आमंत्रण vs निमंत्रण | आरंभ vs प्रारंभ | इनमें क्या अंतर है? amantran or nimantran me antar arambh or prarambh me antar hindi words confusion hindi grammar
जब भी हम किसी को घर या विशेष स्थल पर औपचारिक रूप से बुलाते हैं तो उसे 'आमंत्रण' या निमंत्रण देते हैं। 'आमंत्रण' और 'निमंत्रण' दोनों का अर्थ समान समझ लिया जाता है, पर ऐसा नहीं है। दोनों ही शब्दों में 'मंत्र' धातु की एक सी उपस्थिति है। सामान्य रूप से 'आमंत्रण' और निमंत्रण बुलावे के लिए प्रयुक्त होते है, परंतु 'आ' और 'नि' के चलते इनके अर्थो में विशिष्टता आ गई है। आमंत्रण में अच्छी तरह बुलाने का भाव निहित है। निमंत्रण भी अच्छी तरह का ही बुलावा है, पर भोजन आदि का हेतु विशेष रूप से इसमें जुड़ गया है। न्योता इसी निमंत्रण से निकला है। किसी कार्यक्रम में भोजन-नाश्ते की व्यवस्था हो तो लोगों को निमंत्रण भेजा जाता है, पर मंच पर भाषण करने, कविता आदि पढ़ने के लिए बुलाना हो तो आमंत्रित किया जाता है।
यदि किसी घरेलू धार्मिक अनुष्ठान जैसे अमावश्या एकादशी या श्राद्ध के दिन मात्र एक व्यक्ति को भोजन के लिए बुलाना होता है तो उसको क्या कहेंगे ? आपके अनुसार निमंत्रण हो नही सकता क्योकि यह बड़े स्तर पर नही हो रहा और आमंत्रण इसलिये नही कह सकते क्योंकि ये तो मिलने के लिए नहीं सोद्देश्य खाने के लिए बुलाया जा रहा है । तो अब बताइये एक व्यक्ति को खाने पर बुलाने के लिए क्या प्रयोग करेंगे आमंत्रण या निमंत्रण ?
दर्शकों को आधी-अधूरी जानकारी देकर भ्रमित न करें। आमंत्रण में स्वीकार या अस्वीकार करने की छूट होती है, निमंत्रण में नहीं। यही अंतर है। पढ़ाने से पहले अष्टाध्यायी का सूत्र 3.3.161 पढ़ें।
संस्कृत में समझें:- निमन्त्रण = नियतरूपेण आह्वानं, नियोगकरणम् । आमन्त्रणम् = कामचारेण आह्वानम् आगच्छेत् वा न वा । अर्थात् ★★★ निमन्त्रण:- इस शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब निमन्त्रित व्यक्ति का आना आवश्यक या कर्तव्य समझा जाता है । ★★★आमन्त्रण :- इस शब्द का प्रयोग लोकाचार से बुलावा के लिए किया जाता है, आवे या न आवे ।
यदि किसी घरेलू धार्मिक अनुष्ठान जैसे अमावश्या एकादशी या श्राद्ध के दिन मात्र एक व्यक्ति को भोजन के लिए बुलाना होता है तो उसको क्या कहेंगे ? आपके अनुसार निमंत्रण हो नही सकता क्योकि यह बड़े स्तर पर नही हो रहा और आमंत्रण इसलिये नही कह सकते क्योंकि ये तो मिलने के लिए नहीं सोद्देश्य खाने के लिए बुलाया जा रहा है । तो अब बताइये एक व्यक्ति को खाने पर बुलाने के लिए क्या प्रयोग करेंगे आमंत्रण या निमंत्रण ?
