ये दुनिया किसने बनाई? ईश्वर, भगवान, या असली बात कुछ और है? || आचार्य प्रशांत, अष्टावक्र गीता (2024)

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 381

  • @ShriPrashant
    @ShriPrashant  4 หลายเดือนก่อน +364

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    • @VishnuKumawat-d3x
      @VishnuKumawat-d3x 4 หลายเดือนก่อน +30

      Aacharya ji is video ka part 2 laiye
      Jisme hame finally kya Krna chahiye, clear ho ske
      Vese thoda bhut clear to huva hai par confusion bhi h is video me

    • @ShivamGavali-s7l
      @ShivamGavali-s7l 4 หลายเดือนก่อน

      @@VishnuKumawat-d3x आप सत्रों से जुड जाइए , आपको सब समझ में आ जायेगा, सत्रों से जुडने के लिए link ऊपर ही है 🙏🙏

    • @exploringall71
      @exploringall71 4 หลายเดือนก่อน +9

      Acharya ji ko pranaam! mera ek hi prashn hai jabse maine us video ki hinsakta ko dekha , main baar baar us zebra ki jagah apne aap ko dekh rha hoon uski jivit avastha mein hi aisi haalat dekh kar main thoda bhaybhit sa ho gya hoon acharya ji kripaya maargdarshan dein!

    • @dilrajkumar-jb8gk
      @dilrajkumar-jb8gk 4 หลายเดือนก่อน

      ❤❤❤❤❤

  • @susheelkumarsantoriya6125
    @susheelkumarsantoriya6125 4 หลายเดือนก่อน +115

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्
    हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं ईश्वर आचार्य जी को स्वस्थ और दीर्घायु जीवन दे
    🙏🙏🙏 💐💐💐

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +194

    वेदों में शुरुआत होती है प्रकृति की पूजा से और अंत होता है प्रकृति से मुक्ति पर।

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +21

    प्रकृति ही ईश्वर है आचार्य जी❤❤

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +122

    जिनका अहंकार पर बहुत विश्वास होता है, वो बाहर वाले ईश्वर पर चलते हैं और जो सत्य के पारखी होते हैं, वो भीतर वाले ईश्वर पर चलते हैं। भीतर वाले ईश्वर को ही आत्मा कहते हैं।

  • @dnyaneshwarkadam6795
    @dnyaneshwarkadam6795 4 หลายเดือนก่อน +42

    सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद

  • @asingh017
    @asingh017 4 หลายเดือนก่อน +98

    आचार्य जी इस युग के संत हैं।🙏सभी लोग केवल सुने नहीं,जीवन में भी उतारें,तभी फ़ायदा होगा।
    यथा संभव दान💸 करें।🫵कौन-कौन चाहता है आचार्य जी का चैनल 100✓Milion का हो।🥰

  • @ramkanya9516
    @ramkanya9516 4 หลายเดือนก่อน +32

    कोई नहीं मेरा जरूरत तेरी
    लागे ना जिया देखूं ना जो सूरत तेरी
    तू है तो दिल धड़कता है, तू है तो सांस आती हैं
    तू ना तो घर घर नहीं लगता, तू है तो डर नहीं लगता
    तू है तो गम ना आते हैं, तू है तो मुस्कुराते हैं..!
    Love you acharya ji 🙏🌍😢❤❤❤
    तू और तेरी जैसे शब्दों के लिए क्षमा 🙏🙏

  • @priyankathakur7891
    @priyankathakur7891 4 หลายเดือนก่อน +83

    कबीर कुत्ता राम का, मोतिया मेरा नाम।
    गले राम की जेबरी, जित खिंचे तित जाऊं।।
    संत कबीर जी ❤

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +71

    जगत जीव से है और जीव जगत से
    ये दोनों एक - दूसरे पर परस्पर आश्रित हैं।

  • @arushi816
    @arushi816 4 หลายเดือนก่อน +20

    प्रणाम अचार्य जी 🙏🙏🙏🙏

  • @Imortexm
    @Imortexm 4 หลายเดือนก่อน +40

    स्वयं को जानना ही भगवतता को प्राप्त करना है, वह कोई उपाधि, नहीं केवल स्वयं का विगलन मात्र है। अहंकार के विनष्ट होने पर जो रह जाए वही सत्य है। 🙏

