आमंत्रण vs निमंत्रण | आरंभ vs प्रारंभ | इनमें क्या अंतर है? amantran or nimantran me antar arambh or prarambh me antar hindi words confusion hindi grammar
एक ही जैसे अर्थबोधक शब्दों के प्रयोग में सूक्ष्मतम अन्तर को समझाने के लिए आपका ये प्रयास बहुत ही सराहनीय एवं ज्ञानवर्धक साबित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है । 👌👍
हिन्दी दिखने में बहुत सरल और सीधा साधा लगता है,पर है ऐसा नही, हिन्दी के गहराई में वही जा सकता है जो दिमागी तौर पर बहुत मजबूत हो,भारत,भारतीय और हिन्दी यू ही विश्वगुरु नही गया है। बहुत शानदार प्रस्तुति हिन्दी सूक्ष्म विज्ञान का आपने दिया
जब भी हम किसी को घर या विशेष स्थल पर औपचारिक रूप से बुलाते हैं तो उसे 'आमंत्रण' या निमंत्रण देते हैं। 'आमंत्रण' और 'निमंत्रण' दोनों का अर्थ समान समझ लिया जाता है, पर ऐसा नहीं है। दोनों ही शब्दों में 'मंत्र' धातु की एक सी उपस्थिति है। सामान्य रूप से 'आमंत्रण' और निमंत्रण बुलावे के लिए प्रयुक्त होते है, परंतु 'आ' और 'नि' के चलते इनके अर्थो में विशिष्टता आ गई है। आमंत्रण में अच्छी तरह बुलाने का भाव निहित है। निमंत्रण भी अच्छी तरह का ही बुलावा है, पर भोजन आदि का हेतु विशेष रूप से इसमें जुड़ गया है। न्योता इसी निमंत्रण से निकला है। किसी कार्यक्रम में भोजन-नाश्ते की व्यवस्था हो तो लोगों को निमंत्रण भेजा जाता है, पर मंच पर भाषण करने, कविता आदि पढ़ने के लिए बुलाना हो तो आमंत्रित किया जाता है।
@@shweta6140 जी हां, धन्यवाद 🙏🏻। परन्तु जिन्हें इस बात का पूर्ण ज्ञान नहीं होता वे वसुदेव जी को ही वासुदेव मान लेते हैं। जैसे:- वासुदेव जी ने भगवान श्री कृष्ण को यमुना (जी) नदी पार करवाई थी।
@@Hariom-cx9pm आप सही कह रहे हैं, आरंभ से ज्ञान होना ज़रूरी है, हमें बचपन में ही पढ़ाया गया था गुणाः सर्वत्र पुजायन्ते न देवो न मानवा वासुदेव सर्वत्र पुजायन्ते वसुदेव न मनवा
इस बुजर्गावस्था में भी मैं आपका छात्र हो गया। अच्छा लगा।
धन्यवाद इसे जारी रखेंगे।
ज्ञान दायक पोस्ट। धन्यवाद।
@@vedprakashpandey5805😊
बहुत सुंदर 😊
0
Ii@@vedprakashpandey5805
Bahut vidwaan bane hue ho short mai bolo ek baat ko 10 baar repeat karana
अति उत्तम अति सुंदर अति महत्वपूर्ण अति आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए आपका आभार
सही बात
आपकी वीडियो देखकर शब्दों सही अर्थ समझ में आता है और इस तरह की समझदारी से ज्ञान बढ़ता है और ज्ञान ही शक्ति है धन्यवाद
Thanks sir
आज ज्ञान में वृद्धी हुई ❤
आमंत्रण =आत्मीय को पास बुलाना। निमंत्रण=बड़े समारोह में अधिक लोगों को बुलाना जिसमें भोजन का भी प्रबंध हो। ❤
Aamantran main jise bulaya jayega vahi aayega lekin nimantran main apani jagah kisi dusare ko bhi bhej sakte hain
Thanku 😊😊
B@@avdheshsrivastava8232
अति उत्तम त्रिवार सत्य
बिल्कुल ही विलक्षण, अदभुत ,इसे जारी रखें ।
बहुत ही बढ़िया
आप ने तो आँख खोल दिया
Best
अति उत्तम
बेहतरीन विश्लेषणयुक्त समझाइश👍👍
ज्ञान वर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। आपके कहने का तरीका भी बहुत सुंदर है।
गुरुजी आसान भाषा में.....….
