@@opkhanna6521 बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति, तमिल साहित्य मे द्रविड़ प्रजाति, संस्कृति साहित्य के धर्म ग्रंथों मे पंचम निषाद प्रजाति, महाकाव्यों रामायण और महाभारत मे निषादराज प्रजाति, अंग्रेजी मे प्रोटो ऑस्ट्रेलायड और हिंदी मे नाग, निषाद, द्रविड़, गोंड, कोल, भील, संथाल और आजकल ओबीसी, एस सी, एस टी सब समयानुसार अलग अलग नाम हो पर है सब एक है अब आप नाग कहो या निषाद कहो या फिर द्रविड़ कहो बात तो एक ही है
@@opkhanna6521 जो बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति है उसी का संस्कृत साहित्य मे निषाद या निशादराज कहा है नाग निषाद कोई जाति नहीं है ना ही धर्म संप्रदाय है संस्कृति और सभ्यता को कहते निषादाय ( नागराजाय ) है
डा राजेंद्र प्रसाद सिंह जी का बहुत बहुत साधुवाद जिन्होने सम्राट अशोक के अभिलेखों का भावार्थ सहित सरल शब्दों में समझाया जाता है जानकारी दी जाती है प्रशंसनीय कार्य है
सर जेम्स प्रिसेप्स और कनिंघम!की खोजी प्रवृत्ति को अपने आगे बढ़ाया है।आप हमारे देश के गौरव हो!आशा है।के जल्द ही कोशांबी में जो तथागत की निर्वाण तिथी वाला धमस्तंभ ढूंढने में,आप पुरातत्व विभाग की मदद से कुछ नया करेंगे। हमआपके बहुत ही आभारी है।
आदरणीय प्रो प्रसाद सर, नमस्कार! बहुत अच्छा लगता है कि आपको बौद्ध साहित्य का प्रचुर ज्ञान है और उनको पाली-प्राकृत की गहरी पकड़ है। इतिहासविज्ञ होने से सम्राट अशोक और बुद्ध धम्म की गहरी पड़ताल आप करते हैं। किंतु लोक के हित को ध्यान में रखकर आप बहुत बुनियादी रूप में बातों को अनावश्यक बहुत बार दोहराते हैं। 5 मि की बात 15 मि तक खिंच जाती है। आपको सुनते हैं तो लगता है कि कम समय में आप सारी जानकारी दे दें। लेकिन दोहराव के कारण जल्दी ऊब होने लगती है। आशा है इस पर विचार करेंगे। आपके बहुमूल्य ज्ञान अधिक से अधिक लोगों को मिले, आपके देखने सुनने वालों की संख्या बढ़े यह हार्दिक इच्छा है। निवेदन है व्याख्यान को और जनप्रिय बनाएं।
बेहतरीन बेहतरीन ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। धन्यवाद सर। आपके खोज पूर्ण अनुसंधान एवं अध्ययन को नमन। बेहतरीन कार्य एवं जानकारी जिज्ञासा को शान्त कर दी। बेहतरीन कार्य एवं अन्वेषण। प्रस्तुत भी सटीक एवं तथ्य सत्य प्रस्तुत किया है।
आप की ज्ञान को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏 आप ही आज़ के कनिंघम है। जय भीम जय जोहार नमो बुध्दाय जय संविधान जय मूलनिवासी नायक 🙏 अमर नाथ अमर वाराणसी उत्तर प्रदेश से।
@@SoniYadav-w6c 🤣matab kuchi bhi bhai mana ki tum bauddh ko mante ho aur manana bhi chahiye unone ache kaam kiye hai pr iske liye tum shri ram aur shri krishna ko kyu gira rahe ho ham thodi bauddh ko kuch galt bote hai.