एक ही जैसे अर्थबोधक शब्दों के प्रयोग में सूक्ष्मतम अन्तर को समझाने के लिए आपका ये प्रयास बहुत ही सराहनीय एवं ज्ञानवर्धक साबित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है । 👌👍
प्रारम्भ और आरंभ के अर्थ में क्या फर्क है? 'प्रारंभ' का प्रयोग किसी काम को पहली बार करने के संदर्भ में तथा 'आरंभ' का प्रयोग पहले से चले आए हुए किसी काम को पुनः करने के लिए किया जाता है।24 Apr 2018
लगता है आप खुद कन्फ्यूज हैं। नि उपसर्ग विशेष रूप के लिए प्रयोग किया जाता है। नि विशेषे जो अनिवार्य रूप से आने का आग्रह करता है आरम्भ का अर्थ है जो शुरू कर दिया गया है और प्रारंभ में निश्चित नहीं है कि शुरू कर दिया या शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
मित्र, आपका ज्ञान सराहनीय है। आपका व्याख्यान भी सही प्रतीत होता है। लेकिन सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की एक कविता के माध्यम से इसे आसानी से समझ सकते हैं। आंखों से देती आमंत्रण। अर्थ यह है कि direct invitation is आमंत्रण, जबकि indirect invitation, through messenger, letter etc., is निमंत्रण
इसे ऐसे भी समझ सकते हैं,कि जैसे किसी सभा में लोगों को बुलाने के लिए निमंत्रण दिया गया उन्हीं में से किसी को अपने विचार व्यक्त करने के मंच पर बुलाने के लिए आमंत्रित किया गया
दूसरे शब्दों मैं आमंत्रित व्यक्ति से आशा रखी जाती है जैसे किसी सभा में मुख्य अतिथि को बोलने या पुरस्कार देने के लिए आमंत्रित करते हैं। निमंत्रित व्यक्ति से आशा नहीं रखी जाती है
@@shweta6140 जी हां, धन्यवाद 🙏🏻। परन्तु जिन्हें इस बात का पूर्ण ज्ञान नहीं होता वे वसुदेव जी को ही वासुदेव मान लेते हैं। जैसे:- वासुदेव जी ने भगवान श्री कृष्ण को यमुना (जी) नदी पार करवाई थी।
@@Hariom-cx9pm आप सही कह रहे हैं, आरंभ से ज्ञान होना ज़रूरी है, हमें बचपन में ही पढ़ाया गया था गुणाः सर्वत्र पुजायन्ते न देवो न मानवा वासुदेव सर्वत्र पुजायन्ते वसुदेव न मनवा
विरोध : यह विरोधाभास को इंगित करता हैं, इसमें मनाही का भाव होता हैं, जैसे किसी बात का विरोध किया जाता हैं तो जरुरी नहीं की इसमें लड़ाई जैसी स्थिति उत्पन्न हो l विद्रोह : यह बगावत तथा आक्रमकता को इंगित करता हैं तथा इसमें कभी कभी यह देखा गया हैं की किसी बात अथवा मांग को लेकर लड़ाई या भौतिक हानि की संभावना बन जाती हैं
हिन्दी दिखने में बहुत सरल और सीधा साधा लगता है,पर है ऐसा नही, हिन्दी के गहराई में वही जा सकता है जो दिमागी तौर पर बहुत मजबूत हो,भारत,भारतीय और हिन्दी यू ही विश्वगुरु नही गया है। बहुत शानदार प्रस्तुति हिन्दी सूक्ष्म विज्ञान का आपने दिया
