Jai Mata Di नमस्कार मंतोष जी , बहुत अच्छी वीडियो है आपकी ! आपसे अनुरोध है की आप शिक्षक को नयी नियामवली पर एक चर्चा करे और हो सके तो विरोध कर रहे नियोजित शिक्षकों से बात करे
इस मंदिर का निर्माण हुस्सेपुर राज्य के शासक महाराजा बहादुर युवराज शाही ने सन् 1715 ईस्वी में करवाया था। उसके पहले यहां घना जंगल हुआ करता था। अफगानों के साथ युद्ध के दौरान एक दिन रात्रि में हुस्सेपुर राज्य के शासक इस जगह पर अपनी सेना के साथ रूके थे। माता ने महाराजा बहादुर युवराज शाही को स्वप्न में स्वयं के यहां होने की बात बताई थी उसके बाद महाराजा ने सारण क्षेत्र में हमला करने वाले अफगानो को मारकर विजय प्राप्त किया था। महाराजा ने उस स्थान पर खुदाई करवाया जिसके बाद मां दुर्गा की एक मूर्ति प्राप्त हुए, उस मूर्ति को महाराजा ने उसी स्थान पर स्थापित करके एक मंदिर का निर्माण करवाया जिसे थावे माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। जय मां थावेवाली 🙏🙏
Jay ma thawe wali
जय माता दी
Jai Ho thawe wali Mata ki
Jai maa
Jai mata di
Jài ma bhwani namskar mantosh bhaiya
❤ jai mata ji ❤❤🎉🎉🙏🙏😘😘
Jay Matadi 🙏🙏
Jai shree Ram
जय माँ भवानी
Jay maa thewewali❤❤❤❤❤
E kahani pahile bhi dikhaya or bataya tha
Jai Mata Di नमस्कार मंतोष जी , बहुत अच्छी वीडियो है आपकी !
आपसे अनुरोध है की आप शिक्षक को नयी नियामवली पर एक चर्चा करे और हो सके तो विरोध कर रहे नियोजित शिक्षकों से बात करे
Jay mata di dosto
इस मंदिर का निर्माण हुस्सेपुर राज्य के शासक महाराजा बहादुर युवराज शाही ने सन् 1715 ईस्वी में करवाया था। उसके पहले यहां घना जंगल हुआ करता था। अफगानों के साथ युद्ध के दौरान एक दिन रात्रि में हुस्सेपुर राज्य के शासक इस जगह पर अपनी सेना के साथ रूके थे। माता ने महाराजा बहादुर युवराज शाही को स्वप्न में स्वयं के यहां होने की बात बताई थी उसके बाद महाराजा ने सारण क्षेत्र में हमला करने वाले अफगानो को मारकर विजय प्राप्त किया था। महाराजा ने उस स्थान पर खुदाई करवाया जिसके बाद मां दुर्गा की एक मूर्ति प्राप्त हुए, उस मूर्ति को महाराजा ने उसी स्थान पर स्थापित करके एक मंदिर का निर्माण करवाया जिसे थावे माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। जय मां थावेवाली 🙏🙏
Jai mata di