आमंत्रण - व्यक्तिगत बुलावा होता हैं
निमंत्रण - सार्वजनिक बुलावा होता हैं
आपके द्वारा इस प्रकार का ज्ञान वर्धक वीडियो युवाओं को बदलने का कार्य करेगा जिससे देश का प्रत्येक परिवार खुशहाल होगा धन्यवाद।
एक ही जैसे अर्थबोधक शब्दों के प्रयोग में सूक्ष्मतम अन्तर को समझाने के लिए आपका ये प्रयास बहुत ही सराहनीय एवं ज्ञानवर्धक साबित होगा, ऐसा मेरा विश्वास है । 👌👍
सरजी बहोत खूब
इसके लिए धन्यवाद। इसी तरह और भी आगे बताते रहियेगा।
Bahut sunder gayan diya haih namaste
Excellent
हिन्दी दिखने में बहुत सरल और सीधा साधा लगता है,पर है ऐसा नही, हिन्दी के गहराई में वही जा सकता है जो दिमागी तौर पर बहुत मजबूत हो,भारत,भारतीय और हिन्दी यू ही विश्वगुरु नही गया है। बहुत शानदार प्रस्तुति हिन्दी सूक्ष्म विज्ञान का आपने दिया
Sirf hindi hi nhi hr bhartiy bhasha bhut hi ghri aur sundr ttha abhyas yogy hai
विश्व की सभी शास्त्रीय भाषाएँ अपने आप में विशिष्ट हैं। सबको प्रणाम!
फिर oukat से बाहर निकला. अनपढ़. कुएं के मेंढक
सही बात
🚩🚩🚩जय भारती ♥️ आप भारत माता के अनमोल रत्न है 🌲💓🙏♥️♥️🙏💓🌹🌲
ऐसे ही शब्दों के शृक्ष्म अन्तर को समझने से ज्ञानवर्धन होता है
बहुत badiya sir ji ख़ूब अच्छा समझाते हो
Thank you Did not know this
बहुत अच्छा बताया सर जी और ज्ञान देते रहे sir ji
इस तरह की शिक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
अति सुन्दर 👌
Interesting and knowledgeable
समझने वालों को इशारा काफी होता है__
Thank you sir 🙏 zabardast video hai ,maja aa gaya sir nice 👍👌❤️
बहुत बढ़िया, और जानकारी दीजिए ताकि सही जानकारी प्राप्त हो सके
अति उत्तम जानकारी दी आपने।प्रभु आपको लम्बी उम्र दे।खुश रखे।आपके बच्चे खुश रहें।
Bahut bahut achcha laga. Aaise hi jankari dete rahen.dhanyavad.
बहुत अच्छा,ज्ञानवर्धक वीडियो।
धन्यवाद बहुत अच्छा ऐसा वीडियो बनाते रहिएगा
Thik hai aur bhi video laie intresting hai sikhyniya hai.
अतिसुन्दर वीडियो
एसे ही ओर विडियो बनाए
Jaiho💪..!
"Wonderful teacher"
अन्तर समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुंदर तरीके से बताया,ईश्वर की कृपा बनी रहे...
हे गुरुदेव आप ही महान है क्यूं की हमारे टीचर आज तक इतना क्लीयरेंस नही पढ़ा पाए
आरंभ --> To start / To begin
प्रारंभ --> Beginning / Initially / From start
Very nice video sir thank you so much sir 🙏
So nice of you
बहोत दुर्लभ
शानदार। अच्छा लगा
ऐसे और भी विडियो बनाए तो आपका शुक्रिया ❤❤
अति सुंदर 👌👌
Very good. Continue such type of edn. Bundle of thanks
बहुत सुन्दर व सराहनीय प्रयास है जी।
बहुत बहुत साधुवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं
ऐसे ही ज्ञानवर्धक वीडियो दिखाया जाना चाहिए।
ऐसे ही ज्ञानवर्धक वीडियो बनाना सर
Thanks sir so much 🙏🙏
Most welcome
आपके समझाने का तरिका बहुत-बहुत अच्छा है।धन्यवाद
Thank you sir this video is excellent I can teach this for other person
Good to learn Hindi words properly ❤
First like please reply sir
Thank you
Very good
जब भी हम किसी को घर या विशेष स्थल पर औपचारिक रूप से बुलाते हैं तो उसे 'आमंत्रण' या निमंत्रण देते हैं। 'आमंत्रण' और 'निमंत्रण' दोनों का अर्थ समान समझ लिया जाता है, पर ऐसा नहीं है। दोनों ही शब्दों में 'मंत्र' धातु की एक सी उपस्थिति है। सामान्य रूप से 'आमंत्रण' और निमंत्रण बुलावे के लिए प्रयुक्त होते है, परंतु 'आ' और 'नि' के चलते इनके अर्थो में विशिष्टता आ गई है।
आमंत्रण में अच्छी तरह बुलाने का भाव निहित है। निमंत्रण भी अच्छी तरह का ही बुलावा है, पर भोजन आदि का हेतु विशेष रूप से इसमें जुड़ गया है। न्योता इसी निमंत्रण से निकला है। किसी कार्यक्रम में भोजन-नाश्ते की व्यवस्था हो तो लोगों को निमंत्रण भेजा जाता है, पर मंच पर भाषण करने, कविता आदि पढ़ने के लिए बुलाना हो तो आमंत्रित किया जाता है।
अच्छी और जानकारी पूर्ण प्रस्तुति ।🎉
Yeh baat mere dimag me pahle se thi aapse jaankar aur bhi jyada achchha laga dhanyawad sir
Guru ji 🙏
Koti dhanyawad Hindi ka gyan samzhne ke liye ❤❤🙏🙏
Guruji gyan dene ke liye dhanyavad 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Yes sir, state me hamesha aamantrit karke bulate hai.