  • @ShivamGavali-s7l
    @ShivamGavali-s7l 4 หลายเดือนก่อน +343

    गीता, वेदांत,ईश्वर,भगवान ,दर्शन, ये सब आपने सिखा दिया हैं मगर हम इतने जलदी ये सब कैसे सिख जायेंगे, ..... आज तक सिर्फ फिल्मी दुनियां में घूमते थे.... सिर्फ. आप है जो अहम, आत्मा व्रती नीति ईमानदारी, इन सब से मिलवाया आपने, एक दिन हम ओ सब सिख जायेंगे जो आप हमे सिखना समझाना चाहते हैं, 🙏🙏🙏🙇‍♀️🙇‍♀️🍁🍁

    • @harivanshsingh143
      @harivanshsingh143 4 หลายเดือนก่อน +14

      👏💪

    • @chhayajaitwar7948
      @chhayajaitwar7948 4 หลายเดือนก่อน +13

      Haa🙏🪔💫

    • @dishayadav151
      @dishayadav151 4 หลายเดือนก่อน +12

      Voh ek din kisi vishesh din nhi aaega har din hi vishesh h or hme har din sikhna h smjhna h or behtr se behtr hona h👍🏻💪🏻

    • @neerakansal4300
      @neerakansal4300 4 หลายเดือนก่อน +4

      Acharya ji jab se apko sunana shuru kiya jeevan badlne lga....sir ghukakar shat shat naman......

    • @ShivamGavali-s7l
      @ShivamGavali-s7l 4 หลายเดือนก่อน

      @@dishayadav151 जी हमे हर रोज प्रयास करणा है, और जादा सीखने का समझने का , इसके लिए सत्रों से जुडना चाहीए मै जुड चुकी हूं, क्या आप भी जुड़े है, जुड़े है तो बहुत अच्छा, नही तो ये शुभ काम अभी करे और सत्रों से जुड़े 🙏🙏🙏

  • @neelam098
    @neelam098 4 หลายเดือนก่อน +147

    ये बहुत छोटा भेद होता है कि कौन ईश्वर को मानता है और कौन नहीं।
    असली भेद ये होता है कि कौन ईश्वर को बाहर मानता है और कौन भीतर ..।

  • @Krishna-vh5ku
    @Krishna-vh5ku 4 หลายเดือนก่อน +14

    आत्मा ही सत्य है और ईश्वर हे , सागर ही पूरा हे हमारे पास तो प्यास बुझाने के लिए कुछ बूंद की तलाश प्रकृति में क्यूँ करें।
    बहुत सुंदर समझाया आचार्य जी ने ❤

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +15

    जिसने निर्गुण होते हुए भी सगुण प्रकृति को बनाया और चलाया है उसे ईश्वर कह देते है। आचार्य जी❤❤

  • @abhay99048
    @abhay99048 4 หลายเดือนก่อน +36

    प्रकृति को प्रकृति ही चलता है ना की प्रकृति को कोई स्वामी भगवान इत्यादि इत्यादि चलाता है।
    ☄️और प्रकृति हमेशा गतिशील और परिवर्तनशील है जैसे हम भी और जो हम देख रहे हैं वह भी प्रकृति और मैं कल्पना कर रहा हूं वह भी प्रकृति है।

  • @rachnagahlawat6641
    @rachnagahlawat6641 4 หลายเดือนก่อน +17

    Pranam Acharya ji aapki Har baat deep Ander tak chot karta hai. Jo shanti pradaan karta hai.

