ॐ नमः।अति उत्तम सार्थक व्याख्या करते हुए विषय को समझाया गया है।वेदों की वैदिक धर्म संस्कृति की जय।सर्वेभ्यो सादर नमन।मानसिंह धीमान गोविंदपुरम गाजियाबाद से।
शास्त्रार्थ बहुत आवश्यक हैं जिससे जन साधारण, धर्म के वास्तविक स्वरूप को समझ सकें और ये जो बहुत सारे धर्म के झगड़े हैं वे मिट सकें . आर्य समाज के विद्वान हमेशा प्रमाण के साथ बात करते हैं ये बहुत अच्छी बात है और होना भी यही चाहिए.
चारों वेदों में ईश्वर को निराकार ही बताया गया है समस्त शास्त्र और उपनिषदें भी ऐसा कहते हैं अधिकतर लोग निराकार और साकार की चर्चा बहुत करते पौराणिक लोगों को कितना ही तर्क युक्त समझाओ किंतु ईश्वर को साकार ही मानेंगे क्योंकि साकार से ही उनकी जीविका चलती है। जब कि निराकार और साकार को समझना बहुत कठिन नहीं है जैसे मनुष्य की आत्मा निराकार है और उसका शरीर साकार है उसी प्रकार परमात्मा निराकार है और उसका प्रकृति शरीर साकार है। क्योंकि परमात्मा प्रकृति के भीतर भी व्यापक रूप में स्थित है। जैसे शरीर के अंदर मनुष्य की आत्मा स्थित है।
18:31 ....23we adhyay ka 9wa mantra ni 19wa mantra hai* ( me bs correct kr ra hu baki meri kuch aukat ni inn logo ko correct krna ego hurt huya ho toh maafi🙏🏻 )
Wah sab jagah hote hue bhi kahi bhi aa aur Jaa sakta hai..isliye wah sarv shaktimaan hai...tum log use jeev ki tarah Maan lete ho ki waha gya toh yaha kaise rha..yahi tumhari bhul h
podium पे कौन मूर्ख है पहले स्वयं विषयांतर करके सायण को लाया और जब सुनाने लगे तो कह रहा अर्थ नहीं सुन जाएगा, mediators अपनी पक्षपात को छुपाने की कोसिस भी नहीं कर रहे लमाओ
सर्वशक्तिमान है तो क्या वो आकाश में पुष्प खिला सकता है? क्या वो गोलाकार त्रिभुज बना सकता है? क्या वो बांझ को पुत्र पैदा करवा सकता है? चक्रांकितों के तर्क वाकई हास्यास्पद होते हैं।
E baat aapko parampita parmatma ne khud batai hai ya e baat sarswati dayanand ji ki hai, matlab kuchh bhi ho jaye khud hi khud sresth kahna hai, ved ke alaw bhi dharam granth hai, hum christian, islam, etc ko nahi mante jo uske jaise ek hi granth ko mane or sb ko na mane
ये उनको समझाओ जो वेदो अखिल धर्म मूल ,अर्थात वेद ही समस्त धर्म का मूल हैं, ऐसा व्याख्यान दे प्रथम रहे, उनसे कहो अन्य ग्रंथो में भी धर्म है ऐसी बात वे क्यूँ कर रहे. रही बात इस्लाम या क्रिश्चियन की वे बाद में हैं वेद उनसे पहले हैं वे यदि निराकार और एक ग्रंथ पर विस्वास लाए हैं तो इसकी शुरुआत उन्होंने नहीं हमने की है.
कृण्वन्तोविश्वमार्यम
Arya samaj Amar rahe...🙏🚩🇮🇳
I will remain indebted to Maharshi Dayanand Saraswati and Arya Samaj till my mast breath.
ॐ नमः।अति उत्तम सार्थक व्याख्या करते हुए विषय को समझाया गया है।वेदों की वैदिक धर्म संस्कृति की जय।सर्वेभ्यो सादर नमन।मानसिंह धीमान गोविंदपुरम गाजियाबाद से।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
शास्त्रार्थ बहुत आवश्यक हैं जिससे जन साधारण, धर्म के वास्तविक स्वरूप को समझ सकें और ये जो बहुत सारे धर्म के झगड़े हैं वे मिट सकें . आर्य समाज के विद्वान हमेशा प्रमाण के साथ बात करते हैं ये बहुत अच्छी बात है और होना भी यही चाहिए.