सर बहुत अच्छी जानकारी सम्राट असोक के शीलालेख के अनुसार भारत का पहला लिखित ग्रंथ बुद्धिष्ठ ग्रंथ है । बुद्ध ही सत्य है । उनके ही पुरातात्विक अवशेष मिलते है । किसी और के नहीं वे सिर्फ़ कहानियों में ही है । नमोबुद्धाय जयभारत जयसंविधान जयभीम
यदि इस संसार में कोई पवित्र कार्य है, तो वह धम्म् का प्रचार करना है। दिल से धन्यवाद् । सर, आप तर्क, सत्य, प्रमाण एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बौद्ध धम्म् के प्रसार के लिए अद्भुत कार्य कर रहे हैं। आपको शुभकामनाएँ। तथागत् सम्यक् सम्बुद्ध की आप पर अनंत करुणा हो....🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🍃🍃🍃🍃
आदरणीय सर जी आपने हमें भारत का सच्चा इतिहास सबूत सहित बताया इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार, सर जी बुद्ध धम्म के दुख और अविद्या के बीच जो द्वादस निदान में 12 कड़ियां बताई गई है उसमें बड़ा कन्फ्यूजन है जाति ( जन्म ) व जरामरण को लेकर एक वीडियो द्वादस निदान पर जरूर बनाना सर जी बहुत से लोगों का कन्फ्यूजन दूर होगा आपको नमन 🙏
Namo budhay जय सम्राट अशोका द ग्रेट महान जय भीम जय संविधान जय जोहार जय मूलनिवासी जय बहुजन समाज जय ज्योति जय क्रांति जय विज्ञान जय किसान जय जवान जय लोकतंत्र
राजेन्द्र प्रसाद जी हम ही आऊंगा. यह आज से पच्चीस वर्ष पहले बिहार में विधानसभा चुनाव में लालु प्रसाद यादव को पुरे देशके मुख्य प्रीन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बदनाम करके भाजपाका प्रचार प्रसार खुल्लमखुल्ला किया था, तब मीडिया मे ऐसे शब्द कहे थे, आपने सही अर्थों में जानकारी दी है मान्यवर..
सर आपको आभार वयक्त करने के लिऐ हमारे पास सब्द नहीं है, जो बैद्धिक कार्य के जरीए हमारे मूल इतिहास को विश्व के समक्ष ला रहे हैं जो वर्षों से एक षडयंत्र के कारण विश्व समाज से भारत के मूल धर्म ,मूल लोग को छुपाया गया। आपसे निवेदन है कि आप इस तरह ही अनवरत एक से एक शिलालेख एवम अभिलेखों के माध्यम से जानकार प्रदान करते रहें ताकि हम सभी इसके मूल को जान पाए धन्यवाद सर ।
दूनिया में भारत ही एकमात्र देश है,जहा लोग शिलालेखों पर लिखे लेखों को सत्य नहीं मानते,बल्कि धर्मगुरुओं (हिंदू बौद्ध जैन लिंगायती सभी) की लिखी पुस्तकों को ही एकमात्र सत्य मानते हैं।ऐसा ही हाल महान चोल शासकों के बारे में भी सत्य है। कुलोत्तुंग चोल ने अपने शिलालेख में खुद को यदु का वंशज लिखा है, लेकिन इतिहासकार उसको स्पष्ट रूप से यादव नहीं लिखते((डा राजबली पांडेय अपवाद)) इसका कारण मेरी समझ से चोलो द्वारा ब्राह्मणों को अपने राज्य से निकाल देना, लगता है।
चोल राज वंश भी निषाद ( नाग ) वंश है जो आजकल ओबीसी एस टी एस सी की सभी जातियां अलग अलग हो गयी और यादव वंश भी नाग प्रजाति का ही हिस्सा है पर यदु जी का नाम तो धर्म धर्म ग्रंथो मे ही मिलता है
आप का व्याख्यान बड़े स्तर पर होना चाहिए ताकि देशवासियों को बौद्ध धम्म के सार और सत्य को जानने में मदद मिल सके।
मा, बौद्ध वैज्ञानिक मा, डा, प्रो, राजेन्द्र प्रसाद सिंग को सुऩे, बहुत बहुत साधुवाद।
बुद्धं शरणं गच्छामि।।
धम्मं शरणं गच्छामि।।
संघं शरणं गच्छामि।।
🙏🙏🙏🙏
हमारे सभ्यता को सतह पर लाने वाले डा राजेन्द्र प्रसाद सिंह जी को साधुवाद।
स्कॉलर / रिचसर्र प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह साहब को नाग/निषाद वंश का वैभव शाली इतिहास बताने के लिए दिल से हार्दिक आभार
भीम जोहार बुद्ध वन्दामि
भारत के सभी लोग सभी मूलनिवासी नागवंशी है
