतना ही चिन्ता है तो सुप्रीम कोर्ट इस कानून को भंग क्यूं नहीं कर देता
बेंगलुरु में पुरुष समाज बाहर आयें और अतुल सुभाष को न्याय दिलायें,
अभी नहीं तो कभी नहीं।
Bhai Atul Subhash Bihar ke samastipur dist ka tha
Bengaluru me job karta tha
बैंगलोर में नहीं......पूरे देश में करना होगा
Bhai purush samaj keval banglore m hi rhta hai kya
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो
डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा
सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो
सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए
पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
क़ानून जितने मर्जी बना लो ज़ब तक नारको टैस्ट जरूरी हो जाये और जो भी मुज़रिम हो उसे कड़ी सजा मिले और जो गलत मुकदमा करें उसे कड़ी सजा हो
वाह, एक खुबसूरत न्यायिक फैसला, भारतीय परिवेश में दहेज को लेकर उत्पीड़न का झुठा आरोप अक्सर किसी परिवार के बिखराव का कारण बनता ही जा रहा था, माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय वैवाहिक कानुनों के दुरुपयोग को रोकने में मील का पत्थर साबित होगा ❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉, जय महाकाल।
ग़लत केस दर्ज करना अपराध बनाना चाहिए पांच साल जेल बिना बेल और पांच लाख जुर्माना भी सबको राहत मिलेगी
टिप्पणी और चेतावनी का कोई मतलब नहीं है, काफ़ी दिनों से सुन रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट जाते जाते पति बर्बाद हो जाता है , सालों से ट्रायल तो झेल ही लेता है,
सिर्फ चेतावनी ही दे सकते है सुप्रीम कोर्ट 😂😂😂😂
Court aur judges and lawyer ki kamai band ho jayengi 90% divorce yahi log karate hai
Supprm cort ka hi ik judgment h pati cori Kara per mantanace dana hoga y ik judgment Aaj Tak k sabi jujment per bhari padta h ....
Supreem cort is nothing
Advocate ki hi ladki ko samjata h madam itna dilauga usma sa mara itna
भाई लोग दहेज प्रथा और गुजारा भत्ता एलिमोनी कानून को बंद करने के लिए सभी लोग पत्र लिखकर PMO ऑफिस भेजो
डेली 300 पति मर रहे है और मरते रहेगें ऐसे कुछ नहीं होगा
सभी लोग इस लॉ को बंद कराने पत्र भेजा और रोड पर उतरो जैसे निर्भया के लिए दिल्ली में उतरे थे अब अपने लिए उतरो
सरकार सिर्फ महिलाओं के लिए कानून बनाती है बिना कुछ किए
पत्नी के सारे फर्जी केस फ्री में मिलने वाले पैसे के लिए होते हैं
पुरुष आयोग बनना चाहिए
इस पर दोनों पक्षों को नार्को टेस्ट होना जरूरी
फैसला कुछ भी नहीं लेंगे कि क्या इसमें बदलाव आए बस टिप्पणी करते रहेंगे और ऐसे ही अतुल जैसे कितने ही इस धारा का शिकार हो चुके है और आगे ही होते रहेंगे
Same...mai भी ओ ही बोल रहा है..ऐसे कानुन मे पूर्णतः बदलाव जरुरी है.. ऐसे कानून बंद होना जरुरी है..पत्निया दुरुपयोग करती है...
पुलिस को आर्मी रूल के तहत सजा होनी चाहिए अगर पुलिस गलत करती है.
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन की अनदेखी कर झूठा मुकदमा बनाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं केवल चेतावनी क्यों।
कोर्ट ही परिवारों को तोड़ ही नहीं रहा है, बल्कि निर्दोष पति और उसके परिवार को जीने नहीं दे रहा है
पुरुष न्याय आयोग बनाना चाहिए
अतुल भाई साहब को न्यायमिलना चाहिए
Justice for Atul
आधे केस पुलिस खत्म कर सकती हैं पर कमाई यही से शुरू होती हैं गिद्ध लूट हर पायदान पर
पहले पुलिस फिर वकील और कोर्ट्स पूरा सिस्टम लूटने बैठा है । मैंने कोर्ट में सुना है कि सब बिज़नेस है वो भी एक जज के मुँह से । सब मिलकर फेमिनिस्ट के हक़ में फ़ैसला सुनाते हैं ।
Those who misuse should be arrested..
