मुकुल जी की न्याय व्यवस्था पर अच्छी पेशकश. किसी ने ठीक ही कहा है "इस दौर के फरियादी जाए तो कहाँ जाए, क़ानून तुम्हारा है दरबार तुम्हारा है."-राज वाल्मीकि.
Jo admi khud shapat le kar uska palan nahi kar raha socho uske andar samvidhan k liye kya izzat hoga Aur dusre ko gayan de rahe Khud apne aatma ko bech diya hai thore lalach k liye
Very good News
बहुत सुन्दर
मुकुल जी की न्याय व्यवस्था पर अच्छी पेशकश.
किसी ने ठीक ही कहा है "इस दौर के फरियादी जाए तो कहाँ जाए, क़ानून तुम्हारा है दरबार तुम्हारा है."-राज वाल्मीकि.
हिंदुत्वकरण करने की साजिशें ।देश में न्याय कानून या सभी संस्थाओं का इस्तमाल सत्ता बखूबी अपने हित में कर रही है
Hello ❤❤❤
Very good reporting ❤❤
Bht umdaa bayaan kiya aur ek sahi Kahan salute sir
Nice 👍
बहुत बुलंद बयान।
Jo admi khud shapat le kar uska palan nahi kar raha socho uske andar samvidhan k liye kya izzat hoga
Aur dusre ko gayan de rahe
Khud apne aatma ko bech diya hai thore lalach k liye
*लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरोधी,हमेशा ग़द्दार कहलाए जाते हैं।तूम किस में आते हों? दोमुँहोंके लिए,उपरोक्त विधान बाध्य नहीं।*
😇🔐👆