@@opkhanna6521 बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति, तमिल साहित्य मे द्रविड़ प्रजाति, संस्कृति साहित्य के धर्म ग्रंथों मे पंचम निषाद प्रजाति, महाकाव्यों रामायण और महाभारत मे निषादराज प्रजाति, अंग्रेजी मे प्रोटो ऑस्ट्रेलायड और हिंदी मे नाग, निषाद, द्रविड़, गोंड, कोल, भील, संथाल और आजकल ओबीसी, एस सी, एस टी सब समयानुसार अलग अलग नाम हो पर है सब एक है अब आप नाग कहो या निषाद कहो या फिर द्रविड़ कहो बात तो एक ही है
@@opkhanna6521 जो बौद्ध साहित्य मे नाग प्रजाति है उसी का संस्कृत साहित्य मे निषाद या निशादराज कहा है
नाग निषाद कोई जाति नहीं है ना ही धर्म संप्रदाय है
संस्कृति और सभ्यता को कहते निषादाय ( नागराजाय ) है
सच्चे इतिहास से अवगत कराने के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह को बहुत बहुत साधुवाद!नमो बुद्धाय जय भीम |🙏
डा राजेंद्र प्रसाद सिंह जी का बहुत बहुत साधुवाद जिन्होने सम्राट अशोक के अभिलेखों का भावार्थ सहित सरल शब्दों में समझाया जाता है जानकारी दी जाती है प्रशंसनीय कार्य है
बौद्ध धम्म के पवित्र ग्रंथों के पुरातात्विक साक्ष्य को स्थापित करने के लिए आपका बहुत शुक्रिया सर...👌👌👍🙏🙏🙏
बुद्धं शरणं गच्छामी
नमो बुद्धाय
बहुत बहुत आभार माननीय सर जी , आप हमें सबसे बड़ी ताकत दे रहे हैं , क्योंकि बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा इतिहास बोध सबसे बड़ी ताकत बताई गई है ।
दोस्तो 🙏 कृपया 👍 लाइक करना ना भूलें
सर जेम्स प्रिसेप्स और कनिंघम!की खोजी प्रवृत्ति को अपने आगे बढ़ाया है।आप हमारे देश के गौरव हो!आशा है।के जल्द ही कोशांबी में जो तथागत की निर्वाण तिथी वाला धमस्तंभ ढूंढने में,आप पुरातत्व विभाग की मदद से कुछ नया करेंगे।
हमआपके बहुत ही आभारी है।
अब पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि बौध्द ग्रंथ ही सबसे प्राचीन ग्रंथ हैं ।
आदरणीय प्रो प्रसाद सर, नमस्कार!
बहुत अच्छा लगता है कि आपको बौद्ध साहित्य का प्रचुर ज्ञान है और उनको पाली-प्राकृत की गहरी पकड़ है। इतिहासविज्ञ होने से सम्राट अशोक और बुद्ध धम्म की गहरी पड़ताल आप करते हैं।
किंतु लोक के हित को ध्यान में रखकर आप बहुत बुनियादी रूप में बातों को अनावश्यक बहुत बार दोहराते हैं। 5 मि की बात 15 मि तक खिंच जाती है। आपको सुनते हैं तो लगता है कि कम समय में आप सारी जानकारी दे दें। लेकिन दोहराव के कारण जल्दी ऊब होने लगती है।
आशा है इस पर विचार करेंगे। आपके बहुमूल्य ज्ञान अधिक से अधिक लोगों को मिले, आपके देखने सुनने वालों की संख्या बढ़े यह हार्दिक इच्छा है। निवेदन है व्याख्यान को और जनप्रिय बनाएं।
ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करे ताकि सभी को पुरातत्विक शिलालेखों की जानकारी मिले, नमो बुद्धाय❤❤❤
बेहतरीन बेहतरीन ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। धन्यवाद सर। आपके खोज पूर्ण अनुसंधान एवं अध्ययन को नमन। बेहतरीन कार्य एवं जानकारी जिज्ञासा को शान्त कर दी।
बेहतरीन कार्य एवं अन्वेषण। प्रस्तुत भी सटीक एवं तथ्य सत्य प्रस्तुत किया है।
बुद्धं धम्मं संघं सरणं गच्छामि 🌹💐🙏
आपको बहुत बहुत धन्यवाद
नमो बुद्धाय जय भीम 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
प्रोफेसर साहब जानकारी दिए हैं। बहुत बहुत धन्यवाद के पात्र हैं।
आप की ज्ञान को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏 आप ही आज़ के कनिंघम है। जय भीम जय जोहार नमो बुध्दाय जय संविधान जय मूलनिवासी नायक 🙏 अमर नाथ अमर वाराणसी उत्तर प्रदेश से।
प्रोफेसर साहब ने इस विषय में विशेष रिसर्च की है।
Namo buddhay teesre number per usse pahle Jay feem Jay fuhar
ना राम का ना कृष्णा का आखे खोल के देखो दुनिया भारत का ईतीहासा हे बुद्ध और सम्राट असोक का. जयभीम 👍👍👍👍
Jai bhim 🙏💙🇮🇳
100%sahi itihas bauddh ka hi hai ram krishna to sabhi kalpanik hain.inhen bhagawan manana moorkhata hai.jago obc jago.jay bhi. namo buddhay.
