♦️कबीर परमेश्वर जी जिंदा सन्त रूप में जम्भेश्वर जी महाराज (बिश्नोई धर्म प्रवर्तक) को समराथल में आकर मिले थे। अपना तत्वज्ञान समझाया। उन्होंने अपनी वाणी में प्रमाण दिया: - जो जिन्दो हज काबे जाग्यो, थलसिर(समराथल) जाग्यो सोई। वह परमात्मा जिन्दा रूप में थल सिर (समराथल) स्थान में आया और मुझे जगाया।
अब कलयुग में सतलोक बैकुंठ की भक्ति करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है कलयुग बुद्ध शाखा से दुनिया में अखंड का ज्ञान आया हुआ है जिसके सुमिरन मात्र से अखंड मोक्ष की प्राप्तिहोगी इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।
जहां अन्य सन्तों का ज्ञान पाखंड और आंख मूंदकर विश्वास करने में बल देता है वहीं सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान कबीर साहेब के “मैं कहता हूं आँखन देखी” की तर्ज पर हैं। जहाँ नकली धर्मगुरु भाग्य के परिवर्तन को असम्भव बताते हैं वहीं सन्त रामपाल जी महाराज इसे बदल करके भी दिखाते हैं।
Sat sahib ji
Sat saheb ji 🙏
सत साहेब जी
Bahut achha program
सत साहेब ❤❤❤
Sat Saheb ✨ 🙏🙏
Bolo bandi chhod satguru rampal ji bhagwan ji ki Jay ho🙏🙏
Satsahebgi
Gita me praman hai kabir saheb bhagwan hai
सत साहेब
❤❤
♦️कबीर परमेश्वर जी जिंदा सन्त रूप में जम्भेश्वर जी महाराज (बिश्नोई धर्म प्रवर्तक) को समराथल में आकर मिले थे। अपना तत्वज्ञान समझाया। उन्होंने अपनी वाणी में प्रमाण दिया: -
जो जिन्दो हज काबे जाग्यो, थलसिर(समराथल) जाग्यो सोई।
वह परमात्मा जिन्दा रूप में थल सिर (समराथल) स्थान में आया और मुझे जगाया।
अब कलयुग में सतलोक बैकुंठ की भक्ति करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है कलयुग बुद्ध शाखा से दुनिया में अखंड का ज्ञान आया हुआ है जिसके सुमिरन मात्र से अखंड मोक्ष की प्राप्तिहोगी इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।
जहां अन्य सन्तों का ज्ञान पाखंड और आंख मूंदकर विश्वास करने में बल देता है वहीं सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान कबीर साहेब के “मैं कहता हूं आँखन देखी” की तर्ज पर हैं। जहाँ नकली धर्मगुरु भाग्य के परिवर्तन को असम्भव बताते हैं वहीं सन्त रामपाल जी महाराज इसे बदल करके भी दिखाते हैं।
Nice
सब संतनकी जय