यह लघु फिल्म दूरदर्शन के दौर की याद दिलाती है।दूरदर्शन पर 90के दशक में जो सीरियल बनते थे वे लगभग12या13ऐपिसोड में पूरे हो जाते थे उनको जबरदस्ती लम्बा नही खींचा जाता था।अधिकांश सीरियल साहित्यकारों की कृतियों पर आधारित थे।आज ऐसे सीरियल बनाने का कम ही लोग साहस करते है।आज तो नए कपड़े पहनकर केवल आपस में अर्थहीन संवाद करने वाले भोंडे सीरयल बनते है जिनका आम जिन्दगी से कोई संबंध नही है।इस लघु फिल्म की पूरी टीम को बधाई
बिल्कुल सत्य कहा आपने | आपने ८० के दशक के दूरदर्शन के धारावाहिक देखे है ? वो तो और भी बेहतर थे. मिट्टी के रंग, एक कहानी , करमचंद, नुक्कड़ , हिमालय दर्शन और बहुत से और भी .
नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे ।। लो क़दम बढ़ाओ रे, लो क़दम मिलाओ रे ।। ऐ वतन के नौजवान, इक चमन के बागवान । एक साथ बढ़ चलो, मुश्किलों से लड़ चलो । इस महान देश को नया बनाओ रे ।। नौजवान... धर्म की दुहाइयाँ, प्रांत की जुदाइयाँ । भाषा की लड़ाइयाँ, पाट दो ये खाइयाँ । एक माँ के लाल, एक निशां उठाओ रे ।। नौजवान... एक बनो नेक बनो, ख़ुद की भाग्य रेखा बनो । सर्वोदय के तुम हो लाल, तुमसे यह जग निहाल । शांति के लिए जहाँ को तुम जगाओ रे ।। नौजवान... माँ निहारती तुम्हें, माँ पुकारती तुम्हें । श्रम के गीत गाते जाओ, हँसते मुस्कराते जाओ । कोटि कण्ठ एकता के गान गाओ रे ।।
बहुत ही सुंदर कहानी और मेसेज ., वो भी कितना सुंदर समय था जब गूगल नहीं होता था एक एक जानकारी के लिये सब को एक दूसरे से मिल कर पाता करना होता था ., ये पूरी कहानी दिल को छू लेने वाली है 👏👏
फीं बहुत खूबसूरत शूट हुई है, प्रज्ञान को साधुवाद। 14 मिनट ड्यूरेशन कब शुरु कब खत्म हुए पता न चला। कान्सेप्ट अच्छा था पर बेहतर हो सकता था। अंत में उम्मीदें कुछ बढ़िया ट्विस्ट की थीं, ये एक्सपेक्टेड था। पर अच्छा लगा कहानी को सं 80 का दिखाना, आज के युग में ऐसे विवाद एक मिनट में गूगल पर हल हो जाते! अच्छी कोशिश, भविष्य में बेहतर की अपेक्षा
प्रज्ञान चतुर्वेदी जी आपकी इस प्रस्तुति ने दिल को छू लिया। सुंदर प्रस्तुति। आपके उत्थान की कामना करता हूं। रघुबीर यादव जी, पुरुरवा राव, अमित कुमार गुप्ता जी आप सभी ने बहुत ही बेहतरीन काम किया।
@@pragyanchaturvedi8694 badhiya atyant sarahiniye hai bhaiya aajkal ke bachho ko sahi sikhsa mil rhi nhi to bahuto ko to ram dhari Singh dinker ke bare me to pta hi nhi
This "नौ जवान आओ रे, नौ जवान गाओ रे" was the poem/song I recited in school on independence/republic day when I was 8/9 of age. Suddenly listening it here was enough to give me goosebumps. 😍
Awsm short movie........Ajkal ka zamana kitna easy to reach ho gya hai..pehle k jamane mai ek question ka answer janne ke liye mahino ka wait krna padta tha....we are blessed with lots of things we should be thankful for all ......
Ab mobile phone aa gaya hai call karke turant answer mil jaata unko but us time chitthi hoti thi.. Not even landline phones... But old days were awesome.. 😊🤗😎
मैं एक शिक्षक । यदि हम पढ़ा ते वक्त पूरीतरह आश्वस्त नही है तो पहिले ज्ञान की तय तक जाना चाहिए । पर शिक्षकों में स्नेहभाव इस फ़िल्म दिखता है। दोनों स्वीकार भी करते हैं। ऐसेही शिक्षाका माहौल बनाता है।
Sunder prastuti, google ke daur wale kya jane ki wo daur kitna jigyasu aur dhairyawan tha. Adbhut adakari ke liye Rahuveer yadav ji, pururva rao ji aur sabhi kalakaro ko haardik shubhkamnaye.
