अचाह पद ! अष्टावक्र गीता

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  • เผยแพร่เมื่อ 23 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 12

  • @AkhsayKumarrai
    @AkhsayKumarrai 11 วันที่ผ่านมา +1

    Ram ram ram ram ram ram ram

  • @nawalkishor8469
    @nawalkishor8469 14 วันที่ผ่านมา +1

    I salute your endeavours for the welfare of humanists and rationalists who are curious for liberation.

  • @UdayChahar-t5n
    @UdayChahar-t5n 14 วันที่ผ่านมา +1

    Guru ji Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram Ram 🙏🏼🙏🙏🏼

  • @prithvirajmudappu3717
    @prithvirajmudappu3717 15 วันที่ผ่านมา +1

    Dhanyawad guruji aapki satki vishlation Ashtavakra Gita ka 🙏

  • @sanjaynarayanwagh440
    @sanjaynarayanwagh440 14 วันที่ผ่านมา +1

    Pujyaniya Shri gurudev ji ke Charno me koti koti pranam 🙏🌹

  • @PushkarSingh-xv3km
    @PushkarSingh-xv3km 14 วันที่ผ่านมา +1

    पुज्य सत गुरू बार बार प्रणाम प्रणाम ❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🙏🙏🙏🙏🙏

  • @bharatbhaimistry6491
    @bharatbhaimistry6491 15 วันที่ผ่านมา +1

    जय गुरुदेव

  • @shailsingh8309
    @shailsingh8309 15 วันที่ผ่านมา +1

    Om Namah shivay 🙏🌹🙏🌹🙏

  • @TarunSingh-m3t
    @TarunSingh-m3t 15 วันที่ผ่านมา +3

    प्रवचन सुनने के दौरान बीच में प्रचार आ जाता है इससे एकाग्रता भंग हो जाती है हमलोगो को कानूनी कार्रवाई हेतु कदम उठाने की जरूरत है

  • @shailsingh8309
    @shailsingh8309 15 วันที่ผ่านมา +1

    Jai Maa 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹

  • @TarunSingh-m3t
    @TarunSingh-m3t 15 วันที่ผ่านมา +2

    मनुष्य पहले पा पा कर अपने को सताएगा फिर खो खो कर अपने को सताएगा अब ना पाने को कुछ बचा है और न खोने को कुछ शेष है उसी अवस्था का नाम परमात्मा है परमात्मा स्वयं के अन्दर आनन्द की अनुभूति है इसकी अनुभूति के बाद कुछ भी बोलना या लिखना सत्य नहीं है कितना भी सही से बोलें अंत में यही महशुस होगा की जो कहना चाहता था लेकिन कह नही सका फिर भी सत्य को बार बार कहने की कोशिश की जाती है

  • @GopiPaul-t9j
    @GopiPaul-t9j 10 วันที่ผ่านมา

    Laz, ahi tera fal