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +10

    प्रकृति अपनी स्वामिनी खुद है: आचार्य जी🎉❤❤

  • @SachinTamrakar-um9fh
    @SachinTamrakar-um9fh 4 หลายเดือนก่อน +39

    चलती चक्की देखकर, दिया कबीरा रोय।
    दुयै पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय।।
    - संत कबीर

  • @aloksingh7530
    @aloksingh7530 4 หลายเดือนก่อน +31

    प्रकृति अपने नियम से स्वयं चलती है।

  • @pavanbadnagre5348
    @pavanbadnagre5348 4 หลายเดือนก่อน +21

    सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +8

    प्रकृति की परिभाषा ही है वो जो अपने नियमों से स्वयं चलती हो: आचार्य जी ❤❤❤❤

  • @madhavjha1
    @madhavjha1 4 หลายเดือนก่อน +46

    दुनिया हमारा ही तो प्रतिबिंब है, मतलब हमने ही बनाया है...

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +58

    अहम जिसकी तलाश में है, अहम जो हो जाना चाहते हैं प्रकृति के माध्यम से उसे आत्मा बोलते हैं।

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +49

    ज्यों तिल माही तेल है, ज्यों चकमक में आग।
    तेरा साई तुझ में है, जाग सके तो जाग।।
    ~ संत कबीर

  • @aloksingh7530
    @aloksingh7530 4 หลายเดือนก่อน +30

    प्रकृति अपनी स्वामिनी स्वयं है।
    प्रकृति को कोई नहीं चला रहा है वह स्वयं अपने को चलाती हैं।

  • @chhavisharma5834
    @chhavisharma5834 4 หลายเดือนก่อน +6

    आज आचार्य जी ने बहुत गहरी और सच्ची बात सामने रखी है धन्यवाद आचार्य जी 🙏
    आज मैं अपने आस-पास धर्म के नाम पर कुछ और ही देख रहीं हूं वो सभी लोग सिर्फ सुनकर कुछ भी विश्वास करते है कुछ भी करेंगे अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए सिवाय खुद को जानने के और सिवाय आत्मज्ञान के, ना खोजेंगे ना पढ़ेंगे लेकिन सुनकर कुछ भी करेंगे

  • @UP_SI_Preparation_2025
    @UP_SI_Preparation_2025 4 หลายเดือนก่อน +75

    आजकल हर किसी के जीवन में बहुत बैचैनी है हर कोई बाहर शांति को खोजने में लगा हुआ है मगर शांति तो हमारे अंदर है उसे जागृत करने की जरूरत है

    • @yogeshchaudhry2576
      @yogeshchaudhry2576 4 หลายเดือนก่อน +1

      ❤❤❤❤❤💎💎💎💎💎

  • @PrabhakarSharma-qg4ov
    @PrabhakarSharma-qg4ov 4 หลายเดือนก่อน +22

    आचार्य प्रशांत जी सादर नमस्ते 🙏🙏 सुप्रभात मित्रों दोस्तों परिवार सत्य सनातन धर्म सत्य सनातन संस्कृति एवं तकनीकी शिक्षा निश्चित तौर तरीके से समझाया गया ज्ञान शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास करें और अपने परिवार के सदस्य बच्चों को भी ये जानकारी देते रहें देवो के देव महादेव महादेव के देव सूर्य देव 🕉️🌞🙏🙏

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +10

    जो ईश्वर को समझने लग गया वो भगवान कहलाता है: आचार्य जी❤❤❤

  • @beenabeena6640
    @beenabeena6640 4 หลายเดือนก่อน +17

    समुचे प्रकृति ही माया है, आत्मा मात्र सत्य है, तो प्रकृति का उद्भव कहा से हुआ, आत्मा
    भीतर वाले ईश्वर को ही आत्मा कहते हैं,

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +14

    जिसको तुम चेतना कहते हो वो भी प्रकृति मात्र है: आचार्य जी❤❤❤❤

  • @rakhiverma7404
    @rakhiverma7404 4 หลายเดือนก่อน +10

    Acharya ji aap ko koti koti naman 🙏

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 4 หลายเดือนก่อน +21

    आस्तिक-नास्तिक कहने को अलग-अलग हैं।
    वास्तव में दोनों एक ही हैं क्योंकि दोनों मान्यता पर चलते हैं।
    -आचार्य प्रशांत