प्रथम तो प्रज्ञान की प्रतिभा को नमन! कविता की तरह कहानी कहने की कला कमाल है! बहुत ही सुंदर रचना! अस्सी के दशक के गाँव को, पिछली सदी से उठाकर सीधे स्क्रीन पर रख दिया! ‘मैसी साहब’, ‘मुंगेरीलाल’ के ज़माने से ‘पंचायत’ के प्रधानजी तक रघुबीर यादव के सहज अभिनय के तो सभी मुरीद हैं! जब तक “आठ आना” के ‘ढ़ाई रुपए’ न हो जाएं; ‘निर्मल ओझा जी’ को पकड़े रहना प्रज्ञान! सशक्त अभिनय के दम पर ‘सतीश बाबू’ के आत्मसम्मानी किरदार में विनम्रता और दृढ़ता के संगम को ‘पुरुरवा राव’ ने सफलतापूर्वक दर्शाया है! सभी कलाकारों का काम सराहनीय है। अंत में आया गीत ‘वाद - विवादी’ मानो सोने पे सुहागा Ice on the Cake! Team AathAana को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं! 🙏🏻
Beautiful so beautiful..😍 jab log different opinions / disagreements rakhte the magar dilon me dushmani nahi . .. education insaniyat zarur sikhati thi .
Really true. Isme moral story hai ke phele ke log har sawal ka jawab dhoond kar nikalte the. Aur aaj kal je log mobile me khud ko nakara karte jaa rahe hai. 👍👍
बहुत ही लाज़वाब,सटीक व सजीव अभिनय।। पुराने समाज का उत्कृष्ठ चित्रण।। पुरुरवा बेटा सारे परिवार की आपके लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं। बस युहीं सतत आगे बढ़ते रहो नौजवान आगे आओ रे, गाओ रे !! आशीर्वाद !!
हिंदी साहित्य बचपन से लेकर अब तक मेरा मनपसन्द रहा है | धन्यवाद पूरी टीम को जिसने इस खुबसुरत कहानी को इतनें बढिया तरीके से पेश किया, जिससे कि मेरा मन एकबार के लिए उन्हीं कविताओं और कहानियों के अंदर खो गया | ❤ ❤ 👍
कम शब्दों में काफी कुछ कहा गया है इस कहानी के द्वारा उस दौर में जानकारी प्राप्त करना कितना मुश्किल था लोग साहित्य को लेकर सजग थे काफी और अपने पसंदीदा साहित्यकार के प्रति काफी समर्पित थे । लोगों में कितना सिधापन था लोग एक दूसरे से हुए वाद विवाद को मन में ना बैठा के जल्द ही एक दूसरे के सगे हो जाते थे । किसी का अपना बनने और उसका अपना हो जाने में वक्त नहीं लगता था लोगों को
इतना सुंदर ज्ञान मेरे आंखों में पानी आ गया आज हम कहा जी रहे है पहले के लोगो में कितना धैर्य था और कितने शांत और हम आज के लोगो में तनिक भी धैर्य नही रहा
Uffff!! ye sadaapan ye bholapan!!! Kitne halke se moment ko itna excited bana dia.kamaal. Raghuvir ji hmesha se mere favorite hain. Masterpiece . Main makers aur writer se request karungi ki pls iss puraani saadgi ko fir se refresh karte rhein.Aur aise hi aur bhi stories laayein.bas camera work thoda naya sa laga jo thoda unfit tha iss story k hisaab se. Beautiful.
Bahut khubsurat series hai,, hume laga thaa dono me anban bana rhega lakin ek achche colleague ki trh khush mijaz kahani hai ye to.. aise hi aur v series banate rhe Hain
I literally searched the song "नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे " in Google to know abt the composure ... 🙂🙃...we should be grateful that we are in such a quick generation of info transfer...these people waited for the Postman like forever !!!!
Everything comes with a cost .. for the very same reason because of which we are getting so much of information at lightening fast speed the values and physical closeness of relationship are fading away and people are getting indulge more and more into virtual things.
