Video | अंबेडकर साहब ने दिया सम्मान | हरिकेश यादव || Mission Song | Ambedakar Sahab Ne Diya Samman
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- เผยแพร่เมื่อ 5 ม.ค. 2024
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Video | अंबेडकर साहब ने दिया सम्मान | हरिकेश यादव || Mission Song | Ambedakar Sahab Ne Diya Samman
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Album : Ambedakar Sahab Ne Diya Samman
Song : अंबेडकर साहब ने दिया सम्मान
Singer :- हरिकेश यादव
Geet : Santosh Yadav
Music Director :-Abhimanyu Yadav
Recoding by :- Hariom Studio Azamgarh
Video Director ;- Rajan Yadav
Editer ;- Abhimanyu Yadav Shambhoo
Company/ Label :- Bahujan Music Manch Azamgarh
Treade Enquiry No :- 9889777530 - บันเทิง
Super se upar Jago mulniwasi
Bahut hi achha sir
Bheem sahab ke ho karnawa aarchhanwa ho pwla na, very very thanks for this motivational song jay bheem namo buddhay jay samvidhan jay bharat❤
Super song ✋✋
Jay.bhim.plamu.jharkhand
❤❤❤❤JAY❤❤BHIM❤❤❤❤
Jay.bhim.jay.sambidhan
Jay bhim sir good
Jay bhim namobuddhay
Aapko 💙💙💙💙💙 Se Jai bhim jai Namo budhay
Jay bhim namo budhday jay sanvidhan❤
बहुत सुन्दर आपको जय भीम नमो बुद्धाय
जय भीम सुपर सोन्ग
Bahut sunder geet. Jai Bhim
Jai bhim namo buddhay sabhi ko
Jai bhim
Very good song jai Bhim Namo buddhay thanks
Jay bhim yadav ji
Jai bhim jai samvidhan
जय भीम जय मूलनिवासी
यादव समाज तो जागने का नाम ही नहीं ले रहा यादव जी के कलम से जय भीम ❤❤
जयभीम नमो बुधाय जयकांशीराम जयसबिंधान सुंदर मीसनगीत
Jaybhim
Jay bhim sir Bahu Bahu badhai ho sir
Jaybhim❤❤❤❤❤
Jay bhim jai sanvidhan namo budday
JAI HO 🙏🙏🙏🙏 JAI BHIM ❤
जयभीम
Jay bheem
#जय_भीम
#जय_संविधान
#जय_मूलनिवासी
#Pro_Laxman_yadav_jindabaad
Veri good sar ISI prakar aap bahujan samaj Ko jagrit karo khas karke saman ko SC ST OBC Ek hokar aur sanvidhan loktantra bachao sabhi bahujan samaj SC ST OBC Ek Ho
सिर्फ बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की मेहनत, त्याग की वजह से सदियों से मनुवादियो द्वारा दबाए गए गरीब और असहाय आजाद हो गए। कोई देवी और देवता गरीबो के लिए मदद नहीं किए इसलिए बाबा साहेब हमारे लिए किसी भगवान से ज्यादा पूजनीय हैं। जय भीम
ऐसे ही बहुजन समाज के लोगों को जागरूक करतें रहे खासकर पिछड़े समाज के लोगों को
हमारे गांव वाले रोज गाली देते हैं खासकर यादव समाज😢😢
Jai bhim ❤❤❤❤ Jai samvidhan ❤❤❤❤
पुरी टीम को मैं दिल से नीला सलाम करता हूँ भाई,जय भीम जय संविधान 🙏🙏नालंदा की धरती से-एस.राज इंजीनियर भाकपा माले
यदि "महामृत्युंजय" मंत्र से किसी की सुरक्षा हो सकती है..
तो देश के सभी नेताओं की आधुनिक सुरक्षा हटाकर 4 पंडित को तैनात
कर दो?
आप सभी को सादर जय भीम🙏 !