@@SoniYadav-w6c 🤣matab kuchi bhi bhai mana ki tum bauddh ko mante ho aur manana bhi chahiye unone ache kaam kiye hai pr iske liye tum shri ram aur shri krishna ko kyu gira rahe ho ham thodi bauddh ko kuch galt bote hai.
अबे खच्चर राम और कृष्ण मूल निवासियों से जुड़े हुए ही भगवान थे
@@ranjananarawade8116 nammo buddhay jai bhim 🇮🇳💙🇮🇳🙏
माननीय, सम्माननीय, आदरणीय dr राजेंद्र प्रसाद सिंह जी को ऐतिहासिक जनकारी के लिय साधुवाद ❤
सर बहुत अच्छी जानकारी सम्राट असोक के
शीलालेख के अनुसार भारत का पहला लिखित ग्रंथ बुद्धिष्ठ ग्रंथ है । बुद्ध ही सत्य है । उनके ही पुरातात्विक अवशेष मिलते है । किसी और के नहीं वे सिर्फ़ कहानियों में ही है ।
नमोबुद्धाय जयभारत जयसंविधान जयभीम
बहुजन समाज को जागृत करने के लिए आपका, व आप जैसे सभी लोगों को बहुत बहुत धन्यवाद।
नमो बुद्धाए जय भीम।
अगर बौद्ध जैन और लिंगायती सरना मतुआ मिलकर इतिहास खोजे तो भारत का प्राचीन इतिहास एकदम से सच सच खोजा जा सकता है
जैन नहीं
@@NeelamDevi007जैन क्यों नहीं ? जैन परंपरा भी समण परंपरा का हिस्सा है 👍🙏
Not jain because jains are also involved in conspiracy of destroying buddhism in India with brahmins. So neelam devi ji is right@@NeelamDevi007
सिख धर्म भी बौद्ध धम्म का हीं शाखा है☸️☸️☸️
Lingayat?
इतिहास के गर्भ से सच्चाई निकाल कर जन जन तक पहुंचाने के लिए आपका आभार ❤
आपको कोटि-कोटि प्रणाम आप समय-समय पर ऐसी जानकारियां देते रहते हैं शिलालेखों का जिससे हम लोगों का उत्साह बढ़ता है कि पाली प्राकृत सबसे प्राचीन भाषा थी
बहुत शानदार जानकारी के लिए बहुत बहुत साधुवाद
जय भीम नमो बुधाय
हम कौन है. सबूत मंदिर नहीं धरती फाड़ कर हजारों साल पुराने शिलालेख बोल रहे हैं. नमन बुद्ध.
बहुत बहुत आभार सर सादर जय भीम नमो बुद्धाय 🎉🎉🎉
सर डा.सिंह जी !आप का ऐसे प्राचीन ऐतिहासिक तथ्यों का स्पष्टीकरण सराहनीय एवम स्तुति योग्य है | नमो बुद्धाय | ❤❤❤
Great knowledge on Buddhism the CULTURE of BHARAT
यदि इस संसार में कोई पवित्र कार्य है, तो वह धम्म् का प्रचार करना है। दिल से धन्यवाद् । सर, आप तर्क, सत्य, प्रमाण एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बौद्ध धम्म् के प्रसार के लिए अद्भुत कार्य कर रहे हैं। आपको शुभकामनाएँ। तथागत् सम्यक् सम्बुद्ध की आप पर अनंत करुणा हो....🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🍃🍃🍃🍃
बहुत ही बढ़िया और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार आपका
अद्भुद ज्ञान, महोदय आप को कोटि कोटि नमन!