बहोत ही बढ़िया, हमारे गांव के मास्टरजी की याद दिला दी, बहुत ही आनंद हुए, यह वीडियो देख कर, आधा करते है और बहुत कुछ आगे ऐसा देख ने को मिले आपकी चैनल के माध्यम से,
6:28 ये पूरी कविता सुनाकर आप क्या साबित करना चाहते हैं, कि कहीं आपने ही तो नहीं लिखी?🤣 It is fun listening to Raghubir Yadav's taunts.Raghubir Yadav(Pradhan Ji)from PANCHAYAT web series is in our heart.💓
Bahut Sundar purane Samay aur purane vatavaran ke sath naye naujawanon ko Sarthak Sandesh Sundar prastuti aap Jaise lekhakon ka film industry Mein jarurat hai
Raghubir yadav ji is a living legend , the way he act , it's not looking at all that he is acting.main stream movies Director producer are not understanding this. People want to see true acting with great content. Indians should support actors like mr yadav. These kind of actors don't come regularly on this planet in the world of cinema. His acting in Newton was magnificent. Hats off to him.
I came here after watching legend Raghubir Sir's masterpiece performance in Panchayat series..... This webseries is as beautiful as one can get..... Lifetime lessons for everyone of us...... Kudos 👌
A beautiful tribute for our Indian republic, which is essentially the tolerant republic .... Proud to be a citizen of such a country.... My Tolerant India
Best part of the short story was the introduction of a famous Poet Baklava Bairagi to millions of young Indians. Thank you. Hope all young Indians listen to the awesome Nuajawan aao re and get motivated.
तार्किक वार्ता और अभिमान के बीच अंतर होता है जो इसमें कितनी सादगी से दर्शाया गया है कोई अहंकारी नही है अपने ज्ञान का वरना आज तो टोको ही मत किसी को उछल के पड़ते है काट खाने को बहुत सुंदर
What a beautiful life lesson taught via movie. This is what true movie talent is. When two people are arguing over something they both think matters the most and they know the best, instead of fighting over it or rush to find the answer or worse just dismiss it, if they can delay finding the answer for sometime and move on from the topic to other aspects of life, even a matter that sounded like the most important part of your prestige or pride will not have the same gravity or importance when you revisit it after sometime. Beautifully portrayed by the best talent.
धन्यवाद, इस कहानी को ,क्योंकि बहुत से लोग जो कविताएं forward करते हैं, उस पर मूल लेखक की जगह गुलजार या अटल बिहारी वाजपेई का नाम लिख देते हैं।कोई-कोई दुस्साहसी तो कविता के लेखक प्रेमचंद भी लिख देते हैं, जबकि प्रेमचंद कहानी सम्राट रहे हैं।
Wow how beautifuly presented , I was not even born then but could feel d simplicity . Kudos to the team . In this era of technology n machinism we need to c more such stories , so soothing to eyes n soul loved it ❤️
बहुत सुन्दर प्रस्तुति 👏 मुझे तो आज शुद्ध हिंदी शब्द, वाक्य सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई है। बचपन से ही मां ने भाषा की अशुद्धियों पर डांट लगाई है तो आज भी जब कोई बोलते या लिखते समय अशुद्ध शब्दों का प्रयोग करता है तो मुझे अच्छा नहीं लगता। मैं अपनी मां के साथ ये साझा कर रही हूं क्योंकि वो हिंदी भाषा की शिक्षिका रही हैं तो उन्हें ये देखकर अच्छा लगेगा।
Subhanallah................kya khoob............ummda...... bohot dino baad aaj ki shaam............bohot hi suhani......
यह लघु फिल्म दूरदर्शन के दौर की याद दिलाती है।दूरदर्शन पर 90के दशक में जो सीरियल बनते थे वे लगभग12या13ऐपिसोड में पूरे हो जाते थे उनको जबरदस्ती लम्बा नही खींचा जाता था।अधिकांश सीरियल साहित्यकारों की कृतियों पर आधारित थे।आज ऐसे सीरियल बनाने का कम ही लोग साहस करते है।आज तो नए कपड़े पहनकर केवल आपस में अर्थहीन संवाद करने वाले भोंडे सीरयल बनते है जिनका आम जिन्दगी से कोई संबंध नही है।इस लघु फिल्म की पूरी टीम को बधाई
बिल्कुल सत्य कहा आपने | आपने ८० के दशक के दूरदर्शन के धारावाहिक देखे है ? वो तो और भी बेहतर थे. मिट्टी के रंग, एक कहानी , करमचंद, नुक्कड़ , हिमालय दर्शन और बहुत से और भी .