उस शाम अचानक घर के दरवाज़े की घंटी बजी। 🔔
मैं बाहर गया तो बाहर तिलक लगाये नारंगी पट्टा डाले और भगवा ध्वज लिए 20-25 आदमी औरतों की टोली खड़ी थी। उन में से एक के हाथ में कुछ कागज थे, जिन के ऊपर मुझे स्वस्तिक बना दिखा।
*वो बोला आपको श्री राम की अयोध्या मैं प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण देने आये हैं।*
छुट्टी का दिन था...सुबह से किसी से चोंच नहीं लड़ाई थी।
बेबाक बन्दा जब-तक ज़ुबानी जंग ना लड़ा ले तब-तक उनका दिन पूरा नहीं होता।
मैं तो सुबह से खाली बैठा ही था...उस व्यक्ति में एक हलाल करने को ताजा मुर्ग़ा दिखाई दिया। 🐓
मैंने कहा...*भाई आप राम के कुनबे से, गाँव से, गोत्र से, कहाँ से हो और ये निमंत्रण किस नाते देने आये हो।* 🤔
वो बोला हम राम भक्त हैं।
तो मैंने कहा...*भाई सारे हिन्दू राम भक्त होते हैं ना..?* वो बोला हाँ।
तो मैंने पूछा...*मैं मुसलमान हूँ क्या।*
मैं भी तो फिर राम भक्त ही हुआ।
मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा भाई मैं राम के तुझ से ज्यादा नज़दीकी हूँ।
तुम संबोधन में श्री राम बोलते हो, मैं राम-राम बोलता हूँ और जय सिया राम बोलता हूँ।
तुम्हारे संबोधन में राम एक बार आते हैं, मेरे संबोधन में दो बार और मेरे संबोधन में माँ जानकी भी आती हैं। तुम जिस राम को जानते हो...*वो एक भव्य मंदिर में रहते हैं* और मैं जिस राम को जानता हूँ...*वो प्रकृति के हर कण हर क्षण में बसता है।*
फूल पत्तियों में वो,
पशु पक्षियों में वो,
जल में वो,
अग्नि में वो,
नभ में वो,
थल में वो।
*मेरा राम किसी मंदिर में बंद हो कर नहीं रह सकता।*
*मेरा राम किसी ऐसे घर में नहीं रह सकता जिसके कपाट कोई इंसान खोलता बंद करता हो।*
मेरा राम स्वच्छंद परिंदा है, जिसकी परवाज हर कण तक है।
मैंने उसको कहा...*तुम को अपने राम के दर्शन करने के लिए किसी के निमंत्रण पर अयोध्या जाना पड़ता है।*
लेकिन मैं तो सुबह उठता हूँ, तो मेरे राम वायु रूप में मेरे चेहरे को अपना मीठा स्पर्श कर देते हैं।
अपने घर से निकलता हूँ, तो पक्षी बन कर मेरे राम मेरे संग उड़ते चलते हैं।
मेरे राम सुबह की ओस बन कर मेरा चेहरा धोते हैं और सूर्य की किरण वन कर भीगे चेहरे को सुखाते हैं।
मेरे राम तो हर पल मेरे साथ रहते हैं।
मेरे राम तो अब भी हम दोनों का वार्तालाप सुन रहे हैं।
*अगर तुम को नजर नहीं आ रहे तो, तुम क्या खाक राम भक्त हो।*
अगर राम भक्त होते तो तुम को मेरे काँधे पर हाथ रखे मेरे राम दिख जाते और तुम को निमंत्रण देने की आवश्यकता ही महसूस नहीं होती।
मैंने कहा...*जाओ भाई ये निमंत्रण उसको दो जिसके पास राम ना हों, लेकिन ऐसा कोई इंसान तुमको मिलेगा नहीं क्योंकि राम तो घट घट में है।*
फिर मैंने उनको कबीर का दोहा सुनाया,
*“कस्तूरी कुण्डली बसै मृग ढ़ूँढ़ै बन माहि।*
*ऐसे घटी घटी राम हैं दुनिया देखै नाँहि॥”*
बस इतना सुन मुँह बिचका कर वो झुंड सरकने लगा तो मैंने कहा...*भाई लोगो ये निमंत्रण नहीं एक झुनझुना है।*
*जो आपके हाथ में इसलिए थमा दिया है, ताकि आप इसे बजाते रहो और देश हित के असली मुद्दों और समस्याओं पर आपका ध्यान ही ना जाये और आप औरों का भी ध्यान भटका सकें और वो धूर्त अपने मंसूबे पूरे कर सकें।*
*और हाँ मुझे तो अपने राम से मिलने कहीं नहीं जाना होता, ना ही किसी निमंत्रण की आवश्यकता होती।*
*मेरा राम और मैं राम का और हम दोनों के बीच किसी भी मूर्ख या धूर्त बिचौलिये का कोई स्थान नहीं है।*
Jai bhim