पोप मंडली को ये क्या हो गया, अपना पारंपरिक भाष्य सुनने तक की क्षमता खो बैठे
दुखद है किन्तु सत्य है
Satya kadwa hota hei
वाह रे वाह निर्णायक मंडली।जो सगुणनिर्गुण और साकार निराकार एक ही समझते और समझाते हैं।ऐसों के हाथ से कभी निर्णय निस्पक्ष हो ही नहीं सकता है।
Jo keval tumhare paksh me bol de wo nispaksh ho jayega ...wah re soch
Bahut sundar vyakhya
पुराण केवल कमाने वाले को कमाने का साधन बनाने वाला है वेद सत्य है
@@khantwalanish4264 तेरी इस बात का प्रमाण कहां है?
मूर्खों के लिए मौन ही शोभनीय है।
Khuli chunauti vo kabhi nahi swikar karenge 😂
चारों वेदों में ईश्वर को निराकार ही बताया गया है समस्त शास्त्र और उपनिषदें भी ऐसा कहते हैं अधिकतर लोग निराकार और साकार की चर्चा बहुत करते पौराणिक लोगों को कितना ही तर्क युक्त समझाओ किंतु ईश्वर को साकार ही मानेंगे क्योंकि साकार से ही उनकी जीविका चलती है।
जब कि निराकार और साकार को समझना बहुत कठिन नहीं है जैसे मनुष्य की आत्मा निराकार है और उसका शरीर साकार है उसी प्रकार परमात्मा निराकार है और उसका प्रकृति शरीर साकार है। क्योंकि परमात्मा प्रकृति के भीतर भी व्यापक रूप में स्थित है। जैसे शरीर के अंदर मनुष्य की आत्मा स्थित है।
पौरानि को . का मत बैदिक नहीं काल्पनिक है।
आप की इस बात का कोई आधार है?
एक मंत्र ने धुंआ उठा दिया
Maidhar ka bhasya sun kar rone lage paramparaprapt chapri😂
😂😂😂😂😂😂
Vijeta kaun hua tha.
@@DzienrR parampara wale hue the newspaper me bhi chapa tha
@@prakharsharma8957 to arya samaj kyu khush ho rahe hai😂
@@DzienrR jhoot bol rahe hai
Ye sun ke mere bhut sare mitr arya samaji bn gye hain
🙏🙏🙏🙏
Good 👍🏻
aap usi shehar se hai kya ?
इसमें आपका भी प्रयास अवश्य होगा उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद
आपको सही रस्ते रूपी सामाजिक श्रेष्ठ समाज यानि आर्य समाज में जाने में क्या दिक्कत आ रही है।। आप भी अपने साथियों के साथ जाइए।।। ओ३म।।।
Namaste
मेरी तो यह मान्यता है की पुराण जहा तक वेद से सहमत हैं तब तक स्वीकार्य है।
Sher ki tarah kaha khuli chunauti hai paramparaprapt chapriyon ko😂
Chapri anarya har ne ka baad kesa lag raha ha😹
@@ramanujadasa121dikh gya kon hara hai
@@Namaste-up9tg check karle pehla😹
@@ramanujadasa121 krliya 😂
Om namste
18:31 ....23we adhyay ka 9wa mantra ni 19wa mantra hai* ( me bs correct kr ra hu baki meri kuch aukat ni inn logo ko correct krna ego hurt huya ho toh maafi🙏🏻 )
19 वा मंत्र ही है। शीघ्र पढ़ने व लिखने में आचार्य जी त्रुटि हुई होगी।
रस्सी जल गई पर बल नहीं गया 😅
खुली चुनौती 😲
Kya ishwar non physical hai?