Right
और आजकल हजार हजार एपिसोड अर्थहीन, फूहड़ भी।
🎉@@siddharthshekhar909
नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे ।।
लो क़दम बढ़ाओ रे, लो क़दम मिलाओ रे ।।
ऐ वतन के नौजवान, इक चमन के बागवान ।
एक साथ बढ़ चलो, मुश्किलों से लड़ चलो ।
इस महान देश को नया बनाओ रे ।।
नौजवान...
धर्म की दुहाइयाँ, प्रांत की जुदाइयाँ ।
भाषा की लड़ाइयाँ, पाट दो ये खाइयाँ ।
एक माँ के लाल, एक निशां उठाओ रे ।।
नौजवान...
एक बनो नेक बनो, ख़ुद की भाग्य रेखा बनो ।
सर्वोदय के तुम हो लाल, तुमसे यह जग निहाल ।
शांति के लिए जहाँ को तुम जगाओ रे ।।
नौजवान...
माँ निहारती तुम्हें, माँ पुकारती तुम्हें ।
श्रम के गीत गाते जाओ, हँसते मुस्कराते जाओ ।
कोटि कण्ठ एकता के गान गाओ रे ।।
Good poem
Very nice story
बहुत ही बढ़िया संदेश
बहुत ही सुंदर कहानी और मेसेज ., वो भी कितना सुंदर समय था जब गूगल नहीं होता था एक एक जानकारी के लिये सब को एक दूसरे से मिल कर पाता करना होता था ., ये पूरी कहानी दिल को छू लेने वाली है 👏👏
😊 हां
Right
Ek dam sahi keh rhi hai aap😊
You are right
Bahut sunder purane samay ki maasumiyat , saadgi yaad aa gai
रघुवीर यादव सिनेमा जगत का अनमोल हीरा है जो हर भूमिका को उच्च कोटी का अभिनय से जीवंत कर देता है और दर्शकों को कभी निराश नहीं करते हैं ।
कौन कहता है की ऐसे सिनेमा नही चलते या लोग देखना पसंद नही करते। अजी बनाकर देखो।एसेही एक वेब सीरीज है पंचायत उसको आपलोग देखो दिल चुने वाला है वह।
Ji actually bollywood khud hmare youth ko kharab kar ke unhi par hi dosh mdh dete hai , youth ye dekhna chahte hai
Wooowwwwwwwww... Dil khush ho gya
itni sahuliyat se baat aor respect Krna sirf 90s me dekhne milta
It was refreshing. No abusing. No violence , no crime , pure fresh air.
Ive started playing this with my parents. Koi gaali to nhi hain?
❤❤
Zzx
Zvm. Zcc. M 😊
Exactly, unlike today's comedy which is incomplete without ass or b00bs
जलन होती है 20वीं शताब्दी का भारत देखकर।
Tumko gareebi se pyar hai toh usko aapne tak rakho aisa kuch bhi nahi hai yaha jalan hone ke liye sivaye charitya ke
और हमे गर्व कि,"हमने वो सदी जी है❤"
"बड़े अहंकार के छोटे कान होते है।"
क्या बात मज़ा ही आ गया
ऐसे शॉर्ट फिल्म को स्कूलों में दिखाना चाहिए
बार बार मन मे खयाल आ रहा था इंटरनेट से सर्च कर लेते । फिर याद आया शीर्षक आठ आना है।
अद्भुत
aur saal 1980🤣
Bahut sundar vad-vivad ka drishya ant m jeet gyan ki huwi yahi to humari parampra h
क्या शानदार दौर था वो, कितना सिधापन… ना कोई दिखावा … ना छल…. बहेतरीन प्रस्तुति.. जैसे उस दौर में पहोचा दीया👌🏻👌🏻
फीं बहुत खूबसूरत शूट हुई है, प्रज्ञान को साधुवाद। 14 मिनट ड्यूरेशन कब शुरु कब खत्म हुए पता न चला। कान्सेप्ट अच्छा था पर बेहतर हो सकता था। अंत में उम्मीदें कुछ बढ़िया ट्विस्ट की थीं, ये एक्सपेक्टेड था। पर अच्छा लगा कहानी को सं 80 का दिखाना, आज के युग में ऐसे विवाद एक मिनट में गूगल पर हल हो जाते! अच्छी कोशिश, भविष्य में बेहतर की अपेक्षा
प्रज्ञान चतुर्वेदी जी आपकी इस प्रस्तुति ने दिल को छू लिया। सुंदर प्रस्तुति। आपके उत्थान की कामना करता हूं। रघुबीर यादव जी, पुरुरवा राव, अमित कुमार गुप्ता जी आप सभी ने बहुत ही बेहतरीन काम किया।
Shukriya😁
Awesomr
th-cam.com/users/shortsifmJ1zpyhVg?feature=share
@@pragyanchaturvedi8694 shandar
@@pragyanchaturvedi8694 badhiya atyant sarahiniye hai bhaiya aajkal ke bachho ko sahi sikhsa mil rhi nhi to bahuto ko to ram dhari Singh dinker ke bare me to pta hi nhi
This "नौ जवान आओ रे, नौ जवान गाओ रे" was the poem/song I recited in school on independence/republic day when I was 8/9 of age. Suddenly listening it here was enough to give me goosebumps. 😍
What are you doing now in your life brother?