टिपण्णी कर दी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने लेकिन इसका समाधान क्या जानता निकालेगी।
झूट केस दर्ज करणा उस झूट पर पैसे के लिये कोर्ट का उपयोग करणा इस पर भी शिक्षा मिल नि चाहिये
जिस न्यायाधीश ने घुस मांगी और कार्रवाई ठीक से नहीं की उसको भी जेल होना चाहिए
उनका बलिदान व्यर्थ ना हो मेरी यही गुजारिश है जो हम 498 का उपयोग एक हथियार की तरह कर रही है उसमें पाबंदी किया जाए और सबसे पहले रिपोर्ट के पहले उनकी निष्पक्ष जांच कराई जाए कि क्या यह सही है या गलत है
समाज में बहुत इससे गलत काम हो रहा हैं। समाज में शादी रिश्ता का महत्व नहीं रहा हे।
केवल चेतावनी क्यों कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे है माननीय सुप्रीम कोर्ट के।
भारत में पुरुष आयोग बनाया जाए तुरंत।
सब झूठ है Sc की कोई नहीं सुनता, न high कोर्ट न ही फैमिली कोर्ट, जज बोलते हैं, sc का ऑर्डर sc में चलाना यहाँ नहीं
Agreement banawa Lo shadi se pahle Bharat me valid nahi hai Lekin 90% Tak aapko help milegi usme likhwa lo maintenance/alimony nahi dege
Ladki agar berojgar hai to likha lo coaching se aur part time me silayi se apna kharch chalati hai
Yadi naukri wali hai to likha lo ladki ki job hai khud alag hone par apna kharch chala legi
Sabhi ladke banwane lago jab bahut case court me jayege to ise legally vaidhya mil jayegi
Court aise agreement ko nahi manega ye dharna na banao
इनके ऑर्डर नही मानते पुलिस चेतावनी कौन मानेगा 😃😃😃😃 अब तक कितने झूठे दर्ज करवाने वाले को सजा हुई
सरकार को एक आसान सा कानून बनना चाहिए। जब मियां बीवी की नहीं बनती, आपस में नहीं रहना चाहते। उनको एक सैंपल सी डाइवोर्स की कॉपी दी जाए। उसमें कोई लेनदेन कोई पैसे का भी नहीं होना चाहिए।
सही कहा
जो सरकार चला रहे हैं उनकी खुद की ही नहीं है वह क्या जाने मर्दों के दर्द को😮😢
धरातल पे आकर तो देखना तो नहीं है बस टिप्पणी करना है
Justice is Due
एक तरफ महिला को पुरूष के बराबर हक़ दिया गया है वहीं 498 में महिला के पास एकतरफा हक दे कर संविधान का मज़ाक बनाया है। इसे बंद करो या झूठे केस करने पर सख़्त सज़ा का प्रावधान करो।
टीपी करने से कुछ नहीं होता आज कानून में
बदलते की जरूरत है
होनी चाहिए। चेतावनी दी। किया कुछ नहीं। यह कोर्ट है?
कोर्ट गलत को दंडित नहीं करे इसे क्या कहा जाए।
पुरुष आयोग नहीं बना तो चेतावनी का क्या अर्थ, सुप्रीम कोर्ट को अतुल सुभास का केस नहीं दिखा
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की बात जिला कोर्ट मानती नही है??🤔🤔
U r right
टिप्पणी करने से काम नहीं चलेगा, ये क़ानून ही खात्मा करने की जरूरफ है.
कानून भ्रष्ट है जज के सामने रिश्वतखोरी होता है तो कौन सा कानून
जब सुप्रीम कोर्ट सब कुछ जानते हैं तो कानून में बदलाव क्यों नहीं ला रहे हैं बंद करो 125 फिर दर्ज होने से पहले कैसे की जांच हो
एक नया कानून बने
कोई औरत दहेज प्राताडना आरोप लगाये उसमे
जाच बैठे जो झूठा हो
लडका हो या लड़की
उस पर मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाय
और १ लाख रुपये १ साल कारावास
तो कोई झूठा केस नहीं करेगा
19 crore jurmana ho jutha cases mein
Tippani se kya hoga , jo judge hai usko arrest karo , nikita singhania , uski maa aur bhai k bhi arrest karke jail mey dalo
All are corrupt ,no action will be taken.
After 2 month everyone forget.
