संत श्री रमाशंकर साहेब जी # भक्ति किसकी करें?
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- เผยแพร่เมื่อ 15 ก.ย. 2024
- sadaguru abhilash saheb ji prvachan
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संतप्रवर श्री अभिलाष साहेब
(17/08/1933 - 26/09/2012)
मानव मात्र ही नहीं प्राणी मात्र को अपने प्रेम के आयाम में समेट लेने वाले संत सम्राट सद्गुरु कबीर साहेब की परंपरा में परम पूज्य गुरुदेव संत श्री अभिलाष साहेब जी महान संतों में से एक हैं। सद्गुरु कबीर के पारख सिद्धांत को भारत में प्रचार-प्रसार करने में पूज्य गुरुदेव का अतुलनीय योगदान है। आपका जन्म उ0 प्र0 के जिला सिद्धार्थ नगर के खानतारा ग्राम में दिनांक 17 अगस्त 1933 तदनुसार भाद्र कृष्ण द्वादशी संवत 1990 दिन गुरुवार को हुआ।आपकी माता का नाम श्रीमती जगरानी देवी एवं पिता का नाम पं0 श्री दुर्गाप्रसाद शुक्ल जी जो एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। पिता के सामाजिक व्यस्ततता के कारण आपकी विधिवत स्कुली शिक्षा नहीं हो पाई थी। आपने कक्षा एक में छह महीने तथा कक्षा दो में छह महीने की पढ़ाई की, किन्तु आपको किसी भी कक्षा में परीक्षा देने का अवसर नहीं मिला।
17 वर्ष की अवस्था में आप कबीरपंथ से परिचित हुए। आपने 21 वर्ष की अवस्था में गृहत्याग कर कबीर आश्रम बड़हरा, जिला गोंडा (उ0प्र0) के प्रसिद्ध महंत पूज्यपाद सद्गुरु श्री रामसूरत साहेब जी द्वारा साधुवेष की दीक्षा ली | कबीर पारख संस्थान इलाहाबाद के संस्थापक तथा बीजक व्याख्या, पंचग्रंथी टीका, योगदर्शन भाष्य, रामायण रहस्य, गीतासार, उपनिषद सौरभ, कबीर दर्शन, वेद क्या कहते हैं? कहत कबीर, धर्म को डुबाने वाला कौन?, ढ़ाई आखर, मोक्षशास्त्र, बूंद.बूंद अमृत, व्यवहार की कला आदि लगभग 100 प्रकार के सामाजिक, आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक ग्रंथों के यशस्वी लेखक हैं। आपकी ओजस्वी वाणी में भारतीय संस्कृति के ऋषि मनीषियों के उद्गार समाहित रहते हैं।
परम पूज्य गुरुदेव श्री अभिलाष साहेब जी की निर्मल वाणियों से सभी वर्ग के लाखों लोग मानवीय गरिमा को समझकर जहां व्यावहारिक जीवन को सुख.शांति पूर्वक जीने में सफल हुए हैं वहीं अनेक साधक साधनामय जीवन जीते हुए कल्याण की दिशा में अग्रसर हुए हैं।
कबीर
विक्रमी संवत 1455-1575
सन-1398-1518
कबीर साहेब सन 1399 ई0 में शिशु रूप में काशी के लहरताला तालाब में जनश्रुति के अनुसार नीरू.नीमा जोलाहा दंपत्ति को मिले और उन्हीं द्वारा पाले-पोषे गये। आप अपने छुटपन से ही प्रखर बुद्धि के एवं चिंतनशील थे। शायद आपने स्वामी श्री रामानंद को अपना गुरु माना हो, परंतु आपका अपना वास्तविक गुरु स्वयं का विवेक था। आप आजीवन ब्रह्मचारी एवं विरक्त संत के रूप में रहे। आपने सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक तीनों क्षेत्रों में आंदोलन किया। आपने मानव मात्र की एक जाति बताया, मानवता एक धर्म बताया तथा आत्मा को ही परमात्मा कहा। अपने आप पर संयम की कड़ाई तथा दूसरे प्राणियों के प्रति दया तथा प्रेम का बरताव - इन दोनों आचरणों को आपने अपने जीवन में उतारा तथा समाज को इसी की सीख दी। आपके व्यक्तित्व में कवि, सुधारक, क्रांतिकारी आदि अनेक रूप उभरे किन्तु आपका सबसे बड़ा रूप परमार्थ.लीन संत का है। इसीलिए आप भारतवर्ष में संत.शिरोमणि के रूप में मान्य हैं और आपका यह रूप विश्व में विख्यात है।
उनका मुख्य ग्रन्थ बीजक है, जिसकी अनेक टिकाएं उपलब्ध हैं, बीजक कबीर को एक बुद्धजीवी के रूप में प्रस्तुत करता है | उनके अंतिम दिन मगहर में आमी नदी के किनारे बीते | वे हिन्दू और मुस्लमान दोनों द्वारा पूज्य मने गए
KABIR
kabir saheb 1398-1518 A D
No authentic history of Kabir Saheb is available in historical texts. It is presumed he was born in 1398 AD in Lahartara of kashi, the present day Varanasi city of Uttar praesh in Northern India.As per prevalent among public it is said he was brought up by a muslim weaver couple named Niru and Nima in kashi.Kabir Saheb was fiercely intellectual and contemplative since his young age.Probably he opted Swami Ramanand, the orthodox Hindu monk of his time, as his guru but his own discretion was his true guru.He lived a life of a celibate and a devout saint all through out his life.