Great
@@mysteriousopxdchannel2882 proudly contributing in India's growth as an IT professional. इस महान देश को नया बनाने में एक योगदान दे रहा हूं 🤗
Awsm short movie........Ajkal ka zamana kitna easy to reach ho gya hai..pehle k jamane mai ek question ka answer janne ke liye mahino ka wait krna padta tha....we are blessed with lots of things we should be thankful for all ......
Correct
Ab mobile phone aa gaya hai call karke turant answer mil jaata unko but us time chitthi hoti thi.. Not even landline phones... But old days were awesome.. 😊🤗😎
Sahi baat hy.. Tab 🕊️ bi Hua kerty thy.. Sawal wa jawab Kylye.. 😂😂.. Aaajkal mamoothyo ka xamana hy.. Finger tip pai..
You didn't understand the movie I think. This movie teaches us about a time when people could disagree and still be civil.
मैं एक शिक्षक । यदि हम पढ़ा ते वक्त पूरीतरह आश्वस्त नही है तो पहिले ज्ञान की तय तक जाना चाहिए । पर शिक्षकों में स्नेहभाव इस फ़िल्म दिखता है। दोनों स्वीकार भी करते हैं। ऐसेही शिक्षाका माहौल बनाता है।
I can relate as I'm from that generation 😂. Now you Google!!. Getting knowledge was such a task.
Sunder prastuti, google ke daur wale kya jane ki wo daur kitna jigyasu aur dhairyawan tha. Adbhut adakari ke liye Rahuveer yadav ji, pururva rao ji aur sabhi kalakaro ko haardik shubhkamnaye.
प्रथम तो प्रज्ञान की प्रतिभा को नमन! कविता की तरह कहानी कहने की कला कमाल है! बहुत ही सुंदर रचना! अस्सी के दशक के गाँव को, पिछली सदी से उठाकर सीधे स्क्रीन पर रख दिया!
‘मैसी साहब’, ‘मुंगेरीलाल’ के ज़माने से ‘पंचायत’ के प्रधानजी तक रघुबीर यादव के सहज अभिनय के तो सभी मुरीद हैं! जब तक “आठ आना” के ‘ढ़ाई रुपए’ न हो जाएं; ‘निर्मल ओझा जी’ को पकड़े रहना प्रज्ञान!
सशक्त अभिनय के दम पर ‘सतीश बाबू’ के आत्मसम्मानी किरदार में विनम्रता और दृढ़ता के संगम को ‘पुरुरवा राव’ ने सफलतापूर्वक दर्शाया है!
सभी कलाकारों का काम सराहनीय है। अंत में आया गीत ‘वाद - विवादी’ मानो सोने पे सुहागा Ice on the Cake!
Team AathAana को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं!
🙏🏻
Beautiful so beautiful..😍 jab log different opinions / disagreements rakhte the magar dilon me dushmani nahi . .. education insaniyat zarur sikhati thi .