Usko bi kuch shar mil raha hoga tabi tho kah rahi thi ki Etna paysa to dayna padyga
Tumhare kehne se khud mra hai muhh chupane ke dar se ilzaam bibi par
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी दहेज प्रथा कानून पर संशोधन होना चाहिए एक कानून कांग्रेस पार्टी के बने हुए हैं सिर्फ हिंदुओं पर ही लागू होता है यह कानून दहेज प्रथा झूठ कैसे लगाए जाते हैं
मोदी खुद सेक्शन 69 अलग से लाया फीमेल के लिए
सब फेमिनिस्ट है नेता जितने भी है
@@Parsotam-c3g these are old law's tenure of congres Kapil sibal is responsible for this old law's
Arrest Karo
Save Son save men
किसी भी केस की सीमा होनी चाहिए तरीक पर तरीक नहीं
सुप्रीम कोर्ट सिर्फ आलोचना करने के लिए ही बना हुआ हो ऐसा लगता है अन्यथा इस धारा को कबसे असंवैधानिक घोषित कर दिया होता।
सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं किया तो समाज में। बहुत बड़ा बिगाड़ हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने ही 12 करोड़ दिए
पति का काम करना नही लेकिन उसके पैसे चाहिए
चेतावणी से कुछ नहीं होगा.. क्या सचमे कोई स्टेप्स उठाये जायेंगे 😌
अगर पत्नी को गुजारा भत्ता और एलिमोनी चाहिए तो पत्नी जो काम और जिम्मेदारी पति के साथ रहते हुए निभा रही थी वो अब भी उसे निभानी चाहिए| पत्नी में कामचोरी और लालच ये दो गुण होते है जिससे पति पर फर्जी केस किए जाते है
अलग होने के बाद पति तो अपना कर्तव्य पत्नी का खर्च उठाकर पूरा करता है लेकिन पत्नी अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्य पूरे नही करती है, इस कानून के कारण पति को दोगुना ठगा जाता है उसके काम नहीं करने लेकिन उसके पैसे की भीख चाहिए
गुजरा भत्ता और एलिमोनी का कानून बंद होना चाहिए ये कामचोरी को बढ़ावा देता है
ये 100% सत्य हैं कि पुरुषों पर झूठे केस कर के बहुत ही अन्याय अत्याचार हो रहा हैं, जल्द से जल्द पुरूष आयोग का भी गठन हो 🙏🙏🙏
कोर्ट है या हज्जाम ,दंड कौन देगा अपराधी को,चेतावनी आयोग का गठन होना चाहिए जिसमें पुलिस,कोर्ट के मेंबर नहीं हो
अब आदमी तो चला गया हैं बाकी हैं क्या
सजा बाकी है
आदमी चला गया..लेकीन बाकी आदमीयोंका अतुल सुभाष तो नहीं होगा ना....
@dhandattakulkarni9098 sc का बेटा थोड़ा मरा है , sc का घर थोड़ी उजड़ा है, sc ने तो लोगों के घर उजाड़े हैं
चेतावनी😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
अपने जज पर भी कुछ कहो। घूसखोरी से कब तक अपना घर चलाएंगे।
जिस दिन 498 A की रिपोर्ट को गलत पेश करने पर जांच अधिकारी को सजा मिलनी शुरू हो जाएगी बहुत कुछ बदलाव देखने को मिलेगा
जो सिस्टम का उत्त्पीड़न है वो कोर्ट क्वू नहीं संज्ञान मे ले कर बात कर रहा दूसरा जो जज पैसे मांग रही थी उन पर कार्यवाही क्यो नहीं हो रही
जजों की कमाई का सोर्स है , ये कानून ।
India ki court kachhari mein 498 406 mahilaon ka aatankwad chal raha hai aur misuse ho raha hai
जो जज अपने नीचे बैठे ऑर्डली, पेशकार को रिश्वत लेने से नहीं रोक सकता वो क्या करेगा
जिस दिन से डिवोर्स फाइल दख़ल की है उसे दिन से 2 साल में डिवोर्स होना चाहिए नहीं हुआ उसे टाइम में तो जज को पनिशमेंट मिलनी चाहिए
उचित निर्णय सर्वोच्च न्यायालय का आपके चैनल को भी आभार खबर दिखाने के लिए
Justic for atul subhash 😢😢498a ka misuse ho rha.
चेतावनी की बात नाटक है
498A Dv aur 125 Law band hona chahiye
98% Ladies 498a,125, domactic voilance ka misuse kr rhi hai.