संत रामा शंकर जी महाराज आपके कथन का अभिप्राय है कबीर दास जी
के कथन का अभिप्राय निचोड़ बात है
मनुष्य योनि में जन्म लेने का फल है
अपने स्वरूप को जान जाना पहचान जाना जो मंदिर मस्जिद चर्च गिरजाघर
गुरूद्वारा में कभी भी नहीं मिलेगा।
हां माता पिता ,गुरु गुरू जन के सेवा करने से अनायास मिल जाता है कोई प्रयास नहीं करना पड़ता है ।
मैं कौन हूं ? स्वयं अनुभूति हो जाती
है और हम धन्य हो जाते हैं जन्म लेने का
लाभ मिल जाता है ।
वह बहुत धन्यवाद के पात्र है भाग्यशाली है जो अपने रूप को देख लिया पहचान लिया
सिर्फ़ निर्मल मन कोमल हृदय दीन दुखि़योंपर सेवा भाव होना चाहिये ।
सत्य मेव जयते ऊँ गुरु वे नमः वन्दे मातरम् सत्यम शिवम सुंदरम् ।
सत साहेब साहेब बंदगी ❤❤❤
बहुत बढि़या प्रवचन साहेब बंदगी साहेब
बहुत सुन्दर सत्संग
साहेब जी बंदगी
🌹🙏🙏🙏🌹
🎉बहुत सुन्दर जी आपके सत्संग ने मन मोहित कर दिया ❤❤❤❤
Jay gurudev
जय शत गुरु
Saty vichar 1%logo ko hi pasand hota hi
महाराज रमाशंकरजी ,आपके प्रवचन से हमारी आखें खुल गई. मगर पंडित के प्रवचनसे हमारे हिन्दु की महिला उसी झुठ को सच मानते है. आपने जिवनसे ही खिलवाड कर रही है. हजार बार कंहा संत कबीरजी चे दोहोसे मन आनंदीत होता है. धन्यवाद
भक्ति सिर्फ ईश्वर की
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब बंदगी साहेब बंदगी।
Satguru dev bhagwan ke jai
❤❤❤सत्य वचन भि तो भगवान ❤❤❤
सत्य बचन गुरुदेव, बहुत ही सुंदर प्रबचन आप सुना रहे है।
गुरुदेव जी की जय।
प्रकृति आप को सत्यबचं कहने के लिए शक्ति दे।
I we Love you. ❤️
श्री सद्गुरूवें नमः 🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴🙏🌹🪴
Jay shree sadguru saheb
🙏🙏Bahut sundar parbachan saheb ji saheb bandagi🙏🙏
साहिब बंदगी साहिब बंदगी साहिब बंदगी गुरु जी प्रणाम
बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी आपने गुरु जी। साहेब बन्दगी संत जी।
इस जगत में समय ही सबसे बड़ा गुरू है
Guru ji saheb bandagi saheb bandagi saheb bandagi
Dil ko sukoon milta hai aapko sunke💐🌷🌷🙏🤗
गुरुदेव को सतसत साहेब बंदगी
Jai. Gurudev ji 🌹🙏
Maine ab Tak aisa koi satsang nahi suna tha, ab suna hai to sabse alag aur tarkik laga hai, Apko Charan sparsh 🙏
बहुत ही करांन्तिकारी सदगुरू संन्त श्री रमांशंकर साहेब जी के मुखारविंद से हमनें बहुत खरा खरा सतसंग प्रवचन सुनां सुनकर बहुत अच्छा लगा सबको सादर सप्रेम साहेब बंन्दगी जी "जय कबीर"
❤🎉🎉बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ "जय कबीर"
@@rameshjiyani9989 pp❤
D
0
PP😢😢😢
Naginrajjain bhiwandi Jay shree
