Shikari Devi Temple|| CM जय राम जी की पत्नी ने किया माता के दरवार में भजन कीर्तन ||

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
  • मंदिर के ऊपर आजतक नहीं टिक पाई छत
    यह प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर कई अद्भुत रहस्यों से भरा है। इस मंदिर के ऊपर छत का निर्माण न होना भी अपने आप में एक रहस्य ही बना हुआ है। कहा जाता है कि कई बार मंदिर की छत बनाने का काम शुरू किया गया लेकिन हर बार कोशिश नाकाम रही। मंदिर के ऊपर छत नहीं ठहर पाई। यह माता का ही चमत्कार है कि आज तक की गई सारी कोशिशें भी शिकारी माता को छत प्रदान न कर सकीं और आज भी ये मंदिर छत के बिना ही है।
    ऐसे पड़ा माता शिकारी देवी नाम
    जिस जगह पर यह मंदिर स्थापित है, वह बहुत घने जंगल के मध्य में स्थित है। अत्यधिक जंगल होने के कारण यहां जंगली जीव-जन्तु भी बहुतयात में हैं। जब पांडव अज्ञातवास के दौरान शिकार खेलने के लिए यहां पहुंचे तो माता शिकारी देवी ने उन्हें दर्शन दिए। इसके बाद पांडवों ने माता का मंदिर बनाया और इस मंदिर का नाम शिकारी देवी पड़ा। पांडवों ने शक्ति रूप में विध्यमान माता की तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर माता ने उन्हें महाभारत के युद्ध में कौरवों से विजयी प्राप्त करने का आशीर्वाद दिया। पांडवों यहां से जाते वक्त मां के मंदिर का निर्माण किया परन्तु यह कोई भी जानता कि आखिर इस मंदिर की छत का निर्माण पांडवों द्वारा क्यों नहीं किया गया।
    मां की मूर्ति के ऊपर नहीं टिकती बर्फ
    दूसरा चमत्कार यह है कि जब सर्दियों में बर्फ गिरती है तो मंदिर के आसपास ही गिरती है लेकिन मां की मूर्ति के ऊपर बर्फ टिक नहीं पाती और पिघल जाती है और मां की मूर्ति के आसपास बर्फ का ढेर लग जाता है। प्राचीन मान्यताओं के मुताबिक जो भी श्रद्धालु मां के दरबार में आकर मन्नत मांगता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बता दें कि निचले क्षेत्रों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है, वहीं इस मंदिर का तापमान हमेशा 10 डिग्री सैल्सियस के आसपास ही रहता है और यहां आकर श्रद्धालु अपने आप को गौरवशाली महसूस करते हैं।

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