❤ जय जय श्री सीताराम ❤ राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
जो आनंद सिंधु सुखरासी।सीकर तें त्रैलोक सुपासी।।सो सुखधाम राम अस नामा। अखिल लोक दायक बिश्रामा।।बिस्व भरन पोषन कर जोई।ताकर नाम भरत अस होई।। जाके सुमिरन तें रिपु नासा। नाम सत्रुहन बेद प्रकासा।।लच्छन धाम राम प्रिय सकल जगत आधार। गुरु बसिष्ट तेहि राखा लछिमन नाम उदार।।धरे नाम गुर हृदयॅं बिचारी।बेद तत्व नृप तव सुत चारी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
भए कुमार जबहिं सब भ्राता।दीन्ह जनेऊ गुरु पितु माता।।गुरगृहॅं गए पढ़न रघुराई।अलप काल बिद्या सब आई।।जाकी सहज स्वास श्रुति चारी।सो हरि पढ़ यह कौतुक भारी।।बिद्या बिनय निपुन गुन सीला।खेलहिं खेल सकल नृप लीला।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
पूज्य महाराज जी को कोटि कोटि प्रणाम जी 🙏🏻जय श्री राम जय श्री हनुमान जी महाराज की 🙏🏻🙏🏻
❤ जय जय श्री सीताराम ❤
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
जय अहिल्या माता कि जय हो जय हो 🙏🏻🙏🏻🇨🇮
❤ जय जय सियाराम ❤
प्रातकाल उठि कै रघुनाथा। मातु पिता गुरु नावहिं माथा।। आयसु मागि करहिं पुर काजा।देखि चरित हरषइ मन राजा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
🙏🙏🙏व्यास पीठ व गुरुदेव को दंडवत प्रणाम व मानस परिवार को सादर जय जय सियाराम जी🙏🙏
जो आनंद सिंधु सुखरासी।सीकर तें त्रैलोक सुपासी।।सो सुखधाम राम अस नामा। अखिल लोक दायक बिश्रामा।।बिस्व भरन पोषन कर जोई।ताकर नाम भरत अस होई।। जाके सुमिरन तें रिपु नासा। नाम सत्रुहन बेद प्रकासा।।लच्छन धाम राम प्रिय सकल जगत आधार। गुरु बसिष्ट तेहि राखा लछिमन नाम उदार।।धरे नाम गुर हृदयॅं बिचारी।बेद तत्व नृप तव सुत चारी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Jai sri ram🙏🙏
जो आनंद सिंधु सुखरासी।सीकर तें त्रैलोक सुपासी।।सो सुखधाम राम अस नामा। अखिल लोक दायक बिश्रामा।।बिस्व भरन पोषन कर जोई।ताकर नाम भरत अस होई।। जाके सुमिरन तें रिपु नासा। नाम सत्रुहन बेद प्रकासा।।लच्छन धाम राम प्रिय सकल जगत आधार। गुरु बसिष्ट तेहि राखा लछिमन नाम उदार।।धरे नाम गुर हृदयॅं बिचारी।बेद तत्व नृप तव सुत चारी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹अस प्रभु दीनबंधु हरि कारन रहित दयाल।तुलसिदास सठ तेहि भजु छाड़ि कपट जंजाल।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी।। लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी। भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹सिव पद कमल जिन्हहि रति नाहीं।रामहि ते सपनेहुॅं न सोहाहीं।। बिनु छल बिस्वनाथ पद नेहू। राम भगत कर लच्छन एहू।।सिव सम को रघुपति ब्रतधारी। बिनु अघ तजि सती असि नारी।।पनु करि रघुपति भगति देखाई।को सिव सम रामहि प्रिय भाई।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
पूछा मुनिहं शिला प्रभु देखी 🌹🌹🌹🌹🌹🌹सकल कथा मुनि कहा बिशेषी 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
धनुषजग्य सुनि रघुकुल नाथा।हरषि चले मुनिबर के साथा।। आश्रम एक दीख मग माहीं।खग मृग जीव जंतु तहॅं नाहीं।। पूछा मुनिहि सिला प्रभु देखी। सकल कथा मुनि कहा बिसेषी।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹 गौतम नारि श्राप बस उपल देह धरि धीर।।चरन कमल रज चाहति कृपा करहु रघुबीर।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹अस प्रभु दीनबंधु हरि कारन रहित दयाल।तुलसिदास सठ तेहि भजु छाड़ि कपट जंजाल।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
व विमला शर्मा निवाई जिला टोंक का महाराज जी के श्री चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम, 🙏👏🙏👏🙏👏🙏👏🙏👏🙏
भए कुमार जबहिं सब भ्राता।दीन्ह जनेऊ गुरु पितु माता।।गुरगृहॅं गए पढ़न रघुराई।अलप काल बिद्या सब आई।।जाकी सहज स्वास श्रुति चारी।सो हरि पढ़ यह कौतुक भारी।।बिद्या बिनय निपुन गुन सीला।खेलहिं खेल सकल नृप लीला।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
गुरु देव जी प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🙏
सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
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मुनि आगमन सुना जब राजा। मिलन गयेउ लै बिप्र समाजा।।करि दंडवत मुनिहि सनमानी। निज आसन बैठारेन्हि आनी।।चरन पखारि कीन्हि अति पूजा।मो सम आजु धन्य नहिं दूजा।।बिबिध भाॅंति भोजन करवावा।मुनिबर हृदयॅं हरष अति पावा।। पुनि चरनन्हि मेले सुत चारी। राम देखि मुनि देह बिसारी।।भए मगन देखत मुख सोभा।जनु चकोर पूरन ससि लोभा।।🌹🌹🌹🌹🙏🌹🌹🌹🌹
Pranam
Jai shree Ram
Jai Jai siyaram
Jai Shree Sitaram🙏🙏🙏🙏
Jai sitaram ji🙏🙏🌹🌹🌹🌹🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