Saneb bndgi
❤❤❤❤
Vvnice
बहुत ही सुंदर विचार✍️✍️✍️👌👌♥️🙏
Sat. Sat charano me naman sant jee ka
Guruji bahut bahut sadhu bad❤
Sadhuwad guru ji
Guru Maharaj aapki Gyan ka koi Jawab Nahin aapka Darshan kaise hoga
Sat kabir wah kabir pure
Lajab baba Ji mast
💐🙏🏻Saheb Bandegi saheb Ji 🙏🏻💐
Jai kabira jai sahab bandingi❤❤❤
Saheb.gndgi
All rights Saheb
Satguru ke charnon me sader vandgi.
❤ Ram Ram ❤
जय साहेब की
Sathya mana jayata❤
जय हो
अति सुन्दर
हम लोग आपका प्रवचन सुनते है
Param kalyankari Panth.
जैसे ब्रह्मांड में ब्रह्मा पुरुष से प्राकृतिक प्रकाशमान हो रही है वैसे आत्म पुरुष के प्रकाश से शरीर प्रकाशमान हो रहा है और हम मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चर्च को देखे जा रहे हैं कितनी बड़ी भूल कर रहे
😊...
...
God
मां की पूजा इसलिए बेटा नहीं करते। क्यों कि वह मां खुद किसी देवी, देवता की पूजा कर रही है। इसलिए बेटे को लगता है कि हमारी मां से वह देवी बड़ी है,जिसकी पूजा मां करती है। इस संसार में सभी तो दिग्भ्रमित हैं।
साहेव जी आपने तीन गुन और तीन तापके बारेमे बताया। अब मुझे बताइये कि गुन और ताप बनाने बाले कौन हैं। कथा वाचक गिरिधर पाठक बिहार
Guru Sahab aapko Bar Bar Bandagi aapka Darshan kaise hoga
Apane Swarup Ko Pahchanne Ko Hi Gyan Kahtey Hai. Bahut Sahi Bat Aapne Kha!
गुरुजी सत्संग नमन साहिब बंदगी साहिब बंदगी आपका नंबर चाहिए गुरुदेव आपको हम बुलाना चाहते हैं
आत्मा है इसका क्या प्रमाण है गुरू जी
Kabir panth kaha se aaya
mandir Kato pata nahin mahjid se jaroor mukch mile gaa
Aap ya bataa sakto darti or aasman kash banaa
6 😢
Gurudev me bhool singh kuchh sabal kar raha houn Aapse kuchh galti ho jaye to mujhhe maf kar dena Rampal ji kahete hai ke birhmma bishnu mahadev kiran ram have koi bhaganan nahi hai to inki Ramani me koi bhee bhagaban nahi choda hai esha kiyuon hai tahe kiya matalab ha kiya aap batayenge
सभी महापुरुषों के सत्संग का निचोड़ यही है कि ईश्वर सबके अंदर में है और कहीं नहीं रेनू यादव
बाबा जी आप लोग मारने के बाद क्या क्या करते है और क्या करना चाहिए किसी वीडियो में बताये
एक नवीन जीवन मिलता है मरने के बाद कर्म के हिसाब से पर जैसी आप की जीवन मूल्यों की कमाई होगी नियत सही करके कर्म किए होंगे उसके हिसाब से तो सही परिणाम मिलेंगे और नियत खराब करके काम किए होंगे तो उसके हिसाब से परिणाम बुरे मिलेंगे कर्म क्षेत्र में खड़े होकर कर्म को ही देखना है अपने धर्म को ज्यादा नहीं देखिए
साहेब बंदगी साहेब