जिस निजी समारोह में आत्मिक व्यक्ति को बुलाना है तो आमंत्रण और किसी सार्वजनिक समारोह में जन समुदाय को बुलाना है तो निमंत्रण का प्रयोग किया जाता है। धन्यवाद
इस बुजर्गावस्था में भी मैं आपका छात्र हो गया। अच्छा लगा।
धन्यवाद इसे जारी रखेंगे।
ज्ञान दायक पोस्ट। धन्यवाद।
@@vedprakashpandey5805😊
बहुत सुंदर 😊
0
Ii@@vedprakashpandey5805
Bahut vidwaan bane hue ho short mai bolo ek baat ko 10 baar repeat karana
जब भी हम किसी को घर या विशेष स्थल पर औपचारिक रूप से बुलाते हैं तो उसे 'आमंत्रण' या निमंत्रण देते हैं। 'आमंत्रण' और 'निमंत्रण' दोनों का अर्थ समान समझ लिया जाता है, पर ऐसा नहीं है। दोनों ही शब्दों में 'मंत्र' धातु की एक सी उपस्थिति है। सामान्य रूप से 'आमंत्रण' और निमंत्रण बुलावे के लिए प्रयुक्त होते है, परंतु 'आ' और 'नि' के चलते इनके अर्थो में विशिष्टता आ गई है।
आमंत्रण में अच्छी तरह बुलाने का भाव निहित है। निमंत्रण भी अच्छी तरह का ही बुलावा है, पर भोजन आदि का हेतु विशेष रूप से इसमें जुड़ गया है। न्योता इसी निमंत्रण से निकला है। किसी कार्यक्रम में भोजन-नाश्ते की व्यवस्था हो तो लोगों को निमंत्रण भेजा जाता है, पर मंच पर भाषण करने, कविता आदि पढ़ने के लिए बुलाना हो तो आमंत्रित किया जाता है।
इस वीडियो से अच्छा तो आपने एक्सप्लेन किए है, 👌🏻💫
मंच पर भाषण देने का उदाहरण सर्वथा उपयुक्त है
आमंत्रण का मतलब किसी को कोई क्रिया करने k liye पास बुलाना
*CHOKIDAAR AUR CHOR ME KYAA FARK HOTA HAI WO BHI SAMJAOO..*
आमंत्रण =आत्मीय को पास बुलाना। निमंत्रण=बड़े समारोह में अधिक लोगों को बुलाना जिसमें भोजन का भी प्रबंध हो। ❤
Aamantran main jise bulaya jayega vahi aayega lekin nimantran main apani jagah kisi dusare ko bhi bhej sakte hain
Thanku 😊😊
B@@avdheshsrivastava8232
अति उत्तम त्रिवार सत्य
यदि किसी घरेलू धार्मिक अनुष्ठान जैसे अमावश्या एकादशी या श्राद्ध के दिन मात्र एक व्यक्ति को भोजन के लिए बुलाना होता है तो उसको क्या कहेंगे ?
आपके अनुसार निमंत्रण हो नही सकता क्योकि यह बड़े स्तर पर नही हो रहा और आमंत्रण इसलिये नही कह सकते क्योंकि ये तो मिलने के लिए नहीं सोद्देश्य खाने के लिए बुलाया जा रहा है ।
तो अब बताइये एक व्यक्ति को खाने पर बुलाने के लिए क्या प्रयोग करेंगे आमंत्रण या निमंत्रण ?
दर्शकों को आधी-अधूरी जानकारी देकर भ्रमित न करें। आमंत्रण में स्वीकार या अस्वीकार करने की छूट होती है, निमंत्रण में नहीं। यही अंतर है। पढ़ाने से पहले अष्टाध्यायी का सूत्र 3.3.161 पढ़ें।
Kya baat h. Aapko kitni knowledge h
अति उत्तम अति सुंदर अति महत्वपूर्ण अति आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए आपका आभार
सही बात
यह क्या काम आएगी?
