चोर चोर का ही साथ देगा? क्योंकि सही व्यक्ति रिश्वत देगा नहीं और गलत व्यक्ति पैसा फेकनें में कंजूसी नहीं करता बस यही तो चाहिए पुलिस को अपनी जेब गरम करने के लिए. उन्हें न्याय से कोई मतलब नहीं..
सर मेरे मेरे भाई की हत्या कर दी थी जिसमें थाना अध्यक्ष ने पैसे लेकर एफआर लगा दी जिसमें मुझे सर क्या कार्रवाई करनी चाहिए लेकर के 302 के मामले में लगा दी
Ager i. O. Wanchhit reaport court bhej de to v reainvstigation crpc 156/3 k tehat majistret k yaha lakhil kr sakta hai i. O k khilaaf kyoki mujhe jhoothe case me fasaya gya hai vivechana me mera name i. O se mili bhagat se dabaav se dalawaya gaya hai hme guide kare please🙏
पुलिस को जो करना है करेगी कोई कुछ नहीं कर सकता मतलब की बात मूल बात जब तक चारसिट नहीं आ जाति कैसे पता चलेगा सही गलत दूसरी बात जब जब पुलिस के सामने दिया गया बयान मान्य है और नही भी फिर दोहरी भूमिका निभाते हुए कोर्ट भी पुलिस की जांच को सही केसे कैसे मान लिया जाता है
I filed an FIR and police did not take proper action despite all the evidence (and I mean solid evidence) given to police. Finally after 10 months they issued a B-Report which is absolutely false and a copy was sent to me from the police station by post. I do know that I can challenge the B-Report in court and request for a re-investigation, but, do I have to wait for the court to send me a copy of the B-Report/Summons from court before I can take any action? I have already sent my complaint to the COP and ADGP as of now.
सीबीआई के IO द्वारा प्रस्तुत जिस गवाह के बयान 161 crpc में रिकॉर्ड किये गए हैं, वह केस के वस्तुस्थिति से अवगत नहीं है. तो क्या उस सीबीआई अधिकारी अथवा गवाह के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जा सकती है?
Sir if lower court rejects crpc 156/3 application for unfair investigation then criminal revision where to be filed. 1) In session court or high court? 2) in case session course also rejects 156/3 criminal application then can we move to high court for with revision?
You have the right to protest against the unfair investigation at the stage of filing of Charge Sheet by the I.O. The magistrate can direct the investigating agency to conduct a proper investigation.
सर कोइ 420 केस करने के बाद फिर चेक का केस यह सेम दोनों केस टिकेगा ? कुछ लोग पुलिस की मिलीभगत से 420 प्रथम और दूसरा चेक केस डालना क्या यह क़ानून के विरुद्ध नहीं होता है ? चेक केस की लीगल नोटिस कितने दिन के बाद भेजनें से केस ख़ारिज हो जाता है ? पार्टनर शिप फर्म है तो कितनी लीगल नोटिस भेजनी पड़ती है ?
मी 13 फेब्रुवारी 2024 रोजी ठाणे पोलीस आयुक्त कार्यालयात डीसीपी श्री शिवराज पाटील यांची व्यक्तिश: भेट घेतली आणि एपीआय अविनाश महाजन गुन्हे शाखा 5, वागळे इस्टेट ठाणे यांच्याकडून निष्पक्ष आणि योग्य तपास होत नसल्याची माहिती दिली. आपण या प्रकरणी आवश्यक ती दखल घ्यावी
चोर चोर का ही साथ देगा?
क्योंकि सही व्यक्ति रिश्वत देगा नहीं और गलत व्यक्ति पैसा फेकनें में कंजूसी नहीं करता बस यही तो चाहिए पुलिस को अपनी जेब गरम करने के लिए. उन्हें न्याय से कोई मतलब नहीं..
Sab io ek dusre se mil jata hai
Really convincing and useful for needy people Thanking u,
Very useful information sir.. keep it up sir
Dear Sir,
Thank you for good & important information🙏🙏🙏
Very good👍👍👍👍👍 vedio sir
Thank you for Crucial Information Sir
Super videos
सर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का लिंक भेजे प्लीज 🙏🙏🙏🙏🙏
सर मेरे मेरे भाई की हत्या कर दी थी जिसमें थाना अध्यक्ष ने पैसे लेकर एफआर लगा दी जिसमें मुझे सर क्या कार्रवाई करनी चाहिए लेकर के 302 के मामले में लगा दी
❤
Ager i. O. Wanchhit reaport court bhej de to v reainvstigation crpc 156/3 k tehat majistret k yaha lakhil kr sakta hai i. O k khilaaf kyoki mujhe jhoothe case me fasaya gya hai vivechana me mera name i. O se mili bhagat se dabaav se dalawaya gaya hai hme guide kare please🙏
Kya trial me reinvistication kar sakte hai sir 🙏🙏
Well thanx
Thanks.