  • @Abhikriti159
    @Abhikriti159 4 หลายเดือนก่อน +11

    Dhanyawad Aabhar 🙏🙏🌈

  • @JNVianFitnessWale
    @JNVianFitnessWale 4 หลายเดือนก่อน +15

    आचार्य जी को शत शत नमन ❤❤❤

  • @techinfobyKARTIK
    @techinfobyKARTIK 4 หลายเดือนก่อน +15

    अध्यात्म को इतनी गहराई से समझाने के लिए आचार्य जी को बहुत बहुत धन्यवाद 😊😊🙏

  • @indreshkumar8347
    @indreshkumar8347 4 หลายเดือนก่อน +13

    ❤❤❤ नमन आचार्य जी🙏🙏❤️❤ राम तेरी माया समझ ना आये 🙏🥰🥰🥰

  • @VimleshSaini.29
    @VimleshSaini.29 4 หลายเดือนก่อน +11

    Jay Shree Krishna ❤️🙏 Dear Sir ❤️🙏🐣🐟🦇🐤🦉🐥🐐🌏🐪🐒🦌🥒🥦🌎🌍🐪🦛🦛

  • @4ukailash
    @4ukailash 4 หลายเดือนก่อน +13

    Pranam Acharya Ji ❤

  • @everythingsoils3714
    @everythingsoils3714 4 หลายเดือนก่อน +11

    आत्मज्ञान के प्रकाश में अंधे कर्म सब त्याग दो।
    निराश हो निर्मम बनो ताप रहित बस युद्ध हो।

  • @JNVianFitnessWale
    @JNVianFitnessWale 4 หลายเดือนก่อน +20

    तेरा साइ तुझ में है जाग सके तो जाग ❤❤❤

  • @abhimanyusahani2519
    @abhimanyusahani2519 4 หลายเดือนก่อน +12

    प्रकृति की परिभाषा है वो जो स्वयं को चलाती हो ।🙏🙏🙏

  • @aloksingh7530
    @aloksingh7530 4 หลายเดือนก่อน +49

    ईश्वर माने वो निर्गुण, वो निराकार जो सब सगुण साकार को चला रहा है। स्वामी की तरह, चालक की तरह।

  • @PushPendrASHakYa.
    @PushPendrASHakYa. 4 หลายเดือนก่อน +15

    चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤️❤️❤️

  • @ashcatchemable
    @ashcatchemable 4 หลายเดือนก่อน +13

    Pranam acharya ❤

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +31

    अहम लगातार संसार में खोंज रहा है तृप्ति, मुक्ति या अपना विगलन।

  • @shashankkumar3977
    @shashankkumar3977 4 หลายเดือนก่อน +8

    Right sir dhanyawad ❤

  • @SachinTamrakar-um9fh
    @SachinTamrakar-um9fh 4 หลายเดือนก่อน +61

    जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ।
    मैं बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ।।
    - संत कबीर

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +65

    जो मान्यतावादी होते हैं बड़े झूठे होते हैं, झूठ उनकी मजबूरी हो जाता है।

  • @ekatamishra3453
    @ekatamishra3453 4 หลายเดือนก่อน +8

    Pranaam achary ji

  • @sumit1754
    @sumit1754 4 หลายเดือนก่อน +3

    आचार्य जी भारत व विश्व के लिए एक वरदान है, मानव जीवन का सही अर्थ जानने का सही समय आ गया है, अब नहीं तो कब नही. हमारा वास्तविक जीवन "श्री मद भागवत गीता " है ,यहीं सच्चा ज्ञान हम अपना जीवन बनाकर इस कलयुग में जो हमारी पशु समान वृत्ति है उसको त्याग कर चेतना को जाग्रत कर ऊंची स्थिति पर ले जा सकते है... अंततः ऊंची चेतना के आधार पर हमारी वृत्ति ही बाहर की संस्कृति बन जाती है..