इससे बेहतर होता इंगलिश के दो शब्द सीखा देते।
@@Anilthinks kyo English ke कुएं में डूब मरना है
संस्कृत में समझें:-
निमन्त्रण = नियतरूपेण आह्वानं, नियोगकरणम् ।
आमन्त्रणम् = कामचारेण आह्वानम् आगच्छेत् वा न वा ।
अर्थात्
★★★ निमन्त्रण:-
इस शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब निमन्त्रित व्यक्ति का आना आवश्यक या कर्तव्य समझा जाता है ।
★★★आमन्त्रण :-
इस शब्द का प्रयोग लोकाचार से बुलावा के लिए किया जाता है, आवे या न आवे ।
आपकी वीडियो देखकर शब्दों सही अर्थ समझ में आता है और इस तरह की समझदारी से ज्ञान बढ़ता है और ज्ञान ही शक्ति है धन्यवाद
आमन्त्रण शब्द का अर्थ किसी से बिदाई लेना होता है। देखिए - शाकुन्तल नाटक का ३अंक का अन्तिम भाग।।
आ का मतलब केवल आना,नि का मतलब न्यौता
बहुत ही बढ़िया
आप ने तो आँख खोल दिया
Best
कृप्या लेख एवं आलेख में भी अंतर समझाएं। सभी छात्र आपके आभारी रहेंगे। धन्यवाद।
आमन्त्रण में कामचारानुज्ञा होती है।निमन्त्रण में अनिवार्यता
ऐसे और हिंदी शब्दों का ज्ञान देते रहीये हिंदी शब्दों का विश्लेषण समझना चाहते हैं धन्यवाद
गुरुजी आसान भाषा में.....….
आमंत्रण - व्यक्तिगत बुलावा होता हैं
निमंत्रण - सार्वजनिक बुलावा होता हैं
GALAT
यदि किसी घरेलू धार्मिक अनुष्ठान जैसे अमावश्या एकादशी या श्राद्ध के दिन मात्र एक व्यक्ति को भोजन के लिए बुलाना होता है तो उसको क्या कहेंगे ?
आपके अनुसार निमंत्रण हो नही सकता क्योकि यह बड़े स्तर पर नही हो रहा और आमंत्रण इसलिये नही कह सकते क्योंकि ये तो मिलने के लिए नहीं सोद्देश्य खाने के लिए बुलाया जा रहा है ।
तो अब बताइये एक व्यक्ति को खाने पर बुलाने के लिए क्या प्रयोग करेंगे आमंत्रण या निमंत्रण ?
धन्यवाद बहुत अच्छा ऐसा वीडियो बनाते रहिएगा
आमंत्रण पत्रिका: छोटे कार्यक्रम में बुलाना
निमंत्रण: बड़े कार्यक्रम में बुलाना
एक ही जैसे अर्थबोधक शब्दों के प्रयोग में सूक्ष्मतम अन्तर को समझाने के लिए आपका ये प्रयास बहुत ही सराहनीय एवं ज्ञानवर्धक साबित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है । 👌👍
सरजी बहोत खूब
बहुत सुंदर सरलता से समझाया है।
आरम्भ - शुरूआत - beginning
प्रारम्भ - अग्रेषित - resume
ज्ञान वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आपके कहने का तरीका भी बहुत सुंदर है।
कम समय मे भी निपटा सकते हो।
एक छोटी सी बात को इतनी देर तक बताया, इसे कम समय में भी बताया जा सकता था। बाकी बातें ज्ञानवर्धक थी।
कृपया कम से कम इस तरह के दस जोड़े शब्दों को एक एपीसोड में जरूर शामिल करें
आमंत्रण निमंत्रण के तभव रुप क्या है बताइए
Tabhav nahi,tadbhav
Ye Tatsam shabd
मैंने तो हिंदी में एम ए किया है फिर भी शब्दों के मध्य सूक्ष्म अंतर के बारे में नहीं पता था
बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी
आपके द्वारा इस प्रकार का ज्ञान वर्धक वीडियो युवाओं को बदलने का कार्य करेगा जिससे देश का प्रत्येक परिवार खुशहाल होगा धन्यवाद।
आमंत्रण सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए उपयोग किया जाता है निमंत्रण निजी कार्यक्रम में उपयोग करते हैं
ज्ञान वर्धक जानकारी।बहुत महत्वपूर्ण।
जानकारी के बावजूद परिभाषित करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है !
अनभिज्ञता वस गलतियां होती हैं मगर महसूस नहीं होता है !