These are the contents I pay my internet bill for, absolutely gem
😍
Really true. Isme moral story hai ke phele ke log har sawal ka jawab dhoond kar nikalte the. Aur aaj kal je log mobile me khud ko nakara karte jaa rahe hai. 👍👍
बहुत ही लाज़वाब,सटीक व सजीव अभिनय।। पुराने समाज का उत्कृष्ठ चित्रण।। पुरुरवा बेटा सारे परिवार की आपके लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं। बस युहीं सतत आगे बढ़ते रहो
नौजवान आगे आओ रे, गाओ रे !!
आशीर्वाद !!
हिंदी साहित्य बचपन से लेकर अब तक मेरा मनपसन्द रहा है |
धन्यवाद पूरी टीम को जिसने इस खुबसुरत कहानी को इतनें बढिया तरीके से पेश किया, जिससे कि मेरा मन एकबार के लिए उन्हीं कविताओं और कहानियों के अंदर खो गया | ❤ ❤ 👍
हिंदी साहित्य पढ़ने का भी अपना एक अलग ही सुख है।
कम शब्दों में काफी कुछ कहा गया है इस कहानी के द्वारा
उस दौर में जानकारी प्राप्त करना कितना मुश्किल था
लोग साहित्य को लेकर सजग थे काफी
और अपने पसंदीदा साहित्यकार के प्रति काफी समर्पित थे ।
लोगों में कितना सिधापन था
लोग एक दूसरे से हुए वाद विवाद को मन में ना बैठा के जल्द ही एक दूसरे के सगे हो जाते थे ।
किसी का अपना बनने और उसका अपना हो जाने में वक्त नहीं लगता था लोगों को
स्कूल , स्कूल की तरह देखकर अच्छा लगा। अध्यापको में वाद विवाद अच्छे शिक्षण माहौल की निशानी है। बहुत अच्छी है फिल्म।
Ye ek smaridh Bharat ka ek behtarin prastuti hai solute sir ❤❤❤
Beautiful short film. Depicting how simple yet literally rich our society was...I experienced this in my childhood...great old golden days!
Thankyou 😁
Rich society 😹😹
Now a days ...tiktoker families growing
इतना सुंदर ज्ञान मेरे आंखों में पानी आ गया आज हम कहा जी रहे है पहले के लोगो में कितना धैर्य था और कितने शांत और हम आज के लोगो में तनिक भी धैर्य नही रहा
जितनी भी तारीफ की जाए कम है। ये एक उच्च स्तरीय सोच की फ़िल्म थी। मन आनंदित हो गया।
धन्यवाद आप सबका
Bahut hi sunder..... Vo time hi acha tha... Saadgi simple n respect bhi
Raghubir yadav is a gem of Indian film industry 💎
Correct
Truly
th-cam.com/users/shortsifmJ1zpyhVg?feature=share
100%True
Absolutely right 👍
Uffff!! ye sadaapan ye bholapan!!!
Kitne halke se moment ko itna excited bana dia.kamaal.
Raghuvir ji hmesha se mere favorite hain.
Masterpiece .
Main makers aur writer se request karungi ki pls iss puraani saadgi ko fir se refresh karte rhein.Aur aise hi aur bhi stories laayein.bas camera work thoda naya sa laga jo thoda unfit tha iss story k hisaab se.
Beautiful.
❤❤
बहुत सुन्दर लघुचित्र । बधाई सभी को । बिना झगड़े के हल ही हल ।
Bhut acha laga aisi sort story dekh kar, hindi bhasha very special in world.
हमें अपने बक्सर बिहार भारत देश पर गर्व है कि आप जैसे व्यक्तियों ने यहां की मिट्टी में जन्म लिया, जय शिव शंभू 🙏
#अपना_बक्सर #बिहार #भारत
हमने वह दौर भी देखा और आज गूगल का दौर भी देख रहे हैं बहुत सुंदर कथ्य मुझे तो यह मेरे ही स्कूल की बात लग रही है।
Song and story very cute
Yaad dila Raha hai purani teacher's relationship
Tabhi to mahaan vyakti huai
Excellent story and superb presentation !! 👌
All the characters are very much natural indeed !! 👍
What a soothing peaceful film. There was a time when difference of opinion was respected and accepted without rancour and bitterness.
Bahut khubsurat series hai,, hume laga thaa dono me anban bana rhega lakin ek achche colleague ki trh khush mijaz kahani hai ye to.. aise hi aur v series banate rhe Hain
Itni sunder, wonderful film hai! Dil khush hogaya! I wish to see this movie made in full length!!