  • @payal-conceptwithtrick
    @payal-conceptwithtrick 4 หลายเดือนก่อน +23

    हम जितने भीतर से दुखी होंगे उतना ही बाहर खुशी तलाशेंगे, लेकिन बाहरी दुनिया में सुख मिलता है नहीं, सही अध्यात्म ही सब दुखों का इलाज है 🙏🙏

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +6

    दृष्टा प्रकृति में समाप्ति ढूंढ रहा है: आचार्य जी❤❤

  • @apurvasoni4065
    @apurvasoni4065 4 หลายเดือนก่อน +7

    24:35 प्रकृति का खेल:
    दृष्टा और दृश्य
    जीव और जगत
    अहंकार और संसार

  • @Chandanisingh3246
    @Chandanisingh3246 4 หลายเดือนก่อน +9

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤Acharya Ji ❤❤❤❤❤❤

  • @subodhbhattarai2222
    @subodhbhattarai2222 4 หลายเดือนก่อน +6

    You simply explained the unexplainable.
    I think this session is enough once and for all.
    Ab Kuch bacha hi Nahi.
    Thank you and sorry for commenting twice.
    I can not refren myself.

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +40

    मृत्यु के बाद कुछ विशेष नहीं होता, मृत्यु के पहले भी प्रकृति का ही खेल खेल रहे हो और मृत्यु के बाद भी प्रकृति का ही खेल चलेगा।

    • @riteshg1675
      @riteshg1675 4 หลายเดือนก่อน +1

      आप सही बोल रही हो जी

  • @GitanjaliVishwakarma-mr4qp
    @GitanjaliVishwakarma-mr4qp 4 หลายเดือนก่อน +7

    🌸🌸प्रणाम प्रिय आचार्य जी....🙏🏻🌸🌸

  • @Learnvikash
    @Learnvikash 4 หลายเดือนก่อน +37

    प्रकृति की परिभाषा ही है वो जो अपने नियमों से स्वयं चलती हो।🌎🌎

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +25

    कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढे बन माँहि।
    ऐसे घट घट राम है, दुनिया देखे नाही।।
    ~ संत कबीर

  • @i_m_nirala.
    @i_m_nirala. 4 หลายเดือนก่อน +20

    जगत और जीव है दोनों जड़ यही प्रकृति है

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 4 หลายเดือนก่อน +27

    घाटे पानी सब भरे, अवघट भरे न कोय।
    अवघट घाट कबीर का, भरे सो निर्मल होय।।
    ~ संत कबीर

  • @beenabeena6640
    @beenabeena6640 4 หลายเดือนก่อน +11

    सब प्रकृति का खेल चल रहा है,उसी प्रकृति के एक छोर पर बैठा हुआ है,जीव और दूसरे छोर पर बैठा हुआ है जगत,
    एक छोर पर बैठा हुआ है, अंहकार और दूसरे छोर पर बैठा हुआ है, संसार
    और ये जो अहम् है, वो संसार में लगातार क्या खोज रहा है, मुक्ति, तृप्त,अपना विगलन अपनी समाप्ति,

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +32

    एक फकीर से एक आदमी ने पूछा की मौत के बाद की जिंदगी के बारे में कुछ बताइए। तो वो हंसने लगा खूब जोर से और बोला की मौत से पहले भी जिंदगी होती है क्या? : आचार्य जी❤❤❤

    • @Manoj-vp5in
      @Manoj-vp5in หลายเดือนก่อน +1

      Aur inn sabse se Kya sikh milti Hai.

  • @amarkumarsah6861
    @amarkumarsah6861 4 หลายเดือนก่อน +6

    Thanks for this video ❤

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +3

    जगत जीव से है और जीव जगत से, ये दोनों एक दूसरे पर परस्पर आश्रित हैं: आचार्य जी❤❤

  • @manojkesharwani2661
    @manojkesharwani2661 4 หลายเดือนก่อน +22

    प्रकृति के दो भाग है एक दृष्टि दूसरा दृष्टा, ❤❤❤

  • @Adavit_life_education_
    @Adavit_life_education_ 4 หลายเดือนก่อน +6

    Adavit life education by acharya Prashant jii ❤️❤️🔥🔥

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +23

    आत्मा एक तरह से प्रकृति का पिता हुई: आचार्य जी❤❤❤❤

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +22

    जिसको तुम जीवन समझ रहे हो वो मृत्यु ही है जिसको तुम चेतन कहते हो वो भी जड़ ही है: आचार्य जी❤❤❤❤🎉