Common Homonyms words in Hindi & Bangla:
1. गृह, ग्रह
2. सम, श्यम
3. अवधि, अवधी
4. अशक्त, आसक्त
5. Space for you & others.
प्रारम्भ और आरंभ के अर्थ में क्या फर्क है? 'प्रारंभ' का प्रयोग किसी काम को पहली बार करने के संदर्भ में तथा 'आरंभ' का प्रयोग पहले से चले आए हुए किसी काम को पुनः करने के लिए किया जाता है।24 Apr 2018
इस तरह की शिक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
लगता है आप खुद कन्फ्यूज हैं।
नि उपसर्ग विशेष रूप के लिए प्रयोग किया जाता है। नि विशेषे जो अनिवार्य रूप से आने का आग्रह करता है
आरम्भ का अर्थ है जो शुरू कर दिया गया है और प्रारंभ में निश्चित नहीं है कि शुरू कर दिया या शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
Yes sir, state me hamesha aamantrit karke bulate hai.
what is the difference between hindi word "ghoshna" and udghoshna"? please clarify.
बढ़िया......निर्माण- विनिर्माण में भी अन्तर बताइए
बहुत अच्छा भाई साहब अच्छी जानकारियां आपने दिया इसके लिए आपको धन्यवाद।
इसी प्रकार का वि डियो डाला करे
।।ॐ॥ शब्दोर्थ भेद अच्छी तरहसे समझाया.धन्यवाद!
मित्र, आपका ज्ञान सराहनीय है। आपका व्याख्यान भी सही प्रतीत होता है। लेकिन सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की एक कविता के माध्यम से इसे आसानी से समझ सकते हैं।
आंखों से देती आमंत्रण।
अर्थ यह है कि direct invitation is आमंत्रण, जबकि indirect invitation, through messenger, letter etc., is निमंत्रण
इसके लिए धन्यवाद। इसी तरह और भी आगे बताते रहियेगा।
Aur aur tatha me ky antar h
Please btaiye sir😢
Please sir
🙏🙏btaiye🥲
एसे ही ओर विडियो बनाए
बिल्कुल ही विलक्षण, अदभुत ,इसे जारी रखें ।
ऐसे ही शब्दों के शृक्ष्म अन्तर को समझने से ज्ञानवर्धन होता है
इसे ऐसे भी समझ सकते हैं,कि जैसे किसी सभा में लोगों को बुलाने के लिए निमंत्रण दिया गया उन्हीं में से किसी को अपने विचार व्यक्त करने के मंच पर बुलाने के लिए आमंत्रित किया गया
दूसरे शब्दों मैं आमंत्रित व्यक्ति से आशा रखी जाती है जैसे किसी सभा में मुख्य अतिथि को बोलने या पुरस्कार देने के लिए आमंत्रित करते हैं।
निमंत्रित व्यक्ति से आशा नहीं रखी जाती है
अद्भुत।
वसुदेव और वासुदेव।
आचार्य व प्राचार्य।
शिक्षक, गुरु, आचार्य,व्याख्यत आदि शब्द भी एक जैसे लगते हैं, कृपया इनमें भी अन्तर स्पष्ट करें।
वसुदेव वासुदेव के पिता हैं
@@shweta6140
जी हां, धन्यवाद 🙏🏻।
परन्तु जिन्हें इस बात का पूर्ण ज्ञान नहीं होता वे वसुदेव जी को ही वासुदेव मान लेते हैं।
जैसे:- वासुदेव जी ने भगवान श्री कृष्ण को यमुना (जी) नदी पार करवाई थी।
@@Hariom-cx9pm आप सही कह रहे हैं, आरंभ से ज्ञान होना ज़रूरी है, हमें बचपन में ही पढ़ाया गया था
गुणाः सर्वत्र पुजायन्ते
न देवो न मानवा
वासुदेव सर्वत्र पुजायन्ते
वसुदेव न मनवा
@@Hariom-cx9pmनही। वसुदेव जी ने वासुदेव जी को यमुना नदी पार कराया।
समझने वालों को इशारा काफी होता है__
Re moorkh, mantra ka arth bulana Kab se ho gaya?