What a beautiful period it was...so open minded and calm people......soul soothing movie 💖
I literally searched the song "नौजवान आओ रे, नौजवान गाओ रे " in Google to know abt the composure ... 🙂🙃...we should be grateful that we are in such a quick generation of info transfer...these people waited for the Postman like forever !!!!
Everything comes with a cost .. for the very same reason because of which we are getting so much of information at lightening fast speed the values and physical closeness of relationship are fading away and people are getting indulge more and more into virtual things.
बहोत ही बढ़िया, हमारे गांव के मास्टरजी की याद दिला दी, बहुत ही आनंद हुए, यह वीडियो देख कर, आधा करते है और बहुत कुछ आगे ऐसा देख ने को मिले आपकी चैनल के माध्यम से,
6:28 ये पूरी कविता सुनाकर आप क्या साबित करना चाहते हैं, कि कहीं आपने ही तो नहीं लिखी?🤣
It is fun listening to Raghubir Yadav's taunts.Raghubir Yadav(Pradhan Ji)from PANCHAYAT web series is in our heart.💓
Very nice movie.....light .. touching.. jo hindi sahitya ki baat karti hai......
Speaks volume of simplicity, patience & wisdom of real India.
Ise end nhi hona chahiye tha...
Love it 😊😊😊
"वाद विवादी"
Bahut Sundar purane Samay aur purane vatavaran ke sath naye naujawanon ko Sarthak Sandesh Sundar prastuti aap Jaise lekhakon ka film industry Mein jarurat hai
Jabarjast.........🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩👍👍👍👍👍👍👍👍👍
One of the best short films. It took me back to my school days. Our simple life. Those were the golden days.
those days, such simple living....! dil dhundta hai.... phir wahi........
पुरुरवा ने बहुत अच्छी एक्टिंग की है, एक्टर के रूप में उनका भविष्य बहुत उज्जवल हे शुभकामनाएँ💐💐💐💐💐💐💐
🙏🏻❤️
Bohat khoobsurat content hai. Pura video Maine muskurate hue dekha hai. Itna simple yet powerful content.
❤❤
Very nice movie. Short movie with big message. Young artist punruva act wonderful.Not less than senior actor Raghuveer. All the best.
bohot hi badiya short film he ...... mann krta raghuveer sir ki aawaj bs roj sun ne ko mil jae khi se❤
Rinki ke papa - you are a colossus of Indian films. Love you from Durban South Africa - Jai Hind
some people are still HAVE LIVING CONSCIOUSNESS on YT .... THANKS FOR THIS
LONG LIVE ALL OF U
❤❤
प्रज्ञान जी उम्दा लेखन व निर्देशन के लिए शुभकामनाएं। बहुत समय बाद इतना अच्छा कंटेंट देखा है कि मुस्कान चेहरे से जा ही नहीं रही। खूब आभार इसके लिए।
पुरानी यादें कुछ इस तरह आज के समय में, वाकाई काबिले तारीफ है | धन्य है ये कहानी को लिखने वाले♥️🙏🏻🙏🏻🙏🏻💕🙏🏻
Raghubir yadav ji is a living legend , the way he act , it's not looking at all that he is acting.main stream movies Director producer are not understanding this. People want to see true acting with great content. Indians should support actors like mr yadav. These kind of actors don't come regularly on this planet in the world of cinema. His acting in Newton was magnificent. Hats off to him.
Very true
हमें चर्चा - परिचर्चा में इतना ध्यान रखना चाहिए कि -
' मतभेद हो लेकिन मनभेद नहीं ' ।
बहुत ही सुन्दर सन्देश ।😊❤😊
😊ज्ञान मिश्र ( अयोध्या )😊
बहोत ही उम्दा विषय है यह, शिक्षको के नोकजोक के साथ ज्ञान की असीम सीमा तक।।
सभी पात्रों द्वारा इतनी अच्छी हिंदी सुनकर मन बहुत प्रसन्न हुआ
I came here after watching legend Raghubir Sir's masterpiece performance in Panchayat series.....
This webseries is as beautiful as one can get.....
Lifetime lessons for everyone of us......
Kudos 👌
A beautiful tribute for our Indian republic, which is essentially the tolerant republic .... Proud to be a citizen of such a country.... My Tolerant India
❤❤
अति उत्तम एवम् मनमोहक प्रस्तुति, यह आज के परिवेश में बुजुर्गजन और युवाओं के लिए सटीक है....🙏
it's a delight to watch such light and throwback content. This is where soul of India lives in.