  • @ravimishra7524
    @ravimishra7524 4 หลายเดือนก่อน +2

    आचार्य जी मैं आपको पहले भी सुनता था क्लाइमेट चेंज की वीडियो के बाद आपको ज्यादा सुनने लगा हूं। आपकी बाते बहुत लॉजिकल होती है लेकिन कुछ बातों पे सहमति नहीं बन पाती लगता है आप अपनी ही बातों में विरोधाभास कर रहे । आप ही कहते है की निःसंदेह इस जीवन के परे कुछ है कभी आप कहते है क्या पता ये जीवन जो है ये जीवन हो ही न मृत्यु हो कभी आप कहते है सपने की तरह जो हमे यह सब खुली आंखों से दिखाई देता है क्या पता ये हो हो न । निःसंदेह आपकी बातें सत्य हो सकती है हो सकता है किसी और डाइमेंशन वालो के लिए हमारा जीवन हमारा सच सब मिथ्या हो जैसा की हमारे लिए उनका जीवन अस्तित्व मिथ्या है। लेकिन मेरे हिसाब से इन सब बातो का कोई महत्व नहीं है , इतनी बड़ी बाते बोल के न आप न हम इससे बाहर जा सकते है तो जो हमारे सामने दिख रहा है at least हमारे लिए तो यही सत्य है। जीवन मरण सच झूट अच्छा बुरा जो हो रहा हमारी आंखों के सामने हो रहा तो हमारे लिए यही सत्य है क्योंकि हम इसके बाहर नही जा सकते अगर यह आए है तो इस क्रम का पालन करना ही होगा , पृथ्वी हमारी सच्चाई है और इसी प्रकृति में हमारा अस्तित्व है तो यह जो भी हो रहा है हम लोगो को फर्क पड़ता है करोड़ो पैदा हो रहे करोड़ो मर रहे वो कही बाहर से नही आ रहे यही से आ रहे यही पे consumption रहे और सब इसी धरती नेचर में विलीन हो जाएगा । इस धरती पे कितने भी लोग पैदा हो जाए लेकिन हमारी धरती का वजन उतना हो रहेगा। हम इसके वेट में चेंज नहीं कर सकते लेकिन हम internally pollution से स्टेट ऑफ मैटर्स को बदल रहे मतलब इन्हेबिटेवल बना रहे जो जीवो को विलुप्त करेगा। So कृपया अगर हम इस नेचर के परे नही जा सकते तो इसी की बात करिए और को दिख रहा है खुली आंखों से वही हमारी सच्चाई है 🙏

  • @ParshuramMaida
    @ParshuramMaida 4 หลายเดือนก่อน +4

    Saty hi shiv he

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 4 หลายเดือนก่อน +18

    ज्ञान के स्तर के अनुसार आज हमने ईश्वर के तीन अर्थों की आज चर्चा करी है-
    प्राम्भिक अर्थ था- कोई बैठा हुआ है जो पृथ्वी को चला रहा है। इस प्रारम्भकि अर्थ को हम बोलेंगे - अंधविश्वास।
    अंधविश्वास कैसे हटा?
    विज्ञान के माध्यम से। जब हमें पता चला कि प्रकृति के अपने नियम हैं। विज्ञान ने अंधविश्वास काट दिया।
    दूसरे तल की परिभाषा- प्रकृति आप अपने नियमों पर चलती है। प्रकृति से बाहर कोई नहीं है जो प्रकृति को चला रहा है।
    प्रकृति के नियम ही ईश्वर हैं। प्रकृति से बाहर प्रकृति का कोई नियम निर्धाता नहीं है।
    तो एक ईश्वर है अंधविश्वासियों का।
    अंधविश्वासियों का ईश्वर बैठता है सातवें आसमान पर।
    उसके ऊपर विज्ञान का ईश्वर।
    विज्ञान का ईश्वर कहता है प्रकृति के नियम ही प्रकृति को चलाते हैं तो प्रकृति के नियमों को ही हम ईश्वर मानेंगे।
    और फिर सबसे ऊपर अध्यात्म का ईश्वर।
    अध्यात्म का ईश्वर कहता है- प्रकृति स्वयं उद्भूत है आत्मा से।
    आत्मा को ही ईश्वर माना जा सकता है किसी और को नहीं।
    आत्मा ही ईश्वर है।
    -आचार्य प्रशांत

