कृपया अंधविश्वास न फैलाएं। रामायण इसी धोखे में हर घर में पढ़ी जाती रही हैं और पढ़ते पढ़ते इंसान हैवान बनते गए हैं। साईं सच्चरित्र महज पढ़ने से नहीं उनके कहे बातों को जीवन में लाने से दुख दूर होता है। यही बात तुलसीदास भी स्पष्ट कर पाते तो मानवीय सभ्यता सुखी हो जाती। इस तरह अंधेरे में नहीं भटकती।
Sai Baba ko tum Pooja kar rahay ho kya tumay hindu Devi Devta kam padgay hai
कृपया अंधविश्वास न फैलाएं। रामायण इसी धोखे में हर घर में पढ़ी जाती रही हैं और पढ़ते पढ़ते इंसान हैवान बनते गए हैं।
साईं सच्चरित्र महज पढ़ने से नहीं उनके कहे बातों को जीवन में लाने से दुख दूर होता है।
यही बात तुलसीदास भी स्पष्ट कर पाते तो मानवीय सभ्यता सुखी हो जाती। इस तरह अंधेरे में नहीं भटकती।