Mantra ka arth hai "मननात् त्रायते इति मंत्रः"
बेहतरीन विश्लेषणयुक्त समझाइश👍👍
आपका बहुत बहुत धन्यवाद ऐसे ही विडियो बनाते रहे।
आरोपी ' शब्द पर भी विचार व्यक्त कीजिए । आरोपी कौन होता है जो आरोप लगाता है वो या जिस पर आरोप लगाया गया है वो आरोपी होगा ?
Jis par arop lagaya jata hai
विरोध और विद्रोह में क्या फर्क है
विरोध : यह विरोधाभास को इंगित करता हैं, इसमें मनाही का भाव होता हैं, जैसे किसी बात का विरोध किया जाता हैं तो जरुरी नहीं की इसमें लड़ाई जैसी स्थिति उत्पन्न हो l
विद्रोह : यह बगावत तथा आक्रमकता को इंगित करता हैं तथा इसमें कभी कभी यह देखा गया हैं की किसी बात अथवा मांग को लेकर लड़ाई या भौतिक हानि की संभावना बन जाती हैं
निमंत्रण शब्द का जो आपने अर्थ बताएं हैं, इसका क्या आधार है ?
आ उपसर्ग और नि उपसर्ग में क्या फर्क है
अच्छी जानकारी मिली धन्यवाद!
✋
समानुभूति vs सहानुभूति 😊
बहुत सुन्दर व सराहनीय प्रयास है जी।
बहुत बहुत साधुवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं
आ का मतलब बताएं
नि का मतलब नहीं बताएं। इसे अधूरी ज्ञान कहते हैं।
हे गुरुदेव आप ही महान है क्यूं की हमारे टीचर आज तक इतना क्लीयरेंस नही पढ़ा पाए
हिन्दी दिखने में बहुत सरल और सीधा साधा लगता है,पर है ऐसा नही, हिन्दी के गहराई में वही जा सकता है जो दिमागी तौर पर बहुत मजबूत हो,भारत,भारतीय और हिन्दी यू ही विश्वगुरु नही गया है। बहुत शानदार प्रस्तुति हिन्दी सूक्ष्म विज्ञान का आपने दिया
Sirf hindi hi nhi hr bhartiy bhasha bhut hi ghri aur sundr ttha abhyas yogy hai
विश्व की सभी शास्त्रीय भाषाएँ अपने आप में विशिष्ट हैं। सबको प्रणाम!
फिर oukat से बाहर निकला. अनपढ़. कुएं के मेंढक
सही बात
🚩🚩🚩जय भारती ♥️ आप भारत माता के अनमोल रत्न है 🌲💓🙏♥️♥️🙏💓🌹🌲
बहुत अच्छा,ज्ञानवर्धक वीडियो।
प्रारंभ शब्द का अर्थ रीस्टार्ट किस आधार पर बताएं ? कृपया व्याकरण बताएं
आपका विश्लेषण बहुत ही अच्छा है धन्यवाद।
निमंत्रित व्यक्ति के आने ना आने पर कार्य नहीं रुकता पर आमंत्रित व्यक्ति के ना आने पर कार्य रुकने की स्थिति भी बन सकती है।
बहुत सुंदर तरीके से बताया,ईश्वर की कृपा बनी रहे...
इस शब्द का सटिक और सही अर्थ स्वामी श्री रामस्वररूप आचार्य से सुने
बहुत बढ़िया, और जानकारी दीजिए ताकि सही जानकारी प्राप्त हो सके
शिक्षण और प्रशिक्षण ... क्या फरक है ?
अध्यापक और प्राध्यापक ... क्या फरक है ?