  • @sakshirathore2765
    @sakshirathore2765 4 หลายเดือนก่อน +10

    तेरा साई तुझ में है , जाग सके तो जाग ।।

  • @susheelkumarsantoriya6125
    @susheelkumarsantoriya6125 4 หลายเดือนก่อน +34

    लाडू लावन लापसी ,पूजा चढ़े अपार
    पूजी पुजारी ले गया,मूरत के मुह छार
    🙏🙏🙏🙏

  • @2secondentertainment410
    @2secondentertainment410 4 หลายเดือนก่อน +8

    विज्ञान का ईश्वर कहता है कि
    प्रकृति के नियम ही प्रकृति को चलाते हैं तो प्रकृति के नियमों को ही हम
    ईश्वर मानेंगे और फिर सबसे ऊपर अध्यात्म का ईश्वर अध्यात्म का ईश्वर कहता है कि प्रकृति स्वयं उद्भव है आत्मा से तो आत्माको ही ईश्वर माना जा सकता है किसी और को नहीं आत्मा ही ईश्वर हैl
    अष्टावक्र कह रहे हैं जिसको यह बात समझ में आ गई वह क्या हो गया उसकी आशाएं मिट गई व निष्काम हो गया वह सदा के लिए शांत हो गया।

  • @PradeepSah-zl1zb
    @PradeepSah-zl1zb 4 หลายเดือนก่อน +5

    गुरु जी आप की चरणो में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🚩❤️🕉️

  • @ParveenKumar-z8e1o
    @ParveenKumar-z8e1o 4 หลายเดือนก่อน +7

    Subh prabhat guru ji

  • @subodhbhattarai2222
    @subodhbhattarai2222 4 หลายเดือนก่อน +3

    Yes. This is it.
    Thank you Sir.

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 4 หลายเดือนก่อน +20

    जिनका पदार्थ में बहुत विश्वास होता है, पदार्थ माने प्रकृति, जिनका अहंकार में बहुत विश्वास होता है वो बाहर वाले ईश्वर पर चलते हैं और
    जो सत्य के पारखी होते हैं वो भीतर वाले ईश्वर पर चलते हैं।
    भीतर वाले ईश्वर को ही आत्मा कहते हैं।
    जिन्हें दुनिया सच लगती है उनके लिए ईश्वर भी दुनिया में है।
    -आचार्य प्रशांत

  • @chaurasia2672
    @chaurasia2672 4 หลายเดือนก่อน +10

    वेदांत कहता है आत्मा मात्र सत्य है बाकी सब क्या है विपर्यय है: आचार्य जी❤❤❤❤

  • @jandialsameer
    @jandialsameer 4 หลายเดือนก่อน +3

    Beautiful and very clear.l also believe in this.thanku

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 4 หลายเดือนก่อน +15

    वेदों की शुरुआत होती है- प्रकृति पूजन से और वेदों का अंत होता है प्रकृति से मुक्ति से।
    -आचार्य प्रशांत

  • @ritakhadsan734
    @ritakhadsan734 4 หลายเดือนก่อน +5

    नमन आचार्य जी 🙏❤️🙏

  • @manupun8025
    @manupun8025 4 หลายเดือนก่อน +4

    आचार्य जि 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🇳🇵

  • @sumit1754
    @sumit1754 4 หลายเดือนก่อน +2

    आचार्य जी के इस mission में हम सब को तन मन और धन से संपूर्ण समर्पण के साथ आगे बढ़ना है..यह हम सब का सर्वप्रथम कर्त्तव्य है कि यह गीता ज्ञान संपूर्ण विश्व तक जल्द से जल्द पहुंचाना है. क्यों कि अब ज्यादा समय नही है..
    हम सब को यह प्रतिज्ञा करना है हमारा जो भी अपने पास धन पूजीं है सब इसी विश्व कल्याण के कार्य मे लगाकर अपना धन सही अर्थ मे सफल करना है..घर परिवार रिश्तेदार अन्य मित्र संबंध में ईन अज्ञानी अधर्मी विकारी लोंगो पर अपना धन खर्च न करें....