बहुत बढ़िया पुरुवा राव जी बहुत बहुत बधाई , नेचुरल एक्ट 🎉
Kya baat ,bahaut khoob .
Aesa lag raha tha k PREM CHAND ji ki koi rachna sun aur dekh raha hu ❤❤❤❤
It shows what we're losing in this fast paced life. Patience is indeed the key!
वाह.. मज़ा आ गया... बहुत सुंदर... नौजवन आओ रे, नौजवान गाओ रे!!!
Best part of the short story was the introduction of a famous Poet Baklava Bairagi to millions of young Indians. Thank you. Hope all young Indians listen to the awesome Nuajawan aao re and get motivated.
❤❤
Seeing movies without crime, foul language, and abuse is refreshing. We need more movies like this.
अपराध, अभद्र भाषा और दुर्व्यवाहर के बिना फिल्म देखने का मजा है। हमन इस तरह की और फिलमोन की जरुरत है।
So beautifully picturised, these light moments of life . Bahut sukun mile purani dono ki yaadein taza ho gayi
❤...great story, great acting दिल को छू जाने वाली सरलता!
Raghuvir Yadav ....a gem....just acting like a waaaw...
Behatareen 💥💥❤️❤️ aur last song mind blowing 👏👏❤️❤️❤️
Maza aa gya shaandar jaandar jabrjast
Lost Days of Simplicity. Missing those days. 😊
तार्किक वार्ता और अभिमान के बीच अंतर होता है जो इसमें कितनी सादगी से दर्शाया गया है
कोई अहंकारी नही है अपने ज्ञान का
वरना आज तो टोको ही मत किसी को
उछल के पड़ते है काट खाने को
बहुत सुंदर
Bachpan ki yaad aa gyi, aise hote the humare teachers ❤❤❤❤❤
What a beautiful life lesson taught via movie. This is what true movie talent is.
When two people are arguing over something they both think matters the most and they know the best, instead of fighting over it or rush to find the answer or worse just dismiss it, if they can delay finding the answer for sometime and move on from the topic to other aspects of life, even a matter that sounded like the most important part of your prestige or pride will not have the same gravity or importance when you revisit it after sometime. Beautifully portrayed by the best talent.
Raghuvir Yadav ji always evergreen,love you sir
I don't know after how many year's I got to see something like this❤bhut hi accha tha
What a message by this short film ! Don’t just encourage young people with words, accept their thoughts, knowledge and let them lead the country
❤❤
th-cam.com/users/shortsifmJ1zpyhVg?feature=share
Kafi din bad itni acchi rachna dekhi....ati sundar....dhanywad nirman karta ho
शार्ट फ़िल्म की पूरी कास्ट को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं 💐😊
धन्यवाद, इस कहानी को ,क्योंकि बहुत से लोग जो कविताएं forward करते हैं, उस पर मूल लेखक की जगह गुलजार या अटल बिहारी वाजपेई का नाम लिख देते हैं।कोई-कोई दुस्साहसी तो कविता के लेखक प्रेमचंद भी लिख देते हैं, जबकि प्रेमचंद कहानी सम्राट रहे हैं।
Wow how beautifuly presented , I was not even born then but could feel d simplicity . Kudos to the team . In this era of technology n machinism we need to c more such stories , so soothing to eyes n soul loved it ❤️
बहुत सुन्दर प्रस्तुति 👏 मुझे तो आज शुद्ध हिंदी शब्द, वाक्य सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई है। बचपन से ही मां ने भाषा की अशुद्धियों पर डांट लगाई है तो आज भी जब कोई बोलते या लिखते समय अशुद्ध शब्दों का प्रयोग करता है तो मुझे अच्छा नहीं लगता। मैं अपनी मां के साथ ये साझा कर रही हूं क्योंकि वो हिंदी भाषा की शिक्षिका रही हैं तो उन्हें ये देखकर अच्छा लगेगा।
Amidst all the sensation and masala entertainment Aath Aana is a breath of fresh air we all needed. Beautiful ❤
सही बोले आप ❤
🙏
बहुत ही अच्छी लघु कथा।इसके लिए बहुत धन्यवाद 🙏
Beautiful film!! Still missing the fresh air of that old school
बहुत ही सुन्दर
सरल सहज भाव व्यक्त किया