Nice advij
Sir mara personal case hai lekin dsp sahb milae huyai hai to kaya kai savi jagh application de chuki hu kuch vi nahi ho a raha hai
Nice information sir
Thank sir
पुलिस को जो करना है करेगी कोई कुछ नहीं कर सकता मतलब की बात मूल बात जब तक चारसिट नहीं आ जाति कैसे पता चलेगा सही गलत दूसरी बात जब जब पुलिस के सामने दिया गया बयान मान्य है और नही भी फिर दोहरी भूमिका निभाते हुए कोर्ट भी पुलिस की जांच को सही केसे कैसे मान लिया जाता है
very good sir
I filed an FIR and police did not take proper action despite all the evidence (and I mean solid evidence) given to police. Finally after 10 months they issued a B-Report which is absolutely false and a copy was sent to me from the police station by post. I do know that I can challenge the B-Report in court and request for a re-investigation, but, do I have to wait for the court to send me a copy of the B-Report/Summons from court before I can take any action? I have already sent my complaint to the COP and ADGP as of now.
सीबीआई के IO द्वारा प्रस्तुत जिस गवाह के बयान 161 crpc में रिकॉर्ड किये गए हैं, वह केस के वस्तुस्थिति से अवगत नहीं है. तो क्या उस सीबीआई अधिकारी अथवा गवाह के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जा सकती है?
Nahi
Sir if lower court rejects crpc 156/3 application for unfair investigation then criminal revision where to be filed.
1) In session court or high court?
2) in case session course also rejects 156/3 criminal application then can we move to high court for with revision?
please suggest whether defendent (not complainant ) can approach magistrate under 156(3) for fair investigation
No
You have the right to protest against the unfair investigation at the stage of filing of Charge Sheet by the I.O. The magistrate can direct the investigating agency to conduct a proper investigation.
Ladai ki complet me 3 ka naam ho or pulice ek kye naam pr hi parca kare to kya Karna chahiye
Dobara vivechna kervao bhai
Kya 498A ke jhuthe case me pedit purush 156(3) ka use kar sakte hai kya?
156(3) ka kya mtlb quashing me jaiye.
Sir mere bete ko kidnap kr liya tha boys ne or Jaan c maar dena tha mera beta 15 years ka h but police kuch bhi nhi kr rahi to kya kre
Mere sath aisa kiya gya h
Prosecutor - 123
Police ko insaaf se koi matlab nahi hai use sirf salary aur ghus chaiye court ne aur sarkar ne puri chhut de rakhi hai
ये हाई कोर्ट का फैसला है आप इसमे सुप्रीम कोर्ट क्यों लिख रहे है
Jab tak judiciary par Bina exam ke judge banege tab tak ghanta nhi hoga
Are ap itna sab bata rahe ho samaj ni aa raha
सारा हमारा 302 का मामला था ऐसो ने एफ आर लगा दी जिसमें हमें क्या करना चाहिए हमारे भाई की हत्या कर दी थी जिसकी उम्र 28 वर्ष थी
सर कोइ 420 केस करने के बाद फिर चेक का केस यह सेम दोनों केस टिकेगा ?
कुछ लोग पुलिस की मिलीभगत से 420 प्रथम और दूसरा चेक केस डालना क्या यह क़ानून के विरुद्ध नहीं होता है ?
चेक केस की लीगल नोटिस कितने दिन के बाद भेजनें से केस ख़ारिज हो जाता है ?
पार्टनर शिप फर्म है तो कितनी लीगल नोटिस भेजनी पड़ती है ?
Dono ek sath n alag bhi ho sakte hai,ek sath mein procedure ka farq hai time jada lagega
मी 13 फेब्रुवारी 2024 रोजी ठाणे पोलीस आयुक्त कार्यालयात डीसीपी श्री शिवराज पाटील यांची व्यक्तिश: भेट घेतली आणि एपीआय अविनाश महाजन गुन्हे शाखा 5, वागळे इस्टेट ठाणे यांच्याकडून निष्पक्ष आणि योग्य तपास होत नसल्याची माहिती दिली.
आपण या प्रकरणी आवश्यक ती दखल घ्यावी
Sir अपना मोबाइल नंबर send कीजियेगा,,,