हनुमान जी और बलराम युद्ध | कृष्ण ने तोड़ा शिव धनुष | श्री कृष्ण महिमा
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- เผยแพร่เมื่อ 17 ธ.ค. 2024
- हनुमान जी को श्री कृष्ण पुष्प वाटिका में बुलाते हैं जहां वो बलराम के अहंकार को नष्ट करने के लिए ऐसा करते हैं। हनुमान जी भूख लगने पर फल खाने के लिए श्री कृष्ण से अनुमति लेते हैं। हनुमान जी फल खाने के लिए एक वृक्ष को उखाड़ देते हैं जिसकी आवाज़ सुन सैनिक वहाँ आते हैं जो हनुमान जी को रोकने की कोशिश करते हैं हनुमान जी को वो वहाँ से जाने के लिए कहते हैं। हनुमान जी उन्हें मारकर भगा देते हैं। सैनिक बलराम को आकर सब बताते हैं। बलराम वाटिका में आकर हनुमान जी को रोकने की कोशिश करता है हनुमान जी बलराम को बल हीन कहते हैं। जिसे सुन बलराम को क्रोध आ जाता है और वह हनुमान से युद्ध करने लगता है। हनुमान जी बलराम को गदा युद्ध में बराबर का मुक़ाबला करते हैं। हनुमान जी की ताक़त को देख बलराम हनुमान जी से पूछते हैं की तुम कौन हो जिस पर हनुमान जी उन्हें कहते हैं की मैं अपने प्रभु की आज्ञा से यहाँ आया हूँ। बलराम हनुमान जी को कहते हैं की मैं अपने हल से तुम्हें दंड दूँगा। तभी हनुमान जी श्री कृष्ण से बलराम को रोकने की विनिती करते हैं। श्री कृष्ण आकर बलराम को हनुमान जी के बारे में बताते हैं। श्री कृष्ण बलराम को उनके अहंकार और माया के वश में होने की बात बताते हैं। बलराम हनुमान जी से क्षमा माँगते हैं। हनुमान जी श्री कृष्ण से विनिती करते हैं की कृपा मुझे आप तीनों एक बार फिर से श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के रूप में दर्शन दीजिए। श्री हरी हनुमान जी की इच्छा पूर्ण करते हैं। हनुमान उन्हें प्रणाम करते हैं और उनकी आरती करते हैं।
श्री कृष्ण कंस द्वारा आयोजित यज्ञ के शिव धनुष देखने के लिए शिव मंदिर पहुँच जाते हैं। श्री कृष्ण वहाँ मौजूद पुजारी से आज्ञा लेकर शिव धनुष को उठाने के लिए आगे बढ़ते हैं और शिव धनुष को उठा कर तोड़ देते हैं ताकि कंस का यज्ञ पूर्ण ना हो सके। श्री कृष्ण और बलराम पर जब सिपाही पर हमला करते हैं तो वो सभी सैनिकों को उसी टूटे हुए शिव धनुष से मार देते हैं। कंस को जब ये पता चलता है कृष्ण ने शिव धनुष तोड़ दिया है तो वो अधिक क्रोधित हो जाता है। कंस अपने सेनानायक जिसे शिव धनुष की सुरक्षा का दायित्व दिया गया था उसे सजा सुनता है। कंस क्रोध में श्री कृष्ण पर सैनिकों से आक्रमण करने के लिए कहता है तो चाणुर उसे रोक देता है की यदि उसने ऐसा किया तो आपकी आधी सेना का कृष्ण की ओर हो सकती है।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
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Jai shree ram ji🙏🙏
Mere aaradhy dev ki jai
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Jai shree krishna ji🙏
Jay shri ram
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