गोवर्धन पर्वत की पूजा | श्री कृष्ण ने उठाया गोवर्धन पर्वत | श्री कृष्ण महाएपिसोड
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- เผยแพร่เมื่อ 4 ม.ค. 2025
- नंदराय बलराम जी और श्री कृष्ण को संकट से बचाने हेतु महात्मा ऋषियों के सुझाव पर श्री कृष्ण के तुलादान पर आयोजित भोज में बरसाने के मुखिया वृषभानु को भी आमंत्रित करते है। वृषभानु अपनी पुत्री राधा जी के साथ कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिये आते है। मंत्रोत्चार के साथ तुलादान का कार्यक्रम प्रारम्भ होता है। पुरोहित तुला के एक पलड़े में दान की जाने विभिन्न सामग्री रखे जाने के बाद दूसरे पलड़े में श्री कृष्ण को बैठने के लिये कहते है। श्री कृष्ण के दूसरे पलड़े पर बैठने पर वह पलड़ा नीचा हो जाता है तब नंदराय जी दूसरे पलड़े में और अधिक आभूषण रख कर दोनों पलड़ों को बराबर करना चाहते है, लेकिन कई प्रयासों के बाद भी जब दोनों पलड़े बराबर नहीं होते है तो बलराम जी राधा जी के बालों की पुष्प माला में एक पुष्प दूसरे पलड़े में डाल देते है। दोना पलड़े बराबर हो जाते है, यह देख सब चकित हो जाते है। इस पर श्री कृष्ण राधा जी से कहते है कि धरती में यह उनकी पहली हार थी क्योंकि वह भावना के मूल्य में ही बिक जाते है। राधा जी श्री कृष्ण को एक बार बरसाने आने के लिये कह कर अपने पिता के साथ बरसाना वापस चली जाती है।
एक दिन नंदराय जी देवराज इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिये पूजा का आयोजन करते है। जिसको महामुनि अभिलष द्वारा करायी जा रही थी। इस पूजन के बारे में श्री कृष्ण अपने बाबा नंदराय से प्रश्न करते है क्योंकि उनके अनुसार तो इंद्र के एक विलासी देवता है। इस पर नंदराय जी कहते है कि देवताओं के बारे में ऐसा नहीं कहते है और इंद्र तो मेघों के स्वामी है। मेघ जो जल बरसाते है उसी जल से अन्न की उत्पत्ति होती है इसलिये हम सब इंद्र को प्रसन्न करने के लिये उनकी पूजा करते है और अगर हम उनकी पूजा नहीं करेंगे तो इंद्र देव क्रोधित हो जायेंगे। लेकिन श्री कृष्ण इंद्र की पूजा करने के लिये मना करते है क्योंकि ऐसे निर्दयी की पूजा नहीं करनी चाहिये, भगवान तो वह होता है जो अपने भक्तों की भूल को क्षमा करता है तथा दयालु हो। जो जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है, इसलिये किसी इंद्र इतनी शक्ति नहीं कि निश्चित समय से पहले वह किसी प्राणी को मार सके। श्री कृष्ण महामुनि के इष्टदेव के बारे में प्रश्न करते है तो इस पर महामुनि उत्तर देते है कि जिसके द्वारा मनुष्य के संसारिक कार्य सिद्ध होते है वही उसके इष्टदेव होते है। महामुनि के उत्तर सुन श्री कृष्ण कहते है कि इस प्रकार से ग्वालों की आजीविका चलाने वाली तो गाय होती है, इसलिये हमारी इष्टदेवी तो गऊमाता ही होनी चाहिये और गायों के भरणपोषण अपनी घास, जल व फलों से करने वाले गोवर्धन पर्वत ही हमारे इष्टदेव। श्री कृष्ण की उत्तर सुन महामुनि समस्त गोकुल वासियों के इंद्र के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिये कहते है। गोवर्धन पर्वत की पूजा पूरे विधि विधान से की जाती है और इस पर प्रसन्न होकर स्वयं प्रकट हो गोवर्धन पर्वत उनके द्वारा लाये गये भोग की ग्रहण करते है। देवराज इंद्र को नंदराय के पुत्र श्री कृष्ण द्वारा उनके स्थान पर गाय और गोवर्धन पर्वत की पूजा कराये जाने की सूचना प्राप्त होती है। घमंड स्वरूप इंद्र क्रोधित हो मेधों के नायक सावर्तक को तुरंत उपस्थित करने का आदेश देते है क्योंकि उन्हें श्री कृष्ण द्वारा अपना अनादर करना अच्छा नहीं लगता है। इंद्र का आदेश पाते सावर्तक को गोकुल में प्रलय के बादलों द्वारा सर्वनाश करने के लिये निकल पड़ता है और उसकी मदद के लिये स्वयं इंद्र भी अपने वाहक ऐरावत उसके पीछे चल देते है।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर
Camera - Avinash Satoskar
कैमरा - अविनाश सतोसकर
Music - Ravindra Jain
संगीत - रविंद्र जैन
Lyrics - Ravindra Jain
गीत - रविंद्र जैन
Playback Singers - Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil
पार्श्व गायक - सुरेश वाडकर / हेमलता / रविंद्र जैन / अरविन्दर सिंह / सुशील
Editor - Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev
संपादक - गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर॰ मिश्रा / सहदेव
In association with Divo - our TH-cam Partner
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❤ जय श्री कृष्णाऐ नमः जय श्री राधे कृष्णा हर हर महादेव 🌹❤️🙏
जय जय श्री राधे श्याम❤❤❤
हरे कृष्णा गोविंद हरे मुरारी।।
हे नाथ नारायण वासुदेवा।।🙏🙏🙏❤️❤️❤️ जय श्री राधे कृष्णा जी 🙏🙏❤❤
🙏💓🌹Jai shree krishna ji 🙏💓🌹
Jai Sree Krishna ❤
Mere krishn 🌹🌺🌹💗🌹💗❤️❤️🙏🏻💕🏵️🙏🥰
Jai Shree RadheKrishna Jii🙏🏻❤️
Jai shree Krishna
Radhe radhe 🙏
जय श्रीकृष्ण भगवान की जय
Jay shree Ram ji
Jay shree radhe Krishna
Иисус пусть поскорей наступят 3 дня темноты !!Пожалуйста !!!И Пусть все достойные люди и звери благополучно ее пройдут !!🙏🙏🌍🖤🖤
❤❤❤
Jay Shri Ram 😊
जय श्री सियाराम जय श्री राम
जय श्री कृष्णा
Jay shree Ram
Jay shree Krishna 🙏🙏🌹❤️🌹❤️❤️❤️❤️❤️🔥🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
JAY SHREE KRISHNA JI GILAULI SRAWASTI UP SE HAPPY NEW YEAR 2025
Jay shree Krishna
Иисус пусть поскорей наступят 3 дня темноты !!Пожалуйста !!!И Пусть все достойные люди и звери благополучно ее пройдут !!🙏🙏🌍🖤🖤
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