नमस्कार जी, जैसे परम चेतना सत्य के सम्मुख होकर मिटती है और आपने कई बार example दी है कि जैसे कागज अग्नि के सम्मुख होकर मिटता है। आपने ये भी कहा कि उस कागज के साथ कोई और कागज थोडा सा भी चिपका है वो भी मिट जाता है। अब सवाल ये है कि जो लोग आपके दुआरा दिये जा रहे मार्ग दर्शन की वजह से आपके साथ जुडे हैं तो क्या इस जुडाव की वजह से उस कागज की तरह आपसे जुडे हुये लोग भी मिट सकते हैं?
Nishabad ko koti koti naman Charan bandgi sir
🌹🙏🙏🙏🙏🌲🙏🙏🙏🙏🌹
❤
अखंड एकरस नमन जी। 🙏🌹
Nisabad naman g
Kotti kotti Nishabd naman mitar🙏🌹
निशब्द अमृत नमन 💐🙏🌺
Bhagwan Shiv Krishna 0 rishna budh mahaveer Purna brama hai 🙏🙏
Parnam Swami ji aap ki kirpa se mere 36 sars. h.app ki kirpa mujh par bni rhee parnam sabko🕉️
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Namskarji Namskar
निशब्द अमृत नमन 💐🙏🌺
नमस्कार जी,
जैसे परम चेतना सत्य के सम्मुख होकर मिटती है और आपने कई बार example दी है कि जैसे कागज अग्नि के सम्मुख होकर मिटता है। आपने ये भी कहा कि उस कागज के साथ कोई और कागज थोडा सा भी चिपका है वो भी मिट जाता है। अब सवाल ये है कि जो लोग आपके दुआरा दिये जा रहे मार्ग दर्शन की वजह से आपके साथ जुडे हैं तो क्या इस जुडाव की वजह से उस कागज की तरह आपसे जुडे हुये लोग भी मिट सकते हैं?