मैनटेनेंस(पैसे) देने का कानून फर्जी मुकदमो की जड़ है??🤔🤔🤔🤔
Ye dhara rad honi cahiye sir
धारा 498 महिला पीड़ित है तो महिला की सुनवाई हो और पुरुष पीड़ित पुरुष की सुनवाई हो डिसीजन एकदम दो या तीन जज की बेंच फैसला सुनाया पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट भी जाए पक्ष दोनों का सुनना चाहिए पीड़ित पक्ष जो भी हो उस न्यायमिलना चाहिए
Sabhi peedit arthik roop se etane majbut nahi hote ki wo suprim court tak pahuch sake
Parwarik mamale bahut hi senstiv hote h ,rishte nibhana asan nahi hota , ye sanskar hume beti aur beta dono ko dena chahiye tabhi rishte chal sakate , hai
अगर पत्नी को गुजारा भत्ता और एलिमोनी चाहिए तो पत्नी जो काम और जिम्मेदारी पति के साथ रहते हुए निभा रही थी वो अब भी उसे निभानी चाहिए| पत्नी में कामचोरी और लालच ये दो गुण होते है जिससे पति पर फर्जी केस किए जाते है
अलग होने के बाद पति तो अपना कर्तव्य पत्नी का खर्च उठाकर पूरा करता है लेकिन पत्नी अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्य पूरे नही करती है, इस कानून के कारण पति को दोगुना ठगा जाता है उसके काम नहीं करने लेकिन उसके पैसे की भीख चाहिए
गुजरा भत्ता और एलिमोनी का कानून बंद होना चाहिए ये कामचोरी को बढ़ावा देता है
Totally miss use Kiya ja raha hain 498 A ka
Supreme court ne sansad main 498A restructuring k liye kehna chahiye government ko
Supreme court khud hi itna shakti sampann hai ki kanoon mei jo ghatiya provision ha usko scrap kar de
धारा ही रद्द करो ना 😢😢😢😢😢
पुलिस वाले जांच पड़ताल नहीं करते हैं सिर्फ महिला को देखकर उनका रिपोर्ट दर्ज कर लेते हैं उनके बदले में पुलिस वाले मजे भी लेते हैं घुमाते फिराते है क्योंकि पुलिस वाले को पता रहता है कि झुठा रिपोर्ट दर्ज करना है
Strong men commission needed 😡😡😡
Main culprit is law 498A
Just abolish it to get justice for everyone.
अभी तक चैतावनी ही दी है 😂😂😂
चेतावनी से कुछ नहीं हुवा है अब तक... नारको पॉलिग्राफी और ब्रेन मैपिंग की अनिवार्यता का कानून लाया जाना चाहिए...😢😢😢
और पुरुष आयोग का गठन होना चाहिए...
Sirf tippni se kuch ni hoga.. maintance law khatm kro...
पुलिस जांच करेगी❓❓❓🤣🤣👌👌👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏
पुलिस पैसे खा के कुछ भी केस बना देती हे......
Han Purush Aayog Banna chahie
Bahoot khushi ki baat hai👏👏
बहुत सही है कहा आपने आप का बहुत-बहुत धन्यवाद सर जी
Pure misuse kr rhi h female, every sector kuch ho to case me fsa de isse ki log ki life brbaad ho rhi h isliye kanoon le changing ho pehle investigation ache se ho fir glt paye jane krwae isliye Supreme court ko action Lena chahiye
जब आदमी मर जाता है तब धारा रद्द क्यू होती है ये पहले क्यू नही huwa ..
अब तो SC भी कॉमेडी करने लगी है😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Yess
रण्डी ही तो है सुप्रीम कोर्ट,
सबसे ज्यादा भ्रष्ट तो खुद सुप्रीम कोठा है😁😁😁
498a ko reject karana chahiye....
सबसे पाहिले फॅमिली कोर्ट बंद होणे चाहिये. और जादा पैसे वाले मत चार पाच अभेअर अरे. माँ बाप कै सेवा कै लिये नर्स रखे.बॅचचे शेरोगाशी पैदा करे. पर शादी ना करे. क्यू कि ये सब मामले अपर मिडील क्लास और अमिरो मे जादा होते है. गरिबो कै पास खुच होताही नाही तो बीबी मागेगी क्या. घंटा 😅
यह मामला अभी तक सोशल मीडिया पर ही दिखाया जा रहा है। नैशनल टीवी चैनल्स अभी तक चुप है, जो कि एक दुर्भाग्यपूर्ण है l सभी को मिल कर इस व्यवस्था के विरुद्ध सड़कों पर उतरना होगा।
आप सही हैं हमें एक जुट होना होगा
TV channel walo se bkwas kitni hi krwa lo
@@devendersingh-x6s sabko ek ek jut hona hoga
आज हम सब पती logonko एकजूट होने की जरुरत है..
@@dhandattakulkarni9098 भाई सब लोग सिर्फ बोलते है, सरे लोग मिलो एक ग्रुप बनाओ फ़िर देखो आनंद