बहुत ही बढिया जानकारी.
धन्यवाद. नमो बुध्दा. जय भीम.🙏🌹🌷🌻🌹🌹
आप का प्रोग्राम सभी विश्वविद्यालयों में होनी चाहिए।
आदरणीय सर जी आपने हमें भारत का सच्चा इतिहास सबूत सहित बताया इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार, सर जी बुद्ध धम्म के दुख और अविद्या के बीच जो द्वादस निदान में 12 कड़ियां बताई गई है उसमें बड़ा कन्फ्यूजन है जाति ( जन्म ) व जरामरण को लेकर एक वीडियो द्वादस निदान पर जरूर बनाना सर जी बहुत से लोगों का कन्फ्यूजन दूर होगा आपको नमन 🙏
अब भारत ही नही पूरी दुनिया जागेगी सच्चाई सबको गाँव गाँव घर घर पता चलेगी
अति सुंदर व्याख्यान जय भीम नमो बुद्धाय
सर को बहुत बहुत धन्यवाद और साधुवाद।
Namo budhay जय सम्राट अशोका द ग्रेट महान जय भीम जय संविधान जय जोहार जय मूलनिवासी जय बहुजन समाज जय ज्योति जय क्रांति जय विज्ञान जय किसान जय जवान जय लोकतंत्र
Many many Sadhuvad to you Rajendra Prasad ji for this valuable interpretation of this rock edict.Do keep it up.
बहुत बहुत साधुवाद आपको गुरुजी आपने वैराट शिलालेख को पढ़ा लोगों को सुनाए।
आप का बहुत बहुत आभार सर। जय भीम जय भारत जय संविधान नमों बुद्धाय सर।
Good explanation Sir ji ❤❤❤❤❤❤❤❤
बहुत सही समझाया सर आप ने हम आप के साथ है अशोक कुशवाहा जमला अनौगी कन्नौज उत्तर प्रदेश
Thanku sr ji for this beautiful video 🙏🙏
Sir ji aap ko bahut bahut sadhuwad
Great knowledgeable episode on Dhamma Granths of Golden Buddha Era. Keep enlightening us 🎉. Thank you sir 🙏
राजेन्द्र प्रसाद जी हम ही आऊंगा.
यह आज से पच्चीस वर्ष पहले बिहार में विधानसभा चुनाव में लालु प्रसाद यादव को पुरे देशके मुख्य प्रीन्ट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने बदनाम करके भाजपाका प्रचार प्रसार खुल्लमखुल्ला किया था, तब मीडिया मे ऐसे शब्द कहे थे, आपने सही अर्थों में जानकारी दी है मान्यवर..
सर आप बहुत अच्छा समझाते हैं। कृपया कलिंग का तेरहवां शिलालेख समझाये। धन्यवाद
बहुत सुन्दर सर जी
सर आपको आभार वयक्त करने के लिऐ हमारे पास सब्द नहीं है, जो बैद्धिक कार्य के जरीए हमारे मूल इतिहास को विश्व के समक्ष ला रहे हैं जो वर्षों से एक षडयंत्र के कारण विश्व समाज से भारत के मूल धर्म ,मूल लोग को छुपाया गया।
आपसे निवेदन है कि आप इस तरह ही अनवरत एक से एक शिलालेख एवम अभिलेखों के माध्यम से जानकार प्रदान करते रहें ताकि हम सभी इसके मूल को जान पाए धन्यवाद सर ।
Very informative and ethical, historical evidence - Namo Buddhaya.
आपका कार्य सच इतिहास से परिचय कराना,अति सराहनीय -सादर धम्मवाद सर जी
Excellent revelation sir, we are grateful for this! Best regards!
बुद्ध ही सत्य है,सत्य ही बुद्ध है.बुद्धधम्म ही👉 सनातन है 🪷नमोबुद्धाय 🙏जयभीम💙🪷 जय असोक सम्राट ☸️ॐनमो पद्म हुम卐🪷
Sar ji aap bahut Achcha samjhate Hain navoday Jay Samrat
जयभीम जयसंविधान नमो बुद्धाय
आओ मिलकर सभी प्रबुद्ध भारत बनाय
Boudh damm ke log aapke hamesha kruni rahenge..Kya aasani se samjate he aap..Sir bahot Sadhuwad..Jaybhim Namobudhay.