बहुत बढ़िया । ऐसे ही शानदार वीडियो और भी बनाएं ।
ऐसे ही ज्ञानवर्धक वीडियो दिखाया जाना चाहिए।
Thank you sir 🙏 zabardast video hai ,maja aa gaya sir nice 👍👌❤️
आपका विडियो देखकर अच्छा लगा। निवेदन है कि स्वागत/अभिनन्दन में क्या अंतर है? समझाने की कृपा करें।
बहुत badiya sir ji ख़ूब अच्छा समझाते हो
Thank you sir 😊
First like please reply sir
Thank you
जिस निजी समारोह में आत्मिक व्यक्ति को बुलाना है तो आमंत्रण और किसी सार्वजनिक समारोह में जन समुदाय को बुलाना है तो निमंत्रण का प्रयोग किया जाता है। धन्यवाद
Very good. Continue such type of edn. Bundle of thanks
अन्तर समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
आमंत्रण और निमंत्रण
आरंभ और प्रारंभ
के अंतर को कई गणमान्य से पूछा परंतु उत्तर प्राप्त नही हुआ आज संतोष जनक उत्तर मिला।
धन्यवाद।
Hii
आपको क्या जरूरत पड़ गई थी?
जय हिंद ओर विडियो बनाओ😊
गुरु जी आप इसी तरह हमारे लिए और विडियो लेकर आइयेगा आप बहुत अच्छा पढ़ाते हैं धन्यवाद।
Bahut. Achchha. Laga 9:32
Such a great information thank you dear
हिंदी समझने के लिए English का सहारा लेना पड़ रहा हैं 😂😂😂
Baat to sahi hai
Guru ji 🙏
बहुत सुंदर विष्लेषण
Very nice video sir thank you so much sir 🙏
So nice of you
बहुत सुंदर व्याख्या किंतु दुर्भाग्य यह है कि हिंदी के शब्दों को समझाने के लिए अंग्रेजी के उदाहरण देना पड़ता है
English प्रमुख संपर्क भाषा है, उसके बगैर दूसरी भाषा सीखना बहुत मुष्किल और ज्यादह वक्त लगता है.. जो आम के पास नही होता.
@@purnimachaudhari आपको ये हास्यास्पद नहीं लगता कि अंग्रेजी प्रमुख संपर्क भाषा है हिंदी नहीं।
@@purnimachaudhariआप कीमातृभाषा शायद अंग्रेजी है इसीलिए ऐसा कह रहे हैं हिंदी आमजन की भाषा है हिंदी सीखने के लिए हिंदी शब्दों का ही प्रयोग होनाचाहिए।
आरंभ --> To start / To begin
प्रारंभ --> Beginning / Initially / From start
उपर्युक्त एवं उपरोक्त में अंतर बताएं
आपके समझाने का तरिका बहुत-बहुत अच्छा है।धन्यवाद
Aa ka matlab pass hai
Ni ka matlab apne nahi bataya hai... sorry sir
अति उत्तम जानकारी दी आपने।प्रभु आपको लम्बी उम्र दे।खुश रखे।आपके बच्चे खुश रहें।
गुरूजी कल्पना और परिकल्पना के बीच भी भेद बतादिजीये।
Okay
Thank you. Essential for all
You are welcome!
अगर एक person या एक family को खाने पर घर पर बुलाना हो तो आमंत्रण है या निमंत्रण
Very informative video. Lots of love and respect from Haryana ❤❤
Thanks a ton
विडिओ के अंत मे जयहिंद और वंदेमातरम का प्रयोग करने के लिए बहोत बहोत धन्यवाद ह्रदय पूर्वक ❤
Bahut Sundar dhang se samjhaya
अच्छा लगा, बुढापे मे सिख रहे हैं, मराठी भाषिक है, उच्च हिंदी समाझाना खूब है.
कोटि कोटि आभार❤
आपका सर दोनों लिखावट के बीच में रखें
अतिसुन्दर वीडियो