  • @Rameshchouhan11
    @Rameshchouhan11 4 หลายเดือนก่อน +4

    Pranam aacharya ji
    (१) तेरा साई तुझ में है, जाग सके तो जाग।।

  • @acpbdas
    @acpbdas 3 หลายเดือนก่อน +1

    मैं आचार्य जी को पीछले 3 साल से सुन रहा हूँ।
    मेरा जीवन बदल गया है पुरी तरह से।
    पहले मैं अकेले पन से बहुत घबराता था और अभी अकेले रहना बहुत पसंद है।
    और ये सब कुछ सिर्फ आचार्य जी की अनुकम्पा से ही हो पाया है।
    और मैं अनलाइन गीता सत्र में भी पीछले 20 महीनें से जुड़ा हुआ हुं और निरंतर जुड़ा हुआ हुं।
    और इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए मैं हर महीने आर्थिक अनुदान भी करता रहता हूँ।
    ताकि आचार्य जी की बातें और लोगों तक भी पहुंचे और मेरी तरह बाकीयों का भी जीवन बदले।
    प्रणाम आचार्य जी🙏

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 4 หลายเดือนก่อน +13

    ये सबकुछ जो बाहर बाहर मुझे दिखाई पड़ रहा है वो आत्मा से उद्भूत है।
    तो मैं उसके पीछे क्यों भागूँ?
    वो जिससे आ रहा है मैं उसी में जाकर विगलित क्यों न हो जाऊं?
    ये सबकुछ जिससे आ रहा है मैं सीधे उसी की गोद में क्यों न बैठ जाऊं?
    वहाँ बैठ जाऊँगा तो तृप्ति मिल भी जाएगी जिसके लिए मैं इतना परेशान हूँ।
    -आचार्य प्रशांत

  • @AaradhyaMishra-fq8iz
    @AaradhyaMishra-fq8iz 4 หลายเดือนก่อน +18

    Aacharya Shri Ji aapko Koti Koti Pranam💐🙏

  • @alfernoshorts3339
    @alfernoshorts3339 4 หลายเดือนก่อน +5

    Acharya ji 🙏

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 4 หลายเดือนก่อน +26

    धर्म की आरंभिक अवस्था में ईश्वर खोजा जाता है प्रकृति में
    और धर्म जब आगे बढ़ता है, अध्यात्म बन जाता है।
    अध्यात्म माने स्वयं में तलाशना तो फिर ईश्वर भीतर स्थापित हो जाता है।
    -आचार्य प्रशांत

  • @Abhikriti159
    @Abhikriti159 4 หลายเดือนก่อน +2

    धन्यवाद कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🌈

  • @NandanYadav-sz3nq
    @NandanYadav-sz3nq 4 หลายเดือนก่อน +3

    Jai shree krishana

  • @sanghamitradash9795
    @sanghamitradash9795 4 หลายเดือนก่อน +3

    Thanks for eradicating the misconception about God 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @rakeshupadhyay4746
    @rakeshupadhyay4746 4 หลายเดือนก่อน +1

    शत शत नमन गुरुदेव 🙏🏼✨🙏🏼✨🙏🏼

  • @payal-conceptwithtrick
    @payal-conceptwithtrick 4 หลายเดือนก่อน +7

    सर कृप्या आप अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखो, आपके बिना हम कुछ भी नहीं है अभी हमे आपके साथ की बहुत जरूरत है 🙏🙏🙏🙏

  • @VishnuKumawat-d3x
    @VishnuKumawat-d3x 4 หลายเดือนก่อน +4

    Aacharya ji is video ka part 2 banaiye