Saryataa ki janch puran aur Ved men kaun suddh gyan hai yeh jaanna hoga
🚩🙏
Manusayvat agne mahan narvat indiar to bhagwan niarakar kaise
Ye तिलक bale क्या kh रहा हे आएगा कहा से जो सब जगह हे उसे आया गया कहना ही मूर्खता हे
Wah sab jagah hote hue bhi kahi bhi aa aur Jaa sakta hai..isliye wah sarv shaktimaan hai...tum log use jeev ki tarah Maan lete ho ki waha gya toh yaha kaise rha..yahi tumhari bhul h
Is sastrarth mian bhi porani mandali. Ki aur nirnay karne wale chhal kar rahe hai ya avdya main fase huan hai
Arya samaj hi Ishwar ko Vidyut vitran ke anusar Manyata hai aur Anya koi koi samprday vadi Ishwar ke Swaroop ko nahin jaanta hai
podium पे कौन मूर्ख है पहले स्वयं विषयांतर करके सायण को लाया और जब सुनाने लगे तो कह रहा अर्थ नहीं सुन जाएगा, mediators अपनी पक्षपात को छुपाने की कोसिस भी नहीं कर रहे लमाओ
पौराणिक ऐसे ही होते है।
गणानां त्वाम् मंत्र का महिधर भाष्य को समझने की क्षमता स्वयं दयानंद जी में भी नहीं था!
@@nkmeena1249 आप समझा दिजिए
@DharmaSamratOffcial बंदरो को अदरक के स्वाद का क्या पता चलेगा
@ इसी प्रकार पौराणिको को वेद के अर्थ का क्या पता चलेगा?
@@DharmaSamratOffcial मेने तो आप को बोला है आर्य समाजी क्या बताएंगे vedo का अर्थ अदरक का स्वाद आपको नही पता आप तो केले खाओ
@@sandeepchhapola आर्य ही वेद को जानते है।
18:20 ye hein haal inke iss se jyada kya kahe :(
Anarya yahi karte ha
Mic band karo 😂
🤣🤣satya bolo to mic band karwa do
सर्वशक्तिमान है तो क्या वो आकाश में पुष्प खिला सकता है? क्या वो गोलाकार त्रिभुज बना सकता है? क्या वो बांझ को पुत्र पैदा करवा सकता है?
चक्रांकितों के तर्क वाकई हास्यास्पद होते हैं।
अति हास्यास्पद
क्या कुतर्क कर रहे हो।
ध्यान रहे कुतर्की खुद अपनी ही बात मैं फंस जाता है।
Vayi ye debate hai?? Chii Jb Bhasya sunane lage prabhu ji toh sbne rok liya unhe lol😂 sharam aane lagi kya fairy tales ki kahanio wale pauranico ko😭
आर्य समाजी को जहाँ जरूरत पडती है वहाँ तुलसीदास जी की मानस की शरण ग्रहण कर लेते हैं वरना तुलसी की मानस को तो दयानंद जी ने नकार दिया था
@@nkmeena1249 उसे उष्ट्रलष्टिकान्याय कहते है
मंत्र का सायणाचार्य भाष्य में ऐसा कही नही लिखा और महीधर का भी वह तात्पर्य नहीं था जैसा यह पेश कर रहे हैं
@@nkmeena1249 निःसंदेह महीधरने यही लिखा है
E baat aapko parampita parmatma ne khud batai hai ya e baat sarswati dayanand ji ki hai, matlab kuchh bhi ho jaye khud hi khud sresth kahna hai, ved ke alaw bhi dharam granth hai, hum christian, islam, etc ko nahi mante jo uske jaise ek hi granth ko mane or sb ko na mane
वेद धर्म का मूल है और जो वेदविरुद्ध है वह त्याज्य है।
ये उनको समझाओ जो वेदो अखिल धर्म मूल ,अर्थात वेद ही समस्त धर्म का मूल हैं, ऐसा व्याख्यान दे प्रथम रहे, उनसे कहो अन्य ग्रंथो में भी धर्म है ऐसी बात वे क्यूँ कर रहे. रही बात इस्लाम या क्रिश्चियन की वे बाद में हैं वेद उनसे पहले हैं वे यदि निराकार और एक ग्रंथ पर विस्वास लाए हैं तो इसकी शुरुआत उन्होंने नहीं हमने की है.
Mera comment kyu delete kar diya ,sharma ki maa ka....@@DharmaSamratOffcial
मन्त्र तो आता नहीं शुद्ध पढ़ना