जिन्हें ज्ञान हुआ था छोड़ चले राजधानी
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- เผยแพร่เมื่อ 28 ก.ย. 2024
- जिन्हें ज्ञान हुआ था छोड़ चले राजधानी
आचार्य श्री संजय दास जी महाराज दोघट वाले
गांव लोहागढ़ जिला पलवल हरियाणा में सत्संग
श्री मोहन दास जी के यहां सत्संग
हरि सागर टीवी प्रस्तुति
श्री हरिदास आश्रम दोघट जिला बागपत उत्तर प्रदेश
Santo ke bhajan kirtan
satguru Kabir song
satguru Ravidas Ki mahima sonotek
Sanjay das ji K sang
Santo ke purane sabad Santo ke bhajan
Sat saheb g
सतनाम जी
Good
सत साहेब जी
Satnam shree waheguru ji
Good
आदरणीय संजय दास महाराज जी। अपने शब्द सुनाया जिसका ज्ञान हुआ था।छोड़ चले राजधानी। इस शब्द में अपने प्रहलाद भगत का दृष्टांत दिया। जो आपने दृष्टांत दिया। क्या वह दृष्टांत सत्य है। जब कुम्हारी ने बिल्ली के बच्चों वाला मटका उठाकर के आवे में रखा। क्या उसने वह बिल्ली के बच्चों वाला मटका दिखाई दिया तो होगा। फिर उसने वह मटका आवे मैं क्यों रखा। क्या वह कुम्हारी अंधी थी। और फिर जो आवा 6 महीने में पकने वाला था वह तीन रोज में पक गया। क्या यह भी सच्चाई है। और फिर जो होलिका लेकर के अग्नि में बैठी प्रहलाद को उसमें भी कहा गया है। होलिका मर गई। प्रहलाद बच गया। अग्नि का तो धर्म नहीं है।पक्ष पात करना। अग्नि ने भी पक्षपात कर किया फिर कहते हैं पाखंडी संत कहते हैं।होलिका को अग्नि कवच मिला हुआ था। इसलिए वह बच गई। हवा बहुत तेज चली। कवच उतर के। प्रहलाद के ऊपर पड़ गया। हमारा प्रश्न आपसे है। फिर होली का क्यों मरी। हमारे प्रश्नों के ऊपर ध्यान दिया जाए। एक बार उत्तर देने की कृपा आपका बहुत बहुत धन्यवाद। सत साहेब । संत भारती दास गांव कटवाड़ा जिला रोहतक मोबाइल नंबर 9050 563815
Good
Jai gurudev ji
Satnam sahiv
राधा स्वामी जी
Aanad aa gya Maharaj ji
Sat Saheb ji 🙏