Dhanyawad for explaining in such simple terms
I could Understand the difference
बहुत खूब, धन्यवाद।
Very knowledgeable well explained
Sir good teaching
Thank you. Essential for all
You are welcome!
बहुत ही अति सुंदर वर्णन किया आपने
बहुत ज्ञानवर्धक वीडियो, धन्यवाद श्रीमान।
आमंत्रण निमंत्रण के तभव रुप क्या है बताइए
Common Homonyms words in Hindi & Bangla:
1. गृह, ग्रह
2. सम, श्यम
3. अवधि, अवधी
4. अशक्त, आसक्त
5. Space for you & others.
Good job
It's most important thing
very nice illustration with very easy example updated my knowledge . Thank you very much
आप का इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम को प्रस्तुत करके हम जैसों की चिरप्रतीक्षित जिज्ञासा को शान्त करने हेतु बहुत बहुत आभार।
कोटि कोटि आभार❤
❤❤❤
Very educative.
बहुत अच्छा भाई साहब अच्छी जानकारियां आपने दिया इसके लिए आपको धन्यवाद।
इसी प्रकार का वि डियो डाला करे
Very nice video sir ❤❤❤
Thanks and welcome
गुरु जी आप इसी तरह हमारे लिए और विडियो लेकर आइयेगा आप बहुत अच्छा पढ़ाते हैं धन्यवाद।
Bahut. Achchha. Laga 9:32
Such a great information thank you dear
बहुत ही अच्छा ज्ञान मिला सर जी
बोहोत बोहोत धन्यवाद 🙏🙏
Aur vidio
Super plan 💥💙
Very good video
Very nice, Ati sundar 👍
आमंत्रण और निमंत्रण
आरंभ और प्रारंभ
के अंतर को कई गणमान्य से पूछा परंतु उत्तर प्राप्त नही हुआ आज संतोष जनक उत्तर मिला।
धन्यवाद।
Hii
आपको क्या जरूरत पड़ गई थी?
Very informative video. Lots of love and respect from Haryana ❤❤
Thanks a ton
उत्तम पाठ
अच्छी जानकारी दी है, धन्यवाद l
बेहतरीन वीडियो।
आगे भी जारी रखिएगा
आ का मतलब केवल आना,नि का मतलब न्यौता
बहुत सुन्दर।
जय जय सियाराम 🌷🙏
बहोत ही ज्ञान वर्धक।
कृपया ऐसी ही भाषा संबंधी जानकारी देते रहे
हिन्दी साहित्य के बारे में भी बताईये सर्
आप का प्रयास सराहनीय है निरंतरता बनाए रखें
🎉
धन्यवाद श्रीमान जी 🙏🏻 🙏🏻
Banao sir bhasha ki itihas ki video
अद्भुत।
वसुदेव और वासुदेव।
आचार्य व प्राचार्य।
शिक्षक, गुरु, आचार्य,व्याख्यत आदि शब्द भी एक जैसे लगते हैं, कृपया इनमें भी अन्तर स्पष्ट करें।
वसुदेव वासुदेव के पिता हैं
@@shweta6140
जी हां, धन्यवाद 🙏🏻।
परन्तु जिन्हें इस बात का पूर्ण ज्ञान नहीं होता वे वसुदेव जी को ही वासुदेव मान लेते हैं।
जैसे:- वासुदेव जी ने भगवान श्री कृष्ण को यमुना (जी) नदी पार करवाई थी।
@@Hariom-cx9pm आप सही कह रहे हैं, आरंभ से ज्ञान होना ज़रूरी है, हमें बचपन में ही पढ़ाया गया था
गुणाः सर्वत्र पुजायन्ते
न देवो न मानवा
वासुदेव सर्वत्र पुजायन्ते
वसुदेव न मनवा
@@Hariom-cx9pmनही। वसुदेव जी ने वासुदेव जी को यमुना नदी पार कराया।
ऐसी ही ज्ञानवर्धक वीडियो बनाए सर l
अच्छे वाक्य समझाए आपने धन्यबाद
कृप्या लेख एवं आलेख में भी अंतर समझाएं। सभी छात्र आपके आभारी रहेंगे। धन्यवाद।