Professor saab वेदों ki भाषा और रचना कब हुई video banaye
Koti koti pranamrigh sir you have a right explanation of the Buddha.
आदरणीय सर जय भीम नमोबुद्धाय,,,🎉❤
Jai Bhim Namo Buddhay sir
Excellent awareness
Thanks sir
सुंदर व्याख्यान 🙏❤🙏
Man of amazing....... for giving a such beautiful information 🙏🙏 love u sr ji
बहुत बहुत साधुवाद सर।
Nice information sir.we are thankful for your extra effort.aapko Naman🙏🙏
A lot of thanks for wonderful explanation!!!
नमो बुधदाय ।
Very informative video Prof sir.Jai Bhim Namo Buddhay Bhavatu Sabb Mangalam 👍🏼🙏
गजब सर, आपने गजब ढा दिया....!💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏
NAMO BUDDA JAI BHIM JAI SAMRAAT 🙏🙏
Sir dr.rajndat pal ji bahut sundar Buddha Jevani mamo Buddha 🎉🎉🎉🎉
Always Great. Sir
Dr sahab Aap ki jitany bhi parasanasa Kiya jaye kam hoga sadar jay bhim namobudhay .upkushinagar se jay bhim .
Namo Budhyya, jai mulnivasi
Thank you very much Sir for enlightening us!!!!
Bhavtu Subb Mangalam ..🙏
इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
Satik jankari sir
बुध और अशोक hi वास्तविक है बाकी सब काल्पनिक है नमो बुद्धाय जय भीम
आदरनीय गुरुदेव सम्मान साहित जय भीम नमो बुद्धाय🙏🙏🙏🙏🙏🙏
#जय_भारत
Aap ne sunaya bataya aap ka bahut bahut dhanyawad sir ji namo buddhay sadhu sadhu sadhu
बहुत बहुत धन्यवाद सर
Very good research work, Shyaabaash !
thanks sir
I salute your understanding, गुरु जी
Jaybhim namo budhhay sir ji bohot achhi information di ❤❤❤❤❤
दूनिया में भारत ही एकमात्र देश है,जहा लोग शिलालेखों पर लिखे लेखों को सत्य नहीं मानते,बल्कि धर्मगुरुओं (हिंदू बौद्ध जैन लिंगायती सभी) की लिखी पुस्तकों को ही एकमात्र सत्य मानते हैं।ऐसा ही हाल महान चोल शासकों के बारे में भी सत्य है। कुलोत्तुंग चोल ने अपने शिलालेख में खुद को यदु का वंशज लिखा है, लेकिन इतिहासकार उसको स्पष्ट रूप से यादव नहीं लिखते((डा राजबली पांडेय अपवाद)) इसका कारण मेरी समझ से चोलो द्वारा ब्राह्मणों को अपने राज्य से निकाल देना, लगता है।
भारत के दक्षिण भूभाग मे चोल नाम तुम्हें कहते है
साहब कर्नल जेरीनो जी चोल को कोल ही लिखते है
चोल राज वंश भी निषाद ( नाग ) वंश है जो आजकल ओबीसी एस टी एस सी की सभी जातियां अलग अलग हो गयी और यादव वंश भी नाग प्रजाति का ही हिस्सा है पर यदु जी का नाम तो धर्म धर्म ग्रंथो मे ही मिलता है
पुरू यदु कुरू ये सब झूठा पात्र झूठा शास्र से लिया है
Yadav surname start after 17th century, Ahir is oldest title of Jambu deep, Sakya Moriya, mahar, bhoj etc are Ahir
ज्ञानी यादव टाइटल ५ बी शताब्दी से मिलता है @@chandrashekhermaurya
राम,कृष्ण काल्पनिक,बुद्ध सत्य
Tumhara bap asli tha ya vo bhi kalpanik tha
Jay Bheem Namo buddhay main aapki bhuri bhuri prashansa karta hun
most valuable actual information and analysis.. direct from actual sources…thank you so much 🪷☸️👍
🙏🙏🙏 गुरू जी
Thank you and gratitude for your work on research and stating the facts of Tripitaka 🙏🏼
Hey guruwar aapko koti -koti Naman hme sachai se prichay Krane k liy
Jay bhim nmo budday sir 💙💙💙💙💙
Most praiseworthy.